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फ्लू से बचाव के लिए पंजाब में नई पाबंदियां, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

अमृतसर 
बाढ़ के बाद प्रभावित इलाकों में अलग-अलग प्रकार की बीमारियां फैलने का भय चेताया जा रहा था, जो सच होना शुरू हो गया है। बाढ़ प्रभावित गांव धारीवाल कलेर में ‘अफरीकी स्वाइन फ्लू’ बीमारी फैल गई है।

इस गांव को बीमारी का केन्द्र घोषित कर दिया गया है। गांव के एक किलोमीटर के आस-पास संक्रमित जोन व एक से दस किलोमीटर के इलाके को निगरानी जोन घोषित कर दिया गया है। इस इलाके में जीवित या मुर्दा सूअर, सूअर का मास, सूअर के मास से तैयार की गई वस्तुएं लाने व ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सूअर के मास व मास से बनी वस्तुओं के आवागमन से अन्य इलाकों में भी बीमारी फैलने का डर है। ए.डी.सी. रोहित गुप्ता ने आदेश जारी करते हुए पशुपालन विभाग के डायरैक्टर को सरकारी आदेश लागू करवाने के लिए निर्देश दिए हैं।

8 नहीं 20 से ज्यादा स्थानों से टूटा था धुस्सी बांध
जैसे-जैसे रमदास व अजनाला के इलाकों में पानी निकलता जा रहा है, वैसे-वैसे कई हैरानीजनक खुलासे होने शुरू हो गए हैं। प्रशासन मान रहा था कि घोनेवाला, कोट रजादा व माछीवाल के तीन बड़े पाड़ (फाड़) से धुस्सी बांध टूटा था और पांच अन्य स्थान भी थे जहां बांध टूटा था, लेकिन अब पता चला है कि धुस्सी बांध आठ स्थानों से नहीं, बल्कि 20 से ज्यादा स्थानों से टूटा था, जिसमें से रावी दरिया का पानी 200 से ज्यादा गांवों में फैल गया और हजारों हैक्टेयर फसल को बर्बाद कर दिया। जानकारी के अनुसार डी.सी. साक्षी साहनी की तरफ से ए.डी.सी. रोहित गुप्ता व अन्य अधिकारियों के साथ उन स्थानों का दौरा किया गया, जहां बांध को जोड़ने का काम चल रहा था। माछीवाला का धुस्सी बांध संत बाबा सुक्खा सिंह सरहाली कलां वाले, संत बाबा जगतार सिंह तरनतारन वाले, कार सेवा गुरु का बाग, सेना और समाजसेवी संस्थाओं की मदद से जोड़ दिया गया है। दूसरे स्थानों पर जहां बांध टूटा था, वहां काम जारी है और उनको जोड़ने में समय लग सकता है। डी.सी. ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बांध जोड़ने में जिस प्रकार की भी मदद चाहिए उसको प्रशासन देने के लिए तैयार है।

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