samacharsecretary.com

हर दिन अलग भोग, अलग शुभ संकेत: नवरात्रि 2025 में माता को प्रसन्न कैसे करें

नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन माता रानी को अलग-अलग भोग अर्पित करने की परंपरा है. जालोर के ज्योतिषाचार्य पंडित भानुप्रकाश दवे बताते हैं कि मां को घी, शक्कर, दूध, मालपुआ, केला, शहद, पान, नारियल और अंत में हलवा-पूरी-चना चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार में सुख, समृद्धि व शांति का आशीर्वाद देती हैं.

  1. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन माता को घी का भोग लगाया जाता है. घी पवित्रता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि घी का नैवेद्य अर्पित करने से जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त होती है. यह भोग घर के वातावरण को भी शुद्ध और पवित्र बनाता है.
  2. दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना होती है. इस दिन माता को शक्कर का भोग अर्पित किया जाता है. शक्कर जीवन में मिठास और सौभाग्य का प्रतीक है. माना जाता है कि इस दिन शक्कर चढ़ाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और भक्त की कठिनाइयां दूर होती हैं.
  3. तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इस दिन माता को दूध का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है. दूध शुद्धता, संतुलन और पोषण का प्रतीक है. इस भोग से माता प्रसन्न होती हैं और भक्त को मानसिक शांति, धैर्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
  4. चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा होती है. इस दिन माता को मालपुआ का भोग अर्पित किया जाता है. मालपुआ वैभव, स्वाद और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसे अर्पित करने से जीवन में आर्थिक उन्नति और घर में खुशहाली बनी रहती है.
  5. पांचवें दिन मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है. इस दिन माता को केले का भोग चढ़ाया जाता है. केला पवित्रता और सादगी का प्रतीक है. इसे अर्पित करने से संतान सुख प्राप्त होता है और परिवार में शांति का वातावरण बना रहता है.
  6. छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इस दिन माता को शहद का भोग लगाया जाता है. शहद मिठास और सेहत का प्रतीक है. इसे चढ़ाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य लाभ और रिश्तों में मधुरता आती है.
  7. सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना होती है. इस दिन माता को पान का भोग अर्पित किया जाता है. पान शुभता और सौभाग्य का प्रतीक है. इसे अर्पित करने से भक्त को भय से मुक्ति मिलती है और साहस तथा आत्मबल की प्राप्ति होती है.
  8. आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन माता को नारियल का भोग चढ़ाया जाता है. नारियल पूर्णता और पवित्रता का प्रतीक है. इसे अर्पित करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है.
  9. नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. इस दिन माता को हलवा, पूरी और चने की सब्जी का भोग लगाया जाता है. यह भोग पूर्णता और संतोष का प्रतीक है. इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन का भोग माता को प्रसन्न कर जीवन में सफलता और सिद्धि प्रदान करता है.

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here