samacharsecretary.com

नवोदय स्कूल में बाढ़ से फंसे बच्चे, प्रशासन पर भड़के पैरेंट्स

चंडीगढ़ 
बीते कई दिनों से जारी भारी बारिश और हिमाचल एवं जम्मू-कश्मीर से होकर आने वाली नदियों के उफान पर आने से पंजाब के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। गुरदासपुर जिले में तो एक जवाहर नवोदय विद्यालय ही अचानक बाढ़ की चपेट में आ गया। पूरे परिसर में पानी भर गया और ग्राउंड फ्लोर पर बने क्लासरूम में बड़े पैमाने पर पानी भरा हुआ है। यह नवोदय विद्यालय गुरदासपुर से करीब 12 किलोमीटर दूर डाबुरी गांव में स्थित है। हालात यह हैं कि स्कूल में 400 छात्र और करीब 40 स्टाफ मेंबर्स फंसे हुए हैं।

यह स्कूल गुरदासपुर से दोरांगला जाने वाली सड़क पर है। सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा है और आसपास के इलाके में सैलाब आ गया है। ऐसी स्थिति में यहां पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है। ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बचाव कार्य में इसलिए भी देरी हो रही है क्योंकि दिनानगर संभाग में सीएम भगवंत मान जा रहे हैं। इसी संभाग में गुरदासपुर जिला आता है और फिलहाल अधिकारी उनके आयोजन में बिजी हैं। कहा जा रहा है कि इसके चलते बचाव कार्य शुरू करने में देरी हो रही है। यह स्कूल भी दिनानगर सब-डिविजन में आता है।

डिप्टी कमिश्नर ही हैं स्कूल के पदेन चेयरमैन, फिर भी रेस्क्यू का इंतजार
जवाहर नवोदय विद्यालय केंद्र सरकार द्वारा फंडिंग से चलने वाला सरकारी स्कूल है। गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर इसके चेयरमैन के तौर पर कामकाज देखते हैं। इस मामले में प्रशासन की शिथिलता को देखते हुए बच्चों के पैरेंट्स में भी नाराजगी देखी जा रही है। एक पैरेंट ने कहा कि आखिर जब सैलाब के चलते स्थिति खराब हो रही थी तो फिर बच्चों को पहले ही क्यों नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को तो तीन दिन से पता है कि बाढ़ आ रही है और स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि जब प्रशासन ने पूरे गुरदासपुर जिले में सभी स्कूलों की तीन दिन के लिए छुट्टी कर दी है तो फिर यहां से बच्चों को घर क्यों नहीं भेजा गया।

आवासीय विद्यालय होने के चलते बच्चे नहीं भेजे गए थे घर
बता दें कि जवाहर नवोदय विद्यालय आवासीय स्कूल होते हैं और बच्चे यहां रहकर ही पढ़ते हैं। सूत्रों का कहना है कि स्कूल के बगल में एक नाला बहता है, जिसकी कई सालों से सफाई नहीं हुई है। इसके कारण भी पानी का बहाव बस्तियों की ओर होने लगा है। पंजाब में 1988 में भी भारी बाढ़ आई थी। कहा जा रहा है कि फिलहाल आई बाढ़ ने उस लेवल को भी पार कर लिया है।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here