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ई-केवायसी में खुली पोल: मृतकों के नाम पर हुआ करोड़ों का राशन घोटाला, 1570 फर्जी लाभार्थी हटाए गए

खंडवा 

जो इस दुनिया में नहीं रहे परिजन उनके नाम से भी तीन साल में 8.64 करोड़ रुपए का 27 लाख किलो राशन खा गए। विभाग ने जब ई-केवायसी कराई तो हकीकत सामने आई। विभाग ने अब ऐसे नाम गरीबों की राशन सूची से बाहर कर दिए हैं।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कंट्रोल दुकानों से गरीब परिवारों सहित चयनित कैटेगरी के पात्र हितग्राही परिवार के सदस्यों को पांच किलो मुफ्त राशन का वितरण किया जाता है। योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को ही मिले इसके लिए शासन ने कंट्रोल दुकान, पंचायत सहित अन्य माध्यमों से राशन लेने वाले प्रति परिवार के एक-एक सदस्य की ई-केवायसी कराई।

ऐसे लोग भी सामने आए जिनकी आय सालाना 6 लाख रुपए से अधिक है, वे आयकरदाता हैं, शासकीय नौकरी में हैं, अधिकारी व कर्मचारी हैं। विभाग ने ऐसे लोगों को तत्काल नोटिस दिए और राशन की सूची से बाहर कर दिया।

15 हजार मृतक के परिजन ले रहे थे राशन

विभाग के अनुसार ई-केवायसी के दौरान 15 हजार सदस्य ऐसे थे जो दो से तीन साल पहले मृत हो चुके हैं, परिजन उनके नाम से अब तक राशन ले रहे थे। जबकि 110 उपभोक्ता ऐसे थे जिनकी आयु 18 साल से कम थी, इनमें 25 नहीं मिले, इन्हें भी राशन की सूची से बाहर किया गया। 35 नाबालिग ऐसे थे, जिन्हें राशन नहीं मिल रहा था। विभाग ने उनके नाम परिवार के साथ जोड़े।

50 हजार सदस्य कम हुए ई-केवायसी में जिले की 487 राशन दुकानों से 50 हजार उपभोक्ता कम हुए हैं। खाद्य विभाग के अनुसार जिले में ई-केवायसी से पहले गरीबों का राशन लेने वाले सदस्यों की संख्या 10 लाख 33 हजार थी। जबकि अब इनकी संख्या घटकर 9.88 लाख हो गई है।

^जिले में 10 लाख 33 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवायसी का काम पूरा हो गया है। इनमें 1570 परिवार ऐसे थे जो आयकरदाता होकर राशन की पात्रता नहीं रखते थे, उन्हें नोटिस देकर राशन की सूची से बाहर किया गया है। -अरुण तिवारी, जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी 

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