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रौशनी के त्योहार पर छाई त्रासदी: दिवाली में आगजनी से 41 घायल, सैकड़ों को इलाज की जरूरत

भोपाल
दीपावली के जश्न के बीच प्रदेश में हादसों के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। बीते दो दिनों में प्रदेशभर में 41 लोग पटाखों से झुलसे, जबकि 1000 से अधिक लोग सड़क हादसों में घायल हुए। सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं झाबुआ जिले में दर्ज की गईं, जहां 67 एक्सीडेंट केस रिपोर्ट हुए। यह जानकारी मंगलवार को एम्बुलेंस सेवा 108 की रिपोर्ट में सामने आई।

दिवाली के दिन दोगुनी हुई झुलसने की घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, 19 अक्टूबर को प्रदेशभर में 13 बर्न केस दर्ज हुए थे, जिनमें से तीन केस देवास से थे। लेकिन दिवाली के दिन यानी 20 अक्टूबर को यह संख्या दो गुना से अधिक बढ़कर 28 हो गई। विदिशा में चार और रीवा में तीन केस सबसे अधिक दर्ज किए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर मामले बच्चों और युवाओं के हैं, जिन्होंने बिना निगरानी के पटाखे जलाए। इससे आंखों, चेहरे और हाथों में जलने की चोटें आईं।

झाबुआ बना सबसे बड़ा हादसा जोन
दो दिनों में झाबुआ में 67 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं। यहां अधिकतर हादसे तेज़ रफ़्तार, नशे में वाहन चलाने और रात्रिकालीन भीड़भाड़ के कारण हुए। वहीं, इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में भी कई हादसे सामने आए।

जेपी अस्पताल में आए मामूली केस
संजय जैन, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल भोपाल ने बताया कि दिवाली की रात चार से पांच मरीज पटाखों से झुलसने के मामले में अस्पताल आए थे। इनमें से कोई भी केस सीरीयस नहीं था। सभी को प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दे दी गई। किसी को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।

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