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भोपाल दुग्ध संघ का अनोखा संकल्प: किसानों की बेटियों की शादी में देगा आर्थिक सहारा

भोपाल

भोपाल दुग्ध संघ अपने सदस्य दुग्ध उत्पादक किसानों की बेटियों का मामा बनने जा रहा है। अब संघ से जुड़े दुग्ध उत्पादक के परिवार की बेटी के विवाह में अधिकारियों का एक दल जाकर मामेरा देगा। इसके तहत 11 हजार रुपये नकद और साड़ी-कपड़ा भेंट किया जाना है। स्थानीय परंपरा में मामेरा, मामा की ओर से भांजी को विवाह का उपहार होता है। अधिकारियों ने बताया कि मामेरे की राशि के लिए खरीदे गए प्रति किलो दूध पर दो पैसे इकट्ठा किया जाएगा, उसमें उतनी ही रकम दुग्ध संघ भी डालेगा।

कोष की निगरानी के लिए बनी टीम
यह रकम एक विशेष कोष में जमा की। इसी कोष से मामेरा दिया जाएगा। इस कोष की निगरानी के लिए एक टीम बनी है, जिसमें भोपाल दुग्ध संघ के सीईओ, क्षेत्र संचालन शाखा के अधिकारी, जिले के नोडल अधिकारी और संस्था के प्रबंधक शामिल होंगे। इस टीम पांच से सात सदस्य होंगे जो पूरे कार्य की निगरानी और संचालन सुनिश्चित करेंगे। किसान परिवार में बेटी की शादी का निमंत्रण मिलने पर तय दिनांक को संघ के सात से 11 लोगों का दल नकदी और साड़ी-उपहार लेकर मामेरा देने जाएगा।

इस साल से हो रही परंपरा की शुरुआत
इस परंपरा की शुरुआत इस साल विवाह का मुहूर्त शुरू होने के साथ ही हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि अभी इसकी शुरुआत भोपाल दुग्ध संघ से हो रही है। जल्द ही मध्य प्रदेश दुग्ध संघ की सभी इकाइयों में यह परंपरा शुरू हो जाएगी। बता दें कि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुए एम एमओयू के बाद राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने राज्य दुग्ध उत्पादन संघ का प्रबंधन संभाला है। उसके बाद से दुग्ध संघ में दुग्ध उत्पादकों को जोड़े रखने और उत्पादन बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है।

रोजाना तीन लाख लीटर दूध बेचते हैं किसान
भोपाल दुग्ध संघ में अभी 68 हजार दुग्ध उत्पादक जुड़े हुए हैं। इनमें से 45 हजार से 48 हजार लोग प्रतिदिन दूध बेचते हैं। इन किसानों से रोजाना तीन लाख 14 हजार 700 लीटर दूध की आवक होती है जिन्हें प्रसंस्कृत कर सांची नाम से दूध, घी, मक्खन, पेड़े, श्रीखंड, लस्सी जैसे उत्पाद बाजार में उतारे जाते हैं। बाजार में कई सहकारी और निजी कंपनियां किसानों को अपने साथ जोड़ रही हैं। ये किसान सांची से जुड़े रहें, इसलिए कंपनी इसे भावनाओं से जोड़ रही है।

किसानों से हमारा रिश्ता केवल व्यावसायिक नहीं बल्कि भावनात्मक भी है। दुग्ध संघ पूरा एक परिवार है इस लिए हम सभी एक दूसरे के दुख और सुख में खड़े रहेंगे। आने वाले दिनों में जब भी किसी सदस्य के परिवार में बेटी की शादी होगी वहां हमारी टीम पहुंचकर मामेरा देने का फर्ज निभाएगी। – प्रीतेश जोशी, सीईओ, भोपाल दुग्ध संघ।

 

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