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सोनम वांगचुक पर विवादित बयान: नेपाल विद्रोह और अरब क्रांति का तूल पकड़ता संदेश

लेह
सोनम वांगचुक को लद्दाख में क्यों गिरफ्तार किया गया इस बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। लद्दाख प्रशासन की तरफ से जारी बयान के मुताबिक सोनम वांगचुक की गतिविधियां क्षेत्र की सुरक्षा और शांति के लिए बड़ा खतरा बन गई थीं। बयान में यह भी कहा गया था कि वांगचुक जिस तरह से नेपाल के विद्रोह और अरब क्रांति का उदाहरण दे रहे थे, उससे लोगों का गुस्सा भड़क रहा था। लद्दाख प्रशासन के मुताबिक लेह में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी जरूरी थी।

बयान के मुताबिक वांगचुक को हिरासत में लेने के बाद जोधपुर में रखा गया है। गौरतलब है लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर केंद्र शासित प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शन के दो दिन बाद शुक्रवार को जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 अन्य घायल हो गए थे।

पुलिस प्रमुख एस डी सिंह जामवाल के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने वांगचुक को शुक्रवार दोपहर ढाई बजे हिरासत में लिया। इसके बाद उन्हें अब राजस्थान के जोधपुर कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रशासन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि शांतिप्रिय कस्बे लेह में सामान्य स्थिति बहाल करना बेहद जरूरी है। इससे पहले की सोनम वांगचुक हालात को और खराब करते, उन्हें गिरफ्तार कर लेना जरूरी था। सोनम वांगचुक पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर थे। प्रशासन का दावा है कि इसके पीछे उनकी मंशा संदिध थी। अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने मामले पर बातचीत का ऑफर दिया था। लेकिन वांगचुक ने इस पर ध्यान न देते हुए भूख हड़ताल जारी रखी।

भाषणों में नेपाल विद्रोह-अरब क्रांति का जिक्र
लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक पर यह भी आरोप लगाया है कि उनके भाषण और वीडियो काफी भड़काऊ होते थे। इसके चलते ही 24 सितंबर को इस क्षेत्र में अशांति फैली। प्रशासन की विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि उनके भड़काऊ भाषण, नेपाल के विद्रोह की चर्चा,अरब क्रांति का हवाला और अन्य भ्रामक वीडियोज ने हालात को खराब किया। इसके प्रभाव में संस्थान, इमारतें और वाहन जलाए गए और उसके बाद पुलिस कर्मियों पर हमला किया गया, जिससे चार व्यक्तियों की दुखद मृत्यु हुई। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने विशेष जानकारी के आधार पर कार्रवाई की और सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया।

 

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