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भोपाल की छात्राओं की आंखों पर खतरा! AIIMS जांच में 22% में पाई गई बीमारी

भोपाल

एम्स भोपाल द्वारा आयोजित एक स्वास्थ्य शिविर में भोपाल की स्कूली बालिकाओं में आंखों की बीमारी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कक्षा 8वीं से 12वीं तक की 22% बालिकाओं में आंखों की विभिन्न बीमारियां पाई गई हैं। दरअसल एम्स ने 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान' के अंतर्गत शासकीय आदर्श आवासीय कन्या संस्कृत विद्यालय, गार्गी, भोपाल में नेत्र स्वास्थ्य एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया। इस शिविर में 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग की 100 छात्राओं की जांच की गई, जिसमें 18% छात्राओं में आंखों की समस्याएं पाई गईं।

आंखों की समस्याएं
रिफ्रेक्टिव एरर: 17 छात्राओं में रिफ्रेक्टिव एरर पाया गया, जिसमें मायोपिया (निकट दृष्टि दोष), हाइपरमेट्रोपिया (दूर दृष्टि दोष) और एस्टिग्मेटिज्म (अनियमित दृष्टि) शामिल हैं।

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस: 2 छात्राओं में एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस पाया गया, जो आंखों की एलर्जी के कारण होता है।
एब्लियोपिया: 2 छात्राओं में एब्लियोपिया पाया गया, जो एक आंख की दृष्टि कमजोर होने के कारण होता है।
नाइट ब्लाइंडनेस: 1 छात्रा में नाइट ब्लाइंडनेस पाया गया, जो विटामिन ए की कमी के कारण होता है।

आंखों की समस्याओं के मुख्य कारण
1- स्क्रीन टाइम: बढ़ता स्क्रीन टाइम और डिजिटल डिवाइसों का उपयोग आंखों की समस्याओं का एक मुख्य कारण है।
2- अपर्याप्त प्रकाश: अपर्याप्त प्रकाश में पढ़ाई या काम करने से आंखों पर दबाव पड़ता है।
3- पोषण की कमी: विटामिन ए और अन्य पोषक तत्वों की कमी से आंखों की समस्याएं हो सकती हैं।
4- आनुवंशिक कारक: कुछ आंखों की समस्याएं आनुवंशिक हो सकती हैं।

34 छात्राओं ने नेत्रदान की ली शपथ
इस कैंप के दौरान केवल स्क्रीनिंग ही नहीं हुई, बल्कि जागरूकता भी फैलाई गई। 34 छात्राओं ने नेत्र दान फॉर्म भी भरा। नेत्र स्वास्थ्य पर जूनियर रेजिडेंट डॉ. सौरभि ने मौजूद स्टूडेंट्स को जानकारी दी। उनके साथ सीनियर नर्सिंग ऑफिसर महेश मीणा ने आंख दान पर व्याख्यान दिया। ऑप्टोमेट्रिस्ट टीम ने व्यक्तिगत और मासिक धर्म स्वच्छता पर भी छात्राओं को जागरूक किया। जिससे ना केवल नेत्र बल्कि संपूर्ण स्वास्थ के प्रति छात्राओं को जागरूक किया जा सके।

आंखों के लिए सावधानी 
– हर 20 मिनट पर स्क्रीन से ब्रेक लें।
– 20-20-20 रूल: हर 20 मिनट बाद 20 फीट दूर किसी वस्तु को 20 सेकेंड देखें।
– रोज कम से कम 1 घंटे आउटडोर खेलकूद जरूरी।
– संतुलित आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, दूध और फल शामिल करें।
– आंखों में जलन या धुंधलापन हो तो तुरंत जांच कराएं। 

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