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2050 करोड़ का बड़ा प्रोजेक्ट: एमपी के किसानों को मिलेगा मालामाल होने का मौका

भोपाल
मध्यप्रदेश के किसानों की किस्मत संवरनेवाली है। खासतौर पर प्रदेश के 18 जिलों के किसान जल्द ही मालामाल हो सकते हैं। ये जिले कपास उत्पादन में अग्रणी हैं। यहां के कपास किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए धार में पीएम मित्रा पार्क की स्थापना की जा रही है। 2050 करोड़ का यह प्रोजेक्ट कपास उत्पादक किसानों के लिए समृद्धि के द्वार खोल देगा। ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन में मध्यप्रदेश देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध‍ि पा चुका है। यही वजह है कि इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है। वस्त्र उद्योग में निवेश के लिए मध्यप्रदेश सबसे उपयुक्त राज्य साबित हो रहा है। ऐसे में किसानों का कपास न केवल हाथों हाथ बिकेगा बल्कि इसकी कीमत भी अच्छी मिलेगी। राज्य सरकार का दावा है कि कपास आधारित उद्योगों के विस्तार से किसानों को उनकी फसल का दोगुना मूल्य मिलेगा। पीएम मित्रा पार्क प्रोजेक्ट गांव-गांव तक आर्थिक गतिविधियों को गति देगा और स्थानीय बाजारों से लेकर निर्यात तक नई संभावनाएं पैदा करेगा।

प्रदेश के मालवा अंचल के डेढ दर्जन जिलों में सबसे ज्यादा कपास होता है। इनमें प्रमुख रूप से इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा और बुरहानपुर शामिल हैं। पिछले 3 वर्षों में यहां खासा कपास हुआ है। वर्ष 2022-23 में 8.78 लाख मीट्रिक टन, 2023-24 में 6.30 लाख मीट्र‍िक टन और 2024-25 में 5.60 लाख मीट्र‍िक टन कपास उत्पादन हुआ।‍

सीएम डॉ. मोहन यादव बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को धार के पीएम मित्रा पार्क का शिलान्यास करेंगे। इससे मध्यप्रदेश देश की काटन कैपिटल बन जाएगा। कपास उत्पादक किसानों का अंतर्राष्ट्रीय बाजार से सीधा संपर्क हो जाएगा। किसान वैश्व‍िक बाजार से जुड़ जाएंगे। इस तरह धार का पीएम मित्रा पार्क कपास उत्पादक किसानों के लिए समृद्धि के द्वार खोलेगा।

धार का पार्क 2158 एकड़ जमीन पर करीब ₹ 2050 करोड़ की लागत से विकसित किया जा रहा है। फर्स्ट फेज के अधोसंरचना विकास के लिए 773 करोड़ रुपए की लागत के टेंडर 30 जून 2025 को जारी किए गए। यह पार्क विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित है। यहां 20 MLD का कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, 10 MVA का सौर ऊर्जा संयंत्र, पानी और बिजली की पुख्ता आपूर्ति, आधुनिक सड़कें और 81 प्लग-एंड-प्ले यूनिट्स जैसी व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं।

18 जिलों की धरती कपास की फसल से लहलहाती
बता दें कि मध्यप्रदेश लंबे समय से कपास उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है। प्रदेश के करीब 18 जिलों की धरती कपास की फसल से लहलहाती है। करीब 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी बोवनी की जाती है। हर साल करीब 24 लाख टन कपास पैदा होता है।

27 हजार 109 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव
इतना ही नहीं, देश में जितना ऑर्गेनिक कॉटन पैदा होता है, उसका करीब 40 प्रतिशत अकेले मध्यप्रदेश से आता है। यही वजह है कि वस्त्र उद्योग के लिए मध्यप्रदेश सबसे उपयुक्त गंतव्य साबित हुआ है। इस प्रोजेक्ट के लिए निवेशकों का भरोसा भी साफ दिखाई देता है। अब तक कुल 27 हजार 109 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। पार्क “फार्म से फाइबर, फैक्ट्री से फैशन और विदेश” की संपूर्ण वैल्यू चेन को साकार करेगा। यहां किसानों से प्राप्त कच्चे कपास का उद्योगों में धागा बनेगा, वहीं से वस्त्र-परिधान तैयार होंगे और यही उत्पाद विदेशों तक जाएंगे। इस तरह पूरी वैल्यू चेन एक ही स्थान पर पूरी होगी।

पीएम मित्रा पार्क से करीब 3 लाख रोजगार सृजित होंगे। इसमें एक लाख प्रत्यक्ष और दो लाख अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल होंगे। वस्त्र क्षेत्र के बड़े संगठन और उद्योग समूह यहां आकर निवेश की रुचि दिखा चुके हैं। इससे न केवल प्रदेश को औद्योगिक लाभ मिलेगा, बल्कि निर्यात को भी नई दिशा मिलेगी। धार से तैयार वस्त्र और परिधान अब सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचेंगे और मध्यप्रदेश वैश्विक टेक्सटाइल हब के रूप में अपनी अलग पहचान बनाएगा।

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