samacharsecretary.com

मप्र गृह विभाग ने किया बड़ा तबादला, 7 सीनियर IPS अधिकारियों को नई पोस्टिंग

भोपाल
 मध्य प्रदेश में अधिकारियों के तबादलों का सिलसिला जारी है. राज्य सरकार ने बुधवार देर रात भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं. राज्य सरकार ने 3 एडीजी और 4 आईजी को नई पदस्थापना दी है. आईपीएस इरशाद वली को विशेष सशस्त्र बल भोपाल रेंज की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, एडीजी प्रशिक्षण पीएचक्यू राजा बाबू सिंह से शिकायत और मानव अधिकारी प्रकोष्ठ का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है. अब वे सिर्फ प्रशिक्षण का काम देखेंगे.

इन अधिकारियों के हुए तबादले

– अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण राजा बाबू सिंह से एडीजी शिकायत और मानव अधिकार पुलिस मुख्यालय भोपाल का अतिरिक्त प्रभार वापस लिया गया.

– एडीजी देव प्रकाश को, को-ऑपरेटिव फ्रॉड, लोक सेवा गारंटी को एडीजी, शिकायत एवं मानव अधिकार पुलिस मुख्यालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके अलावा सामुदायिक पुलिसिंग, को-ऑपरेटिव फ्रॉड, लोक सेवा गारंटी, आरटीआई, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और पुलिस सुधार की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई.

– एडीजी नारकोटिक्स के.पी. व्यंकटेश्वर को एडीजी तकनीकी सेवाएं बनाया गया. इसके अलावा एडीजी नारकोटिक्स की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई.

– आईजी विशेष सषस्त्र बल भोपाल इरशाद वली को विशेष सशस्त्र बल भोपाल रेंज का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया.

– आईजी सुशांत सक्सेना को इंवेस्टिगेशन, पुलिस मुख्यालय भोपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई.

– आईजी शिकायत एवं मानव अधिकार चैत्रा एन. को आईजी एससीआरबी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

– आईजी अजाक कुमार सौरभ को आईजी एसआईएसएफ बनाया गया. आईजी अजाक की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई.

पुलिस-प्रशासनिक विभागों में लगातार हो रहे तबादले
राज्य सरकार द्वारा लगातार पुलिस-प्रशासनिक विभागों में तबादले किए जा रहे हैं. पिछले दिनों आधा दर्जन जिलों के एसपी के पदों में बदलाव किया था. अब पुलिस मुख्यालय में लंबे समय से एक ही पद पर काम कर रहे अफसरों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसमें कई अधिकारियों को अत्यधिक प्रभार भी सौंपे गए हैं. माना जा रहा है कि आने वाले समय में कुछ और फील्ड स्टाफ के तबादले भी किए जा सकते हैं. पुलिस विभाग के अलावा जल्द ही पीएचई सहित कई और विभागों में भी तबादले हो सकते हैं.

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here