महू-गौतमपुरा
दीपावली के बाद का दिन मालवा अंचल के लिए खास होता है, जब गौतमपुरा का मैदान जंग के अखाड़े में बदल जाता है। मंगलवार को परंपरा, आस्था और साहस का संगम बने इस ऐतिहासिक हिंगोट युद्ध की शुरुआत शाम करीब साढ़े पांच बजे भगवान देवनारायण की पूजा और जयकारों के साथ हुई।
खारचा मैदान में आयोजित इस युद्ध में एक ओर थे गौतमपुरा के योद्धा और दूसरी ओर रूणजी के जांबाज। सिर पर पगड़ी, हाथ में ढाल और झोले में भरी सैकड़ों हिंगोटें लेकर योद्धाओं ने एक-दूसरे पर अग्निबाण की तरह प्रहार किए।
जैसे ही दोनों दलों के प्रमुखों ने संकेत दिया, आसमान में आग की लपटें उठीं और हिंगोटें धमाके के साथ उड़ने लगीं। करीब एक घंटे तक चले इस युद्ध में दोनों दलों ने सैकड़ों हिंगोटें छोड़ीं। धुएं से घिरे मैदान में योद्धा आग की परछाइयों जैसे दिख रहे थे।
हजारों दर्शक बने गवाह
गौतमपुरा, रूणजी, महू, देपालपुर और इंदौर से हजारों लोग इस अद्भुत नजारे को देखने पहुंचे। दर्शकों के लिए नगर परिषद ने सुरक्षा घेरे बनाए और 200 से अधिक पुलिसकर्मी, प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर और फायरब्रिगेड मौके पर तैनात रहे।
ढाई सौ साल पुरानी परंपरा
स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार यह परंपरा करीब 250 साल पुरानी है। माना जाता है कि मुगलों के हमलों से बचाव के लिए हिंगोटों का इस्तेमाल किया जाता था। धीरे-धीरे यह आत्मरक्षा का तरीका धार्मिक और सामाजिक उत्सव में बदल गया। यहां योद्धा जीत-हार के लिए नहीं, बल्कि परंपरा निभाने के लिए लड़ते हैं।
गौतमपुरा में भी परंपरा का उत्साह
युद्ध की वर्षों पुरानी परंपरा निभाते हुए मंगलवार को गौतमपुरा में हिंगोट युद्ध हुआ है। सबसे पहले भगवान देवनारायण की पूजा करने के बाद रलायता मार्ग स्थित खारचा क्षेत्र में एक ओर से तुर्रा और दूसरी ओर कलंगी दल के योद्धा खड़े हुए।
योद्धा एक हाथ में अपने बचाव के लिए ढाल लिए थे। कंधे पर टंगा हुआ एक बैग व झोला, जिसमें शस्त्र की तरह रखे हुए ढेर सारी हिंगोट थी। जैसे ही दोनों दलों के प्रमुख ने युद्ध का आगाज किया, दोनों ओर से अग्निबाणों की तरह हिंगोट फेंकना शुरू हुई।
36 योद्धा घायल
करीब डेढ़ घंटे तक चले युद्ध के अंत तक दोनों दलों के 36 योद्धा घायल हुए। इसमें दो गंभीर घायल हुए, जिन्हें इंदौर रेफर किया पंरतु वह खतरे से बाहर हैं। अन्य को प्राथमिक उपचार देकर घर भेजा गया। इस दौरान मंच पर विधायक मनोज पटेल, नगर परिषद अध्यक्ष गगन बाहेती, नगर परिषद उपाध्यक्ष राजा जागीरदार, समस्त पार्षदगण, जिला व मंडल स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहे। वहीं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।