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भूख के खिलाफ बिहार ने जीती बड़ी जंग! हर महीने दो करोड़ से ज्‍यादा परिवारों को मुफ्त राशन

अब गरीबों की थाली नहीं रहेगी खाली! पारदर्शिता से समय पर पहुंचा अनाज पटना, बिहार ने भूख के खिलाफ जंग लगभग जीत ली है। इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और बिहार सरकार की पहल बड़ा सहारा बनी है।नतीजा ये है कि प्रदेश के 2.06 करोड़ से अधिक परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन मिल रहा है। दरअसल, ऐसा इसलिए संभव हो सका है कि बिहार सरकार ने इसे मिशन की तरह लिया। बताते चलें कि राशन वितरण में प्रणाली में लगातार गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही थी। जिसे सरकार ने सुधार लिया है। करोड़ों परिवारों को हर महीने अनाज अब ई-पीओएस मशीन के जरिए अनाज का वितरण किया जा रहा है। जिसका नतीजा है कि हर परिवार के प्रति सुरक्षा देने का संकल्प पूरा हो रहा है। इस योजना के तहत बिहार में हर महीने औसतन 4.25 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। PHH परिवारों (1.83 करोड़) को प्रति सदस्य 5 किलो अनाज (1 किलो गेहूं और 4 किलो चावल) मिलता है। वहीं, AAY परिवारों (22.81 लाख) को प्रति परिवार 35 किलो अनाज (7 किलो गेहूं और 28 किलो चावल) दिया जा रहा है। गरीबों के लिए यह योजना न सिर्फ राहत है बल्कि जीवन जीने की गारंटी बन गई है। ई-पीओएस मशीन से खत्म हुई धांधली बताते चलें, पहले राशन वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतें आम थीं, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। सभी जनवितरण केंद्रों पर ई-पीओएस मशीन लगाने से पूरा सिस्टम पारदर्शी हो गया है। लाभुक का नाम, पहचान, अनाज की मात्रा और वितरण की तारीख, सब कुछ रियल टाइम में रिकॉर्ड किया जाता है। इससे चोरी-छुपे गड़बड़ी की गुंजाइश ही नहीं रहती है। भूख के खिलाफ सबसे बड़ी जंग "हर घर अन्न–हर थाली में पोषण" यह सिर्फ नारा नहीं बल्कि बिहार सरकार का संकल्‍प है। गरीब परिवारों की जिंदगी में बदलाव लाने का निश्‍चय है। जिसे बिहार सरकार और नीतीश कुमार गंभीरतापूर्वक पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। अब बच्चों की थाली से खाना गायब नहीं होता और बुजुर्गों को भूखा सोने पर मजबूर नहीं होना होता है। बिहार में यह योजना भूख के खिलाफ सबसे बड़ी जंग बन चुकी है और गरीब परिवारों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।

ड्रैगन फ्रूट विकास योजना’ के तहत इस वर्ष मिलेगा 60 फीसदी का अनुदान

वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए कृषि विभाग ने मांगा है आवेदन पटना, बिहार सरकार किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 एवं 2026-27 के लिए 'ड्रैगन फ्रूट विकास योजना' की शुरुआत की है। इस योजना के पहले वर्ष अर्थात 2025-26 में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सरकार ने 60 फीसदी का अनुदान देने की घोषणा की है।       इस योजना के तहत, प्रति हेक्टेयर ड्रैगन फ्रूट की खेती की लागत 6.75 लाख है। जिसपर कुल 40 प्रतिशत अर्थात 2.70 लाख प्रति हेक्टेयर अनुदान मिलेगा। यह अनुदान दो चरणों में दिया जाएगा। 2025-26 में मिलने वाले अनुदान का 60 प्रतिशत, यानी 1.62 लाख और 2026-27 में शेष 40 प्रतिशत अनुदान, यानी 1.08 लाख रुपए दिए जाएंगे। 22 जिलों के लिए है यह योजना राज्य के 22 जिलों के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इन 22 जिलों में अररिया, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, गयाजी, जमुई, कैमूर, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, और सीवान शामिल हैं। उच्च मूल्य वाली फसल है ड्रैगन फ्रूट ड्रैगन फ्रूट एक उच्च मूल्य वाली फसल है, जो कम पानी में भी उगाई जा सकती है। बाजार में इसकी अच्छी मांग भी है। किसान एक बार इस फसल को लगाने के बाद लंबे समय तक लाभ कमा सकते हैं। इस तरह से यह योजना किसानों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ कमाने में मदद करेगी। 'ड्रैगन फ्रूट विकास योजना' बिहार के किसानों के लिए अवसर कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगी, बल्कि राज्य की कृषि विविधता को भी बढ़ावा देगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान कृषि विभाग की वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन दे सकते हैं। विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिले के जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।

नकली सर्टिफिकेट रैकेट का भंडाफोड़: बिहार पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

पटना बिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक नकली दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है। साथ ही फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट आवासीय प्रमाण पत्र और मार्कशीट बरामद किए हैं।   मिली जानकारी के अनुसार, मामला लखीसराय थाना क्षेत्र के थाना चौक के पास स्थित किंग फोटो दुकान का है। पुलिस ने लखीसराय थाना क्षेत्र से सौरभ कुमार को धरा, फिर उसकी निशानदेही पर सूर्यगड़ा थाना क्षेत्र से रोहित कुमार को भी पकड़ा। एसपी अजय कुमार ने बताया पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की। पुलिस को सूचना मिली थी उक्त दुकान में नकली दस्तावेज बनाने का काम किया जा रहा है। गिरोह के तार झारखंड से जुड़े हुए हैं। पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने खुलासा किया कि झारखंड के गोड्डा सदर अस्पताल से जारी जन्म प्रमाण पत्रों में हेरा-फेरी करते और जाली मुहर का इस्तेमाल करके नकली बर्थ सर्टिफिकेट तैयार करते थे। इसके अलावा जाली आवासीय प्रमाण पत्र और मार्कशीट भी तैयार करते थे।   210 नकली जन्म प्रमाण पत्र सहित कई जाली दस्तावेज बरामद पुलिस ने बताया कि तलाशी के दौरान 210 नकली जन्म प्रमाण पत्र, 12 आवासीय प्रमाण पत्र और 15 फर्जी मार्कशीट भी पुलिस ने बरामद किए हैं। साथ ही उनके पास से लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल फोन, फिंगर स्कैनर और आई स्कैनर जैसी इलेक्ट्रॉनिक मशीनें जब्त की गई। फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे खी कार्रवाई में जुट गई है।

मधुबनी में JDU महासचिव का दावा – NDA की आंधी में विपक्ष होगा धराशायी

मधुबनी।  जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा सोमवार को मधुबनी के लौकहा पहुंचे, जहां उन्होंने एनडीए गठबंधन द्वारा आयोजित विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यकर्ताओं के जोश और उत्साह के बीच मनीष वर्मा ने एनडीए की एकजुटता को प्रदेश की ताक़त बताया और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। “NDA की मुट्ठी का प्रहार, विपक्ष चित” मनीष वर्मा ने कहा कि एनडीए के पांचों दल एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरे हैं। “जब पांचों उंगलियां मिलती हैं तो मुट्ठी बनती है और उसका प्रहार विपक्ष को चित कर देता है।” उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में एनडीए की आंधी चल रही है। मैथिली भाषा और नीतीश, अटल की ऐतिहासिक पहल लौकही की ऐतिहासिक धरती का ज़िक्र करते हुए उन्होंने याद दिलाया कि इसी जगह से नीतीश कुमार ने जनता की मांग पर अटल बिहारी वाजपेयी से मैथिली को संवैधानिक भाषा का दर्जा देने की गुहार लगाई थी। “नीतीश जी की पहल और अटल जी के फैसले से 2003 में मैथिली को संविधान की मान्यता मिली थी।” “राजद की पति-पत्नी सरकार ने बिहार को बदनाम किया” राजद पर हमला बोलते हुए मनीष वर्मा ने कहा कि लालू-राबड़ी की सरकार ने बिहार को बदनाम किया था। वहीं नीतीश कुमार ने सत्ता संभालते ही अपराधियों को जेल भेजा और शांति कायम की। “विकास की नींव शांति है और नीतीश जी ने बिहार में वही स्थापित किया।” शिक्षा और विकास पर ज़ोर उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति की है। आज हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खुल चुका है और “बच्चे महज 10 रुपए शुल्क में इंजीनियरिंग पढ़ रहे हैं।” शिक्षा विभाग का बजट बढ़कर 77 हज़ार करोड़ रुपए पहुंच गया है। सड़क, बिजली और शिक्षा के बाद अब अगले पांच साल में बिहार औद्योगिक विकास की नई ऊँचाई पर पहुंचेगा। तेजस्वी और PK पर करारा हमला तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए वर्मा ने कहा – “एक तरफ नीतीश जी हैं जो दिन-रात बिहार के विकास के लिए काम कर रहे हैं, और दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनके माता-पिता ने बिहार को गड्ढे में डाल दिया था।”  प्रशांत किशोर को उन्होंने ‘कनफुकवा’ बताते हुए कहा – “गांधी का पोस्टर लगाकर ज्ञानी बनने वाले, बताओ कितना पैसा लिया है शराब कंपनियों से? क्या उसी पैसे से जन सुराज कैंपेन चला रहे हो? भाड़े के लोग लाकर लोकतंत्र का हरण करना चाहते हो? इस कार्यक्रम में मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा, नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, सांसद लवली आनंद, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, पूर्व राज्यसभा सांसद कहकशां परवीन समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।

झारखंड में भारी बारिश की चेतावनी, प्रभावित जिलों के लोगों को सतर्क रहने की अपील

रांची रांची मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, बोकारो, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद और गिरिडीह जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया। रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी बाबूराज पी.पी. ने कहा, ‘‘सोमवार 15 जिलों के लिए और मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 12 जिलों के लिए भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है। भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिन से राज्य के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं, कई घरों और पुलों को नुकसान पहुंचा है, तथा कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि खेतों में फसलों और पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है। राज्य की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर राज्य के विभिन्न हिस्सों में सुवर्णरेखा, खरकई, बराकर और दामोदर सहित प्रमुख नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सोमवार को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों के पास, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जिसके कारण बारिश का सिलसिला 29 अगस्त तक जारी रह सकता है।'' अधिकारी ने बताया कि झारखंड में एक जून से 23 अगस्त के बीच 927.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 738.3 मिलीमीटर की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है।

विधानसभा चुनाव को लेकर डॉ. इरफान अंसारी का बयान—”बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है

रांची झारखंड के स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है इसलिए उनका दावा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ता में परिवर्तन निश्चित रूप से होकर रहेगा। डॉ. अंसारी ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि उन्हें गांधी की इस यात्रा के दौरान काफी समय उनके साथ बिताने और नजदीक से जानने का मौका मिला। उनकी मेहनत, संघर्ष और समर्पण अद्वितीय है। वह दिन- रात जनता की सेवा में जुटे रहते हैं और हर समस्या को नजदीक से समझने और उसका समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं। उनके चेहरे पर शिकन नहीं बल्कि एक जज्बा दिखायी देता है, जिससे यह संदेश मिलता है कि असली संतोष लोगों की सेवा में ही है। डॉ. अंसारी ने कहा कि गांधी के जज्बे, जुनून और संघर्ष के कारण लोग उन पर पूरा विश्वास कर रहे हैं और उन्हें अपार जन समर्थन मिल रहा है। डॉ अंसारी ने कहा कि ऐसे नेता किसी समाज के लिए वरदान होते हैं जो न सिर्फ जनता के दर्द को समझते हैं बल्कि उसके समाधान के लिए पूरी ताकत झोंक देते हैं। गांधी का यह समर्पण और निष्ठा आने वाले समय में लोगों के दिलों पर अमित छाप छोड़ेगा।  

बिहार में पुलों की क्रांति: गंगा, सोन, गंडक और कोसी पर तेज़ी से हो रहा निर्माण

बिहार बन रहा पुलों का प्रदेश, गंगा-सोन-गंडक-कोसी पर पुलों का हो रहा तेजी से निर्माण बिहार में पुलों की क्रांति: गंगा, सोन, गंडक और कोसी पर तेज़ी से हो रहा निर्माण बदलती तस्वीर: बिहार बन रहा पुलों का प्रदेश, नदियों पर जुड़ रहे नए सफर पटना बिहार अब पुलों का प्रदेश बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2005 में सत्ता संभालने के बाद से पुल निर्माण में ऐतिहासिक तेजी आई है। पिछले दो दशकों में गंगा, सोन, गंडक और कोसी नदियों पर 15 बड़े पुल बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 21 पुलों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। हाल ही में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा नदी पर बने 6 लेन वाले औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन किया। यह पुल देश का सबसे चौड़ा पुल है, जिसकी लंबाई 8.15 किलोमीटर है। इसके चालू हो जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क और मजबूत हुआ है। राज्य के अधिकांश जिलों में नदियों के जाल के कारण आवागमन लंबे समय से चुनौती रहा है। तीन घंटे में पटना पहुंचने के मुख्यमंत्री के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नदियों पर मजबूत पुलों का निर्माण जरूरी है।  गंगा नदी पर पुलों का विस्तार गंगा नदी पर फिलहाल 8 पुल चालू हैं। नौ पुलों का निर्माण चल रहा है, जबकि तीन और नए पुलों की योजना पर काम शुरू हो गया है। इनमें औंटा-सिमरिया पुल राज्य की जीवनरेखा बनकर उभरा है। सोन नदी पर सातवां पुल सोन नदी पर अब तक पांच पुल बन चुके हैं। एक का निर्माण जारी है और दो और पुलों की मंजूरी मिल चुकी है। नया सातवां पुल कोइलवर से 10 किलोमीटर दूर बिंदौल और कोशीहान के बीच बनेगा। वहीं, छठा पंडुका घाट पुल डेहरी ऑन सोन से अकबरपुर-सदुनाथपुर मार्ग को जोड़ेगा। इससे न केवल बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश के लोगों को भी सीधा फायदा मिलेगा। गंडक और कोसी पर लंबी छलांग गंडक नदी पर सात पुल तैयार हैं। तीन और निर्माणाधीन हैं तथा चार नए प्रस्तावित हैं। दूसरी ओर कोसी नदी पर अब तक 4 पुल बन चुके हैं और 3 पुल निर्माणाधीन हैं । खासकर मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल के बकौर तक बनने वाला पुल पूरे देश का सबसे लंबा पुल होगा। 10.02 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत लगभग 1200 करोड़ की लागत से हो रहा है। इसके चालू होते ही मधुबनी और सुपौल की दूरी 30 किलोमीटर घट जाएगी और यातायात में क्रांतिकारी सुधार आएगा। बिहार में पुलों का यह विस्तार न सिर्फ परिवहन व्यवस्था को सुगम बना रहा है, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति की नई राह खोल रहा है। आने वाले वर्षों में जब ये सभी पुल तैयार हो जाएंगे, तब तीन घंटे में पटना का सपना हकीकत बन जाएगा।

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना: पांच साल में 2317 बच्चों की धड़कनें फिर से हुईं मजबूत

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना से पांच साल में 2317 बच्चों को मिला नया जीवन मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना: पांच साल में 2317 बच्चों की धड़कनें फिर से हुईं मजबूत पांच साल की सफलता: सीएम बाल हृदय योजना से हजारों बच्चों को जीवनदान पटना बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी बनकर उभरी है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर उनका निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 से अब तक कुल 2317 बच्चों के हृदय का सफल इलाज किया जा चुका है। इनमें सबसे अधिक 1565 बच्चों का निःशुल्क इलाज अहमदाबाद के प्रशांति मेडिकल सर्विसेज और रिसर्च संस्थान (श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल) में हुआ है। वहीं, पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) में 402, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में 149 और जयप्रभा मेदांता अस्पताल में 201 बच्चों के हृदय रोग का इलाज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 338, 2022-23 में 410, 2023-24 में 556, 2024-25 में 764 और 2025-26 में अब तक 249 बच्चों का सफल इलाज हो चुका है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विशेष सहायता मिली है। योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का लाभ उठाने के लिए बच्चे का आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट साइज फोटो और माता-पिता का बिहार का निवासी होना अनिवार्य है।

बिहार में विकास की रफ्तार तेज, पटना को मिली 1024 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं

पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना जिला अंतर्गत प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं से संबंधित पटना शहरी (मध्य क्षेत्र) के लिए 1024.77 करोड़ रुपए लागत की विभिन्न योजनाओं का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास / कार्यारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि प्रगति यात्रा के दौरान पटना जिले के लिए की गई घोषणाओं से संबंधित पटना शहरी (मध्य क्षेत्र) के अंतर्गत योजनाओं का शिलान्यास / कार्यारंभ किया जा रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से पटना शहरी (मध्य क्षेत्र) में आमलोगों को काफी फायदा होगा तथा बेहतर जनसुविधाएं मिलेगी। मुख्यमंत्री ने पटेल गोलम्बर के पास आयोजित कार्यक्रम स्थल से 196.80 करोड़ रुपए लागत की पटेल गोलंबर से ईको पार्क के पश्चिमी छोर तक तथा इको पार्क के पूर्वी छोर से अटल पथ तक सरपेंटाईन नाले पर भूमिगत नाला के साथ 4 लेन सड़क के निर्माण कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके निर्माण कार्य होने से सचिवालय, राजधानी वाटिका तथा एयरपोर्ट आने-जाने में लोगों को काफी सुविधा होगी। खुले नाले पर फोरलेन पथ के निर्माण हो जाने से आवागमन में सहूलियत के साथ-साथ पटना शहर की सुंदरता और बढ़ेगी। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने डाकबंगला चौक पर आयोजित कार्यक्रम स्थल से 328.52 करोड़ रुपये की लागत से पटना शहरी क्षेत्र में विद्युत संरचनाओं के आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के तहत बिजली के तारों को चरणबद्ध तरीके से भूमिगत करने की परियोजना का शिलापट्ट अनावरण कर कार्यारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान ऊर्जा विभाग के सचिव ने मुख्यमंत्री को पटना शहरी क्षेत्र अन्तर्गत अंडरग्राउंड (कवर्ड) बिजली के तारों के रूट प्लान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही मुख्यमंत्री के समक्ष इस योजना से संबंधित एक लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई। जुलाई माह में विद्युत खपत के दौरान शून्य विद्युत शुल्क वाले दो उपभोक्ताओं को सांकेतिक रूप से मुख्यमंत्री ने प्रमाण पत्र सौंपा। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने पटना साइंस कॉलेज स्थित न्यूटन हॉस्टल में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 30.02 करोड़ रुपये लागत की पटना शहर में अवस्थित विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्रावासों का जीर्णोद्धार, आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर कार्यारंभ किया। मुख्यमंत्री ने जेपी गंगापथ पर आयुक्त कार्यालय के निकट आयोजित कार्यक्रम स्थल से 48.96 करोड़ रुपये की लागत से पटना जिला अंतर्गत गांधी मैदान के नजदीक पटना हाट निर्माण कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया। साथ ही 52.28 करोड़ रुपये की लागत से मंदिरी नाला पर निर्माणाधीन फोरलेन सड़क को जेपी गंगा पथ से जोड़ने हेतु संपर्क पथ के निर्माण कार्य का भी शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने 387.40 करोड़ रुपये की लागत से पटना शहर अंतर्गत गंगा नदी के किनारे दीघा से गांधी मैदान के बीच जेपी गंगा पथ के दोनों तरफ लगभग 7 किमी की लंबाई में 'जेपी गंगा पथ समग्र उद्यान परियोजना (फेज- 1)' के निर्माण कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने 12.38 करोड़ रुपये की लागत की सभ्यता द्वार से कलेक्ट्रीयट घाट तक विचरण पथ (PROMENADE) के निर्माण कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया।

माओवादियों का हमला! हजारीबाग में CCL की संपत्ति को भारी नुकसान, 6 गाड़ियों को फूंका

हजारीबाग झारखंड के हजारीबाग जिले में कथित तौर पर माओवादियों से अलग हुए एक समूह ने कोयला खनन में जुटे कम से कम 6 वाहनों को आग लगा दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह घटना शनिवार रात चरही थाना क्षेत्र के अंतर्गत सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के तापिन नॉर्थ कोल माइनिंग परियोजना स्थल पर हुई। पुलिस को इस घटना में तृतीय प्रस्तुति समिति (टीपीसी) की संलिप्तता का संदेह है, क्योंकि घटनास्थल के पास इस संगठन का एक पर्चा मिला है। बिष्णुगढ़ के एसडीपीओ बी एन प्रसाद ने कहा, ‘‘नौ से दस लोगों ने तीन अर्थमूवर समेत छह वाहनों को आग के हवाले कर इस घटना को अंजाम दिया। घटनास्थल से कुछ दूरी पर टीपीसी का एक पर्चा मिला है। मामले की जांच जारी है।'' हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंजनी अंजन ने कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।