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हरियाणा सरकार की पहल: जेलों में बंद कैदी अब होंगे कुशल और आत्मनिर्भर

हरियाणा 
हरियाणा की जेलें वर्तमान में अपनी निर्धारित क्षमता से कहीं अधिक कैदियों को संभाल रही हैं। राज्य की 20 जेलों की कुल क्षमता 22,837 कैदियों की है, जबकि 1 जुलाई 2025 तक इनमें 27,230 कैदी बंद थे। यानी जेलों में 4,393 कैदियों की अधिक भीड़ है। यह स्थिति जेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है, हालांकि डीजी जेल का कार्यभार संभाल रहे आईपीएस अधिकारी आलोक राय का कहना है कि इस बढ़ी हुई संख्या के बावजूद कैदियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है।

कैदियों के पुनर्वास की दिशा में कौशल विकास पर जोर
सरकार जेलों में बंद कैदियों के पुनर्वास के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दे रही है। करेक्शनल कंपाउंड्स के पहले चरण को शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है और इसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन पहलों के तहत:

686 कैदियों को कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की मदद से विभिन्न कोर्स कराए जा रहे हैं। अंबाला, पानीपत, करनाल, फरीदाबाद और गुरुग्राम की जेलों में भी जल्द ही यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। पॉलिटेक्निक के माध्यम से दीर्घकालिक डिप्लोमा और कोर्स शुरू करने का भी प्रस्ताव भेजा गया है।  इन पहलों का उद्देश्य कैदियों को जेल से रिहा होने के बाद बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से फिर जुड़ सकें।

जेलों में पेट्रोल पंप और उद्योग
कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने और जेलों की आय बढ़ाने के लिए कई अनूठी पहलें की गई हैं। 
इनमें प्रमुख हैं:-
    कुरुक्षेत्र की जिला जेल में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन की स्थापना। इसकी पिछले वर्ष की बिक्री 54 करोड़ रुपये रही।
    इस मॉडल को अंबाला, हिसार-2, यमुनानगर, करनाल और सोनीपत में भी दोहराया जा रहा है।
    जेलों में रेडियो स्टेशन, सरसों का तेल निकालने के कोल्हू, आटा चक्की, और अन्य लघु उद्योग भी लगाए गए हैं।
    इन उद्योगशालाओं में कैदी घरेलू उपयोग की वस्तुएं तैयार कर रहे हैं, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है।
जेलों की सुरक्षा में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

जेल प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है:-

    जेल परिसरों में बैगेज स्कैनर, डोर फ्रेम और हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं।
    अंबाला जेल में हारमोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम स्थापित किया जा रहा है और गुरुग्राम जेल में इसकी स्थापना प्रक्रिया जारी है।
    1,350 सीसीटीवी कैमरे और नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) सुरक्षा की निगरानी के लिए लगाए गए हैं।
    436 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम के ज़रिए अब करीब 84% कैदियों की कोर्ट में पेशी वर्चुअल तरीके से हो रही है, जिससे सुरक्षा जोखिम और सरकारी खर्च दोनों में कमी आई है।

स्वास्थ्य सुविधाएं और चिकित्सा सेवाएं
कैदियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जेल अस्पतालों को नवीनतम चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। इससे कैदियों को जेल परिसर में ही बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं।

सुधार और पुनर्वास की दिशा में बड़ा कदम
यह स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार केवल जेलों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि कैदियों के समग्र सुधार, पुनर्वास, रोजगार सृजन और सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों का समुचित उपयोग कर रही है। यह एक दूरदर्शी कदम है, जो अपराधियों को एक नया जीवन शुरू करने का अवसर देकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होगा।

 

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