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नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ‘दीक्षारम्भ कार्यक्रम’ आयोजित किया गया

उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (आईईएचई), भोपाल में नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए हुआ दीक्षारम्भ कार्यक्रम तिलक एवं पुष्प वर्षा के माध्यम से नव प्रवेशितों का हुआ अभिनंदन नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए 'दीक्षारम्भ कार्यक्रम' आयोजित किया गया भोपाल उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (आईईएचई) में मंगलवार को नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए 'दीक्षारम्भ कार्यक्रम' आयोजित किया गया। संस्थान में नवप्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत भारतीय परंपरानुसार तिलक लगाकर एवं पुष्प वर्षा के माध्यम से किया गया। संस्थान के नवीन विद्यार्थियों को संस्थान की उपलब्धियों, परंपराओं एवं सुविधाओं से परिचित करवाने के उद्देश्य से स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के साथ समस्त संकायों के प्राध्यापक भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। संस्थान के संचालक डॉ. प्रज्ञेश कुमार अग्रवाल ने सरस्वती वंदना के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात संस्थान के शिक्षकों ने सिविल सर्विसेज में संस्थान से चयनित विद्यार्थियों, विक्रम अवार्ड से सम्मानित विद्यार्थियों, राष्ट्रपति से सम्मानित एनएसएस इकाई जैसी उल्लेखनीय संस्थागत उपलब्धियों से सभी को अवगत करवाया। साथ ही उन्होंने एकाग्रचित्त होकर संस्थान में अध्ययन करते हुए अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विद्यार्थियों से आह्वान किया और इस प्रक्रिया में संस्थान के हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। संस्थान के समस्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने नव प्रवेशितों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनायें प्रेषित की। कार्यक्रम की संयोजक एवं समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शैलजा दुबे ने विद्यार्थियों को संस्थान के पुस्तकालय, एनएसएस इकाई, एनसीसी इकाई आदि अन्य मूलभूत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक सुविधाओं एवं गतिविधियों से परिचित करवाया। तत्पश्चात प्रत्येक विभाग के विभिन्न प्राध्यापकों ने अपने विभाग का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। दीक्षारम्भ कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान में प्रवेशित विद्यार्थियों को संस्थान की परंपरा में घुलने-मिलने एवं भविष्य निर्माण की रुपरेखा बनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। 

मुंबई से क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे यशस्वी जायसवाल

मुंबई भारतीय युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल आगामी 2025-26 घरेलू सत्र में मुंबई की ओर से ही खेलते नजर आएंगे। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने उनके गोवा जाने के लिए जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) को वापस लेने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। एमसीए अध्यक्ष अजिक्य नाइक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, यशस्वी हमेशा से मुंबई क्रिकेट की एक गौरवशाली उपज रहे हैं। हमने उनके एनओसी वापसी के आवेदन को स्वीकार कर लिया है और वह आगामी घरेलू सत्र में मुंबई के लिए उपलब्ध रहेंगे। इस साल अप्रैल में जायसवाल ने गोवा के लिए खेलने के इरादे से एनओसी मांगी थी, जिसे एमसीए ने “चौंकाने वाला कदम” बताया था। हालांकि, एक महीने बाद उन्होंने पुनः एमसीए को पत्र लिखकर बताया कि वह अपने परिवार के साथ गोवा स्थानांतरित होने का विचार कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने वह योजना बदल दी है और वे मुंबई के लिए ही खेलना चाहते हैं। 23 वर्षीय जायसवाल ने अंडर-19 स्तर से ही मुंबई का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने 2019 में मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पदार्पण किया था और अब तक 10 प्रथम श्रेणी मैचों में 53.93 की औसत से 863 रन बनाए हैं। इसमें उनके चार शतक, दो अर्द्धशतक और उत्तर प्रदेश के खिलाफ 181 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी शामिल है। हाल ही में समाप्त हुए घरेलू सत्र में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में मुंबई की ओर से भाग लिया था, हालांकि टीम को उस मैच में हार का सामना करना पड़ा। वह विदर्भ के खिलाफ सेमीफाइनल में खेलने वाले थे, लेकिन अभ्यास के दौरान टखने की चोट के चलते बाहर हो गए। फिलहाल जायसवाल इंग्लैंड में भारतीय टेस्ट टीम के साथ हैं। उन्होंने लीड्स में सीरीज के पहले मैच में शतक जमाया था, हालांकि भारत वह मुकाबला पांच विकेट से हार गया।  

पूर्व इंटरनेशनल हॉकी खिलाड़ी विमल लकड़ा की हालत गंभीर, रांची के क्यूरेस्टा अस्पताल में भर्ती

रांची  पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बिमल लाकड़ा सोमवार को खेत मे बेहोश पाए गए. उन्हें इलाज के लिए रांची के क्यूरेसेटा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. बिमल का पैतृक गांव सिमडेगा के टैंसर में है और वह इन दिनों अपने गांव आए हुए थे. हॉकी झारखंड के उपाध्यक्ष और सिमडेगा हॉकी के अध्य्क्ष मनोज कोनबेगी ने बताया कि वे गांव में अपने खेत गए हुए थे जहां वह बेहोश हो गए थे. 45 साल के बिमल लाकड़ा को प्राथमिक चिकित्सा के लिए कुरड़ेग ले जाया गया, जहां से उन्हें सिमडेगा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. सिमडेगा में उनका सिटी स्कैन किया गया. उनके सिर में खून का थक्का दिखाई दिया. डॉक्टरों के परामर्श से उन्हें रांची ले जाया गया है. उन्हें क्यूरेसेटा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. बता दें कि बिमल लाकड़ा राष्ट्रीय टीम में मिडफील्डर के रूप में खेलते थे. वह 2002 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे. लाकड़ा के छोटे भाई बीरेंद्र लाकड़ा सीनियर और छोटी बहन असुंता लाकड़ा ने भी फील्ड हॉकी में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. खेत में गिर गये थे विमल लकड़ा इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार विमल लकड़ा बीते कुछ दिनों से सिमडेगा स्थित अपने पैतृक गांव में ही थे. जहां खेत में वे अचानक गिरकर बेहोश हो गये. सिमडेगा सदर अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें रांची रेफर कर दिया. जानकारी के अनुसार उनके सिर में खून के थक्के जम गये हैं. फिलहाल रांची के क्यूरेस्टा अस्पताल के आईसीयू में उनका इलाज चल रहा है. खेल जगत में चिंता का माहौल मालूम हो 45 वर्षीय विमल लकड़ा अपने हॉकी के करियर में कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. उनके स्वास्थ्य की खबर सुनते ही हॉकी जगत, खेल प्रेमियों और उनके प्रशंसकों के बीच चिंता का माहौल बन गया है. हर कोई उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं.  

IND vs ENG: Playing XI में उलटफेर तय? एजबेस्टन टेस्ट में ये हो सकते हैं नए चेहरे

नई दिल्ली भारत को चयन के मामले में पारंपरिक सोच से अलग हटकर इंग्लैंड के खिलाफ बुधवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच में फैसला लेना चाहिए। बल्लेबाजों की मददगार पिच पर ऐसे गेंदबाजों को चुनना होगा जो पूरे 20 विकेट ले सकें। हेडिंग्ले में पहले टेस्ट के आखिरी दिन इंग्लैंड ने जब 371 रन का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया तब भारतीय टीम प्रबंधन ने खुद स्वीकार किया था कि कुलदीप यादव की कमी टीम को खली। सहायक कोच रियान टेन डोइशे ने कहा कि भारत टीम संयोजन तलाशने की कोशिश में है जिससे बल्लेबाजी की गहराई पर असर नहीं पड़े और ऐसे गेंदबाज भी हों जो 20 विकेट ले सकें। डोइशे ने कहा, रणनीति की बात करें तो हम हर गेंदबाज को व्यक्तिगत तौर पर देख रहे हैं कि वे विकेट ले सकते हैं या नहीं। हम संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं और सर्वश्रेष्ठ टीम संयोजन लेकर उतरना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘टीम को पूरे 20 विकेट की जरूरत है । इंग्लैंड टीम भी इसी प्रयास में होगी और हमें उसका भी ध्यान रखना है । हम इस पर लगातार बात कर रहे हैं और हल निकालने की कोशिश में हैं।’’ बर्मिंघम में मौसम गर्म है और पिच पर ऊपर घास है लेकिन नीचे से यह सूखी है। इसी मैदान पर तीन साल पहले इंग्लैंड ने 378 रन का लक्ष्य हासिल करके श्रृंखला ड्रॉ कराई थी। पिछले कुछ साल में काउंटी क्रिकेट में इस मैदान पर काफी रन बने हैं। इस मैदान पर स्पिनरों की भूमिका अहम होगी और भारत को तय करना है कि वे रविंद्र जडेजा की मदद करने वाले वॉशिंगटन सुंदर को उतारेगा या विकेट लेने में माहिर कुलदीप को जगह मिलेगी। यह तो तय है कि भारत दो स्पिनरों के साथ उतरेगा। पहले टेस्ट में शार्दुल ठाकुर तेज गेंदबाज हरफनमौला थे लेकिन संभव है कि बल्लेबाजी हरफनमौला नीतिश कुमार रेड्डी को दूसरे टेस्ट में जगह मिले। ठाकुर ने पहले टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं किया लेकिन एक टेस्ट के बाद बाहर करना भी ज्यादती होगी। जसप्रीत बुमराह की उपलब्धता पर भी संदेह है। अगर वह दूसरा टेस्ट नहीं खेलते हैं तो तेज गेंदबाजी का जिम्मा मोहम्मद सिराज, आकाश दीप और प्रसिद्ध कृष्णा संभालेंगे। बुमराह के नहीं खेलने पर इस तिकड़ी को अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी होगी। हेडिंग्ले में पांचवें दिन टर्निंग पिच पर कोई कमाल नहीं कर सके जडेजा अपनी उपयोगिता साबित करने को बेताब होंगे। पहले टेस्ट में भारत की कैचिंग काफी खराब रही और यशस्वी जायसवाल को स्लिप से हटाना पड़ गया। पहले टेस्ट की दोनों पारियों में भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने कोई योगदान नहीं दिया जिसमें सुधार करना होगा। पहले मैच में शतक लगाने वाले केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत और कप्तान शुभमन गिल इस लय को कायम रखना चाहेंगे। साइ सुदर्शन और करूण नायर को खराब शुरूआत के बावजूद फिर मौका मिल सकता है। दूसरी ओर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने परिवार में इमरजेंसी के कारण मैच से नाम वापिस ले लिया है लेकिन क्रिस वोक्स की अगुवाई में गेंदबाजी आक्रमण आत्मविश्वास से भरा है। उन्होंने दो बार भारत के पूरे दस विकेट लिये थे। टीमें : इंग्लैंड : जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रुक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जेमी स्मिथ (विकेट कीपर), क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोश टंग और शोएब बशीर। भारत: शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (उपकप्तान और विकेटकीपर), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, करुण नायर, नितीश रेड्डी, रवींद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव, हर्षित राणा। समय: मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 3:30 पर शुरू होगा।  

अनूपपुर के ओमकार सिंह ने सीआईएसएम विश्व सैन्य शूटिंग चैम्पियनशिप 2025 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता

अनूपपुर भारतीय सैन्य खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, भारतीय नौसेना के मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर (एमसीपीओ) ओमकार सिंह ने 55वीं सीआईएसएम विश्व सैन्य शूटिंग चैंपियनशिप 2025 में कांस्य पदक जीता है। यह चैंपियनशिप 23 से 29 जून तक नॉर्वे के एल्वरुम में टर्निंगमोएन शूटिंग रेंज में हुई, जिसमें 38 देशों के शीर्ष निशानेबाजों का उल्लेखनीय जमावड़ा लगा। 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल स्पर्धा में सिंह का प्रभावशाली प्रदर्शन एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि यह इस प्रतिष्ठित सैन्य शूटिंग प्रतियोगिता में भारत का पहला पदक है। उनका पोडियम फिनिश न केवल व्यक्तिगत उत्कृष्टता को उजागर करता है, बल्कि वैश्विक खेल परिदृश्य पर भारतीय सैन्य एथलीटों की बढ़ती प्रमुखता को भी रेखांकित करता है। 8 अगस्त 1984 को मध्य प्रदेश में जन्मे सिंह ने पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करके अपनी ख्याति अर्जित की है। उनकी यह उपलब्धि भारतीय नौसेना की अनुशासित प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों के माध्यम से एथलेटिक प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिससे एथलीट अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चमकने में सक्षम होते हैं। चैंपियनशिप में भारतीय टीम में सशस्त्र बलों के छह निशानेबाज शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक ने सराहनीय प्रदर्शन किया। हालांकि, सिंह का प्रदर्शन शानदार रहा, जिसका समापन राष्ट्रीय गौरव के क्षण में हुआ, जब पदक समारोह के दौरान भारतीय ध्वज को औपचारिक रूप से फहराया गया। कॉन्सिल इंटरनेशनल डु स्पोर्ट मिलिटेयर (CISM) द्वारा आयोजित इस चैंपियनशिप को दुनिया भर में सैन्य एथलीटों के लिए सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में से एक माना जाता है। विशेषज्ञ इस तरह की प्रतियोगिताओं में भारत की हालिया सफलताओं का श्रेय सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा प्रदान की गई कठोर शारीरिक और मानसिक कंडीशनिंग को देते हैं। जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स साइंसेज में प्रकाशित शोध से संकेत मिलता है कि व्यवस्थित प्रशिक्षण सटीकता और लचीलेपन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है – प्रतिस्पर्धी शूटिंग में सफलता के लिए महत्वपूर्ण गुण।

RERA :बीते 7 वर्षों में 136 प्रकरणों पर स्वतः संज्ञान लेकर की गई कार्यवाही

रायपुर, छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण ने राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा कदम उठाया है। प्राधिकरण ने ऐसे 106 प्रोजेक्ट्स की पहचान की है जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से स्वीकृत होने के बावजूद अब तक रेरा अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं हुए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन प्रोजेक्ट्स का निर्माण अथवा विक्रय कार्य बिना वैधानिक रेरा पंजीकरण के किया जा रहा था, जो कि न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए भी अत्यंत नुकसानदेह है। प्राधिकरण ने इन सभी प्रोजेक्ट्स के प्रमोटरों को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि रेरा अधिनियम, 2016 का पालन सुनिश्चित करना प्रत्येक प्रमोटर की जिम्मेदारी है। प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि पिछले सात वर्षों में 136 प्रोजेक्ट्स के विरुद्ध स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की गई है, जिनमें प्रमोटरों द्वारा बिना पंजीकरण कार्य संचालित किया गया था। रेरा अधिनियम के अनुसार, बिना पंजीकरण प्रोजेक्ट संचालित करने पर पंजीकरण शुल्क का 400 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क और परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है। रेरा अधिनियम की यही विशेषता है कि वह न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित निवेश का वातावरण देता है, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और समयबद्धता भी सुनिश्चित करता है। सीजी रेरा ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की संपत्ति जैसे फ्लैट, प्लॉट, विला या व्यावसायिक इकाई खरीदने से पहले यह अवश्य जांच लें कि संबंधित परियोजना रेरा में पंजीकृत है या नहीं। इसके लिए  https://rera.cgstate.gov.in/ पोर्टल पर जाकर परियोजना की पंजीकरण स्थिति की जांच की जा सकती है। वहीं, प्रमोटरों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी परियोजनाओं को विधिवत रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि किसी प्रकार की शास्ति या कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके। प्राधिकरण का उद्देश्य स्पष्ट है कि वह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना चाहता है और अनियमित एवं अराजक प्रोजेक्ट्स पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना चाहता है। घर खरीदने से पहले रेरा पंजीयन की पुष्टि अवश्य करें, इसी संदेश के साथ सीजी रेरा ने जिम्मेदार नागरिकों और ईमानदार डेवलपर्स से सहयोग की अपील की है।

शासकीय सेवा में नियुक्ति का सपना साकार होने की संतुष्टि और उल्लास चयनित अभ्यर्थियों के चेहरों पर साफ झलक रहा

भोपाल ऊर्जा विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) में विभिन्न पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के भौतिक परीक्षण की प्रक्रिया आज से प्रारंभ हो गई। शासकीय सेवा में नियुक्ति का सपना साकार होने की संतुष्टि और उल्लास चयनित अभ्यर्थियों के चेहरों पर साफ झलक रहा था। पहले दिन कुल 22 अभ्यर्थियों ने आत्मविश्वास और प्रसन्नता के साथ दस्तावेज परीक्षण में भाग लिया। दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थी नियत समय पर आवश्यक प्रमाणपत्रों के साथ उपस्थित हुए और निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए परीक्षण संपन्न कराया। दस्तावेज परीक्षण की यह प्रक्रिया आगामी 3 जुलाई तक प्रतिदिन जारी रहेगी, जिसके अंतर्गत विभिन्न पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि दस्तावेज परीक्षण के पहले दिन कनिष्ठ अभियंता (पारेषण-प्रशिक्षु) एवं सिविल लाइन परिचारक (प्रशिक्षु) पदों के लिए चयनित 22 अभ्यर्थियों ने अपने दस्तावेजों का परीक्षण कराया। उन्होंने बताया कि दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात शीघ्र ही नियुक्ति आदेश जारी कर दिए जाएंगे, जिससे चयनित अभ्यर्थी समय पर विभाग की सेवा में योगदान दे सकें।  

अमर शहीद श्री अब्दुल हमीद का पराक्रम भारतीय सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मां भारती के वीर सपूत अब्दुल हमीद ने युद्ध में पाकिस्तान के तोप नष्ट कर मातृ भूमि की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। भारत के सैन्य इतिहास में उनका पराक्रम और शौर्य एक स्वर्णिम अध्याय है, जिससे युवाओं को सदैव प्रेरणा मिलती रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने परमवीर चक्र सम्मानित अमर शहीद अब्दुल हमीद की जयंती पर उन्हें नमन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दिवस पर दी बधाई

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने, औद्योगिक विकास एवं व्यवसायिक गतिविधियों को अधिक सरल और सुगम बनाने में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) का अहम योगदान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देश के आर्थिक विकास सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए मंगलकामनाएं प्रेषित कीं।  

महिला प्रधानमंत्री की गुप्त बातचीत लीक, बर्खास्तगी तक पहुंचा मामला

थाईलैंड थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने कंबोडिया के एक पूर्व नेता के साथ फोन कॉल के लीक होने के मामले में जांच लंबित रहने तक प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनवात्रा को पद से निलंबित कर दिया है। न्यायाधीशों ने नैतिकता के उल्लंघन के आरोप वाली याचिका पर सर्वसम्मति से विचार किया और उन्हें पद से निलंबित करने के पक्ष में दो के मुकाबले सात मतों से मतदान किया। पेटोंगटार्न को कंबोडिया के साथ हालिया सीमा विवाद से निपटने के लिए बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 28 मई को एक सशस्त्र टकराव शामिल है जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया था। सीमा विवाद पर कूटनीतिक पहल के दौरान लीक हुए इस फोन कॉल के कारण उनके खिलाफ कई शिकायतें और सार्वजनिक विरोध सामने आए। ऑडियो कॉल में क्या था मीडिया रिपोर्ट्स के दौरान कुछ समय पहले ही एक फोन कॉल लीक हुआ था। इसमें पेटोंगटार्न कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन से बात कर रही थीं। रिकॉर्डिंग में वह थाईलैंड के बड़े सैन्य अधिकारी से बात कर रही थीं और सेन को 'अंकल' बता रही थीं। साथ ही यह आश्वासन भी दे रही थीं कि सेन कुछ चाहते हैं, तो 'वह इस बात का ध्यान रखेंगी।' हो रही थी इस्तीफे की मांग थाईलैंड की राजधानी में शनिवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी पेटोंगटार्न के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। यह प्रदर्शन फोन पर हुई बातचीत के लीक होने के बाद पैदा हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हो रहे थे। कंबोडिया के साथ 28 मई को हुए सीमा विवाद में सशस्त्र टकराव के बाद पेटोंगटार्न के प्रति असंतोष बढ़ गया है। कंबोडिया के एक सैनिक की विवादग्रस्त क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी। दरअसल शिनावात्रा की क्षेत्रीय सेना कमांडर के प्रति टिप्पणियां और सीमा पर तनाव कम करने के लिए कंबोडियाई सीनेट के अध्यक्ष हुन सेन की कथित खुशामद के प्रयासों को लेकर लोगों में रोष है। सूरत थानी प्रांत के 47 वर्षीय गाइड तचाकोर्न श्रीसुवान ने कहा कि वह लीक बातचीत के मद्देनजर शिनावात्रा के इस्तीफे की मांग करने के लिए बैंकॉक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे पास कभी भी ऐसा कमजोर प्रधानमंत्री नहीं रहा। हम किसी पर आक्रमण नहीं करना चाहते, लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि हम थाई नागरिक हैं और हम थाईलैंड की संप्रभुता की रक्षा करना चाहते हैं।' दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय विवादों का एक लंबा इतिहास है। वहीं शिनावात्रा ने अपने बचाव में कहा, 'फोन कॉल से यह स्पष्ट हो गया कि मुझे इससे कोई लाभ नहीं मिलना था और मैंने देश को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।'