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अद्भुत योग: रक्षाबंधन पर 297 साल बाद महाकालेश्वर को पहले चढ़ेगी राखी

उज्जैन  9 अगस्त शनिवार को रक्षाबंधन पर्व खास संयोग के साथ मनेगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार ऐसा योग लगभग 297 सालों बाद बना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बार पर्व का विशेष महत्व रहेगा। देशभर में सबसे पहले शनिवार तड़के 3 बजे बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। यह खास राखी हर वर्ष पुजारी परिवार की महिलाएं तैयार करती हैं। इस बार की राखी मंदिर समिति के अमर पुजारी के परिवार की महिलाएं बीते तीन दिनों से बना रही है। ऐसी मानता है कि ये महिलाएं बाबा महाकाल को अपना भाई मानकर ये राखी तैयार करती हैं। इस बार की राखी में मखमल का कपड़ा, रेशमी धागा और मोती का उपयोग कर राखी पर भगवान गणेश जी को विराजित किया है। मान्यता है की हिन्दू रीति-रिवाज से मनाए जाने वाले सभी पर्व की शुरुआत महाकाल मंदिर से होती। सुबह मंदिर में राखी अर्पित होने के बाद देश भर में राखी का पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ वर्षों से चली आ रही भव्य परंपरा के तहत भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध देसी घी, बेसन, शक्कर और ड्रायफ्रूट्स से तैयार किए जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष अनुसार त्योहारों और पर्वों पर ग्रहों के विशेष संयोग बनते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व पर 297 वर्ष बाद दुर्लभ ग्रहों का संयोग बनेगा। इस साल सूर्य कर्क राशि में, चंद्रमा मकर में, मंगल कन्या में, बुध कर्क में, गुरु और शुक्र मिथुन में, राहु कुंभ में और केतु सिंह राशि में स्थित रहेंगे। ऐसा संयोग 1728 में बना था। उस समय भी भद्रा पृथ्वी पर नहीं थी और ग्रहों की स्थिति ऐसी ही थी। इस बार भी भद्रा रहित वैसा ही योग बन रहा है। जिससे कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य ने कहा- ग्रहों की वर्तमान स्थिति 1728 में बने दुर्लभ संयोग को दोहरा रही है। रक्षाबंधन पर 8 ग्रह उन्हीं राशियों में रहेंगे, जिनमें 1728 में थे। इनमें सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में रहेंगे। ऐसे अद्भुत योग शताब्दियों में एक बार ही बनते हैं। जिससे इस बार का रक्षाबंधन और भी पुण्य फलदायी माना जा रहा है। वहीं, देशभर में सबसे पहले शनिवार तड़के 3 बजे बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। यह खास राखी हर वर्ष पुजारी परिवार की महिलाएं ही तैयार करती हैं। वे बाबा महाकाल को अपना भाई मानकर ये राखी बनाती हैं। सवा लाख लड्‌डुओं का भोग लगेगा महाकाल को अर्पित की जाने वाली राखी इस बार मंदिर समिति के अमर पुजारी के परिवार की महिलाएं बना रही हैं। वे तीन दिन से इसमें जुटी हैं। मखमल का कपड़ा, रेशमी धागा और मोती का उपयोग कर राखी पर भगवान गणेश को विराजित किया गया है। मान्यता है कि हिंदू रीति-रिवाज से मनाए जाने वाले सभी पर्वों की शुरुआत महाकाल मंदिर से ही होती है। भगवान महाकाल को राखी बांधने के बाद सवा लाख लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध देसी घी, बेसन, शक्कर और ड्रायफ्रूट्स से तैयार किए जा रहे हैं। पूरे दिन बांधी जा सकेगी राखी पंडित अमर डिब्बेवाला ने बताया कि रक्षाबंधन पर शनिवार को दोपहर 2:43 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह किसी भी काम को सफल बनाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस बार ये भी खास है कि रक्षाबंधन भद्रा काल से मुक्त रहेगा। मुहूर्त और चौघड़िए के अनुसार रक्षा सूत्र या राखी बांधी जा सकेगी। इस दृष्टि से सुबह से दोपहर 2:40 तक शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग भी इसी दिन शनिवार को श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। इस योग का समय मध्याह्न 2:40 तक रहेगा। इस दौरान पर्व काल तो मनेगा ही इसके बाद भी सायं काल में शुभ योग रहेंगे, जिनमें रक्षा सूत्र बांधा जा सकेगा। इसके अलावा कुल परंपरा के अनुसार समय के निर्धारण से रक्षा सूत्र बांधना उचित होगा।  297 वर्षों बाद का अद्भुत ग्रह संयोग ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि इस दिन सूर्य और बुध 'कर्क राशि' में होंगे, वहीं चंद्रमा 'मकर राशि' में स्थित होंगे, मंगल 'कन्या राशि' में स्थित होंगे, गुरु और शुक्र 'मिथुन राशि' में स्थित होंगे, राहु 'कुंभ राशि' में होंगे और केतु 'सिंह राशि' में स्थित होंगे। यह योग इस बात का संकेत है कि इसी प्रकार का ज्योतिषीय योग अंतिम बार 1728 में बना था। साथ ही, भाग्य की बात यह है कि उस समय भी रक्षाबंधन पर भद्राकाल का प्रभाव नहीं था, और 2025 में भी वैसी ही स्थिति दोहराई जा रही है।इसके अलावा, सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 तक 'सर्वार्थ सिद्धि योग' रहेगा, जो इस पर्व को और भी मंगलकारी बना देता है। मान्यता है कि इस विशेष योग में बहनों द्वारा राखी बांधने से भाइयों के जीवन में सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही इन राशियों की आय में वृद्धि और नौकरी में पदोन्नति के योग बन रहे हैं। वहीं देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। वहीं शुभ समाचार मिल सकता है। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं… मकर राशि  आप लोगों के लिए 6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको आकस्मिक धनलाभ के योग बनेंगे। साथ ही आपकी फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी हो जाएगी। इंवेस्टमेंट से आपको लाभ होगा। से लाभ होने के साथ ही संतान से शुभ समाचार मिल सकते हैं। वहीं इस समय नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति और इंक्रीमेंटो हो सकता है। वहीं इस दौरान साझेदारी के व्यवसाय में बड़ा मुनाफा हो सकता है। कानूनी मामलों में फैसला आपके पक्ष में आएगा और करियर में नई उपलब्धियां मिलेंगी। वहीं धन की सेविंग करने में सफल रहेंगे।  कुंभ राशि छह ग्रहों का दुर्लभ संयोग कुंभ राशि के जातकों को अनुकूल सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको मान- सम्मान की प्राप्ति होगी। साथ ही इस अवधि में आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। वहीं आप कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। साथ ही इस 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रक्षाबंधन 2025: 297 साल बाद अद्भुत संयोग, सबसे पहले महाकालेश्वर को अर्पित होगी राखी

वैदिक ज्योतिष अनुसार त्योहारों और पर्वों पर ग्रहों के विशेष संयोग बनते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व पर 297 वर्ष बाद दुर्लभ ग्रहों का संयोग बनेगा। इस साल सूर्य कर्क राशि में, चंद्रमा मकर में, मंगल कन्या में, बुध कर्क में, गुरु और शुक्र मिथुन में, राहु कुंभ में और केतु सिंह राशि में स्थित रहेंगे। ऐसा संयोग 1728 में बना था। उस समय भी भद्रा पृथ्वी पर नहीं थी और ग्रहों की स्थिति ऐसी ही थी। इस बार भी भद्रा रहित वैसा ही योग बन रहा है। जिससे कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य ने कहा- ग्रहों की वर्तमान स्थिति 1728 में बने दुर्लभ संयोग को दोहरा रही है। रक्षाबंधन पर 8 ग्रह उन्हीं राशियों में रहेंगे, जिनमें 1728 में थे। इनमें सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में रहेंगे। ऐसे अद्भुत योग शताब्दियों में एक बार ही बनते हैं। जिससे इस बार का रक्षाबंधन और भी पुण्य फलदायी माना जा रहा है। वहीं, देशभर में सबसे पहले शनिवार तड़के 3 बजे बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। यह खास राखी हर वर्ष पुजारी परिवार की महिलाएं ही तैयार करती हैं। वे बाबा महाकाल को अपना भाई मानकर ये राखी बनाती हैं। सवा लाख लड्‌डुओं का भोग लगेगा महाकाल को अर्पित की जाने वाली राखी इस बार मंदिर समिति के अमर पुजारी के परिवार की महिलाएं बना रही हैं। वे तीन दिन से इसमें जुटी हैं। मखमल का कपड़ा, रेशमी धागा और मोती का उपयोग कर राखी पर भगवान गणेश को विराजित किया गया है। मान्यता है कि हिंदू रीति-रिवाज से मनाए जाने वाले सभी पर्वों की शुरुआत महाकाल मंदिर से ही होती है। भगवान महाकाल को राखी बांधने के बाद सवा लाख लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध देसी घी, बेसन, शक्कर और ड्रायफ्रूट्स से तैयार किए जा रहे हैं। पूरे दिन बांधी जा सकेगी राखी पंडित अमर डिब्बेवाला ने बताया कि रक्षाबंधन पर शनिवार को दोपहर 2:43 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह किसी भी काम को सफल बनाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस बार ये भी खास है कि रक्षाबंधन भद्रा काल से मुक्त रहेगा। मुहूर्त और चौघड़िए के अनुसार रक्षा सूत्र या राखी बांधी जा सकेगी। इस दृष्टि से सुबह से दोपहर 2:40 तक शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग भी इसी दिन शनिवार को श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। इस योग का समय मध्याह्न 2:40 तक रहेगा। इस दौरान पर्व काल तो मनेगा ही इसके बाद भी सायं काल में शुभ योग रहेंगे, जिनमें रक्षा सूत्र बांधा जा सकेगा। इसके अलावा कुल परंपरा के अनुसार समय के निर्धारण से रक्षा सूत्र बांधना उचित होगा।  297 वर्षों बाद का अद्भुत ग्रह संयोग ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि इस दिन सूर्य और बुध 'कर्क राशि' में होंगे, वहीं चंद्रमा 'मकर राशि' में स्थित होंगे, मंगल 'कन्या राशि' में स्थित होंगे, गुरु और शुक्र 'मिथुन राशि' में स्थित होंगे, राहु 'कुंभ राशि' में होंगे और केतु 'सिंह राशि' में स्थित होंगे। यह योग इस बात का संकेत है कि इसी प्रकार का ज्योतिषीय योग अंतिम बार 1728 में बना था। साथ ही, भाग्य की बात यह है कि उस समय भी रक्षाबंधन पर भद्राकाल का प्रभाव नहीं था, और 2025 में भी वैसी ही स्थिति दोहराई जा रही है।इसके अलावा, सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 तक 'सर्वार्थ सिद्धि योग' रहेगा, जो इस पर्व को और भी मंगलकारी बना देता है। मान्यता है कि इस विशेष योग में बहनों द्वारा राखी बांधने से भाइयों के जीवन में सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही इन राशियों की आय में वृद्धि और नौकरी में पदोन्नति के योग बन रहे हैं। वहीं देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। वहीं शुभ समाचार मिल सकता है। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं… मकर राशि  आप लोगों के लिए 6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको आकस्मिक धनलाभ के योग बनेंगे। साथ ही आपकी फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी हो जाएगी। इंवेस्टमेंट से आपको लाभ होगा। से लाभ होने के साथ ही संतान से शुभ समाचार मिल सकते हैं। वहीं इस समय नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति और इंक्रीमेंटो हो सकता है। वहीं इस दौरान साझेदारी के व्यवसाय में बड़ा मुनाफा हो सकता है। कानूनी मामलों में फैसला आपके पक्ष में आएगा और करियर में नई उपलब्धियां मिलेंगी। वहीं धन की सेविंग करने में सफल रहेंगे।  कुंभ राशि छह ग्रहों का दुर्लभ संयोग कुंभ राशि के जातकों को अनुकूल सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको मान- सम्मान की प्राप्ति होगी। साथ ही इस अवधि में आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। वहीं आप कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। साथ ही इस अवधि में आपको नौकरी में नए अवसर मिल सकते हैं। वहीं विदेश यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती हैं। जॉब करने वाले लोगों को कार्यस्थल पर मान-सम्मान और तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। साथ ही इस समय आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। तुला राशि  आप लोगों के लिए 6 ग्रहो का दुर्लभ संयोग लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। इस समय आपके जिन कार्यों में रुकावट आ रही थी अब वह दूर होंगी और अब आपका काम तेजी से गति पकड़ेगा। वहीं इस दौरान आपको रुका हुआ पैसा मिलेगा। वहीं आप कोई लग्जरी आयटम खरीद सकते हैं। साथ ही इस समय बेरोजगार लोगों को नौकरी मिल सकती है। वहीं व्यापारियों को नए ऑर्डर मिल सकते हैं, जिससे अच्छा धनलाभ हो सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह समय पढ़ाई में सफलता और नए कौशल सीखने के लिए अनुकूल रहेगा। नहीं रहेगा भद्रा का साया ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन के दौरान भद्रा काल पूर्णिमा तिथि के साथ शुरू होगा, यानी 08 अगस्त 2025 को दोपहर 02:12 बजे से। यह समय रक्षाबंधन से एक दिन पहले है। भद्रा काल की समाप्ति 08 अगस्त 2025 को मध्य रात्रि … Read more

08 अगस्त शुक्रवार 2025, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

मेष राशि- आज आप यात्रा पर जा सकते हैं। आर्थिक रूप से स्थिति में सुधार होगा और सुरक्षित महसूस करेंगे। निवेश के अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। व्यावसायिक रूप से तरक्की मिल सकती है। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। वृषभ राशि- आज आपको मानसिक शांति की प्राप्ति होगी। किसी करीबी से अच्छी खबर मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। खर्च की अधिकता मन को परेशान कर सकती है। आपको कई जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी जो आपको कंपनी में महत्वपूर्ण पद दिलाएगी। अपने दिमाग पर नियंत्रण रखना सीखें, क्योंकि कई बार आप ध्यान खो सकते हैं। मिथुन राशि- आज आपके आत्मविश्वास में कमी रहेगी। मन परेशान रहेगा। सेहत का ध्यान रखें। खर्चों की अधिकता रहेगी। लाइफस्टाइल पर नजर रखें। नौकरी में प्रमोशन के साथ आय में बढ़ोतरी हो सकती है। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। कर्क राशि- आज आपको बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। लिखने-पढ़ने के लिए समय उत्तम रहने वाला है। सामाजिक मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धन की स्थिति में सुधार होगा। शैक्षिक कार्यों में सफल रहेंगे। व्यापारियों को विस्तार के अवसर मिलेंगे। सिंह राशि- आज आपका मन प्रसन्न रहेगा। शैक्षिक कार्य में सफल रहेंगे। सम्मान प्राप्त होगा। बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ेगी। आय के साधन बन सकते हैं। मित्रों का सहयोग मिलेगा। धन की स्थिति में सुधार होगा। व्यापारियों को नई डील मिलने के संकेत हैं। कन्या राशि- आपकी ऊर्जा का स्तर ऊंचा रहेगा। आज आपको अपनी माता पक्ष से धन लाभ होने की प्रबल संभावना है। सिंगल जातकों की लाइफ में किसी खास शख्स की एंट्री हो सकती है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में असीमित सफलता मिलने की संभावना है। तुला राशि- आज आपकी सेहत अच्छी रहेगी। पैसों से जुड़े मामले को लेकर आज आपका अपने जीवनसाथी से झगड़ा हो सकता है। घरेलू सुख बाधित रह सकता है। वाद-विवाद से दूरी बनाए रखें। व्यापारियों के लिए अच्छा समय रहेगा। वृश्चिक राशि- आज किसी खास व्यक्ति की लाइफ में एंट्री हो सकती है। अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल में रखें। कोर्ट-कचहरी से बचें और अपनी जुबान पर काबू रखें। मेहनत का पूरा साथ फल मिलेगा। आर्थिक रूप से दिन लाभकारी रहने वाला है। धनु राशि- आज आपको कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। कार्यस्थल पर अच्छे परिणाम को पाने के लि कड़ी मेहनत करते रहें। जीवनसाथी के साथ व स्वास्थ्य पर ध्यान दें। कार्यस्थल पर किसी प्रोजेक्ट में आपको अहम जिम्मेदारी निभानी पड़ सकती है। मकर राशि- आज का दिन आर्थिक रूप से भाग्यशाली रहने वाला है। रोमांटिक जीवन अच्छा रहेगा। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता सता सकती है। कार्यस्थल पर सीनियर्स का साथ आपको महत्वपूर्ण पहचान दिला सकता है। कुंभ राशि- आज आपकी लव लाइफ अच्छी रहने वाली है। ऑफिस में किसी कलीग की मदद की जरूरत पड़ सकती है। दोस्तों के साथ एक अच्छी शाम बिता सकते हैं। आर्थिक व व्यापारिक रूप से दिन अच्छा रहने वाला है। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा। मीन राशि- आज आपको अपने दिमाग को शांत रखने की जरूरत है। किसी परिचित से भ्रामक समाचार मिल सकता है। हालांकि आज आपको अपने उत्साह को नियंत्रण में रखने की जरूरत है। अपना काम समय पर खत्म करके जल्दी घर जाना आज आपके लिए अच्छा साबित होगा।

पैसों की तंगी दूर करेगा वरलक्ष्मी व्रत, रक्षाबंधन से एक दिन पहले ऐसे करें पूजन

वरलक्ष्मी व्रत धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने के लिए शुभ माना गया है. वरलक्ष्मी व्रत श्रावण माह के अंतिम दिन रखा जाता है. संयोग से वरलक्ष्मी व्रत के दिन शुक्रवार का संयोग बन रहा है. हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जाती है. यह दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है. कब रखा जाएगा वरलक्ष्मी व्रत? साल 2025 में वरलक्ष्मी व्रत 8 अगस्त, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा, इस दिन सावन माह की चतुदर्शी तिथि रहेगी. यानि यह व्रत को रक्षाबंधन से एक दिन पहले रखा जाएगा. मां लक्ष्मी का वरलक्ष्मी रूप वरदान प्रदान करता है जो अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करता है. वरलक्ष्मी व्रत महत्व देवी वरलक्ष्मी को देवी लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है. यह पर्व विशेष रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है. मां लक्ष्मी के इस रूप को वरदान के रूप में जाना जाता है, अर्थात देवी लक्ष्मी वह हैं जो वर प्रदान करती हैं. वर का अर्थ का वरदान, इस व्रत को रख कर मां लक्ष्मी से जीवन में अच्छे स्वास्थ्य, सुख समृद्धि का जीवन, शांति, संतान, दीर्घ वैवाहिक जीवन और सुरक्षा का वरदान मां लक्ष्मी से मांगा जाता है.इस खास व्रत को केवल महिलाएं ही नहीं करती बल्कि पुरुष भी रखते हैं. वरलक्ष्मी व्रत को करने से जीवन में धन, वैभव, सुख, संतान, समृद्धि और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. वरलक्ष्मी व्रत की पूजा निर्धारित समय पर होना जरूरी होता है. जीवन में धन-धान्य और समृद्धि के लिए इस दिन व्रत कर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें. इस दिन क्या करें?     वरलक्ष्मी व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद मां वरलक्ष्मी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करें.     पूजा के दौरान देवी वरलक्ष्मी को हल्दी के लेप में लिपटा तोरम धागा जिसमें 9 गांठ होती हैं वह जरूर बांधे.     इस दिन सुहागिन महिलाएं श्रृंगार के सामान का दान करें.  

07 अगस्त गुरुवार 2025, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

मेष राशि- भाग्यवश कुछ काम बनेंगे। कार्यों की विघ्न बाधा खत्म होगी। यात्रा का योग बनेगा। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार अच्छा रहेगा। पीली वस्तु पास रखें। वृषभ राशि- एक दिन और परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। थोड़ा बच के पार रखिए और कोई भी महत्वपूर्ण कार्य अभी रोक के रखिए। बाकी स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। हरी वस्तु पास रखें। पीली वस्तु का दान करें। मिथुन राशि- आनंददायक जीवन गुजारेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। जीवनसाथी का साथ रहेगा। प्रेम संतान का साथ होगा। व्यापार भी अच्छा रहेगा। नौकरी चाकरी की भी स्थिति अच्छी दिख रही है। पीली वस्तु का दान करें। कर्क राशि- स्वास्थ्य थोड़ा ऊपर नीचे रहेगा लेकिन बुजुर्गों का आशीर्वाद बना रहेगा। गुण, ज्ञान की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य थोड़ा सा मध्यम। बहुत ज्यादा ध्यान मत खराब करिएगा अपना। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार भी अच्छा।लाल वस्तु पास रखें। सिंह राशि- महत्वपूर्ण निर्णय अभी रोक कर रखें। भावुक बने रहेंगे। स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार अच्छा। पीली वस्तु पास रखें। कन्या राशि- गृह कलह के संकेत हैं। थोड़ा सा ध्यान देने की आवश्यकता होगी। भूमि भवन वाहन की खरीदारी की संभावना बन रही है। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम, संतान अच्छा है। व्यापार अच्छा है। शनि देव को प्रणाम करते रहें। तुला राशि- कोई नई व्यापारिक शुरुआत करना चाहते हैं तो शुभ समय है, शुरू कर दें। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम संतान का साथ है। व्यापार बहुत अच्छा है। पीली वस्तु का दान करें। वृश्चिक राशि- मुख रोग के शिकार हो सकते हैं और अगर निवेश किया तो नुकसान भी हो सकता है। बाकी स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार अच्छा है। पीली वस्तु पास रखें। धनु राशि- एक अलग तेज आप में रहेगा और जरूरत के हिसाब से वस्तुएं जीवन में होंगी। सामाजिक कद बढ़ेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम, संतान की भी स्थिति अच्छी होगी। व्यापार भी अच्छा होगा। लाल वस्तु पास रखें। मकर राशि- मन चिंतित रहेगा। अज्ञात भय सताएगा। सिर दर्द और नेत्र पीड़ा संभव है। स्वास्थ्य थोड़ा माध्यम है। प्रेम, संतान का साथ मिलेगा। व्यापार भी अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें। कुंभ राशि- आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यात्रा का योग बनेगा। बच्चे आगे बढ़ेंगे। प्रेम में नयापन रहेगा। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार बहुत अच्छा है। हरी वस्तु पास रखें। मीन राशि- व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। पिता का साथ होगा। कोर्ट कचहरी में विजय मिलेगा। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार अच्छा होगा। पीली वस्तु पास रखें।

शिंगणापुर का चमत्कारी शनि मंदिर

भारत में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्व प्रसिद्ध इस शनि मंदिर की विशेषता यह है कि यहां स्थित यहां पर शनि महाराज की कोई मूर्ति नहीं है बल्कि एक बड़ा सा काला पत्थर है जिसे शनि का विग्रह माना जाता है और वह बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है। शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए देश विदेश से लोग यहां आते हैं और शनि विग्रह की पूजा करके शनि के कुप्रभाव से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। माना जाता है कि यहां पर शनि महाराज का तैलाभिषेक करने वाले को शनि कभी कष्ट नहीं देते। शनि मराहाज के शिंगणापुर पहुंचने की कहानी बड़ी ही रोचक है। सदियों पहले शिंगणापुर में खूब वर्षा हुई। वर्षा के कारण यहां बाढ़ की स्थिति आ गई। लोगों को वर्षा प्रलय के समान लगने लग रही थी। इसी बीच एक रात शनि महाराज एक गांववासी के सपने में आए, शनि महाराज ने कहा कि मैं पानस नाले में विग्रह रूप में मौजूद हूं। मेरे विग्रह को उठाकर गांव में लाकर स्थापित करो। सुबह इस व्यक्ति ने गांव वालों को यह बात बताई। सभी लोग पानस नाले पर गए और वहां मौजूद शनि का विग्रह देखकर सभी हैरान रह गये। गांव वाले मिलकर उस विग्रह का उठाने लगे लेकिन विग्रह हिला तक नहीं, सभी हारकर वापस लौट आए। शनि महाराज फिर उस रात उसी व्यक्ति के सपने में आये और बताया कि कोई मामा भांजा मिलकर मुझे उठाएं तो ही मैं उस स्थान से उठूंगा। मुझे उस बैलगाड़ी में बैठाकर लाना जिसमें लगे बैल भी मामा-भांजा हों। अगले दिन उस व्यक्ति ने जब यह बात बताई तब एक मामा भांजे ने मिलकर विग्रह को उठाया। बैलगाड़ी पर बिठाकर शनि महाराज को गांव में लाया गया और उस स्थान पर स्थापित किया जहां वर्तमान में शनि विग्रह मौजूद है। इस विग्रह की स्थापना के बाद गांव की समृद्घि और खुशहाली बढ़ने लगी शिंगणापुर के इस चमत्कारी शनि मंदिर में स्थित शनिदेव का विग्रह लगभग पांच फीट नौ इंच ऊंचा व लगभग एक फीट छह इंच चैड़ा है। देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आकर शनिदेव के इस दुर्लभ विग्रह का दर्शन लाभ लेते हैं। यहां के मंदिर में स्त्रियों का शनि विग्रह के पास जाना वर्जित है। महिलाएं दूर से ही शनिदेव के दर्शन करती हैं। सुबह हो या शाम, सर्दी हो या गर्मी यहां स्थित शनि विग्रह के समीप जाने के लिए पुरुषों का स्नान कर पीताम्बर धोती धारण करना अत्यावश्क है। ऐसा किए बगैर पुरुष शनि विग्रह का स्पर्श नहीं पर सकते हैं। प्रत्येक शनिवार, शनि जयंती व शनैश्चरी अमावस्या आदि अवसरों पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस हेतु यहां पर स्नान और वस्त्रादि की बेहतर व्यवस्थाएं हैंखुले मैदान में एक टंकी में कई सारे नल लगे हुए हैं, जिनके जल से स्नान करके पुरुष शनिदेव के दर्शनों का लाभ ले सकते हैं। पूजनादि की सामग्री के लिए भी यहां आसपास बहुत सारी दुकानें हैं, जहां से पूजन सामग्री लेकर शनिदेव को अर्पित कर सकते हैं। मंगलकारी हैं शनिदेव: आमतौर पर शनिदेव को लेकर हमारे मन में कई भ्रामक धारणाएं हैं। जैसे कि शनिदेव बहुत अधिक कष्ट देने वाले देवता हैं वगैरह-वगैरह, लेकिन वास्तविक रूप मे ऐसा नहीं है। यदि शनि की आराधना ध्यानपूर्वक की जाए तो शनिदेव से उत्तम कोई देवता ही नहीं है। शनि की जिस पर कृपा होती है उस व्यक्ति के लिए सफलता के सारे द्वार खुल जाते हैं। शिंगणापुर की विशेषता: गौरतलब है कि कि शिंगणापुर के अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजोरी नहीं है। दरवाजों की जगह यदि लगे हैं तो केवल पर्दे। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां चोरी नहीं होती। कहा जाता है कि जो भी चोरी करता है उसे शनि महाराज उसकी सजा स्वयं दे देते हैं। गांव वालों पर शनिदेव की कृपा है व चोरी का भय ही नहीं है शायद इसीलिये दरवाजे, खिड़की, अलमारी व शिंगणापुर मे नही है। कई मुख्य स्थानो से शिंगणापुर की दूरी:- शिर्डी से शिंगणापुर की दूरी -70 किमी नासिक से शिंगणापुर की दूरी -170 किमी औरंगाबाद से शिंगणापुर की दूरी -68 किमी अहमद नगर से शिंगणापुर की दूरी -35 किमी।  

इस रक्षाबंधन पर विशेष खगोलीय योग, 1930 के बाद पहली बार 9 अगस्त को बन रहा दुर्लभ महासंयोग

ग्वालियर भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा नौ अगस्त शनिवार को मनाया जायेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पूर्णिमा को 95 वर्ष बाद दुर्लभ महासंयोग बन रहा है। यह संयोग वर्ष 1930 के समान है। नक्षत्र, पूर्णिमा संयोग, राखी बांधने का समय लगभग समान है। इन योग में लक्ष्मी नारायणजी की पूजा करने और राखी बांधने से दोगुना फल मिलेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, आठ अगस्त को दोपहर दो बजकर 12 मिनट पर सावन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी। वहीं नौ अगस्त को दोपहर एक बजकर 24 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी।   हालांकि आठ अगस्त को भद्रा दोपहर दो बजकर 12 मिनट से नौ अगस्त को देर रात एक बजकर 52 मिनट तक है। नौ अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का कोई साया नही है, क्योंकि भद्रा में कोई शुभ कार्य नही किया जाता है। रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा किसी भी मांगलिक या शुभ काम को करने से पहले भद्रा काल अवश्य देखा जाता है, जिससे उस काम में किसी भी प्रकार के अशुभ परिणाम सामने न आए। ऐसे में रक्षाबंधन में भद्रा का जरूर ध्यान रखा जाता है। इस साल बहनें बिना कोई विचार किए भाइयों को राखी बांध सकती है। पंचांग के अनुसार, इस साल भद्रा आठ अगस्त को दोपहर दो बजकर 12 मिनट से आरंभ हो रही है, जो नौ अगस्त को तड़के एक बजकर 52 मिनट तक रहेगा।। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों के कलाई में बिना किसी भद्रा के राखी बांध सकती हैं। इस दिन सुबह पांच बजकर 35 मिनट से दोपहर एक बजकर 24 मिनट तक राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त है। ब्रह्म मुहूर्त- सुबह चार बजकर 22 मिनट से पांच बजकर चार मिनट तक अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। नौ अगस्त की सुबह पांच बजकर 47 मिनट से दोपहर एक बजकर 24 मिनट बजे तक। इसमें अपराह्न काल, यानी दिन का तीसरा हिस्सा, सबसे शुभ माना गया है। रक्षा बंधन शुभ योग रक्षा बंधन के दिन सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। सौभाग्य योग का समापन 10 अगस्त को देर रात दो बजकर 15 मिनट पर होगा। इसके बाद शोभन योग का निर्माण होगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग सुबह पांच बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर दो बजकर 23 मिनट तक है। इसके साथ ही श्रवण नक्षत्र मुहूर्त दोपहर दो बजकर 23 मिनट तक है, जबकि करण, बव और बालव हैं। इन योग में राखी का त्योहार मनाया जाएगा। साल 1930 का पंचांग वैदिक पंचांग गणना के अनुसार, साल 1930 में शनिवार नौ अगस्त के दिन राखी का त्योहार मनाया गया था। इस दिन पूर्णिमा का संयोग शाम चार बजकर 27 मिनट तक था। वहीं पूर्णिमा तिथि की शुरुआत दोपहर दो बजकर सात मिनट पर शुरू हुआ था। इस प्रकार महज पांच मिनट का अतंर पूर्णिमा तिथि में है। सौभाग्य योग का संयोग 10 अगस्त को सुबह पांच बजकर 21 मिनट पर हुआ था। श्रवण नक्षत्र शाम चार बजकर 41 मिनट तक था। वहीं बव और बालव करण के संयोग थे। कुल मिलाकर कहें तो 95 साल बाद राखी का त्योहार समान दिन और समय, नक्षत्र और योग में मनाया जाएगा। 

बुधवार 06 अगस्त 2025 का पढ़ें दैनिक राशिफल

मेष राशि- वर्कप्लेस पर सीनियर्स का दबाव महसूस हो सकता है। किसी नए काम की जिम्मेदारी मिल सकती है। निवेश के नए अवसर सामने आएंगे। लव लाइफ अच्छी रहेगी। व्यक्तिगत मामलों को सुलझाने में सफल रहेंगे। आर्थिक रूप से दिन अच्छा रहने वाला है। जीवनसाथी का सानिध्य मिलेगा। वृषभ राशि- आज आपका कोई सपना पूरा हो सकता है। किसी लक्ष्य को पाने में भी सफल हो सकते हैं। व्यापारियों को आज व्यापार में घाटा हो सकता है। आज धन खर्च करने की जरूरत पड़ सकती है। बॉस का अच्छा मूड कार्यस्थल पर पूरे माहौल को खुशनुमा बना सकता है। आर्थिक रूप से उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। मिथुन राशि- आज आपको मानसिक शांति मिल सकती है। लव लाइफ में सुधार होगा। बच्चों की सेहत अच्छी रहेगी। व्यापारियों के लिए दिन अच्छा रहने वाला है। आर्थिक रूप से आप बेहतर स्थिति में आ सकते हैं। यात्रा का योग बनेगा। कर्क राशि- आज आपको किसी अपने के आर्थिक मदद करने की जरूरत पड़ सकती है। जीवनसाथी का साथ आपको अच्छा महसूस कराएगा । किसी भी दीर्घकालिक निवेश से बचें और बाहर जाकर अपने अच्छे दोस्त के साथ कुछ सुखद पल बिताने की कोशिश करें। गुण-ज्ञान की प्राप्ति होगी। अपनों का साथ मिलेगा। सिंह राशि- आज आपको ज्यादा काम करने से बचना चाहिए। आपका कठोर स्वभाव किसी अपने को ठेस पहुंचा सकता है। जल्दबाजी में धन खर्च करने से बचें। व्यापारिक स्थिति अच्छी होगी। सीनियर सहकर्मी और रिश्तेदार बड़ा सहयोग देंगे। जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है। कन्या राशि- आज आपको लंबे समय बाद किसी अटके हुए धन की वापसी हो सकती है। ऑफिस में काम में आपकी व्यस्तता के कारण जीवनसाथी के साथ संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। काम पर फोकस करें और वाहन प्रयोग में सावधानी बरतें। कारोबार में विस्तार के योग हैं। तुला राशि- आज आपका आत्मविश्वास व ऊर्जा दोनों बढ़ी हुई रहेगी। निवेश का अच्छा रिटर्न मिल सकता है। दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी। यात्रा का योग है। व्यावसायिक सफलता मिल सकती है। वृश्चिक राशि- आज आपको कई स्रोतों से धन लाभ होगा। परिवार में शुभ समाचार मिलने से खुशियों का माहौल रहेगा। कुछ लोगों के लिए नया रोमांस आपका उत्साह बढ़ाएगा। किसी महत्वपूर्ण काम में सफलता मिल सकती है। जीवनसाथी के साथ पर्याप्त समय बिताने का मौका मिलेगा। आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। धनु राशि- आपकी सेहत अच्छी रहने वाली है। धन की बचत करने के लिए आज का दिन अच्छा रहने वाला है। परिवार की समस्याओं को आपको प्राथमिकता देनी चाहिए। काम का दबाव होने के कारण मन अशांत हो सकता है। आर्थिक व व्यापारिक रूप से दिन अच्छा रहने वाला है। मकर राशि- आज आपको परिवार के किसी बड़े-बुजुर्ग की सलाह आपको आर्थिक रूप से काम आ सकती है। परिवार के किसी सदस्य के सेहत की चिंता हो सकती है। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा। किसी खास व्यक्ति से सरप्राइज मिल सकता है। व्यापारिक स्थिति अच्छी रहेगी। कुंभ राशि- आज आपको करियर से जुड़ी नई संभावनाएं सामने आ सकती है। आर्थिक रूप से दिन अच्छा रहने वाला है। किसी खास व्यक्ति के साथ मनमुटाव हो सकता है, इसलिए अपनी जुबान पर कंट्रोल रखें। आज शेयर मार्केट में निवेश करने से बचें। मीन राशि– आज आपकी सेहत पहले से अच्छी होगी। व्यापारिक स्थिति में सुधार होगा। कारोबार में सुधार के संकेत हैं। लव लाइफ आपकी शादी एक खूबसूरत मोड़ लेगी। मन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।

राखी उतारने के बाद न करें ये गलती, जानें राखी के सही विसर्जन विधि

इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त को मनाया जाएगा. अक्सर लोगों को एक कंफ्यूजन होता है कि रक्षाबंधन पर पिछले साल की पुरानी राखी का क्या करना चाहिए और पुरानी राखी उतारने के नियम क्या हैं? आइए आपको बताते हैं. अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग राखी को पूरे एक साल तक बांधे रखते हैं और फिर अगले साल रक्षाबंधन पर नई राखी बंधवाते हैं. ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर पुरानी राखी का क्या करें? आइए आपको बताते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, पिछले साल की राखी को रक्षाबंधन पर उतार देना चाहिए. आमतौर पर, रक्षाबंधन की राखी को 24 घंटे के अंदर या जन्माष्टमी के दिन उतार देनी चाहिए. रक्षाबंधन पर बांधी गई राखी को पूरे साल नहीं पहनना चाहिए. रक्षाबंधन के 24 घंटे के भीतर या जन्माष्टमी के दिन राखी उतारना शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष शुरू होने से पहले राखी को उतार देना चाहिए, क्योंकि इसे अशुद्ध माना जाता है. अगर आपने सोने या चांदी की राखी पहनी हो तो आप इसे पूरे साल पहन सकते हैं. पिछले साल की पुरानी राखी को फेंकने की बजाय आप उसे सम्मानपूर्वक विसर्जित कर सकते हैं या फिर उसे किसी अन्य काम में इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, पुरानी राखी को कहीं भी ऐसे ही नहीं फेंकना चाहिए. आप पुरानी राखी को किसी नदी, तालाब या बहते पानी में बहा सकते हैं. अगर यह संभव नहीं हो तो आप इसे किसी पेड़ के नीचे रख सकते हैं या फिर मिट्टी में दबा सकते हैं. विसर्जन करते समय आप एक सिक्का भी रख सकते हैं. राखी को इधर-उधर फेंकना अपवित्र माना जाता है. अगर राखी खंडित हो गई है, तो उसे लाल कपड़े में लपेटकर किसी सुरक्षित स्थान पर रखें और बाद में विसर्जित करें. आप पुरानी राखी को किसी पेड़ पर भी बांध सकते हैं.

मंगलवार 05 अगस्त 2025 बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत

मेष राशि- आज का दिन आपकी अपने स्वयं के भीतर की एक बड़ी समझ हासिल करने का अवसर लाएगा। यह संभावना है कि आप अपनी अंतरतम भावनाओं के अनुरूप होंगे और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपको जिस दिशा में जाने की आवश्यकता है, उसकी समझ होगी। वृषभ राशि- अपने रिश्तों पर ध्यान दें। समाधान खोजने की दिशा में काम करें। यह ग्रहण आपकी रचनात्मकता और नवीनता को भी उजागर करेगा, जिससे आपको नई परियोजनाओं या शौक का पता लगाने के अवसर मिलेंगे। अपने जुनून को पूरा करने के लिए जोखिम उठाएं। मिथुन राशि- एक कदम पीछे हटें और अपने जीवन के उन क्षेत्रों का आकलन करें जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है। यह आपके काम, रिश्तों या व्यक्तिगत विकास से संबंधित हो सकता है। कर्क राशि- दिनचर्या से मुक्त होने और जीवन में नए रास्ते तलाशने की तीव्र इच्छा महसूस कर सकते हैं। आप जोखिम उठाते सकते हैं जो आप आमतौर पर नहीं लेते या उन लक्ष्यों का पीछा करते हैं जो कभी दूर के सपने थे। खुले दिमाग रखना आवश्यक है। सिंह राशि- जीवन में कुछ अप्रत्याशित परिवर्तन और चुनौतियां आ सकती हैं। आपको अपने व्यक्तिगत संबंधों या कार्य जीवन में स्वतंत्रता और प्रामाणिकता की सख्त आवश्यकता महसूस हो सकती है। खुले दिमाग से रहना और अपने विचारों को संसाधित करने के लिए खुद को समय देना महत्वपूर्ण है। कन्या राशि- आज कन्या राशि वालों के जीवन में अप्रत्याशित परिवर्तन या अवसर आ सकते हैं। इसमें यात्रा की योजनाएं या सीखने के अनुभव शामिल हो सकते हैं। यह व्यक्तिगत विकास का एक मौका है।आज आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। निवेश कर सकते हैं। तुला राशि- आपको नए अवसरों या रचनात्मक प्रयासों की ओर खींचा जा सकता है। हालांकि, खुद को ओवरकमिट करने या सेल्फ-केयर की उपेक्षा करने से सावधान रहें। मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से संतुलन बनाए रखें। वृश्चिक राशि- परिवार के सदस्यों के बीच तनाव बढ़ सकता है। किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए संवाद करना आवश्यक है। वित्तीय अस्थिरता से बचने के लिए खर्च करने पर नियंत्रण रखें। आज के दिन धैर्य से काम करें। धनु राशि- आज आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। हालांकि, जो लोग जीवन के इन पहलुओं की उपेक्षा कर रहे हैं, उन्हें अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। धन का अधिक खर्च करने से बचें। यह समय थोड़ा धैर्य से काम लेने का है। मकर राशि- आज का दिन अतीत की कुछ अनसुलझी भावनाओं को भी सामने ला सकता। आपको इस समय का उपयोग किसी नई शुरुआत के साथ आगे बढ़ने के लिए करना चाहिए।यह समय जीवन में बड़े बदलाव ला सकता है। कुंभ राशि- व्यक्तिगत संबंधों या घरेलू जीवन में परिवर्तन हो सकते हैं। नए कार्य की शुरुआत के लिए दिन अच्छा है। उन विचारों और योजनाओं पर कार्रवाई करने की इच्छा भी बढ़ सकती है जिन्हें अतीत में बंद कर दिया गया था। मीन राशि- आप अधिक ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। ऊर्जा का सदुपयोग बड़ी चीजें हासिल करने में करें। यह लक्ष्य निर्धारित करने और समर्पण के साथ उसकी ओर काम करने का समय है। आज अप्रत्याशित अवसर भी मिल सकते हैं। इसके लिए तुरंत निर्णय लेने के कौशल की आवश्यकता हो सकती है।