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पूर्वांचल की आस्था से जुड़ी भीलवाड़ा की पहली 100 फीट लंबी कांवड़ यात्रा

भीलवाड़ा   भीलवाड़ा में तीन अगस्त को एक ऐतिहासिक और भव्य धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। आजाद नगर स्थित मनोकामना मंदिर से 100 फीट लंबी विशाल कांवड़ यात्रा निकाली जाएगी, जो हरणी महादेव मंदिर तक जाएगी। इस यात्रा का आयोजन बिहार नव दुर्गा सेवा समिति और पूर्वांचल जन चेतना समिति चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।   पूर्वांचल समाज की आस्था का प्रतीक बनेगी यह यात्रा समिति के सदस्यों का कहना है कि पहली बार इतनी लंबी कांवड़ यात्रा निकालकर पूर्वांचल समाज अपनी आस्था, एकता और सांस्कृतिक विरासत का परिचय देने जा रहा है। यह यात्रा भीलवाड़ा के विकास, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनेगी। समाज को मिली है विशिष्ट पहचान और सम्मान पूर्वांचल जन चेतना समिति के संस्थापक अध्यक्ष रजनीश वर्मा ने बताया कि ट्रस्ट वर्ष 2017 से समाज के उत्थान, धार्मिक आयोजनों और सांस्कृतिक चेतना के लिए लगातार कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज समाज को न केवल पहचान, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक स्वीकार्यता भी मिली है।   यात्रा की रूपरेखा तैयार, श्रद्धालुओं के लिए प्रसादी की व्यवस्था यात्रा को लेकर हाल ही में बैठक आयोजित की गई, जिसमें समन्वय और व्यवस्थाओं की रूपरेखा तय की गई। यात्रा के समापन पर हरणी महादेव मंदिर परिसर में सभी श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी भी वितरित की जाएगी। इस आयोजन को सफल बनाने में कई लोगों ने अहम भूमिका निभाई है, जिनमें जगन्नाथ झा, अरुण ठाकुर, ललित झा, कृष्ण नंद ठाकुर, प्रमोद झा, शक्तिनाथ ठाकुर, रघुनन्दन चौधरी, कन्हैया नंद झा, सुमन झा, लीलाकांत झा, अवधेश कुमार मिश्रा, आकाश झा, फूल कुमार झा, राजेश गुप्ता, त्रिपुरारी झा और रीतेश झा प्रमुख रूप से शामिल हैं।   सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सौहार्द का संदेश समिति के सदस्य आकाश झा और फूल झा ने कहा कि यह यात्रा पूर्वांचल समाज की एकता, भाईचारे और आस्था का जीवंत प्रमाण है। साथ ही यह आयोजन भीलवाड़ा की धरती पर पूर्वांचल की समृद्ध परंपराओं को जीवंत करने और सांस्कृतिक सौहार्द को सुदृढ़ करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

तेज़ बारिश का कहर: 260 बांधों में जलस्तर चरम पर, चार जिलों में चेतावनी

जयपुर राजस्थान में भारी बारिश ने कई जिलों में आफत खड़ी कर दी। लेकिन मानसून की टर्फ लाइन उत्तर की ओर शिफ्ट होने से बीते 24 घंटों के दौरान बारिश का दौर हल्का पड़ा है। हालांकि इससे उमय में तेजी आई है। शनिवार को जयपुर,कोटा, उदयपुर, जोधपुर और अजमेर संभाग में दिन भर आसमान साफ रहा। कई दिनों बाद खुलकर धूप निकली। हालांकि शनिवार को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के कुछ जिलों गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू व कोटा में हल्की बारिश दर्ज की गई। बीकानेर, हनुमानगढ़ और भरतपुर में बारिश के चलते मकान गिर गए। हादसों में तीन लोगों की मौत भी हो गई। वहीं नागौर में उफनती लूणी नदी में एक स्कॉर्पियो गाड़ी ढूब गई। प्रदेश में अब तक सामान्य से 80 प्रतिशत से अधिक वर्षा हो चुकी है। मानसून सीजन में  औतस 424 एमएम बारिश होती है वहीं एक जून से अब तक प्रदेश में 407 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है और अभी मानसून सीजन खत्म होने में करीब 2 महीने का वक्त है। प्रदेश के बांधों की स्थिति की बात करें तो छोटे और मध्यम श्रेणी के 264 बांधों पर चादर चल चुकी है। वहीं 23 बड़े बांधों में से 8 बांध पूरी तरह भर चुके हैं। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में बारिश के आंकड़े इस प्रकार रहे। बारां के छीपाबड़ौद में सबसे ज्यादा 24MM बरसात पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बरसात बारां जिले के छीपाबड़ौद में 24MM दर्ज हुई। भीलवाड़ा के कोटड़ी में 10MM, गंगानगर के लालगढ़ में 14MM, झुंझुनूं के मलसीसर, पिलानी में 6-6MM, सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में 6MM, कोटा में 9.6MM और हनुमानगढ़ के फेफाना में 10MM बरसात दर्ज हुई। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून ट्रफ अभी अपने नॉर्मल पॉजिशन से उत्तर की तरफ फिरोजपुर, अंबाला, शाहजहांपुर, बाराबंकी, गोरखपुर होकर गुजर रही है। ट्रफ के खिसकने से राजस्थान में अगले कुछ दिन बारिश का दौर हल्का रहेगा।

फायरिंग कांड में बाड़मेर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, ASI पर विभागीय जांच तय

बाड़मेर महाबार में हाल ही में हुई फायरिंग की घटना का बाड़मेर पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीन अन्य को नामजद किया गया है। जिले की डीएसटी और सदर थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए यह सफलता हासिल की। पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीना ने बताया कि इस मामले में ड्यूटी ऑफिसर की गंभीर लापरवाही भी सामने आई है। संबंधित एएसआई ने न केवल सूचना को नजरअंदाज किया बल्कि कंट्रोल रूम को सूचित भी नहीं किया। इस कारण उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह घटना 24 जुलाई की रात करीब 1:20 बजे की है। दूधवा निवासी शंभूसिंह ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अपने साथियों के साथ बोलेरो गाड़ी में राणीगांव से महाबार की ओर आ रहे थे। रास्ते में महाबार गाँव के पास सड़क के बीचों-बीच एक फॉरच्यूनर कार खड़ी मिली, जिसमें 4-5 युवक सवार थे। शिकायतकर्ता के अनुसार, जब वे नीचे उतरकर कार के पास पहुंचे तो ड्राइवर के पास बैठे व्यक्ति ने दरवाजा खोलकर पिस्तौल निकाल ली। इसके बाद जान बचाकर वे मौके से भाग निकले। इसी दौरान आरोपियों ने उनकी चलती कैंपर गाड़ी पर गोलियां चलाईं। इस पर पुलिस ने 25 जुलाई को बीएसएन और आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया। दोनों पक्ष आपराधिक प्रवृत्ति के एसपी मीना के अनुसार, शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों ही हार्डकोर आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। घटना की रात दोनों पक्ष अलग-अलग स्थानों पर पार्टी कर रहे थे और एक-दूसरे को पुलिस का मुखबिर समझ बैठे। पुलिस ने घटनास्थल से गोली के दो खाली खोल भी बरामद किए हैं। डीएसपी के नेतृत्व में बनाई गई अलग-अलग पुलिस टीमों ने तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी के आधार पर आरोपियों की पहचान की। पूछताछ में सामने आया कि डुगेरों का तला निवासी ओमप्रकाश पुत्र शेराराम फायरिंग की रात घटनास्थल पर मौजूद था। उसे डिटेन कर पूछताछ की गई, जिसमें उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। मुख्य आरोपी अब भी फरार पूछताछ में सामने आया कि इस घटना में मुख्य आरोपी स्वरूप उर्फ स्वरूपाराम, नरपत कुमार और एक अन्य युवक भी शामिल थे। फॉरच्यूनर गाड़ी स्वरूप की है और उसी ने पिस्तौल से फायरिंग की थी। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। एएसआई ने छुपाई सूचना, विभागीय जांच होगी घटना की रात ड्यूटी पर तैनात एएसआई तगाराम मौके पर तो पहुंचे लेकिन न तो कंट्रोल रूम को घटना की जानकारी दी और न ही फायरिंग की पुष्टि की। इसके चलते घटना को गंभीरता से नहीं लिया गया। एसपी मीना ने बताया कि जब अगले दिन सुबह डीएसटी टीम ने मौके की जांच की, तब जाकर स्पष्ट हुआ कि मौके पर वास्तव में फायरिंग हुई थी। इस लापरवाही को देखते हुए संबंधित एएसआई पर विभागीय जांच व अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

बहू ने ससुर पर लगाया शोषण का आरोप, थाने में दी तहरीर

 कोटा राजस्थान के कोटा जिले में रिश्तो को कलंकित करने का मामला सामने आया है। जहां पर ससुर द्वारा अपनी ही बहू के साथ छेड़छाड़ की गई है। पीड़िता ने जिले के रामगंजमंडी थाने में अपने ससुर के खिलाफ छेड़छाड़ सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया है। आरोप है कि ससुर ने बहू के कमरे में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ की और जबरदस्ती करने की कोशिश की। सामने आया है कि पीड़िता का ससुर भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय नेता है। वहीं पुलिस ने प्रकरण दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। दूसरी तरफ आरोपी भाजपा नेता ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत बताए हैं। पीड़िता ने बताया कि कुछ महीने पहले ही उसकी शादी हुई है। पीड़िता का पति जयपुर में रहकर पढ़ाई कर रहा है। घर पर बहू के अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी रहते हैं। रिपोर्ट में पीड़िता ने बताया कि करीब 20 दिन पहले वह घर का सारा काम खत्म कर कमरे में सो रही थी। इसी दौरान रात करीब 12 बजे ससुर कमरे में घुस गया और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। बहू ने इसका विरोध किया और अपनी जान बचाकर कमरे से बाहर चली गई। इसके बाद बहू अपने पीहर चली गई थी और कुछ दिन बाद जब वह वापस लौटी। उसके बाद भी ससुर ने अपनी हरकत नहीं छोड़ी और फिर से उसके साथ छेड़छाड़ की। ससुर की इन्हीं हरकतों से परेशान होकर बहू ने अपने पीहर पक्ष को सारी आपबीती बताई। इसके बाद रामगंजमंडी थाने में अपने ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। वहीं थाना अधिकारी मनोज सिकरवार ने बताया कि पीड़िता ने अपने ससुर के खिलाफ छेड़छाड़ और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया है। मामले में जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर आगे कार्रवाई भी की जाएगी। जिस घर में औरत का सम्मान नहीं उसे पद में रहने का अधिकार नहीं पीड़िता ने बताया कि जब उसने अपनी सास को पूरा मामला बताया और थाने जाने लगी। तो सास ने हाथ जोड़कर उसे समझाया और कहा कि इस घटना का पता अगर बाहर लोगों को चलेगा तो घर की बदनामी होगी। इसके बाद बहू सास की बात मानकर चुप हो गई, लेकिन उसके बाद भी ससुर ने उससे छेड़छाड़ बंद नहीं की। पीड़िता ने यह भी कहा कि जिस घर में बहू का सम्मान नहीं होता, ऐसे लोगों को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। पीड़िता ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग भी की है।

टैंकर से हादसा, मजदूर की मौत पर भड़का आक्रोश; अस्पताल में हंगामा

जैसलमेर शहर के औद्योगिक क्षेत्र द्वितीय चरण में शनिवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई, जिससे उसका पूरा परिवार शोक में डूब गया। घटना उस समय हुई जब तेज रफ्तार टैंकर ने पीछे से एक साइकिल सवार मजदूर को टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल युवक को स्थानीय लोगों की मदद से तत्काल राजकीय नाहटा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकीय उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। हादसे में जान गंवाने वाले युवक की पहचान 35 वर्षीय नरपतसिंह पुत्र राजूसिंह राजपुरोहित, निवासी जसोल के रूप में हुई है। मृतक मेहनतकश मजदूर था और अपने पीछे पत्नी, एक बेटा व दो बेटियों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गया है। इस दुर्घटना ने न केवल परिवार को, बल्कि पूरे राजपुरोहित समाज को भी गहरा आहत किया है। समय पर इलाज न मिलने का आरोप मृतक के परिजनों और समाज के लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यदि नरपतसिंह को समय रहते समुचित उपचार मिलता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में प्राथमिक उपचार में देरी हुई, जिससे उसकी हालत और बिगड़ती गई और अंततः उसने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में राजपुरोहित समाज के लोग अस्पताल की मोर्चरी के बाहर एकत्र हो गए। मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे RLP नेता, सख्त कार्रवाई की मांग स्थिति उस समय और गरमा गई जब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के युवा नेता थान सिंह डोली देर रात मोर्चरी के बाहर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि घायल मजदूर को समय पर न तो उचित प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई और न ही आवश्यक संसाधन। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जिम्मेदार डॉक्टरों और अधिकारियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो समाज और राजनीतिक संगठन मिलकर व्यापक आंदोलन करेंगे। डोली ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है जब बालोतरा अस्पताल की लापरवाही ने किसी गरीब परिवार की खुशियां छीन ली हों। अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घटना की सूचना मिलते ही भाजपा नेता गोविंद सिंह राजपुरोहित, उमेश कुमार सोनी और कांतिलाल राजपुरोहित भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और आश्वासन दिया कि परिवार को न्याय दिलाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे। बताया जा रहा है कि नरपतसिंह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। उसकी आकस्मिक मृत्यु से पूरा परिवार आर्थिक और मानसिक संकट में डूब गया है।  

गुजरात में खपाने जा रहा था शराब की बड़ी खेप, पुलिस ने हरियाणा के तस्कर को दबोचा

सिरोही सिरोही जिले में आबकारी विभाग द्वारा शराब तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। बागसीन टोल पर की गई नाकाबंदी में पंजाब निर्मित अंग्रेजी शराब की 49 पेटियां जब्त की गई हैं। साथ ही हरियाणा निवासी एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है, जिसने नाकाबंदी तोड़कर भागने का प्रयास किया था, लेकिन विभाग की मुस्तैदी के चलते वह भाग नहीं सका।   नाकाबंदी तोड़ भागा, फिर पकड़ा गया जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई जिला आबकारी अधिकारी अजय जैन के निर्देशन में की गई। आबूरोड आबकारी वृत्त निरीक्षक भंवरलाल और सिरोही प्रहराधिकारी लेखराज की टीम ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बागसीन टोल पर विशेष नाकाबंदी की थी। इसी दौरान एक कार को रुकने का इशारा किया गया, लेकिन चालक ने विभाग के वाहन को टक्कर मारते हुए मौके से फरार होने की कोशिश की। टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसका पीछा कर उसे पकड़ लिया।   महंगी शराब और बीयर से भरी थी कार कार की तलाशी लेने पर पंजाब में बिक्री के लिए बनी अंग्रेजी शराब रेड लेबल की छह पेटियों में 72 बोतलें और बडवाईजर बीयर की 49 पेटियों में कुल 1176 टिन बरामद की गईं। यह शराब हरियाणा के करनाल से लादी गई थी और आरोपी इसे गुजरात के मेहसाणा जिले में सप्लाई करने जा रहा था।   इस मामले में हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले नरेश पुत्र गजानंद जाट को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में उसने माना कि वह यह शराब मेहसाणा में पहुंचाने वाला था। आबकारी विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि गुजरात में शराब की यह खेप किसे दी जानी थी। राज्य में शराब तस्करी को रोकने के लिए आबकारी विभाग द्वारा चलाया जा रहा विशेष अभियान 21 अगस्त 2025 तक जारी रहेगा। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि शराब तस्करी और अवैध परिवहन पर पूरी सख्ती बरती जा रही है और जो भी इस कार्य में लिप्त पाए जाएंगे, उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

रेलवे जनसंपर्क विभाग की मांगो एवं उनकी केडर की कठिनाइयां, चुनोतियाँ रेल मंत्री तक पहुँचाई जाएगी – ओम बिरला

कोटा  भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अखिल भारतीय रेलवे जनसंपर्क सेमिनार का भव्य आयोजन शनिवार को कोटा के मेनाल रेलवे ऑफिसर्स क्लब में किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी  ने गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की और भारतीय रेलवे जनसंपर्क कैडर की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री बिरला जी के आगमन पर पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत से हुआ। तत्पश्चात, मंडल रेल प्रबंधक, कोटा श्री अनिल कालरा सहित विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन किया गया।  मंडल रेल प्रबंधक श्री कालरा द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना की गई। इसके बाद जनसंपर्क विभाग के परिचय पर एक संक्षिप्त वीडियो प्रदर्शित किया गया, जिससे जनसंपर्क कर्मियों की बहुआयामी भूमिका का परिचय उपस्थित जनसमूह को मिला। वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी श्री कमल जोशी द्वारा जनसंपर्क  कैडर का विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया गया, जिसमें विभाग की वर्तमान कार्यप्रणाली, दायित्व, एवं संरचनात्मक चुनौतियों को रेखांकित किया गया। माननीय श्री ओम बिरला जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “रेलवे का जनसंपर्क विभाग सरकार और जनता के बीच विश्वास का सेतु है। इसकी मजबूती से रेलवे की छवि और पारदर्शिता में वृद्धि होती है।” उन्होंने विभाग के हितों की रक्षा और समस्याओं के समाधान हेतु सकारात्मक आश्वासन भी प्रदान किया। इसके पश्चात मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट किया गया तथा कार्यक्रम का औपचारिक समापन धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इसके उपरांत सेमिनार सत्र आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से आए वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, जनसंपर्क अधिकारी एवं प्रचार निरीक्षकों ने अपने विचार, अनुभव एवं कैडर से संबंधित व्यावहारिक सुझाव प्रस्तुत किए। यह विचार-विमर्श सत्र जनसंपर्क विभाग की कार्यक्षमता, कैडर पुनर्गठन, और भविष्य की दिशा तय करने में मील का पत्थर सिद्ध हुआ। कार्यक्रम में मंडल रेल प्रबंधक, कोटा श्री अनिल कालरा, अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री ललित कुमार धुरंधर, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ जैन, मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री किशोर पटेल,नेता प्रतिपक्ष श्री लव शर्मा सहित रेलवे के विभिन्न संवर्गों के वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों और प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक,सोशल मीडिया से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस आयोजन ने न केवल विभागीय एकजुटता को दर्शाया बल्कि जनसंपर्क कैडर की समस्याओं को नीति-निर्माताओं के समक्ष प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने का अवसर भी प्रदान किया।  भारतीय रेलवे जनसंपर्क कर्मी कल्याण समिति

बारिश बनी मुसीबत: नागौर में नेशनल हाईवे तीसरी बार बंद, स्कूलों में ऐहतियातन छुट्टी

जयपुर मानसून की टर्फ लाइन उत्तर की तरफ शिफ्ट होने से राजस्थान में भारी बारिश झेल रहे जिलों में अगले कुछ दिनों तक राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं उत्तरी क्षेत्रों में अब भारी बारिश का प्रभाव देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को गंगानगर और हनुमानगढ़ में जोरदार बारिश रिकॉर्ड की गई। हनुमानगढ़ के गोलूवाला में 6 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। सर्वाधिक वर्षा तारानगर (चूरू) में 185 मिलीमीटर दर्ज की गई। पूर्वानुमान है कि आगामी 5-6 दिन मानसून टर्फ लाइन के सामान्य से उत्तर की ओर शिफ्ट होने से राज्य के उत्तरी व उत्तर-पूर्वी भागों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी, वहीं दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी भागों में भारी बारिश की गतिविधियों में कमी रहने की संभावना है। राजस्थान में लगातार हो रही बारिश ने लोगों के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारी बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नागौर में बीते 12 दिनों में तीसरी बार नेशनल हाईवे बंद करना पड़ा है। 11 जिलों के स्कूलों में छुट्टी आईएमडी ने आज प्रदेश के 5 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 12 जिलों में स्कूलों  में अवकाश घोषित कर दिया है। इसमें झालावाड़, बारां, टोंक, डीग, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा और कोटपूतली-बहरोड़ शामिल हैं। इसके अलावा कोटा में शनिवार को क्लास एक से 12वीं तक के स्कूलों में बच्चों की छुट्टी रहेगी, जबकि स्टाफ यथावत कार्य करेंगे। कलेक्टर पीयूष समारिया ने शुक्रवार को इसके आदेश जारी किए, जो सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों पर लागू होंगे।

नई जिम्मेदारी: अरुण चतुर्वेदी राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नियुक्त, ठकराल को सचिव पद

जयपुर राजस्थान में राज्य वित्त आयोग के पद पर पूर्व बीजेपी अध्यक्ष तथा वसुंधरा सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। चतुर्वेदी के साथ एक पूर्व ब्यूरोक्रेट नरेश ठकराल को भी राजनीतिक नियुक्ति मिली है। वित्त विभाग में लंबे समय तक रह चुके ठकराल को राज्य वित्त आयोग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने देर रात अधिसूचना जारी कर दी। राज्य वित्त आयोग का कार्यकाल एक अप्रैल 2025 से अगले डेढ़ वर्ष के लिए किया गया है। इस अवधि में यह राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा। हालांकि डेढ़ वर्ष बाद भी सरकार आयोग का कार्यकाल बढ़ा सकती है। हर सरकार में आयोग के कार्यकाल की समय सीमा बढ़ाई जाती रही है। ये होंगे आयोग के काम राज्य वित्त आयोग मुख्य रूप से पंचायतों के लिए ग्रांट निर्धारित करता है। इसकी सिफारिशों के आधार पर ही सरकार पंचायतों को ग्रांट जारी करती है। इसके अलावा इसके अलावा पंचायतों में वित्तीय संसाधनों को विकसित करने के लिए टोल, शुल्क और टैक्स की दरें निर्धारित करने की सिफारिश भी कर सकता है। शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने का काम भी राज्य वित्त आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके अलावा 16वें केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर स्थानीय निकायों को दी जाने वाली सहायता राशि का समायोजन भी राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही किया जाता है। भजनलाल सरकार में यह पहली राजनीतिक नियुक्ति नहीं है, इससे पहले आरपीएससी, किसान आयोग, सैनिक कल्याण बोर्ड सहित कई अन्य बोर्ड और आयोगों में नियुक्तियां हुई हैं लेकिन अब तक किसी भी राजनीतिक नियुक्ति वाले पदाधिकारी को मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है। जबकि इससे पहले की सरकारों में राजनीतिक नियुक्तियों के साथ नियुक्त होने वाले पदाधिकारियों को मंत्री का दर्जा दिए जाने के आदेश भी जारी किए जाते थे। क्या कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा? राज्य वित्त आयोग एक संवैधनिक संस्था है, यहां पर नियुक्ति होने वाले अध्यक्ष को लगभग हर सरकर में मंत्री का दर्जा दिया जाता रहा है। इससे पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। इसके साथ ही बीजेपी नेता अशोक लाहोटी को राज्य वित्त आयोग में सदस्य नियुक्त किया गया था। हालांकि मौजूदा सरकार ने चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है लेकिन उनके दर्जे को लेकर अभी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

अजमेर में प्रशासन का बड़ा कदम, 250 अवैध दुकानों पर चलेगा बुलडोजर, सुरक्षा के लिए भारी फोर्स मौजूद

अजमेर  अजमेर के तारागढ़ पहाड़ियों पर वन विभाग की जमीन पर बने अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. शनिवार को वन विभाग ने तारागढ़ क्षेत्र में लगभग 250 अवैध निर्माणों को चिन्हित किया है, जिनमें करीब 200 केबिननुमा दुकानें शामिल हैं. इन निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए वन विभाग की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ कार्रवाई शुरू कर दी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, वन क्षेत्र में शांतिपूर्ण रूप से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. ध्वस्तीकरण की ये कार्रवाई सेक्टर बनाकर की जा रही है. हर सेक्टर में मजिस्ट्रेट कार्रवाई की निगरानी कर रहे हैं. वहां वन विभाग के भी अधिकारी मौजूद है. बताया जा रहा है कि अब तक प्रशासन ने 40% के आसपास अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया है. प्रशासन का कहना है कि तारागढ़ क्षेत्र में वन विभाग की जमीन पर सालों से अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही थीं. इन्हीं शिकायत के आधार पर प्रशासन ने पहले 300 से अधिक अवैध निर्माणों को चिन्हित किया था, जिनमें से कुछ अतिक्रमणकारियों ने हाईकोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया है. हालांकि, जिन निर्माणों पर कोई कानूनी स्थगन नहीं है, उन्हें ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. प्रशासन ने बताया कि हाईकोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त करने वाले अतिक्रमण को अलग से चिन्हित किया गया है. जारी है अभियान अजमेर की पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि ये अभियान वन विभाग की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया जा रहा है. कार्रवाई के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विभिन्न थानों के थानाधिकारी और विशेष कार्य बल (STF) की टीमें शामिल हैं. प्रशासन ने इस दौरान मीडिया की एंट्री पर भी पाबंदी लगा दी है, ताकि कार्रवाई में किसी तरह की बाधा न आए.