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रक्षाबंधन का दर्दनाक रंग, शहीद भाई की कलाई पर बहनों ने बांधी राखी और दी अंतिम श्रद्धांजलि

शाजापुर
शाजापुर जिले के ग्राम रानी बडोद निवासी सीआईएसएफ के जवान मोहित सेन का मणिपुर में ड्यूटी के दौरान निधन हो गया। रक्षाबंधन पर शनिवार को जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो बहनें और परिवार के लोग बिलख पड़े। यह दुखद नजारा देखकर वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं। इस दौरन अंतिम यात्रा में हाथों में तिरंगा थामकर बड़ी संख्या में युवा और ग्रामीण शामिल हुए।

हादसे में गई थी जान

जानकारी के अनुसार, मोहित सेन (22) मणिपुर में सीआरपीएफ की 120 बटालियन में तैनात थे। गुरुवार रात को ड्यूटी के दौरान हादसे में उनका निधन हो गया था, जिसकी जानकारी शुक्रवार सुबह उनके भाई अंकित सेन को दी गई। मोहित के पिता आनंदीलाल सेन और भाई अंकित हेयर सैलून चलाते हैं। दो साल उनकी मणिपुर में पोस्टिंग हुई थी। 

शाजापुर जिले के रानी बडोद गांव के मोहित सेन (22) का निधन मणिपुर में हो गया। वह सीआरपीएफ की 120 बटालियन में तैनात थे। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान हादसे के शिकार हो गए थे और गुरुवार देर रात उनकी मौत हो गई। परिजनों के अनुसार, उनकी पोस्टिंग दो साल पहले मणिपुर में हुई थी। रक्षाबंधन के दिन शनिवार को उनका पार्थिव शरीर भोपाल से अकोदिया होते हुए गांव पहुंचा। मोहित की पार्थिव शरीर देखते ही बहनें, परिवार और ग्रामीण शोक में डूब गए।
अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़

मोहित के पिता आनंदीलाल और भाई अंकित हेयर सैलून चलाते हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह निधन की खबर मिली। शनिवार सुबह 7:30 बजे पार्थिव शरीर अकोदिया थाने पहुंचा, फिर गांव तक अंतिम यात्रा निकली। इस दौरान अंतिम यात्रा में तिरंगा थामे युवाओं सहित भारी भीड़ उमड़ी।
राखी बांधकर दी अंतिम विदाई

रक्षाबंधन पर बहनें मोनिका, राधिका और सोनिका ने राखी बांधकर मोहित को अंतिम विदाई दी। इस दौरान बहनों की आंखें नम थी। आंखों से गिर रहे आंसू को देख वहां मौजूद लोग भी रोने लगे। हर कई विधाता को ही कोस रहा था। वहीं, अंतिम दर्शन के लिए क्षेत्र से आए अन्य लोगों की आंखें भी नम थीं।

आकेदिया थाने से शुरू हुई अंतिम यात्रा

शनिवार सुबह 7:30 बजे मोहित का पार्थिव शरीर भोपाल से अकोदिया थाने पहुंचा, जहां से अंतिम यात्रा की शुरुआत हुई। इस दौरान बस स्टैंड पर जनप्रतिनिधियों और नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर मोहित को नमन किया। बड़ी संख्या में लोग बाइक पर तिरंगा लेकर शामिल हुए। डीजे पर देशभक्ति गीतों के बीच यात्रा शहीद के निवास स्थान पहुंची, जहां माता-पिता और परिजन रो-रोकर बेहाल थे। इसके बाद अंतिम यात्रा मुक्ति धाम पहुंची, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए।

बहनों ने भाई की कलाई पर बांधी राखी

इधर, रक्षाबंधन के दिन मोहित का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई। उनकी चचेरी बहनों मोनिका, राधिका और सोनिका ने राखी बांधकर अपने दिवंगत भाई को अंतिम विदाई दी। अंतिम दर्शन के लिए क्षेत्रभर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। यात्रा के दौरान हर किसी की आंखें नम हो गईं।

अंतिम यात्रा में हुए शामिल

120 बटालियन के जवानों ने सलामी देकर मोहित सेन को अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक घनश्याम चंद्रवंशी, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमराज सिसोदिया, पूर्व सैनिक और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। श्रद्धांजलि सभा में विधायक ने घोषणा की कि स्थानीय हाई स्कूल का नाम मोहित सेन के नाम पर रखा जाएगा और उनकी स्मृति में एक स्मारक भी बनाया जाएगा।

 

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