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रियल एस्टेट घोटाले में फंसे बिल्डर-बैंक अफसर, CBI को सुप्रीम कोर्ट से मिली छानबीन की अनुमति

नई दिल्ली

बिल्डर-बैंक गठजोड़ के मामले में दर्ज मुकदमों की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर में 22 केस दर्ज करने जा रही है. कई बिल्डरों और बैंक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों में शिकंजा कस सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को हरी झंडी दे दी है. सीबीआई की सीलबंद रिपोर्ट मिलने के बाद कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट आंखें खोल देने वाली है.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मुकदमे दर्ज करने के बाद प्रारंभिक जांच के निर्देश दिए थे. कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि कुछ रियल एस्टेट कंपनियां बैंकों के साथ मिलीभगत कर घर खरीदारों को अपनी परियोजनाओं के लिए कर्ज दिलाती हैं. ये प्रोजेक्ट कभी पूरे नहीं होते, जिससे आम आदमी कर्ज लेकर फंस जाता है, क्योंकि बैंक और बिल्डर मिलकर धन हड़प लेते हैं. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की जांच पर संतोष जताया और आगे की जांच के लिए समय भी दिया.

और बिल्डरों के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने आदेश दिया कि अगर जांच में कोई बाधा आती है, तो सीबीआई को कभी भी अदालत आने की छूट है. घर खरीदारों को परेशान करने और उनसे धन ऐंठने के लिए बैंकों के साथ साठगांठ के मामले में सीबीआई की जांच के दायरे में और भी बिल्डर आ सकते हैं. केंद्रीय एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ 22 मामले दर्ज करने की योजना बना रही है. इसके अलावा, अन्य शहरों के बिल्डरों की जांच के लिए भी उसने और समय मांगा है.

सीबीआई की पैरवी करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि जांच को आगे बढ़ाकर निष्कर्ष तक पहुंचाने में और समय लगेगा. उन्होंने कोर्ट को सूचित किया कि सीबीआई ने अब तक 58 से अधिक संपत्तियों की जांच की है और एक हजार से ज्यादा गवाहों से पूछताछ की है. सीबीआई ने पूरे मामले की सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है. बेंच ने सीबीआई की जांच पर संतुष्टि जताते हुए जांच पूरी करने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया है.

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