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158,000 लोग घटे पोलैंड की आबादी, विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं गंभीर आर्थिक और सामाजिक प्रभावों की

वारसा

कल्पना कीजिए, एक ऐसा देश जहां हर साल लाखों लोग कम हो रहे हों। जहां बच्चे पैदा होने की संख्या मौतों से कहीं कम हो। जहां युवा नौकरी और बेहतर जिंदगी की तलाश में दूसरे देश चले जाते हों। यही हकीकत है यूरोपीय देश पोलैंड की। हाल ही में पोलैंड के सरकारी सांख्यिकी कार्यालय (GUS) ने एक चौंकाने वाला आंकड़ा जारी किया है। इसके मुताबिक, पिछले एक साल में देश की आबादी 1,58,000 लोगों से घटकर अब लगभग 37.38 मिलियन रह गई है। यह गिरावट न सिर्फ आंकड़ों की बात है, बल्कि एक पूरे समाज की चिंता का विषय है।

घटती आबादी का मतलब क्या है?

सबसे पहले, आबादी घटने का मतलब समझिए। जनसंख्या को मापने का सीधा फॉर्मूला है। आबादी = जन्म + अप्रवासन (नए लोग आना) – मौतें – प्रवासन (लोगों का जाना)। पोलैंड में जन्म कम हो रहे हैं, मौतें ज्यादा, युवा बाहर जा रहे हैं, और नए लोग उतने नहीं आ रहे जितने चाहिए। GUS की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश की जनसंख्या में पिछले एक साल में 1,58,000 की कमी आई है, जो एक गहराते डेमोग्राफिक संकट की ओर इशारा करती है। सितंबर 2025 के अंत तक पोलैंड की जनसंख्या 37.38 मिलियन थी, जो पिछले साल की तुलना में 1,58,000 और 2024 के अंत की तुलना में लगभग 1,13,000 कम है।

आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 की पहली तीन तिमाहियों में जनसंख्या में 0.30% की कमी आई, यानी हर 10,000 निवासियों पर देश ने 30 लोगों को खोया, जो पिछले साल के 27 प्रति 10,000 की तुलना में अधिक है। यह गिरावट कम जन्म दर और अन्य कारकों के कारण लंबे समय से चली आ रही जनसंख्या घटने की प्रवृत्ति को दर्शाती है।

जन्म दर में कमी, ऐतिहासिक निचले स्तर पर

रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2025 के बीच लगभग 1,81,000 बच्चों के जन्म दर्ज किए गए, जो 2024 की समान अवधि की तुलना में लगभग 11,000 कम है। इस दौरान जन्म दर 6.5% तक गिर गई, जो पिछले साल की तुलना में 0.3 प्रतिशत अंक कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकड़ा पोलैंड के इतिहास में जन्म दर के सबसे निचले स्तरों में से एक है।

कम प्रजनन दर, यूरोप में सबसे निचला स्तर

पिछले साल पोलैंड की कुल प्रजनन दर (TFR), यानी एक महिला द्वारा अपने जीवनकाल में औसतन जन्म दिए गए बच्चों की संख्या, 1.11 तक गिर गई, जो यूरोपीय संघ में सबसे कम और विकसित देशों में भी सबसे निचले स्तरों में से एक है। पोलैंड में महिलाएं औसतन 1.11 बच्चे पैदा कर रही हैं। जबकि जनसंख्या स्थिर रखने के लिए कम से कम 2.1 बच्चे चाहिए। क्यों? क्योंकि युवा लोग शादी टाल रहे हैं, बच्चे पैदा करने से डर रहे हैं। महंगाई, नौकरी की असुरक्षा, और महामारी ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। 2024 में पहली बार मां बनने की औसत उम्र 29.1 साल हो गई जो 1990 में यह 22.7 थी। बच्चे पैदा करने लायक उम्र की महिलाएं खुद कम हो रही हैं, क्योंकि 30 साल पहले जन्म कम हुए थे। यह आंकड़ा पोलैंड के सामने खड़े जनसांख्यिकीय संकट की गंभीरता को रेखांकित करता है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में जनसंख्या

1989 में पोलैंड की जनसंख्या 4 करोड़ थी, लेकिन तब से यह लगातार कम हो रही है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कम जन्म दर, बढ़ती उम्र की आबादी और प्रवास जैसे कारक इस गिरावट को और तेज कर रहे हैं। GUS की रिपोर्ट ने इन आंकड़ों को "चिंताजनक" करार देते हुए चेतावनी दी है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो देश को सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जनसंख्या में यह गिरावट श्रम बाजार, पेंशन प्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ा सकती है। कम जन्म दर और उम्रदराज आबादी के कारण कार्यबल में कमी आ रही है, जो भविष्य में आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकता है। सरकार ने जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतियां लागू की हैं, लेकिन इनका प्रभाव अभी तक सीमित रहा है।

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