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आज किस्मत के सितारे होंगे बुलंद! 24 सितंबर को चमकेंगी ये राशियां

मेष आज के दिन आपको खुद पर ध्यान देना चाहिए। सहपाठियों के साथ मेल-जोल बढ़ाना आपकी प्रोफेशनल लाइफ के लिए बेहतर साबित हो सकता है। अपनी फैमिली मेंबर्स के साथ वक्त बिताएं। आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ सकती है। इसलिए सूझ-बूझ के साथ ही निर्णय लें। वृषभ आज के दिन छात्रों को मन लगाकर पढ़ाई करने की सलाह दी जाती है। नयी प्रॉपर्टी खरीदने के आसार नजर आ रहे हैं। आपके लिए उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है। कॉम्पीटीशन की कमी के चलते आपकी प्रोडक्टिविटी पर भी असर पड़ सकता है। मिथुन आज के दिन कमाई में वृद्धि होगी। जहां पारिवारिक बंधन मजबूत होंगे वहीं, जीवनसाथी की तलाश में आपको निराशा झेलनी पड़ सकती है। कार्यक्षेत्र में नए अवसर मिल सकते हैं। टास्क पर फोकस करना आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। कर्क आज के दिन सोच-समझकर फाइनेंशियल डिसीजन लेना आपके लिए बेहतर रहेगा। अपने प्रेम-संबंधों को मजबूत बनाने के लिए पार्टनर से खुलकर बात-चीत करें और उन्हें समय दें। स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए हेल्दी डाइट लें। सिंह आज के दिन अपनी मेन्टल हेल्थ का ध्यान रखें। घर के सदस्यों और अपने पार्टनर के साथ टाइम स्पेंड करें। करियर में फोकस बनाए रखने की जरूरत है। वहीं, यात्रा के दौरान कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। कन्या आज के दिन आपको आपके पार्टनर का पूरा साथ मिलेगा। वहीं, परिवार के कुछ सदस्यों से मतभेद होने की भी संभावना है। अपनी आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए आप प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर सकते हैं। कुछ लोग ट्रिप पर भी जा सकते हैं। तुला आज के दिन व्यवसायिक मुद्दों पर संयम बरतने की जरूरत है। प्रेम-संबंधों में मधुरता आएगी। अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ वक्त बिताएं और ट्रिप पर जाएं। दिन शुभ रहने वाला है। आर्थिक स्थितियां सही रहेंगी लेकिन फालतू के खर्चों से बचें। वृश्चिक आज के दिन आर्थिक मामलों में किस्मत साथ देगी। कुछ लोगों के लिए घूमने जाने के योग बनते भी दिख रहे हैं। थोड़ी बहुत चुनौतियां आ सकती हैं, जिन्हें आप आसानी से पार कर लेंगे। समय आपके लिए रोमांस से भरपूर रहने वाला है। धनु आज के दिन प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने से बचें। यात्रा पर जाने के प्लान बन सकते हैं। आपको पॉजिटिव बदलाव देखने को मिल सकते हैं। करियर में सफलता मिलेगी। घर के सदस्यों के साथ संबंध मजबूत होंगे। मकर आज के दिन आपके लिए समय रोमांचक भरा रहने वाला है। जीवनसाथी के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने के आसार हैं। किसी करीबी से गिफ्ट मिलने की संभावना है। आपका स्वास्थ्य भी आपका साथ देगा। कुंभ आज का दिन आपके लिए आत्मविश्वास से भरपूर रहने वाला है। रोमांटिक लाइफ में उथल-पुथल हो सकती है। परिवार के सदस्यों के साथ मधुरता बनाए रखें। अपने स्वास्थ्य को अनदेखा न करें। धन का मामला पॉजिटिव रहेगा। मीन आज के दिन मीन राशि वाले आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प से भरपूर रहेंगे। निवेश करना लाभदायक हो सकता है। प्रेम संबंध मजबूत होंगे साथ ही पार्टनर से स्पेशल मैसेज भी दिन के अंत तक मिल सकता है।

वास्तु के अनुसार घर में कौन-सा स्थान कैसा होना चाहिए

कहा जाता है कि वास्तु नियमों का ध्यान रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और व्यक्ति को नेगेटिव एनर्जी से छुटकारा मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि वास्तु के मुताबिक घर की किस दिशा में कौन-सी चीजें रखनी चाहिए।  उत्तर दिशा में रखें ये चीजें वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा में पानी से संबंधित चीजें रखना शुभ माना जाता है। ऐसे में आप इस दिशा में पानी के स्त्रोत जैसे बोरिंग, छोटा-सा फाउंटेन या फिर पानी की टंकी रख सकते हैं। उत्तर दिशा में मंदिर रखना भी शुभ होता है। इसी के साथ इस दिशा में धन या तिजोरी आदि रखने से भी आपको लाभ मिल सकता है। पूर्व दिशा के नियम वास्तु के मुताबिक इस दिशा को जितना हो सके हमेशा खाली रखना चाहिए। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। इसके साथ ही वास्तु के अनुसार इस दिशा में खिड़की होना बेहतर होता है। वहीं घर का दरवाजा भी पूर्व दिशा में होना भी वास्तु की दृष्टि से ठीक माना गया है। इन चीजों को रखने से मिलेगा लाभ वास्तु शास्त्र के अनुसार, पश्चिम दिशा में किचन का निर्माण करवाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिशा में आप अपने घर का टॉयलेट भी बनवा सकते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि किचन और टॉयलेट पास-पास नहीं होना चाहिए। दक्षिण दिशा के वास्तु नियम दक्षिण दिशा में भारी सामान जैसे तिजोरी, मशीनें, आदि रखी जा सकती हैं। इसके साथ ही वास्तु शास्त्र में यह माना गया है कि यह दिशा जितनी ढकी हुई होती है उतना अच्छा होता है। इस दिशा में दीवार होना भी बेहतर माना जाता है। रखें इन दिशाओं का भी रखें ध्यान इसके साथ ही वास्तु शास्त्र में आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा), वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम दिशा), ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) और नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) के नियम भी बताए गए हैं। ईशान कोण में पूजा घर, वाटर टैंक या बोरिंग रखना शुभ होता है। वहीं आग्नेय कोण में इलेक्ट्रॉनिक सामान रखा जा सकता है। वास्तु के अनुसार, वायव्य कोण में बेडरूम या गैरेज होना शुभ माना जाता है। वहीं अगर नैऋत्य कोण की बात करें, तो इस दिशा में कैश काउंटर, या मशीनें रखी जा सकती हैं।  

शारदीय नवरात्रि 2025: महाअष्टमी और कन्या पूजन के शुभ समय की पूरी जानकारी

 शारदीय नवरात्र की शुरुआत इस बार 22 सितंबर, सोमवार से हुई थी और नवरात्र का समापन 1 अक्टूबर, महानवमी के दिन होगा. ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्र के दो सबसे खास दिन भी होते हैं जिसमें हैं महाअष्टमी और महानवमी. इन दोनों दिनों पर कन्या पूजन करके नवरात्र का पारण किया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस बार महाअष्टमी यानी दुर्गाष्टमी 30 सितंबर, मंगलवार के दिन पड़ रही है और इसके ठीक अगले दिन 1 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी. महाअष्टमी 2025 तिथि जानकारी के मुताबिक, उत्तर भारत में इस त्योहार को महाअष्टमी कहा जाता है, वहीं पूर्वी भारत के कुछ राज्य जैसे बंगाल में इसे दुर्गा अष्टमी के नाम से जाना जाता है. पंचांग के मुताबिक, इस बार आश्विन मास की अष्टमी तिथि का आरंभ 29 सितंबर को शाम 4 बजकर 31 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर होगा.  महाअष्टमी 2025 कन्या पूजन मुहूर्त महाअष्टमी पर वैसे तो कोई विशेष योग नहीं बन रहा है. लेकिन इस दिन प्रात: संध्या मुहूर्त से आप कन्या पूजन की शुरुआत कर सकते हैं, जो सुबह 5 बजकर 01 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. दूसरा मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त में भी कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है जो कि सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.  ऐसे करें कन्या पूजन नवरात्र की अष्टमी तिथि पर कन्याओं को आमंत्रित करें और उनका पूरे विधि-विधान के साथ स्वागत करें. कन्याओं को बिठाकर उनके पैरों को दूध से धोएं और उनके माथे पर कुमकुम लगाएं. मां भगवती का ध्यान करके कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा और उपहार दें. अंत में कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें. किसकी होती है महाअष्टमी पर पूजा?  शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी के दिन नवदुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा का विधान है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होंने कठोर पूजा की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था. जब भगवान शिव ने इनको दर्शन दिया तब उनकी कृपा से इनका शरीर गौर हो गया और इनका नाम गौरी पड़ गया. इसके अलावा, ऐसी भी मान्यता है कि माता सीता ने श्रीराम की प्राप्ति के लिए इन्हीं की उपासना की थी. मां गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग में इनका ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है. विवाह संबंधी बाधाओं के निवारण में इनकी पूजा अचूक होती है. तो चलिए अब जानते हैं कि महाअष्टमी पर कन्या पूजन कितने बजे से कितने बजे तक रहेगा. 

पवित्र नवरात्रि: फूलों, नारियल और दीपक से घर में बढ़ाएं सकारात्मक ऊर्जा

नवरात्रि का पर्व पूरे भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि खास तौर पर मां दुर्गा की साधना के लिए बहुत शुभ मानी जाती है. इन नौ दिनों में भक्त मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं और उन्हें फूल, नारियल, चुनरी, वस्त्र और दीपक आदि अर्पित करते हैं, लेकिन जब नवरात्रि खत्म होती है तो ज्यादातर लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि आखिर पूजा में चढ़ाई गई चीजों का क्या करना चाहिए? क्या इन्हें ऐसे ही फेंक देना सही है या इसके लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं? इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि पूजा के बाद जली हुई बाती, नारियल, फूल, कलश, चुनरी और कपड़े का सही तरीका क्या है.  देवी पूजा के लिए जलाई हुई बाती का क्या करें? नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा में जो बाती जलाई जाती है, उसे कभी भी कचरे में नहीं फेंकना चाहिए. चाहे वह आधी जली हो या पूरी, सभी बातियों को इकट्ठा करके पवित्र स्थान पर रख लें. नवरात्रि के आखिरी दिन इसमें कपूर, लौंग और थोड़ा सा घी डालकर दोबारा जलाएं. इसे घर में घुमाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मकता बढ़ती है. बाद में बची हुई राख को पौधे वाले गमले में डाल दें. मान्यता है कि यह भूत नजर दोष से बचाती है. माता को चढ़ाए गए फूलों का क्या करें? फूलों में देवी की ऊर्जा मानी जाती है. इन्हें कहीं भी फेंकने की बजाय प्रसाद मानकर अपने धन स्थान या पूजा घर में रखें. बाकी फूलों को गमले या पौधे में डाल दें ताकि वह खाद के रूप में काम आ सके. यह तरीका पर्यावरण के लिए भी अच्छा माना जाता है. नवरात्रि पूजा के कलश का क्या करें? पूजा के बाद कलश का जल परिवार और घर में छिड़कें. यह घर में शुभ ऊर्जा का प्रसार करता है. बचा हुआ जल पौधों में डाल दें. कलश में रखे सिक्कों को लाल कपड़े में बांधकर धन स्थान पर रखें. इसे देवी का आशीर्वाद माना जाता है. नारियल का क्या करें? मां दुर्गा की पूजा में चढ़ाया गया नारियल बहुत पवित्र माना जाता है. इसे परिवार के सभी सदस्यों और मित्रों में प्रसाद के रूप में बांट दें, अगर नारियल सूख गया हो तो नदी या समुद्र में प्रवाहित कर दें, अगर नारियल फोड़ने पर खराब निकल जाए तो इसे भूमि में दबा दें. मान्यता है कि ऐसा नारियल आपके कष्टों को अपने ऊपर ले लेता है. चुनरी का क्या करें? मंदिर में या पूजा में मिली चुनरी में मां का आशीर्वाद माना जाता है. इसे अपने घर के पवित्र स्थान, धन स्थान या वाहन पर बांध सकते हैं. पूजा-पाठ करते समय इसे सिर पर भी रख सकते हैं, अगर इसका उपयोग न हो पाए तो इसे मंदिर में या किसी श्रद्धालु को सम्मानपूर्वक दें. माता की चौकी और कपड़े का क्या करें? पूजा के बाद चौकी और वस्त्रों को साफ करके सुरक्षित रखें और आगे आने वाले अनुष्ठानों में उपयोग करें, अगर जरूरत न हो तो मंदिर में दान कर सकते हैं या किसी जरूरतमंद को दे सकते हैं.

लाइफ़ में सक्सेस और रिस्पेक्ट के लिए जरूरी 5 क्वालिटीज़

लाइफ में सक्सेज पाने का मतलब केवल अच्छे करियर या पैसे से नहीं लगाया जाता। कई बार समाज में आपकी प्रतिष्ठा, सम्मान से भी लगाया जाता है। जब आप किसी सोशल गैदरिंग में शामिल होते हैं और लोग आपकी तारीफ करते हैं तो भी समझ जाएं कि आप सामाजिक रूप से सफल इंसान है। किसी में अगर ये 5 तरह की क्वालिटी हैं तो वो एक सफल इंसान है और समाज में उसकी लोग रिस्पेक्ट करते हैं। ना हो एकतरफा बात करने की आदत बातचीत के दौरान हमेशा टू वे कम्यूनिकेशन होना चाहिए। अगर आपकी आदत केवल खुद के बारे में सुनने और बोलने की नहीं है बल्कि आप दूसरों के बारे में भी जानने और समझने के उत्सुक रहते हैं तो ये गुड क्वालिटी है। दूसरों की खूबियां देखना अगर आप सामने वाले के अंदर मौजूद खूबियों को देखते हैं, पहचानते हैं और उसे इस बारे में बताकर रिस्पेक्ट देते हैं। तो ये गुड क्वालिटी है जो समाज में आपकी अलग पहचान बनाने में मदद करेगी। सच बोलने के बाद भी दूसरों का दिल नहीं दुखाते अगर आपके अंदर ऐसी क्वालिटी है कि आप किसी के बारे में सच तो बोलते हैं लेकिन सामने वाले की फीलिंग्स का ख्याल करते हैं तो भी ये गुड क्वालिटी है और लोग आपकी रिस्पेक्ट करेंगे। बोलने से पहले सोचते हैं सिचुएशन कैसी भी हो अगर आप बोलने से पहले सोचते हैं और अपने रिएक्शन पर पूरा कंट्रोल रखते हैं तो ये गुड क्वालिटी है। खुद की कमियों को पहचानते हैं अगर आप खुद में मौजूद कमियों को पहचानते हैं और उसको एक्सेप्ट करते हैं। तो ये गुड क्वालिटी है।  

मां दुर्गा और शिव जी की कृपा पाने के लिए नवरात्रि में अपनाएं ये पवित्र विधि

शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) हर साल भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह समय मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नवरात्र के दौरान पूजा-पाठ करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस खास अवसर पर भगवान शिव की पूजा भी विशेष फलदायी मानी जाती है। कहा जाता है कि नवरात्र में शिव जी के 108 नामों का जाप करने से परम कल्याण और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। ऐसे करें पूजा सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद भगवान शिव के 108 नामों का श्रद्धापूर्वक जाप करें। अंत में माता रानी और भोलेनाथ की आरती करें। ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और भक्त को देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ।।भगवान शिव के 108 नाम।। ॐ महाकाल नमः ॐ रुद्रनाथ नमः ॐ भीमशंकर नमः ॐ नटराज नमः ॐ प्रलेयन्कार नमः ॐ चंद्रमोली नमः ॐ डमरूधारी नमः ॐ चंद्रधारी नमः ॐ भोलेनाथ नमः ॐ कैलाश पति नमः ॐ भूतनाथ नमः ॐ नंदराज नमः ॐ नन्दी की सवारी नमः ॐ ज्योतिलिंग नमः ॐ मलिकार्जुन नमः ॐ भीमेश्वर नमः ॐ विषधारी नमः ॐ बम भोले नमः ॐ विश्वनाथ नमः ॐ अनादिदेव नमः ॐ उमापति नमः ॐ गोरापति नमः ॐ गणपिता नमः ॐ ओंकार स्वामी नमः ॐ ओंकारेश्वर नमः ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः ॐ भोले बाबा नमः ॐ शिवजी नमः ॐ शम्भु नमः ॐ नीलकंठ नमः ॐ महाकालेश्वर नमः ॐ त्रिपुरारी नमः ॐ त्रिलोकनाथ नमः ॐ त्रिनेत्रधारी नमः ॐ बर्फानी बाबा नमः ॐ लंकेश्वर नमः ॐ अमरनाथ नमः ॐ केदारनाथ नमः ॐ मंगलेश्वर नमः ॐ अर्धनारीश्वर नमः ॐ नागार्जुन नमः ॐ जटाधारी नमः ॐ नीलेश्वर नमः ॐ जगतपिता नमः ॐ मृत्युन्जन नमः ॐ नागधारी नमः ॐ रामेश्वर नमः ॐ गलसर्पमाला नमः ॐ दीनानाथ नमः ॐ सोमनाथ नमः ॐ जोगी नमः ॐ भंडारी बाबा नमः ॐ बमलेहरी नमः ॐ गोरीशंकर नमः ॐ शिवाकांत नमः ॐ महेश्वराए नमः ॐ महेश नमः ॐ संकटहारी नमः ॐ महेश्वर नमः ॐ रुंडमालाधारी नमः ॐ जगपालनकर्ता नमः ॐ पशुपति नमः ॐ संगमेश्वर नमः ॐ दक्षेश्वर नमः ॐ घ्रेनश्वर नमः ॐ मणिमहेश नमः ॐ अनादी नमः ॐ अमर नमः ॐ आशुतोष महाराज नमः ॐ विलवकेश्वर नमः ॐ अचलेश्वर नमः ॐ ओलोकानाथ नमः ॐ आदिनाथ नमः ॐ देवदेवेश्वर नमः ॐ प्राणनाथ नमः ॐ शिवम् नमः ॐ महादानी नमः ॐ शिवदानी नमः ॐ अभयंकर नमः ॐ पातालेश्वर नमः ॐ धूधेश्वर नमः ॐ सर्पधारी नमः ॐ त्रिलोकिनरेश नमः ॐ हठ योगी नमः ॐ विश्लेश्वर नमः ॐ नागाधिराज नमः ॐ सर्वेश्वर नमः ॐ उमाकांत नमः ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः ॐ त्रिकालदर्शी नमः ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः ॐ महादेव नमः ॐ गढ़शंकर नमः ॐ मुक्तेश्वर नमः ॐ नटेषर नमः ॐ गिरजापति नमः ॐ भद्रेश्वर नमः ॐ त्रिपुनाशक नमः ॐ निर्जेश्वर नमः ॐ किरातेश्वर नमः ॐ जागेश्वर नमः ॐ अबधूतपति नमः ॐ भीलपति नमः ॐ जितनाथ नमः ॐ वृषेश्वर नमः ॐ भूतेश्वर नमः ॐ बैजूनाथ नमः ॐ नागेश्वर नमः।।

मंगलवार का राशिफल: किस पर बरसेगा सूर्यदेव का आशीर्वाद? जानिए आज की राशियों का हाल

मेष मेष राशि वालों आज अप्रत्याशित चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है। आगे बढ़ने के लिए ध्यान और विश्राम के संतुलन की आवश्यकता होगी। धैर्य और क्रिएटिविटी पर जोर देना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि सभी योजनाएं उम्मीद के मुताबिक सामने नहीं आएंगी। वृषभ आज ऑफिस रोमांस एक अच्छा विचार नहीं है। टाइम स्पेन्ड करने और स्ट्रेस फ्री रहने का बैलेंस बनाए रखने के लिए एक्टिव रहना महत्वपूर्ण है। यह सिंगल लोगों के लिए अपने पिछले अनुभव से सीखने और अपनी कमजोरियों का पता लगाने का एक सुनहरा क्षण है। मिथुन आज के दिन पॉजिटिव दृष्टिकोण आपको ढेर सारे नए दोस्त दिला सकता है और आपको आपके भावी जीवनसाथी के करीब ला सकता है। आपकी लव लाइफ सुख और कठिनाई को जगाते हुए सुर्खियों में रहेगी। धन का उपयोग सावधानी से करें। कर्क आज के दिन कम्युनिकेशन लड़खड़ा सकता है, जिससे गलतफहमियां और बहस हो सकती है। अपने गुस्से को कंट्रोल से बाहर जाने देने के बजाय, गहरी सांस लें और चीजों को अपने साथी की आंखों से देखने की कोशिश करें। सिंह आज के दिन आपके घर में खुशी का एहसास होगा। पास्ट पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इस समय का उपयोग लंबे समय तक चलने वाली यादें बनाने में करें। आज का दिन आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में कुछ उतार-चढ़ाव की उम्मीद लेकर आता है। कन्या आज के दिन ईमानदारी से कनेक्शन बनाने का समय है। आने वाले किसी भी प्रेम प्रस्ताव को सुनें। फिर भी विवाह की चर्चा करते समय सतर्क रहें क्योंकि हर एक कदम धैर्य और सावधानी के साथ विचार-विमर्श के साथ उठाया जाना चाहिए। तुला आज के दिन जब आप परीक्षाओं से गुजरेंगे तो धैर्य आपका दोस्त होगा क्योंकि आगे नई शुरुआत हो सकती है। एक्टिव रूप से सुनें, क्लियरिटी के लिए सवाल पूछें और सहानुभूति के साथ विवादों को संभालें। मुश्किलों के बावजूद, विकास और कनेक्शन बनाने का भी समय हो सकता है। वृश्चिक आज के दिन आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और सही लोग आपकी तरफ आकर्षित भी होंगे। जानकारी प्राप्त करने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ कम्युनिकेशन के माध्यम खुले रखें। बड़ी पार्टी और समारोह की योजना बनाने के बजाय, अपने परिवार के साथ कुछ समय का आनंद लें। धनु आज के दिन धार्मिक काम में भाग लेने के लिए कहा जा सकता है, जो रिश्ते को मजबूत करने का एक शानदार तरीका है। इस समय का उपयोग अपने रिश्ते को स्ट्रॉंग करने, बेहतर बनाने और भावनात्मक लगाव को गहरा करने में करें। गेस्ट आपके घर आ सकते हैं। मकर आज के दिन आपके शब्द वजनदार हैं, जो घाव भर सकते हैं या घाव खुरेद भी सकते हैं। खुद को प्रेजेंट करने के तरीके में सतर्क रहें ताकि आप अनजाने में उन लोगों को ठेस न पहुंचाए, जिनसे आप प्यार करते हैं। कुंभ आज के दिन अपने इंट्यूशन पर भरोसा रखें और लोगों को जानने के लिए समय निकालें। पारिवारिक मामलों और आध्यात्मिक पहलुओं की खोज करने का है। आपको और आपके पार्टनर को रिश्तेदारों के फंक्शन में इन्वाइट किया जा सकता है। मीन आज के दिन आपकी बारी खुद को परखने की है न कि किसी रिश्ते के पीछे भागने की। उन भावनाओं और विचारों से जुड़ने के लिए समय निकालें, जो सबसे अधिक मायने रखते हैं। ऐसी गतिविधियों में इनवॉल्व रहें, जो आपको खुशी और संतुष्टि प्रदान करें।

शारदीय नवरात्रि में अपनाएं ये 9 विशेष भेंटें, जीवन में मिलेगी सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व साल में दो बार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025 से हो रही है. नवरात्रि का मतलब सिर्फ व्रत रखना या पूजा करना नहीं है, बल्कि यह माता दुर्गा की साधना, भक्ति और आत्मशक्ति को जगाने का पावन समय माना जाता है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और हर दिन का अपना महत्व होता है. मान्यता है कि अगर इन दिनों माता को उनके प्रिय रंगों और वस्तुओं से प्रसन्न किया जाए तो जीवन से दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और खुशियां घर आ जाती हैं. आइए जानते हैं नवरात्रि 2025 में कौन से खास उपाय करने चाहिए. नवरात्रि के 9 दिनों में मां को अर्पित करें ये खास वस्तुएं 1. पहला दिन – मां शैलपुत्री नवरात्रि की शुरुआत मां शैलपुत्री की पूजा से होती है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र, फूल और मिठाई चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है. यह रंग ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है. ऐसा करने से जीवन में नए अवसर खुलते हैं और धन-समृद्धि का मार्ग बनता है. 2. दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी मां ब्रह्मचारिणी साधना और संयम की देवी मानी जाती हैं. इन्हें हरे रंग की चीजें बेहद प्रिय हैं. इस दिन हरे वस्त्र, पत्तियां और श्रृंगार सामग्री अर्पित करने से आत्मबल बढ़ता है और जीवन में शांति आती है. 3. तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा में पीले और हरे रंग का संयोजन अर्पित करना शुभ माना जाता है. यह संयोजन साहस, संतुलन और आत्मविश्वास को मजबूत करता है. 4. चौथा दिन – मां कुष्मांडा मां कुष्मांडा को नारंगी रंग बेहद प्रिय है. इस दिन नारंगी वस्त्र, फल और मिठाई चढ़ाने से आत्मविश्वास बढ़ता है और रुके हुए काम बनने लगते हैं. 5. पांचवां दिन – मां स्कंदमाता मां स्कंदमाता की पूजा में सफेद रंग की चीजें अर्पित करनी चाहिए. यह रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है. माना जाता है कि इससे घर में खुशहाली और मानसिक सुकून बना रहता है. 6. छठा दिन – मां कात्यायनी छठे दिन मां कात्यायनी को लाल रंग की वस्तुएं जैसे वस्त्र, पुष्प और फल अर्पित करें. लाल रंग विजय और शक्ति का प्रतीक है. इस उपाय से शत्रु बाधा दूर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है. 7. सातवां दिन – मां कालरात्रि मां कालरात्रि की पूजा में नीले रंग की वस्तुएं अर्पित करना शुभ माना जाता है. यह रंग नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और भय से मुक्ति दिलाता है. 8. आठवां दिन – मां महागौरी आठवें दिन मां महागौरी को गुलाबी रंग की वस्तुएं अर्पित करें. गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और सकारात्मकता का प्रतीक है. इससे रिश्तों में मिठास बढ़ती है और घर का माहौल सुखद रहता है. 9. नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा में बैंगनी रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए. यह रंग आध्यात्मिक उन्नति और गूढ़ ज्ञान का प्रतीक है. ऐसा करने से साधक को सफलता और उन्नति का वरदान मिलता है.

माता की सवारी से जुड़ी शुभ-अशुभ संकेत: नवरात्रि में क्या देखें और कब?

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आज 22 सितंबर से हो रही है 2 अक्टूबर को नवरात्रि का समापन होगा. नवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति और आस्था का सबसे प्रमुख त्योहार है. नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. इस महापर्व का एक विशेष रहस्य यह भी है कि हर वर्ष मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आती हैं और किस पर विदा लेती हैं. यह परंपरा केवल धार्मिक विश्वास नहीं, बल्कि ज्योतिषीय गणना और पौराणिक मान्यताओं पर आधारित है.  रविवार और सोमवार को हो आगमन तो मां दुर्गा की सवारी का निर्धारण नवरात्रि आरंभ होने वाले दिन के आधार पर किया जाता है. अगर नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को होता है, तो माता हाथी पर सवार होकर आती हैं. हाथी पर आगमन को बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि यह समृद्धि, उन्नति और अच्छी वर्षा का संकेत देता है. शनिवार और मंगलवार को हो आगमन तो अगर नवरात्रि की शुरुआत शनिवार या मंगलवार को होती है, तो माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं. घोड़े पर आगमन को अशांत परिस्थितियों, युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता या प्राकृतिक आपदाओं का सूचक माना जाता है. गुरुवार और शुक्रवार को आगमन गुरुवार और शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता पालकी पर आती हैं, जो घर-घर में सुख-शांति और धन-धान्य की वृद्धि का संकेत देता है. बुधवार को हो आगमन तो बुधवार को नवरात्रि का आरंभ होने पर मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आती हैं. नाव पर आगमन अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि यह भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में सकारात्मक परिणामों का संकेत देता है. माता का आगमन ही नहीं प्रस्थान का भी महत्व केवल आगमन ही नहीं, बल्कि माता के प्रस्थान की सवारी का भी विशेष महत्व है. विजयादशमी के दिन माता जिस दिन विदा लेती हैं, उसी दिन के आधार पर उनकी वापसी का वाहन निर्धारित होता है. माता के प्रस्थान का मतलब रविवार और सोमवार को माता का प्रस्थान भैंसे पर माना जाता है, जो दुख और रोग की वृद्धि का संकेत देता है. मंगलवार और शनिवार को मुर्गे पर विदाई मानी जाती है, जो अस्थिरता का प्रतीक है. बुधवार और शुक्रवार को हाथी पर वापसी को अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भरपूर समृद्धि और खुशहाली लाता है. गुरुवार को अगर माता का प्रस्थान होता है, तो यह नर वाहन अर्थात पालकी पर होता है, जिसे संतुलित और मध्यम परिणाम देने वाला माना जाता है. शारदीय नवरात्रि 2025 हाथी पर माता का आगमन वर्ष 2025 में पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर दिन सोमवार से आरंभ हो रही है. इसका अर्थ है कि मां दुर्गा इस बार हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. यह संकेत है कि आने वाले वर्ष में भरपूर वर्षा, उर्वरता और समृद्धि का वातावरण रहेगा. यह मान्यता केवल लोक आस्था नहीं, बल्कि प्रकृति और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के परिवर्तन का द्योतक है. पौराणिक दृष्टि से देखा जाए तो मां दुर्गा का मुख्य वाहन शेर है, जो शक्ति, पराक्रम और साहस का प्रतीक है. लेकिन नवरात्रि के नौ दिनों में बदलती हुई सवारियां ब्रह्मांडीय चक्र और प्रकृति के विविध रूपों को दर्शाती हैं. यही कारण है कि भक्त माता की हर सवारी को शुभ संकेत और भविष्य का दर्पण मानते हैं.

सफलता का राज़: इन लोगों से दूरी बनाना है ज़रूरी

सफल होने के लिए महान लोगों की बातों को जरूर मानना चाहिए। ये ना केवल आपको सफलता दिलाती है बल्कि लाइफ में मिलने वाले बड़े धोखे से भी बचाने में मदद करती है। चाणक्य एक महान कूटनीतिज्ञ थे और उन्होंने अपने राजा को शत्रुओं और छल करने वाले लोगों से बचाने के लिए कई तरह की नीति की बातें बताई थी। उनमे से कुछ बाते हर इंसान के जीवन में लागू होती है। 1) चाणक्य ने कहा कि भाग्य भी उन्हीं लोगों का साथ देता है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य पर टिके रहते हैं। 2) ऐसे इंसान पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए जो आपसे बात करते हुए इधर-उधर देखता हो। इसका मतलब है कि वो किसी से छुपकर आपसे मिल रहा है। 3) शरीर में आए रोग, शत्रु और किसी ऋण को कभी भी छोटा नहीं समझना चाहिए। जितना जल्दी हो सके इसको खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। 4) मूर्ख लोगों से कभी भी वाद-विवाद करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। ये आपके समय और दिमाग को नष्ट करते हैं। 5) किसी इंसान के ऊंचा और महान बनने के लिए केवल उसके कर्म और गुण ही जिम्मेदार हो सकते हैं। 6) अगर आप किसी दूसरे शहर गए हैं और वहां आपकी जीविका का साधन नहीं है तो ऐसे जगह पर एक पल भी नहीं रुकना चाहिए। 7) जिस जगह पर आपकी इज्जत ना होती हो वहां एक पल भी नहीं रुकना चाहिए। 8) यहीं नहीं जगह कोई भी हो कुछ मित्र जरूर पास होने चाहिए। अगर ऐसी जगह जहां आपके मित्र ना हो वहां भी नहीं ठहरना चाहिए। 9)जिन जगहों पर ज्ञान की बातें ना होती हों, ऐसी जगह पर बिना समय गंवाएं हट जाना चाहिए।