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सुरक्षा पहले! कलेक्टर टीना डाबी ने आमजन से की अपील, पानी भरे इलाकों में जाने से रहें दूर

बाड़मेर जिले में लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने मंगलवार को समस्त स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में एक दिन का अवकाश घोषित किया। साथ ही उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलने की अपील की। पिछले तीन-चार दिनों से जिले में रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि एहतियात के तौर पर 9 सितंबर को जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश रहेगा, जबकि संबंधित स्टाफ को विद्यालय में उपस्थित होना होगा। उल्लेखनीय है कि सोमवार को भी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर यही निर्णय लिया गया था। जिला कलेक्टर ने बताया कि बारिश के चलते नदी-नालों में पानी की आवक बढ़ गई है। आमजन से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। जिला प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और आपदा प्रबंधन के लिए समुचित इंतजाम किए गए हैं। एहतियात के तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पटवारियों, ग्राम विकास अधिकारियों और सरपंचों के सहयोग से स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे बच्चों को तालाब और पानी से भरे स्थानों पर जाने से रोकें और सतर्कता के साथ सुरक्षित रहें।

मानसून की कमी ने बढ़ाई परेशानी, राजस्थान के लोग राहत की राह देख रहे

जयपुर राजस्थान में मानसून अब कमजोर पड़ने लगा है। मौसम विभाग का कहना है कि मौजूदा सप्ताह के दौरान बारिश की गतिविधियों में तेजी से कमी आएगी। छिटपुट स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। राजस्थान के उपर बना गहरा अवदाब क्षेत्र अब अवदाब में बदलकर पश्चिमी की ओर शिफ्ट हो रहा है। इससे प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में कमी आई है। मौमस विभाग की ओर से बाड़मेर और जैसलमेर को छोड़कर प्रदेश के किसी भी जिले में बारिश की चेतावनी नहीं दी गई है। इसके साथ ही अगले 4 दिनों के पूर्वानुमान में भी बारिश की चेतावनी नहीं है। अगस्त-सितंबर में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से भारी नुकसान उठाना पड़ा। सरकार ने विधानसभा में आंकड़े पेश किए कि प्रदेश में वर्षा जनित हादसों में 193 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गईं। खास तौर पर दौसा, सवाई माधोपुर, धौलपुर, अजमेर, सिरोही, जालौर, भरतपुर सहित करीब 20 जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि अतिवृष्टि के कारण अधिकांश क्षेत्रों में फसल 75% से लेकर 90% तक खराब हो चुकी है| बुवाई का समय भी समाप्त हो चुका है|    मुआवजे की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा किसानों को मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेस लगातार विधानसभा में प्रदर्शन कर रही है। 5 सितंबर को कांग्रेस विधायक मुआवजे की मांग को लेकर ट्रैक्टर पर बैठकर विधानसभा पहुंचे थे। कांग्रेस विधायकों के हाथों में फसलें भी थीं। इस दौरान काफी हो-हंगामा भी हुआ। सोमवार को भी कांग्रेस ने मुआवजे और कानून व्यवस्था को लेकर जमकर प्रदर्शन किया था।  सीएम के निर्देश 3  दिन में मरम्मत प्रस्ताव स्वीकृत हों सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने, अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों, नहरों, एनिकट तथा भवनों के मरम्मत के प्रस्तावों को तीन दिन में स्वीकृत करने के विशेष रूप से निर्देश दिए। साथ ही, इन स्वीकृत प्रस्तावों का कार्य 23 सितंबर तक प्रारंभ करने और क्षतिग्रस्त पक्के और कच्चे मकान की रिपोर्ट 2 दिन में प्राप्त कर तत्काल स्वीकृति जारी करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों से क्षतिग्रस्त सड़कों और भवनों के प्रस्ताव शीघ्र प्रेषित भी करवाए जाएं।

किरोड़ी और गोठवाल के बीच बैठक में संघर्ष, CM की तुरंत हस्तक्षेप से टला बवाल

जयपुर  भाजपा के अंदरूनी मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ रहे हैं। राजस्थान विधानसभा में आज मंगलवार को सीएम भजनलाल की ओर से बुलाई गई विधायक दल की बैठक में सरकार के कैबिनेट मंत्री और सीएम के करीबी विधायक जितेंद्र गोठवाल में जोरदार भिडंत हो गई। मामला तू- तड़ाक तक पहुंच गया। इसके बाद सीएम को दखल देकर दोनों को शांत करवाना पड़ा। जानकारी के अनुसार सुबह 10 बजे विधानसभा परिसर में सीएम भजनलाल शर्मा ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इसमें जितेंद्र गोठवाल ने सवाई माधोपुर में पीएचईडी से जुड़े एक अफसर की शिकायत करते हुए कहा कि वह मेरा काम नहीं कर रहा है। इस पर किरोड़ी ने कहा कि तुम फालतू बकवास करते हो। इसके बाद जितेंद्र गोठवाल ने भी किरोड़ी से आक्रामक अंदाज में बोलना शुरू किया। दोनों के बीच मामला तू तड़ाक तक पहुंच गया। इसके बाद सीएम भजनलाल शर्मा को बीच में दखल देकर मामला शांत करवाना पड़ा। वसुंधरा नहीं पहुंची विधायक दल की बैठक में विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे का शामिल नहीं होना भी चर्चाओं में रहा। हालांकि वसुंधरा राजे सोमवार को विधानसभा पहुंची थीं, जहां उन्होंने हां पक्ष में बीजेपी विधायकों से मुलाकात भी की थी। इसके बाद वे स्पीकर वासुदेव देवनानी से भी मिलीं थीं। लेकिन आज सीएम भजनलाल शर्मा ने विधायक दल की बैठक बुलाई उसमें वे मौजूद नहीं थीं। सीएम आज पेश करेंगे विधेयक विधानसभा में सीएम भजनलाल शर्मा आज धर्म स्वातंत्रा विधेयक पेश करेंगे। इसे लेकर ही यह विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। बीजेपी के लिए यह विधेयक बहुत अहम है।  पिछले सत्र में भी यह विधेयक लाया गया था लेकिन सरकार अब इसमें नए प्रावधान जोड़कर फिर से लाई है। 

नई राशन दुकानों के लिए जयपुर में खुला आवेदन, 70 स्टॉल की तैयारी, नियम और शर्तें देखें

जयपुर जयपुर जिले में नवसृजित 70 उचित मूल्य की राशन दुकानों के लिए आवेदन प्रक्रिया आज सोमवार से आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है। जिला रसद अधिकारी कार्यालयों द्वारा इच्छुक आवेदकों से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इन दुकानों में से 11 दुकानें "जयपुर प्रथम" और 59 दुकानें "जयपुर द्वितीय" क्षेत्र में खोली जाएंगी। यह पहल सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है। आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है, जबकि आवेदन जमा कराने की अवधि 15 सितंबर से 10 अक्टूबर 2025 तक है। आवेदन पत्र केवल कार्यदिवसों में सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक संबंधित कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं। आवेदन पत्र जिला रसद अधिकारी कार्यालय से निर्धारित शुल्क 100 रुपये में उपलब्ध होंगे और भुगतान डिमांड ड्राफ्ट या भारतीय पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से किया जाएगा। ई-मित्र, नोटरी बुक स्टोर या किसी अन्य माध्यम से प्राप्त फॉर्म स्वीकार नहीं किए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में आवेदन करने वाले आवेदक को उसी वार्ड का निवासी होना आवश्यक है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में आवेदक को उसी ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए। शैक्षणिक योग्यता के रूप में स्नातक होना अनिवार्य है, यदि स्नातक उपलब्ध न हो तो 12वीं उत्तीर्ण आवेदकों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। आवेदक को कंप्यूटर प्रशिक्षण आर.के.सी.एल. या समकक्ष सरकारी संस्थान से तीन माह का प्रशिक्षण आवश्यक है। यदि यह प्रशिक्षण पहले नहीं किया गया है तो चयन के बाद 6 माह के भीतर इसे पूरा करना होगा और शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन के साथ पहचान या निवास प्रमाण का प्रस्तुत होना अनिवार्य है, जिसमें वोटर आईडी, आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मतदाता सूची की सत्यापित प्रति शामिल हैं। आवेदन के लिए आयु सीमा 21 से 45 वर्ष के बीच रखी गई है, जिसे उपरोक्त प्रमाण पत्रों से सिद्ध किया जाएगा। यदि कोई समूह या स्वयंसेवी संस्था आवेदन करती है तो उसके अध्यक्ष, सचिव या प्रबंधक को भी उपरोक्त सभी योग्यताओं को पूरा करना होगा।

अलवर में बम धमकी का अलर्ट, मिनी सचिवालय को उड़ाने की दी गई चेतावनी

अलवर अलवर शहर के मिनी सचिवालय को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है। यह धमकी भरा मेल इस बार तमिलनाडु से भेजा गया है। मेल में साफ लिखा गया है कि दोपहर तक मिनी सचिवालय को खाली कर दिया जाए, वरना गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। धमकी मिलते ही प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह अलर्ट हो गए और सुरक्षा व्यवस्था को तत्काल कड़ा कर दिया गया।   सचिवालय परिसर में मचा हड़कंप धमकी की सूचना मिलते ही सचिवालय परिसर में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। परिसर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की गहन जांच की जा रही है। साथ ही आसपास के इलाके को भी सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है।   बम निरोधक दस्ते और पुलिस ने संभाला मोर्चा धमकी को गंभीरता से लेते हुए बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया। पुलिस की टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं और हर कोने की बारीकी से जांच कर रही हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं बरती जाएगी।   पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां गौरतलब है कि यह तीसरी बार है जब अलवर मिनी सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इससे पहले भी दो बार इसी तरह के मेल आ चुके हैं, जिनके चलते सचिवालय को खाली कराना पड़ा था। लगातार मिल रही धमकियों ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है। साइबर सेल कर रही जांच पुलिस की साइबर सेल इस मेल की जांच में जुट गई है। मेल भेजने वाले का लोकेशन तमिलनाडु से जुड़ा पाया गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि धमकी वास्तविक है या फिर अफवाह फैलाने की साजिश। अधिकारी मान रहे हैं कि इस तरह की बार-बार की धमकियां किसी बड़ी योजना का हिस्सा भी हो सकती हैं।   दहशत में शहरवासी, प्रशासन की अपील लगातार धमकियों ने शहरवासियों में दहशत का माहौल बना दिया है। लोग सचिवालय और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करें। एडीएम सिटी बीना महावर ने बताया कि जैसे ही धमकी भरे मेल की सूचना मिली, तुरंत सुरक्षा बलों को सक्रिय किया गया और सचिवालय को खाली कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

कांग्रेस विधायकों का प्रदर्शन: वसुंधरा विधानसभा में वेल में विरोध जारी

जयपुर राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी पहुंची। वसुंधरा राजे ने जिस अंदाज में अपनी सियासी सक्रियता बढ़ाई है उसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं। राजे दोपहर को शून्य काल के दौरान विधानसभा पहुंची। हालांकि वे सदन के अंदर नहीं गईं लेकिन हां पक्ष में बीजेपी विधायकों से मिलीं। इसके बाद उन्होंने स्पीकर वासुदेव देवनानी से भी मुलाकात की। इसी दौरान राजे ने विधानसभा देखने पहुंचे स्कूल के बच्चों से भी बातचीत की। इधर कांग्रेस विधायकों का विरोध प्रदर्शन सदन के भीतर भी जारी रहा। कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था को लेकर पहले सदन के बाहर नारेबाजी की। इसके बाद सदन में प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। चौमू से कांग्रेस विधायक शिखा बराला और नीमकाथाना से सुरेश मोदी ने स्थगन प्रस्ताव पर 2 मिनट बोलते हुए सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर विफल होने के अरोप लगाए। शिखा बराला ने कहा कि अपराधाें के मामले में जयपुर ने देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ दिया है। यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं है। दिन दहाड़े चैन स्नैचिंग हो रही है।  बीजेपी विधायकों ने विरोध किया तो कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। वहीं प्रश्नकाल दौरान खाद संकट और कालाबाजारी के मुद्दे पर भी जोरदार बहस देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक सवाल करते हुए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा से पूछा कि उन्होंने फैक्ट्रियों पर छापे तो मारे, लेकिन कितने मिलावटखोरों को जेल भेजा गया? उन्होंने मुख्यमंत्री की भरतपुर बैठक का हवाला देते हुए पूछा, "सीएम ने बैठक की, लेकिन उसका क्या नतीजा निकला?" इसके जवाब में कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि दो कंपनियों के गोदाम, जो टैगिंग से भरे थे, उन्हें सील कर दिया गया है। उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा, "हमें विपक्ष का भी साथ चाहिए ताकि कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई हो सके।" मीणा ने बताया कि भरतपुर में भी चूरू की तरह ही खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। "प्रदेश में किसी भी जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। केवल डीएपी की थोड़ी बहुत कमी है। लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आगे किसी भी प्रकार की खाद की कमी ना हो।" उन्होंने कहा कि डीएपी की कमी वैश्विक कारणों, विशेषकर यूक्रेन युद्ध और जियोपॉलिटिकल परिस्थितियों की वजह से आई है। "यूरिया की प्रदेश में कोई कमी नहीं है, और हम हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करेंगे।"  

सब इंस्पेक्टर भर्ती विवाद: हाईकोर्ट ने रद्दीकरण पर लगाई रोक, अगली सुनवाई डिवीजन बेंच में

जयपुर राजस्थान में बहुप्रतीक्षित सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 की परीक्षा रद्द करने में एक बड़ा मोड़ आ गया है। सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल पीठ द्वारा भर्ती रद्द करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। अब यह मामला जस्टिस एसपी शर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के लिए तय किया गया है। अमर सिंह व अन्य चयनित सब इंस्पेक्टरों ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की है। अपील में कहा गया है कि पेपर लीक का मामला व्यापक स्तर पर नहीं हुआ था, बल्कि यह कुछ व्यक्तियों तक ही सीमित था। आरपीएससी सदस्यों द्वारा लीक पेपर भी केवल उनके बच्चों और रिश्तेदारों तक पहुंचा था। ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द करना कानून सम्मत नहीं है। अपीलकर्ताओं ने यह भी दलील दी कि भर्ती की सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उन्हें नियुक्ति दी गई है। इस प्रकार उनके अधिकार सृजित हो चुके हैं और अब उन्हें नियुक्ति से वंचित करना न्यायसंगत नहीं होगा। कई चयनित उम्मीदवारों ने इस भर्ती के लिए अन्य सरकारी नौकरियां छोड़ी थीं। ऐसे में संपूर्ण भर्ती को निरस्त करना उनके साथ गंभीर अन्याय होगा। ट्रेनी एसआई की ओर से वरिष्ठ वकील आरएन माथुर, कमलाकर शर्मा, अलंकृता शर्मा और तनवीर अहमद पैरवी करेंगे। वहीं दूसरी ओर जिन याचिकाकर्ताओं के पक्ष में सिंगल बेंच का फैसला आया था, उन्होंने हाईकोर्ट में कैविएट दायर कर रखी है। उनके वकील हरेन्द्र नील ने कहा कि हम डिवीजन बेंच में भी मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट भी यह स्पष्ट कर चुका है कि यदि सही और गलत में छंटनी संभव न हो, तो भर्ती रद्द करना ही न्यायोचित कदम है। ऐसे में डिवीजन बेंच का फैसला हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य को प्रभावित करेगा।

महिला सुरक्षा संकट: राजस्थान में आधे साल में 2966 दुष्कर्म मामले दर्ज

जयपुर राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध  के आंकड़ें चिंता बढ़ाने वाले हैं। प्रदेश में साल 2025 में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 2966 मामले थानों में दर्ज हुए हैं। इनमें 12 प्रकरणों में दुष्कर्म के बाद हत्या किया जाना भी शामिल है। विधानसभा में पूछे गए गए सवाल के जवाब में सरकार की ओर से यह आंकड़े पेश किए गए हैं। कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने विधानसभा में सरकार से सवाल पूछा है कि प्रदेश में 1 जनवरी, 2025 से 30 जून, 2025 तक महिलाओं के साथ बलात्कार, बलात्कार के बाद हत्या, दहेज हत्या, आत्महत्या का दुष्प्रेरणा एवं महिला उत्पीड़न (दहेज) के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? इनमें से कितने प्रकरणों में चालान पेश कर दिया गया है एवं कितने प्रकरणों में अब तक अनुसंधान लम्बित हैं? इसके जवाब में गृह विभाग की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में एक जनवरी से 30 जून तक दुष्कर्म के कुल 2966 प्रकरण दर्ज हुए। वहीं 12 प्रकरणों में दुष्कर्म के बाद पीड़िताओं की हत्या भी कर दी गई। पुलिस की तरफ से इनमें 1387 प्रकरणों में चालान पेश कर दिए गए हैं जबकि 1187 में एफआर लगा दी गई। इनके अलावा 392 प्रकरण अभी लंबित बताए गए हैं। इसी अवधि में दहेज हत्या के 187 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 92 में चालान पेश किए गए जबकि 31 में एफआर लगा दी गई, तथा 64 प्रकरणों में अभी जांच चल रही है। महिला उत्पीड़न के कुल 6192 प्रकरण सामने आए जिनमें 3004 में चालान पेश किए गए तथा 1863 में एफआर लगा दी गई। जयपुर- अलवर में दुष्कर्म के मामले सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामलों में राजधानी जयपुर के हालात सबसे ज्यादा खबरा है। यहां कुल 293 दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज हुई हैं। इनमें से 128 मामलों में कोर्ट में चालान पेश हुए हैं। इनमें 2 मामले दुष्कर्म के साथ हत्या के भी हैं। जयपुर के बाद दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले अलवर जिले में रिपोर्ट हुए हैं। यहां दुष्कर्म की 143 एफआआईआर दर्ज हुई है। इनमें से 50 में चालान पेश किए गए हैं तथा 74 में एफआर लगा दी गई। गंगानगर में कुल 128 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से  45 मामलों में चालान पेश किए गए। 187 महिलाओं की दहेज हत्या दहेज के मालले भी चौंकाने वाले हैं। प्रदेश में दहेज के मामलों में 187 महिलाओं की हत्या हुई है। इनमें से 92 मामलों में कोर्ट में चालान पेश किए गए हैं। इनके अलावा महिला उत्पीड़न के 6 हजार से ज्यादा प्रकरण थानों में दर्ज हुए हैं। घरेलू हिंसा के मामलों में भावनात्मक और मानसिक प्रताड़ना, मारपीट, घर से बाहर निकालने की धमकी जैसी शिकायतें शामिल हैं। पिछले पांच साल में जयपुर जिले में 18 हजार से अधिक महिलाएं मदद मांगने आईं।  

सांसद उम्मेदाराम ने खेत सिंह हत्या मामले में किया बड़ा बयान, मांग की कड़ी सजा

जोधपुर बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल आज जोधपुर प्रवास पर रहे। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि खेत सिंह की जिस तरीके से हत्या की गई, वह निंदनीय है। दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी घटना करने का दुस्साहस न करें। उन्होंने कहा कि घटना के बाद जो हालात सामने आया, वह और भी निंदनीय है। जिला प्रशासन का रवैया बेहद निराशाजनक रहा और स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह असफल साबित हुआ। उससे भी अधिक निंदनीय यह रहा कि जिस तरह भाजपा नेताओं का वहां जमावड़ा होता गया और प्रशासन तमाशबीन बनकर स्थिति बिगड़ते देखता रहा। यह प्रशासन की 100% विफलता रही। घटना को तूल देने और सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश की गई। 'प्रशासन मूकदर्शक बना रहा' बेनीवाल ने कहा कि यह क्षेत्र हमेशा से शांतिप्रिय और आपसी भाईचारे का प्रतीक रहा है, लेकिन भाजपा ने जलती आग में घी डालने का काम किया। वहां जाकर भाजपा नेताओं ने जनता को भड़काया और अलग-अलग तरीके से दिए गए भाषणों से स्थिति और बिगड़ गई। परिणामस्वरूप लोगों के घर जला दिए गए, दुकानों को तोड़ दिया गया और उनमें आग लगा दी गई, जबकि प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। उन्होंने बताया कि समय रहते उन्होंने एसपी को कॉल किया। एसपी मौके पर पहुंच गए, लेकिन कलेक्टर भी वहां पहुंचे और उनकी मौजूदगी में ही स्थिति को जानबूझकर बिगाड़ा गया। मैंने आईजी साहब से बात की, वे मौके पर गए, लेकिन तब भी हालात नहीं संभले। आखिरकार मैंने फिर आईजी साहब से फोन कर स्थिति को नियंत्रित करवाया। उनकी निगरानी में ही मामला शांत हुआ। 'इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो' सांसद बेनीवाल ने कहा कि हालात बिगड़ने के पीछे भाजपा का हाथ है। भाजपा ने भोली-भाली जनता को भड़काकर स्थिति को खराब किया। मैंने अधिकारियों से मांग की है कि सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। हत्या में शामिल लोगों के साथ-साथ जिन्होंने कानून अपने हाथ में लेकर स्थिति को बिगाड़ा, उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। 'कोई भी कानून से ऊपर नहीं है' उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र हमेशा से भाईचारे का प्रतीक रहा है और यहां की स्थिति सामान्य बनी रहनी चाहिए। लेकिन भाजपा की राजनीति शुरू से ही लोगों को भड़काकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की रही है। जब जिम्मेदार नेता ही जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करें और उन्हें भड़काएं, तो यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। कानून सबके लिए है, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और कानून हाथ में लेना बिल्कुल गलत है। भाजपा एक तरफ "डबल इंजन की सरकार" की बात करती है, वहीं कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ती हैं। सबको कानून के दायरे में रहकर चलना चाहिए। मैं हमेशा शांति का पक्षधर रहा हूं। घटना के वक्त भी देखा गया कि राजनीतिक फायदे के लिए अशांति फैलाने की कोशिश की गई। जानें क्या था डांगरी गांव यह चर्चित मामला  जैसलमेर जिले का सीमावर्ती गांव डांगरी पिछले तीन दिनों से मानो युद्धक्षेत्र बना हुआ था। 2 सितंबर की रात पर्यावरण प्रेमी और किसान खेत सिंह की बेरहमी से हत्या के बाद गांव गुस्से और आक्रोश से सुलग उठा। गांव की गलियों से लेकर खेतों तक हर जगह मातम और गुस्से का माहौल था। हालात इस कदर बिगड़े कि प्रशासन को पूरे गांव को छावनी में तब्दील करना पड़ा। आखिरकार 48 घंटे की जद्दोजहद और कई दौर की वार्ता के बाद गुरुवार देर रात समझौता हुआ और शुक्रवार सुबह खेत सिंह की अंतिम यात्रा शांति के बीच निकली।

चंबल नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी, राजस्थान के 5 जिलों में आज रेड अलर्ट जारी

जयपुर राजस्थान में मानसून एक बार फिर रौद्र रूप में नजर आ रहा है। पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान की सीमा पर बने वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम के कारण राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने शनिवार को उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि चित्तौड़गढ़, राजसमंद, झालावाड़, सिरोही और जालोर में ऑरेंज अलर्ट और कई अन्य जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। राजधानी जयपुर में शुक्रवार रात भर रुक-रुक कर तेज बारिश होती रही। शहर में कई जगह मुख्य चौराहों पर सड़क धंस गई जिससे लोगों को आवा जाही में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।भीलवाड़ा में नदी-नाले उफान पर हैं और कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। अजमेर में बोराज तालाब की पाल टूटने से शहर के कई इलाकों में पानी घुस गया। करीब 1000 घरों में पानी भर गया, जिससे लोगों को छतों पर जाकर जान बचानी पड़ी। मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है, वहीं दौसा के लालसोट में एनीकट की पक्की दीवार टूटने से जलप्रलय जैसे हालात हैं। उदयपुर में सेल्फी लेते समय एक युवक उदयसागर झील में गिर गया। मौसम विभाग के अनुसार मानसून ट्रफ फिलहाल जैसलमेर से बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है, जिससे 8 सितंबर तक उदयपुर, जोधपुर, कोटा और आसपास के जिलों में भारी से अति भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। प्रशासन ने प्रभावित जिलों में स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टियां घोषित कर दी हैं और बचाव दल अलर्ट पर हैं। जनता से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से जलमग्न इलाकों में न जाएं। 1155 व्यक्तियों का सकुशल रेस्क्यू एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें दिन-रात सक्रिय रहकर प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं। मानसून के दौरान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमों ने अब तक 1155 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया है। वर्तमान में पूरे राज्य में एसडीआरएफ की 62 टीमें, एनडीआरएफ की 7 टीमें और सिविल डिफेंस की टीमें कार्यरत हैं। साथ ही, 21,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की तैनाती की गई। वायुसेना के हेलिकॉप्टर से जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित आश्रय तक पहुंचाया भी जा रहा है। राहत शिविरों में भोजन, स्वच्छ जल और दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। फसल नुकसान के आकलन के लिए गिरदावरी प्रदेश में खरीफ 2025 में अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान के आकलन के लिए 1 अगस्त, 2025 से गिरदावरी शुरू की गई है। सरकार का कहना है कि गिरदावरी के उपरांत जिन जिलों में 33 प्रतिशत या इससे अधिक फसल खराब हुई है, वहां प्रभावित किसानों को केन्द्र सरकार के एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार कृषि आदान-अनुदान सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा क्षतिग्रस्त सार्वजनिक परिसंपत्तियों की मरम्मत हेतु एसडीआरएफ नॉर्म्स के अंतर्गत विभिन्न जिलों से मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त किए गए हैं। इन कार्यों में सड़क, पुल, विद्यालय भवन, आंगनबाड़ी केंद्र और स्वास्थ्य संस्थानों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के कार्य शामिल हैं। प्रदेश के 12 जिलों में अब तक 180.67 करोड़ रुपए के 8,867 कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें 4,183 विद्यालय भवनों के लिए 83.66 करोड़ रुपए, 930 आंगनबाड़ी भवनों के लिए 21.89 करोड़ रुपए, 165 पंचायत भवनों के लिए 3.57 करोड़ रुपए, 106 चिकित्सालय भवनों के लिए 2.08 करोड़ रुपए, 170 लघु सिंचाई योजनाओं के लिए 3.94 करोड़ रुपए, 3,128 सड़कों के लिए 64.34 करोड़ रुपए और 184 पुलियों के लिए 1.14 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।  इसी तरह, राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में सभी जिलों को बचाव उपकरणों के लिए 19.45 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। सभी संभागीय मुख्यालय वाले जिलों को 20-20 लाख रुपए तथा अन्य जिलों को 10-10 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई। साथ ही, अतिवृष्टि के दौरान जिलों की मांग के अनुसार अतिरिक्त आवंटन किए जा रहे हैं। सामान्य से 62.50 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज राज्य में दक्षिण-पश्चिमी मानसून में अब तक वास्तविक वर्षा 608.65 मिमी रही, जो सामान्य से 62.50 प्रतिशत अधिक है। इस अवधि में प्रदेश के 22 जिलों में वर्षा असामान्य श्रेणी में दर्ज की गई, जिनमें अजमेर, बूंदी, कोटा, टोंक, नागौर, सवाई माधोपुर, सीकर, धौलपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जोधपुर और करौली जैसे जिले प्रमुख रूप से शामिल हैं। जनता के लिए अपील मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे मौसम विभाग और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, बहते हुए पानी और जलाशयों के निकट न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में नियंत्रण कक्ष से तुरंत संपर्क करें। प्रशासन की टीमें सजग और तत्पर हैं।