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वॉरंट मिलने के बाद अलका लांबा ने कोर्ट में छोड़ा खास मैसेज, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली 
पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अलका लांबा शनिवार को राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने पेश हुईं, जहां उन्होंने अदालत से जमानत ले ली। दरअसल निषेधाज्ञा उल्लंघन से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ वॉरंट जारी कर दिया था, जिसके बाद वह अदालत में पेश हुईं, जहां अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किए थे। हालांकि कई समन जारी होने के बाद भी वह अदालत में पेश नहीं हुईं, जिसके कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वॉरंट जारी कर दिया, तब जाकर लांबा शनिवार को राउज एवेन्यू अदालत में पेश हुईं और वहां से जमानत हासिल कर ली। हालांकि जमानत मिलने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया था कि मेरे खिलाफ वॉरंट जारी हुआ है साथ ही उन्होंने खुद को सोनम वांगचुक के साथ रखने की गुजारिश भी की थी।

इससे पहले कोर्ट ने जब उन्हें समन जारी किए थे तो वह अदालत में पेश नहीं हुईं थीं और उन्होंने दो मौकों पर पेशी से छूट मांग ली थी। इसके बाद, अदालत ने 24 सितंबर को उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया था। तब जाकर वह आज अदालत में पेश हुईं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक (एसीजेएम) वैभव चौरसिया की कोर्ट ने शनिवार को अलका लांबा को जमानत दे दी और अभियोजन पक्ष को आरोपपत्र की एक प्रति उन्हें देने का निर्देश दिया। अदालत ने आरोपों पर दलीलें सुनने के लिए मामले को 15 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है।

यह मामला जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान निषेधाज्ञा के कथित उल्लंघन से संबंधित है, जिसमें 2024 के आम चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू करने की मांग की गई थी। इस मामले में कांग्रेस की इस महिला नेता के खिलाफ साल 2024 में संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज की गई थी।
लांबा ने कहा था- प्लीज वांगचुक जी के साथ रखना

उधर इस मामले को लेकर अलका लांबा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया, 'मेरे खिलाफ वॉरंट जारी हुआ है, प्लीज़ सोनम वांगचुक जी के साथ ही रखना, बहुत कुछ सीखने को मिलेगा- संघर्ष जारी रहेगा…लड़ेंगे और जीतेंगे।' हालांकि लांबा की ये तम्मना पूरी नहीं हो सकी और अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए उनकी गिरफ्तारी का रास्ता बंद कर दिया।

 

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