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बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा का बेमेतरा दौरा

रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा का एक दिवसीय बेमेतरा प्रवास न केवल निरीक्षण और संवाद तक सीमित रहा, बल्कि यह कई बच्चों और उनके परिजनों के जीवन में उम्मीद और अधिकार का नया उजाला लेकर आया। दौरे के दौरान तीन असाध्य चर्म रोग से पीड़ित बच्चों को उनका जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ, जो अब तक सामाजिक उपेक्षा और दस्तावेज़ी अभाव के कारण शासन की योजनाओं से वंचित थे। डॉ. शर्मा को जानकारी मिली थी कि केसडबरी गांव के तीन मासूम बच्चे एक दुर्लभ चर्म रोग से पीड़ित हैं, जिसके कारण समाज में उनके साथ भेदभाव हो रहा था और आवश्यक दस्तावेज न होने के कारण वे किसी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस पर डॉ. शर्मा स्वयं गांव पहुंचीं, बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर उनकी स्थिति को समझा और तीन दिवस के भीतर उनके जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के निर्देश दिए। अधिकारियों की तत्परता से यह कार्य तय समय में पूर्ण हुआ। उन्होंने बच्चों को एम्स रायपुर में उपचार दिलाने के निर्देश दिए और बाल कल्याण समिति को निरंतर निगरानी में रखने की बात कही। साथ ही जरूरत पड़ने पर आयोग से संपर्क बनाए रखने को कहा। इसी प्रवास के दौरान एक माता द्वारा अपनी छह माह से लापता बच्ची की दर्दभरी आपबीती साझा की गई। पीड़िता की गंभीर अवस्था को देखते हुए डॉ. शर्मा ने तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज कर विशेष अनुसंधान टीम गठित करने के निर्देश दिए। पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अगले ही दिन एस.आई.टी. गठित कर बच्ची की खोज के लिए अन्य राज्य में टीम भेज दी है।

छत्तीसगढ़ी लोकगीतों पर थिरके भाजपा सांसद-विधायक, सीएम साय और प्रदेश प्रभारी नबीन ने बजाया मांदर

सरगुजा भाजपा सांसद-विधायकों के प्रशिक्षण शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश प्रभारी नितिनत नबीन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत सांसद और विधायक छत्तीसगढ़ी लोकगीतों पर जमकर थिरके. सीएम साय और नितिन हाथों में मांदर लेकर थिरकते दिखे. बता दें कि मैनपाट में भाजपा का प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ. शिविर के दूसरे दिन के सत्र के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. विधायक अनुज शर्मा के गाने पर सीएम विष्णुदेव साय, प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन समेत सभी भाजपा विधायक और सांसद जमकर थिरके.

छत्तीसगढ़ राज्य को डीएमएफ संबंधी उत्कृष्ट कार्यों के लिए भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा किया गया सम्मानित

रायपुर  भारत सरकार के खान मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF) के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। आज नई दिल्ली स्थित स्कोप कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक दिवसीय “नेशनल डीएमएफ वर्कशॉप” के दौरान केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज सचिव श्री पी. दयानंद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। खान मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना द्वारा नेशनल डीएमएफ पोर्टल में समस्त राज्यों के डीएमएफ से संबंधित डेटाबेस का संधारण किया जा रहा है। डीएमएफ के ऑडिट रिपोर्ट का राज्य डीएमएफ पोर्टल एवं नेशनल डीएमएफ पोर्टल में 90 प्रतिशत डेटाबेस पूर्णतः अपलोड किए जाने पर छत्तीसगढ़ राज्य को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रयासों को मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत किया गया और अन्य राज्यों को भी डेटा अपलोडिंग, पारदर्शिता और ज़मीनी क्रियान्वयन के अनुकरण की सलाह दी गई। उल्लखेनीय है कि नेशनल डीएमएफ  कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना एवं डीएमएफ की प्रभावशीलता को बढ़ाने और खनन क्षेत्रों में सतत एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से सचिव, संचालक एवं खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसंरचना एवं आजीविका जैसे विविध क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 16,506 करोड़ रुपये की लागत से 1,01,313 विकास कार्यों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 70,318 कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए जा चुके हैं। राज्य शासन द्वारा डीएमएफ के क्रियान्वयन में पारदर्शी और जनहितकारी दृष्टिकोण को अपनाते हुए, प्रत्येक जिले में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यों की योजना और निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। यह नीति न केवल भौतिक विकास बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण को भी लक्ष्य में रखती है। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ की ओर से सचिव, खनिज साधन विभाग श्री पी. दयानंद, संचालक श्री रजत बंसल के साथ बालोद, बलौदाबाजार-भाटापारा, कोरबा, रायगढ़ एवं दंतेवाड़ा जिलों के कलेक्टर्स एवं डीएमएफ के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

जांजगीर चांपा में कुएं में पानी के ऊपर तैरती मिली सीलबंद सरकारी दवाइयां, पशु चिकित्सा विभाग का कारनामा

जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में पशु चिकित्सा विभाग ने बीमार पशुओं के लिए मिली सरकारी दवाइयों को कुएं में डाल दिया। यहां कुएं में बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाइयां पानी के ऊपर तैरती मिली हैं। बताया जा रहा है कि शासन से मिली लाखों की दवाइयों को पशु पालकों को बांटने के बजाए कुएं में फेंक दिया गया है। माना जा रहा है कि यहां दवाई खरीदी में हुई गड़बड़ियों को छिपाने के लिए ऐसा किया गया है। हालांकि, अब मामला सामने आने पर अधिकारी जांच कराने का दावा कर रहे हैं। दरअसल, पशु पालकों की सुविधा और जानवरों के इलाज के लिए हर साल शासन करोड़ों रुपए खर्च करती है। पशुओं के लिए निशुल्क दवा वितरण की योजना भी है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य शासन से दवाइयों की सप्लाई की जाती है। इसके अलावा जिला स्तर पर भी दवाइंयों की खरीदी की जाती है। ताकि, पशु पालकों के लिए दवाइयों की कमी न हो। बताया जा रहा है कि जिले में पशु चिकित्सा विभाग से मिली सरकारी दवाइयों के अलावा जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर दवाइयों की खरीदी कर ली गई थी। इन दवाइयों का वितरण सरकारी अस्पतालों में किया जाना था। इनमें ऐसी दवाइयों की खरीदी कर ली गई, जिसका जिले में कोई उपयोग ही नहीं है। यही वजह है कि खरीदी के बाद दवाइयां कार्यालय में पड़ी रह गई और एक्सपायरी हो गई। पशु चिकित्सा विभाग के परिसर में है कुआं जिला मुख्यालय के कचहरी चौक में पशु चिकित्सा विभाग का दफ्तर है। यहां परिसर में ही कुआं है। आमतौर पर कुएं पर लोगों की नजर नहीं पड़ती। क्योंकि, अब लोग कुएं के पानी का इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे में बारिश के बाद अचानक कुएं में पानी भरा तब उसमें से विभाग द्वारा सप्लाई की जाने वाली सरकारी दवाइयों का जखीरा तैरते मिला। बारिश का पानी ऊपर आने के बाद दवाइयां भी पानी के ऊपर आ गई।   कुएं को बनाया सरकारी दवाई खपाने का अड्डा विभाग के जानकारों का कहना है कि पशु चिकित्सा विभाग में इस तरह का खेल हर साल किया जाता है। अगर, कुएं की सही तरीके से तलाशी ली जाए तो वहां लाखों रुपए कीमती दवाइंया मिलेगी और अफसरों का कारनामा उजागर हो जाएगा। विभाग के अफसर कमीशन के चक्कर में मनमाने तरीके से दवाइयों की खरीदी करते हैं। साल भर तक दवाइयां कार्यालय में पड़ी-पड़ी एक्सपायर हो जाती हैं फिर नए सिरे से खरीदी करने के लिए इसे कुएं में डाल दिया जाता है।

महानदी उफान पर, अमेठी एनीकट पुल पूरी तरह जलमग्न, आवाजाही ठप

बलौदाबाजार-भाटापारा बलौदा बाजार जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण महानदी का जलस्तर बढ़ गया है। जुलाई के पहले सप्ताह में आमतौर पर शांत रहने वाली महानदी इस बार लबालब भर चुकी है। क्षेत्र में नदी का जलस्तर सामान्य से 10 से 15 फीट तक ऊपर पहुंच गया है, जिससे अमेठी एनीकट पुल पूरी तरह जलमग्न हो गया है। अमेठी एनीकट से होकर कसडोल विकासखंड और महासमुंद जिले की ओर जाने वाले राहगीरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पुल के डूब जाने से दोनों तरफ बसे ग्रामीणों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। जानकारी के अनुसार, जलस्तर में तेजी से हुई वृद्धि के चलते एनीकट पर लगभग 3 से 4 फीट तक पानी बह रहा है। फिलहाल क्षेत्र में बाढ़ जैसी कोई गंभीर स्थिति नहीं बनी है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। संभावित खतरे को देखते हुए संबंधित इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है और लोगों से नदी के किनारे जाने से परहेज करने की अपील की गई है। प्रशासन ने जलस्तर में और वृद्धि की संभावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन टीमों को भी अलर्ट मोड में रखा है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित राहत व बचाव कार्य शुरू किया जा सके।

छत्तीसगढ़ में भांग की खेती को वैध करने की याचिका की खारिज

बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में भांग की व्यावसायिक खेती की वकालत करते हुए दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि कोई भी जनहित याचिका तब तक नहीं चलेगी जब तक कि इसमें व्यक्तिगत हित शामिल है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डीबी में हुई. याचिकाकर्ता एस. ए. काले ने जनहित याचिका दायर कर प्रतिवादी अधिकारियों को छत्तीसगढ़ के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए ‘गोल्डन प्लांट’ भांग के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों का दोहन करने सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की. याचिकाकर्ता ने व्यक्तिगत रूप से बताया कि उन्होंने 22.02.2024 को सभी संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से ज्ञापन देकर पावती ली है. लेकिन, प्रतिवादियों द्वारा अब तक एक भी सामान्य या विशिष्ट कार्रवाई नहीं की गई है, जिसमें याचिकाकर्ता को जवाब देना भी शामिल है. इसके अलावा, उक्त प्रतिनिधित्व में, उन्होंने ‘गोल्डन प्लांट’ के कई लाभों पर प्रकाश डाला है, जो कई शोधों और सरकारी रिपोर्टों द्वारा समर्थित हैं. यह दर्शाता है कि इस ‘गोल्डन प्लांट’ में छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए “नई पीढ़ी की सोने की खान” होने की क्षमता है. उन्होंने आगे तर्क दिया कि नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम, 1985 (एनडीपीएस अधिनियम) के अनुसार बागवानी और औद्योगिक उपयोगों के लिए भांग की बड़े पैमाने पर खेती भारतीय कानून द्वारा अनुमत है. कोर्ट ने तर्कों के बाद कहा कि, अच्छी तरह से स्थापित है कि कोई भी जनहित याचिका तब तक नहीं चलेगी जब तक कि इसमें व्यक्तिगत हित शामिल हो. याचिकाकर्ता ने जनहित की आड़ में इस न्यायालय से संपर्क किया है, जिसमें ऐसे निर्देश मांगे गए हैं जो राज्य की विधायी और कार्यकारी नीति के दायरे में आते हैं. न्यायालय सरकार को नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश नहीं दे सकते, खासकर मादक पदार्थों पर नियंत्रण जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में. एनडीपीएस अधिनियम के तहत भांग की खेती प्रतिबंधित है, सिवाय विशिष्ट अनुमत उद्देश्यों और वैधानिक प्रक्रिया के, भांग की खेती आम तौर पर चिकित्सा, वैज्ञानिक, औद्योगिक या बागवानी उद्देश्यों को छोड़कर और केवल सरकारी प्राधिकरण के साथ प्रतिबंधित है. याचिकाकर्ता ने न तो कोई जनहित प्रदर्शित किया है और न ही उचित कानूनी तंत्र का पालन किया है. वर्तमान याचिका एक ऐसी याचिका है जिसे न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कहा जा सकता है. संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत जनहित में अधिकार क्षेत्र का आह्वान किया जा सके वैसी याचिका नहीं है. हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर याचिकाकर्ता द्वारा जमा की गई सुरक्षा राशि जब्त करने का निर्देश दिया है.

फांसी के फंदे पर लटकी मिली 12वीं की छात्रा, जांच में जुटी पुलिस

खैरागढ़ छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ से स्कूली छात्रा के आत्महत्या का मामला सामने आया है. अमलीपारा में 12वीं कक्षा की छात्रा ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना के वक्त सिर्फ बुजुर्ग दादा-दादी मौजूद थे. घटना से परिजनों में मातम पसर गया है. इस मामले में पुलिस को कोई कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. जानकारी के मुताबिक, छात्रा मंगलवार की शाम 7 बजे किताब लेने के लिए घर से बाहर निकली थी, लौटने के बाद वह कमरे में जाकर लॉक कर लिया. इस दौरान घर पर सिर्फ बुजुर्ग दादा-दादी मौजूद थे, परिवार के अन्य सदस्य बाहर गए हुए थे. जब दादा ने उसे कमरे से बाहर आने के लिए कहा तो कोई आवाज नहीं आई. दरवाजा नहीं खोलने पर उन्होंने खिड़की से भीतर देखा तो उनकी पोती फांसी के फंदे पर लटकी हुई दिखाई दी. सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. शव को नीचे उतार लिया गया और पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. नहीं मिला सुसाइड नोट बताया जा रहा है कि मृतिका पढ़ाई में होनहार और शांत स्वभाव की थी. वह दो भाइयों की इकलौती बहन थी. वहीं पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. इस सुसाइड मामले में पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है.

तीन दिवसीय भाजपा प्रशिक्षण शिविर का अंतिम दिन, हमें वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन मिला, जो भविष्य में लाभकारी सिद्ध होगा : सीएम साय

रायपुर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मैनपाट में आयोजित तीन दिवसीय भाजपा सांसद-विधायक प्रशिक्षण शिविर का आज समापन होगा. इस शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ कई कैबिनेट मंत्री, विधायक और सांसद हिस्सा लेंगे. शिविर का उद्घाटन 7 जुलाई को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया था, जबकि समापन सत्र में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को समापन सत्र में शामिल होना था, लेकिन खराब मौसम और लौटने में संभावित देरी के कारण उनका दौरा अंतिम समय पर रद्द हो गया. आज शिविर के अंतिम दिन तीन सत्र आयोजित किया जाएगा. पहले सत्र में “हमारा विचार परिवार, पंच परिवर्तन एवं शताब्दी वर्ष की योजना” पर चर्चा में प्रांत प्रचारक अभय राम ने वक्तव्य दे रहे हैं. दूसरा सत्र “जिज्ञासा एवं समाधान” पर केंद्रित होगा, जिसमें बीएल संतोष ने जनप्रतिनिधियों के सवालों का जवाब और पार्टी की रणनीति पर मार्गदर्शन देंगे. समापन सत्र में “देश के सम्मुख चुनौतियों के समाधान में भाजपा की भूमिका” पर विचार-मंथन होगा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिविर को लेकर कहा है कि, “भाजपा में प्रशिक्षण की परंपरा रही है. समय-समय पर मंत्रियों, सांसदों और विधायकों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है. यह सतत सीखने की प्रक्रिया है, जो जनप्रतिनिधियों को बेहतर ढंग से काम करने में मदद करती है. तीन दिनों तक हमें वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन मिला, जो भविष्य में लाभकारी सिद्ध होगा.”

पुलिस को मिली बड़ी सफलता, हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद सहित 2 महिला नक्सली गिरफ्तार

नारायणपुर छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो महिला नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली पारो हप्का और सुनीता उर्फ़ संगीता मंडावी माड़ डिवीजन के कुतुल एलओएस में सक्रीय थी. मौके से हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है. लंबे समय से कुतुल एलओएस में थे एक्टिव प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. इसी कड़ी में पुलिस ने बड़ी कोहकामेटा थाना क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की. दो महिला नक्सली पारो हपका और सुनीता उर्फ़ संगीता मंडावी को गिरफ्तार किया गया. दोनों माड़ डिवीजन के कुतुल एलओएस में एक्टिव थी. वहीं लंबे वक्त से जनताना सरकार के विस्तार, युवाओं की भर्ती, माओवाद के प्रचार और पुलिस पर हमले की साजिशों में शामिल थी. कई हथियार और विस्फोटक साम्रग्री बरामद पुलिस ने नक्सलियों के पास से कई हथियार और विस्फोटक साम्रग्री बरामद किया है. इसमें 12 बोर बीजीएल लॉचर बंदूक, 2 बीजीएल बम, 1 टिफिन बम, 1 डेटोनेटर, 24 पेंसिल सेल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण

मुख्यमंत्री ने की 30 लाख रुपए के विकास कार्यों की घोषणा, सीसी रोड और मंदिर शेड निर्माण को दी मंजूरी तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुरूप आत्मीय स्वागत से मुख्यमंत्री हुए अभिभूत रायपुर छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं और भगवान बुद्ध के प्रेम, शांति एवं करुणा के संदेश को आत्मसात करते हुए राज्य सरकार विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सरगुजा जिले के मैनपाट स्थित होटल ग्राउंड परिसर में नवस्थापित भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में इस पावन अवसर पर आमंत्रण के लिए तिब्बती समुदाय के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थल हैं, जहां भगवान बुद्ध की उपासना की जाती है। सिरपुर में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ देखने को मिलती हैं, जो राज्य की समावेशी संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने दलाई लामा जी के 90वें जन्मदिवस का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन भगवान बुद्ध की करुणा, प्रेम और शांति के सिद्धांतों का सजीव प्रतीक है। आज की दुनिया के लिए उनका संदेश नई आशा और सकारात्मकता का स्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी सहित विश्व भर के नेताओं ने दलाई लामा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जो यह दर्शाता है कि भगवान बुद्ध के विचारों का वैश्विक जीवन पर कितना गहरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर स्थल है, जो पर्यटकों को रोमांचित करता है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और राज्य सरकार इसके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई है, और मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा शुरू करने वालों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तिब्बती सहकारी समिति की मांग पर मैनपाट स्थित सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तथा प्राचीन बौद्ध मंदिर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में पारंपरिक तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिससे वातावरण उल्लासमय हो गया। कार्यक्रम में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, कलेक्टर विलास भोसकर, सेटलमेंट अधिकारी सुश्री स्वांग यांग्सो, तिब्बती सहकारी समिति के अध्यक्ष तामदिंग सेरिंग, मठ प्रमुख लामा दुब्जे, लामा जिनपा सहित तिब्बती समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।