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पितृपक्ष के बाद घर या जमीन खरीदने का सही मौका: सितंबर से दिसंबर तक के टॉप मुहूर्त

इस बार पितृपक्ष 8 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर को समाप्त होंगे। इसके बाद आप मकान या जमीन की खरीदारी जरूर कर सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं सितंबर से दिसंबर तक सम्पत्ति क्रय के लिए शुभ मुहूर्त कौन कौन से रहने वाले हैं।  कुछ ही दिनों में पितृ पक्ष शुरू होने वाले हैं। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। यदी आप घर या जमीन की खरीदारी के बारे में सोच रहे हैं, तो पितृपक्ष के बाद ही इस कार्य के बारे में विचार करें। धार्मिक परंपरा के अनुसार पितृपक्ष के दौरान ऐसे कार्य करने पर सख्त मनाही होती है। इस बार पितृपक्ष 8 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर को समाप्त होंगे। इसके बाद आप मकान या जमीन की खरीदारी जरूर कर सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं सितंबर से दिसंबर तक सम्पत्ति क्रय के लिए शुभ मुहूर्त कौन कौन से रहने वाले हैं।     दिनांक आरंभ काल समाप्ति काल सितंबर 25, 2025, बृहस्पतिवार  शाम 07:09 बजे सुबह 06:11 बजे, 26 सितंबर सितंबर 26, 2025, शुक्रवार  सुबह 06:11 बजे सुबह 06:12 बजे, 27 सितंबर  अक्तूबर 16, 2025 सुबह 06:22 बजे सुबह 06:23 बजे, अक्तूबर 17 अक्तूबर 17, 2025 सुबह 06:23 बजे सुबह 06:24 बजे, अक्तूबर 18 अक्तूबर 23, 2025, बृहस्पतिवार  सुबह 06:27 बजे सुबह 06:28 बजे, अक्तूबर 24 अक्तूबर 24, 2025, शुक्रवार  सुबह 06:28 बजे सुबह 06:28 बजे, अक्तूबर 25 नवंबर 7, 2025, शुक्रवार सुबह 12:33 बजे सुबह 06:38 बजे, नवंबर 08 नवंबर 13, 2025, बृहस्पतिवार सुबह 06:42 बजे सुबह 06:43 बजे, नवंबर 14 नवंबर 14, 2025, शुक्रवार सुबह 06:43 बजे रात 09:20 बजे नवंबर 20, 2025, बृहस्पतिवार  सुबह 06:48 बजे सुबह 06:49 बजे, नवंबर 21 नवंबर 21, 2025, शुक्रवार  सुबह 06:49 बजे दोपहर 01:56 बजे  नवंबर 28, 2025, शुक्रवार सुबह 02:49 बजे सुबह 06:55 बजे, नवंबर 29 दिसंबर 5, 2025, शुक्रवार सुबह 11:46 बजे सुबह 07:00 बजे, दिसंबर 06 दिसंबर 11, 2025, बृहस्पतिवार  सुबह 07:04 बजे सुबह 03:55 बजे, दिसंबर 12 दिसंबर 18, 2025, बृहस्पतिवार सुबह 07:08 बजे शाम 08:07 बजे दिसंबर 19, 2025, शुक्रवार सुबह 10:51 बजे सुबह 07:09 बजे, दिसंबर 20 दिसंबर 26, 2025, शुक्रवार  सुबह 09:00 बजे सुबह 07:12, दिसंबर 27  

जानें कौन सी सब्जियां पितरों को नहीं भाती, टालें पितृ असंतोष

पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशेष नियम हैं जिनका सख्ती से पालन करने से पितरों की तृप्ति होती है, उनकी आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही परिवार पर सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान इन परंपराओं को गंभीरता से अपनाना अत्यंत आवश्यक है। पितृ पक्ष, जिसे पितृ अमावस्या या पितृ काल भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवधि है जो इस वर्ष 7 सितंबर से 21 सितंबर 2025 तक रहेगी। यह वह समय होता है जब हमारे पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा, श्राद्ध कर्म और तर्पण आदि किए जाते हैं। इस पावन अवसर पर लोग अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथियों के अनुसार विशेष श्राद्ध अनुष्ठान करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति और मुक्ति मिल सके। पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराने की भी विशेष प्रथा है, जिसे पितृ भोजन कहा जाता है। ऐसा करने से माना जाता है कि पूर्वज तृप्त होते हैं और अपने वंशजों की सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद देते हैं। यह समय परिवार में एकता और परंपराओं के सम्मान का प्रतीक भी होता है। पितृ पक्ष के ये कर्म न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह हमें अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना भी सिखाते हैं। पितरों के भोजन में किन सब्ज़ियों से बचें पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए बनाए जाने वाले भोजन में कुछ खास सब्जियों को शामिल नहीं किया जाता। खासकर पत्ता गोभी और कुम्हड़ा की सब्जी पितरों के भोजन में बिल्कुल नहीं बनानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितर इन सब्जियों को ग्रहण नहीं करते। यदि इन्हें पितरों के लिए बनाए गए भोजन में शामिल किया जाए या ब्राह्मणों को खिलाया जाए, तो माना जाता है कि पितर अतृप्त होकर लौट जाते हैं। इससे न केवल पितरों की शांति बाधित होती है बल्कि परिवार पर भी दोष लगता है। इसलिए यह एक महत्वपूर्ण नियम है कि पितरों के भोजन में इन सब्जियों का पूर्णतः त्याग किया जाए। अश्विन माह में खाने से परहेज करें पितृ पक्ष जो कि अश्विन माह में आता है, इस समय कई प्रकार की जड़ वाली सब्जियों से बचने की सलाह दी जाती है। इस दौरान शकरकंद, मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर, अरबी, सूरन जैसी सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। इन सब्जियों में ठंडी और भारी प्रकृति होती है, जो धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार पवित्र भोजन के लिए उचित नहीं मानी जातीं। पितृ पक्ष के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है, इसलिए इस तरह की सब्जियों का परहेज करना जरूरी होता है।  दालों के सेवन पर रोक पितृ पक्ष के समय कुछ विशेष प्रकार की दालों से भी दूर रहना चाहिए। इनमें चना दाल, सत्तू, मसूर और उड़द की दाल शामिल हैं। ये दालें भारी होती हैं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पावन अवधि में इनका सेवन वर्जित माना गया है। श्राद्ध और तर्पण जैसे अनुष्ठानों के समय हल्का और सरल भोजन ही बनाया जाता है, जो पितरों की तृप्ति के लिए उपयुक्त हो। प्याज-लहसुन से बचाव पितृ पक्ष में बनाए जाने वाले भोजन में प्याज और लहसुन का उपयोग पूरी तरह से वर्जित होता है। इन दोनों सामग्रियों को अहिंसा और शुद्धता के सिद्धांतों के विपरीत माना जाता है। श्राद्ध के भोजन में इनका प्रयोग न करने से भोजन की पवित्रता बनी रहती है और पूर्वजों को प्रसन्न किया जा सकता है। इससे अनुष्ठान का प्रभाव भी बढ़ता है। भोजन बनाते समय सावधानी पितृ पक्ष के दौरान भोजन बनाते समय विशेष स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी है। भोजन बनाने से पहले स्नान अवश्य करें और पूरी सफाई के साथ भोजन तैयार करें। इसके अलावा, अनुष्ठान और भोजन के दौरान चप्पल पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि यह असम्मान और अशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इन बातों का ध्यान रखने से अनुष्ठान सफल होते हैं और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। 

मृत्यु के बाद पहला श्राद्ध कैसे करें? जानें नियम और धार्मिक कारण

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. पितृपक्ष के दौरान अपने पितरों या पूर्वजों का श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है. ऐसा करने से पितरों और मृत आत्माएं तृप्त होती है. साल 2025 में पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो चुकी है जो 22 सितंबर यानी सर्वपितृ अमावस्या तक चलेंगे. पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण, पिंडदान करना शुभ माना जाता है, मान्यता है ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. लेकिन श्राद्ध करने के कई नियम हैं जिनका पालन अवश्य करना चाहिए. जानते हैं किसी की मृत्यु के बाद पहला श्राद्ध कब करना चाहिए. क्या हैं श्राद्ध करने के नियम जानें इसका धार्मिक कारण. कई बार लोग सही जानकारी ना होने की वजह से किसी की भी मृत्यु के बाद उनका श्राद्ध कर देते हैं. लेकिन इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए और प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करना चाहिए. पहले श्राद्ध से जुड़ी जरूरी बातें     पहला श्राद्ध एक वर्ष पूर्ण होने के बाद करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, मृत्यु के बाद जब मृतक की पहली बरसी आती है, तब पहला श्राद्ध किया जाता है. श्राद्ध कर्म हमेशा तिथि के अनुसार करें. अगर आप तिथि का हिसाब ना लगा सकते हो तो किसी पंडित से तिथि के बारे में जान सकते हैं.     जिनकी मृत्यु किसी भी माह के शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया आदि किसी भी तिथि पर अगर हुई है तो उन लोगों का श्राद्ध पितृपक्ष में उसी तिथि पर किया जाता है.     तिथि पर ही श्राद्ध करने का विशेष महत्व होता है. श्राद्ध हमेशा उसी तिथि पर करना चाहिए जिस तिथि पर मृत्यु होती है.     अगर किसी की बरसी पितृ पक्ष में आ जाए तो उस दिन किया गया श्राद्ध और भी अधिक फलदायी माना जाता है. कब करें पहला श्राद्ध ? पितृ की वार्षिक यानी बरसी के बाद श्राद्ध किया जा सकता है. इसलिए कोशिश करें जब तक वार्षिक यानी बरसी ना हो जाए तब तक श्राद्ध ना करें. वार्षिक या बरसी व्यक्ति की मृत्यु के सालभर के अंदर ही होती है. किसी का भी पहला श्राद्ध आत्मा को शांति और संतोष प्रदान करता है. श्राद्ध कर्म करने से पितरों का आशीर्वाद और उनकी कृपा प्राप्त होती है.

सरकारी नौकरी चाहने वालों के लिए प्रेमानंद जी का सफलता मंत्र, जानें 100% सफल होने का तरीका

हमारे देश में सरकारी नौकरी का क्रेज किसी से छिपा नहीं है। हर साल लाखों छात्र अलग-अलग सरकारी नौकरियों का सपना लिए तैयारी शुरू करते हैं। इस रेस में कोई तय समय नहीं होता, कभी कोई सालभर में अपना मुकाम हासिल कर लेता है, तो किसी को कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती। जाहिर है लाखों की भीड़ में जब आप उतरते हैं, वो गला काट प्रतिस्पर्धा फेस करते हैं, तो मन में घबराहट भी होती है। और जब कड़ी मेहनत के बाद भी कई सालों तक कोई रिजल्ट नहीं मिलता तो मन निराशा में भी घिर जाता है। प्रेमानंद जी महाराज ने अपने एक सत्संग के दौरान इसी विषय पर विस्तार में बताया है। उनके बताए इस मंत्र को अगर छात्र अपने जीवन में उतार लें, तो जरूर सफलता उनके हाथ लगेगी। और यदि असफल भी हुए तो उसे बेहतर तरीके से डील कर पाने में भी मदद मिलेगी। हमेशा उत्साह के साथ करें तैयारी प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि छात्र जीवन में हमेशा उत्साह होना चाहिए। चाहे आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हों या बेसिक पढ़ाई; हमेशा पूरे जोश, लगन और उत्साह के साथ करें। कोई भी काम मिल रहा है तो उसे चुनौती की तरह लें और टालने की बजाए तुरंत करने की आदत डालें। जब आप जरूरी काम को सही समय पर करने की आदत डाल लेंगे तो मानसिक रूप से भी आप स्ट्रेस फ्री ही रहेंगे। हंसते-खेलते जोश के साथ आपकी तैयारी भी बेहतर होगी और परिणाम भी हमेशा अच्छा ही मिलेगा। प्रॉपर प्लानिंग के साथ करें तैयारी प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि तैयारी करने से पहले उसकी पूरी योजना बनाना जरूरी है। रोज का काम रोज करने की आदतें डालें और डेली प्लानिंग करें। आज आपको क्या करना है इसकी प्रॉपर प्लानिंग बनाएं। रात में प्लान बनाकर सोएं तो और भी बेहतर होगा। इससे आपको अगले दिन काम करने में आसानी होगी और आप अपने पूरे दिन का अच्छा उपयोग कर पाएंगे। चिंता की बजाय चिंतन करें चिंता करना चिता के समान है। इससे मिलता तो कुछ नहीं उल्टा नुकसान ही होता है। प्रेमानंद जी महाराज भी कहते हैं कि छात्र हो या कोई भी व्यक्ति, चिंता तो बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। चिंता की जगह अगर आप चिंतन करें तो ज्यादा बेहतर होगा। सोचें कि कैसे खुद को बेहतर कर सकते हैं, आगे की योजना बनाएं। अपनी तैयारी ऐसी रखें कि एक महीने बाद परीक्षा है, तो आज भी अगर कोई आपसे सवाल पूछे तो आप बता पाएं। ऐसी तैयारी करने वाले छात्र को जरूर सफलता मिलती है।  

बेहतर नींद के वास्तु टिप्स, अपनाएं और देखें स्वास्थ्य पर असर

कई लोगों को यह समस्या बनी रहती है कि उनकी नींद बार-बार टूटती जिस कारण नींद पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी घेर लेती हैं। आप इस समस्या के समाधान के लिए कुछ वास्तु टिप्स अपना सकते हैं, जिससे आपको काफी फायदा देखने को मिलेगा। चलिए जानते हैं इस बारे में। क्या होनी चाहिए बेड की दिशा वास्तु शास्त्र में माना गया है कि, अगर आप उत्तर और पश्चिम दिशा में सिर करके सोते हैं, तो इससे रोगों में वृद्धि होती है और व्यक्ति की उम्र घटने लगती है। सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इसलिए आपका बेड भी दक्षिण दिशा में ही होना चाहिए। ध्यान रखें ये बातें रंगों का भी नींद पर काफी असर पड़ता है। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि बेडरूम की दीवारों से लेकर बेडशीट का रंग हल्का ही होना चाहिए। इससे आपको नींद की समस्या में आराम देखने को मिल सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि सोते समय अपने पैर दरवाजे की तरफ नहीं रखने चाहिए, वरना इससे भी आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। न करें ये गलती सोने से पहले सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे फॉन, लैपटॉप आदि को अपने पास से हटा देना चाहिए और दूर रखकर सोना चाहिए। वास्तु शास्त्र में यह माना गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सामान को अपने पास रखकर सोते हैं, तो इससे नींद में तो बाधा उत्पन्न होती ही है, साथ ही सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही आपके बेड के नीचे भी कोई सामान नहीं रखा होना चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे बार-बार नींद टूटने की समस्या बनी रहती है। क्या है सोने का सही समय शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि कभी भी सूर्यास्त के तुरंत बाद और गोधूलि बेला में नहीं सोना चाहिए। सोने के लिए सबसे अच्छा समय रात्रि के पहले प्रहर को माना गया है। वहीं, उठने के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सबसे उत्तम बताया गया है। इसके साथ ही दिन में सोने से भी कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।  

अलमारी में जमा पुराने कपड़े ला सकते हैं नकारात्मकता, जानें तुरंत समाधान

आपकी अलमारी में ऐसे कई कपड़े रखें होंगे, जिन्हें आपने महीनों या सालों से नहीं पहना होगा। वहीं, कुछ ऐसे भी कपड़े घर में आपने जमा कर रखें होंगे, जो फटे पुराने होंगे। अगर, ऐसा है तो अनजाने में आप अपने घर में निगेटिविटी को न्योता दे रहे हैं, जो आगे चलकर आपके दुर्भाग्य का कारण बन सकता है। दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में पुराने कपड़ों का संबंध शनि और राहु से माना जाता है। जिन घरों में पुराने कपड़े होते हैं, वहां पर शनि और राहु का अशुभ प्रभाव रहता है। पुराने, बिना इस्तेमाल में आने वाले सामान और कबाड़ को भरकर रखने से निगेटिव एनर्जी बनने लगते हैं। ऐसा होने पर आपकी तरक्की और सुख-समृद्धि में बाधा आ सकती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर शुभ और अच्छी चीजों को रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है। इसलिए घर में और अलमारी में उन्हीं कपड़ों को रखें जो पहनने लायक हों और फटे-पुराने नहीं हों। आइए जानते हैं पुराने कपड़ों का क्या करें… वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर फटे, पुराने और बेकार कपड़ों को तुरंत ही अलमारी से बाहर निकाल दें। इन कपड़ों की वजह से आपको आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी पुराने, बेकार और फटे हुए कपड़ों दान नहीं करने चाहिए। यदि आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को कुछ दान करना चाहते हैं, तो ऐसे कपड़े दें, जो पहनने लायक हों। यदि आपके पास काले कपड़े हों, तो उन्हें शनिवार के दिन दान करने से शनि दोष कम होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेरंग हो चुके कपड़े पहनने या उन्हें घर में रखे रहने से आपकी जिंदगी भी बेरंगी होने लगती है। इसी तरह दाग-धब्बे लगे कपड़े भी घर में नहीं रखने चाहिए। इसलिए इन कपड़ों को भी फेंक दें।  

08 सितंबर 2025 : बदलेगी इन राशियों की किस्मत, देखें दैनिक राशिफल

मेष: मेष राशि, उत्साह और अप्रत्याशित मोड़ से भरे दिन के लिए तैयार हो जाइए। आपकी एनर्जी हाई रहने वाली है। चाहे कुछ नया प्रयास करना हो या नया रास्ता अपनाना हो, आज का दिन बदलाव को अपनाने और नए अवसरों का स्वागत करने का है। वृषभ: आज के दिन सरप्राइज के लिए तैयार रहें। अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें। आप रिजल्ट्स से आश्चर्यचकित हो सकते हैं। आपका प्रेम जीवन समृद्ध रहेगा, जिससे आपको अपने साथी के साथ संवाद करने में आसानी होगी। मिथुन: आज के दिन आप उस संबंध को महसूस करेंगे, जो एक विशेष बॉन्ड बनाने के लिए आवश्यक है। सब कुछ भगवान की इच्छा के अनुसार होगा। बेहतर भविष्य के लिए क्रिएटिव योजनाएं बनाएं ताकि आप अपना ख्याल रख सकें।  कर्क: आज का दिन आपके जीवन में खुशियां और संतुष्टि लेकर आने वाला है। आपको अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए किसी बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। करियर में आपकी प्रतिभा आपके काम आएगी। सिंह: आज आप आध्यात्मिक और प्रोफेशनल तौर पर विकास हासिल करने में भी सफल रहेंगे, जो महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ढेर सारे अवसर पाने के लिए आपको विनम्र और ईमानदार रहना चाहिए। कन्या: आज के दिन उन लोगों के प्रति आभारी रहें, जो बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना आपके मानसिक स्वास्थ्य की परवाह करते हैं। आश्चर्यजनक परिणाम देखने के लिए अच्छा काम जारी रखें। अपने साथी के साथ क्वालिटी टाइम स्पेन्ड करें ताकि आप एक साथ गहरा कनेक्शन स्थापित कर सकें। तुला: आज के दिन आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। आप जो कुछ भी चाहते हैं उसे प्राप्त करना हमेशा संभव नहीं होता है, विशेषकर विलासिता की वस्तुएं। अंत में आप देखेंगे कि आप आसानी से सफल हो जाएंगे। वृश्चिक: स्थिति में सुधार के लिए आपको कुछ वित्तीय विचारों के साथ प्रयोग करने की आवश्यकता है। आपका परिवार यह सुनिश्चित करेगा कि आप नियमित रूप से अपनी परेशानियों को शेयर करके अच्छा महसूस करें।  धनु: आज के दिन भविष्य के बारे में सोचना आपके लिए फायदेमंद होगा। आपको इस समय बहुत त्याग करने की आवश्यकता है ताकि आप आगे एक अच्छा जीवन जी सकें। आपको अपने परिवार के बारे में भी प्लान करने की आवश्यकता है। मकर: आज के दिन छोटी बचत से शुरुआत करें और देखें कि आपका प्रदर्शन कैसा रहता है। आप अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं, तो आपको कमाई के अन्य स्रोतों के बारे में भी सोचना चाहिए। अपने रिश्ते को अगले लेवल पर ले जाने का अच्छा समय है। कुंभ: कुछ बड़ा हासिल करने के लिए आपको अपने निजी समय का त्याग करना होगा। आपके परिवार को इस संबंध में सहयोगी होना चाहिए ताकि यह एक टीम वर्क बन जाए। इसका मतलब यह नहीं है कि आपके पास पर्सनल टाइम नहीं होगा। मीन: आज के दिन आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा लेकिन आप बहुत ज्यादा पैसे नहीं बचा पाएंगे। नियमित रूप से पार्टनर से बातचीत करना जरूरी है। इससे आपको मानसिक शांति पाने और एक-दूसरे पर और भी अधिक भरोसा करने में मदद मिलेगी।

भाग्य का ताला खोलेगा चंद्र ग्रहण, इन राशियों पर बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण आज लगने जा रहा है। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 01 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। इस ग्रहण की अवधि 3 घंटे 28 मिनट है। यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में आ जाएगा। यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण को ही ब्लड मून कहा जाता है। यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में आ जाएगा। जब चंद्रमा पूरी तरह से धरती की छाया में होता है, तो उसका रंग हल्का लाल या नारंगी हो जाता है। जिस वजह से इसे ब्लड मून कहते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है। कुछ राशि वालों को शुभ तो कुछ राशि वालों को अशुभ फल की प्राप्ति होती है। इस ग्रहण से कुछ राशि वालों के अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे।  चंद्र ग्रहण से किन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन मेष राशि : मेष राशि वालों को चंद्र ग्रहण से जबरदस्त लाभ होगा। लंबे समय से रुके हुए कार्य सफल होंगे। अटका हुआ धन वापस मिलेंगे। धन लाभ के नए अवसर मिलेंगे। आय के नए स्त्रोतों से धन लाभ होगा। सभी कार्य बिना किसी विघ्न-बाधा के संपन्न होंगे। करियर में तरक्की के अनगिनत अवसर मिलेंगे। कानूनी मामलों में जीत हासिल होगी। धन का आवक बढ़ेगा। इंकम में इजाफा होगा। धन बचत के नए मौके मिलेंगे। बिजनेस में बढ़ोत्तरी के नए अवसर मिलेंगे। व्यापार में मुनाफा होगा। करियर में नई उपलब्धियां हासिल होंगी। स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा। नया घर या वाहन की खरीदारी के योग बनेंगे। वृषभ राशि : चंद्र ग्रहण से वृषभ राशि वालों के अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे। बेहद शुभ फल देंगे। सामाजिक पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यक्तित्व में निखार आएगा। मां लक्ष्मी की कृपा से धन-दौलत में वृद्धि के योग बनेंगे। नौकरीपेशा वालों के प्रमोशन या अप्रेजल के चांसेस बढ़ेंगे। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेंगे। धन-संपदा में वृद्धि के योग बनेंगे। पुराने निवेशों से अच्छा रिटर्न मिलेगा। यह इंकम बढ़ाने के लिए विकल्पों की तलाश करने का उत्तम समय साबित होगा। कर्ज से मुक्ति मिलेगी। हालांकि, इस माह में स्टॉक मार्केट या रियल एस्टेट में इनवेस्ट करने का रिस्क लेने से बचें। कन्या राशि : कन्या राशि वालों का भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरीपेशा वालों के इंकम में इजाफा होगा। आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। बिजनेस में कोई बड़ी डील हासिल होगी। व्यापार में विस्तार होगा। करियर में तरक्की के कई अवसर मिलेंगे। ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। हर कार्य के मनचाहे परिणाम मिलेंगे। जीवन के सभी कष्ट दूर होंगी। वैवाहिक जीवन की दिक्कतें दूर होंगी। हालांकि, इस दौरान अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें। अपने बजट पर ध्यान दें। धन बचत करें और जल्दबाजी में महंगी वस्तु की खरीदारी करने से बचें। धनु राशि : धनु राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण शुभ रहेगा। धन आगमन के नए मार्ग प्रशस्त होंगे। कार्यों के बाधाएं दूर होंगी। इंकम के नए सोर्स बनेंगे। कर्ज से मुक्ति मिलेगी। अच्छे पैकेज के साथ नई जॉब का ऑफर मिलेगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। धन कमाने के नए अवसर मिलेंगे। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। इस माह आपके सभी सपने साकार होंगे। हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलेगी। आय के अप्रत्याशित स्त्रोतों से धन लाभ होगा। लॉन्ग टर्म फाइनेंसशियल गोल्स पर फोकस करें। इस माह आप सोच-समझकर रियल एस्टेट में इनवेस्ट कर सकते हैं। इससे आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।

कांच टूटने का रहस्य: घर में अचानक टूटने पर लें ये जरूरी कदम

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में अचानक कांच का टूटने को आमतौर पर शुभ संकेत माना जाता है। माना जाता है कि यह किसी आने वाली मुसीबत के टालने का संकेत है। कहते हैं कि आने वाली किसी मुसीबक को उस कांच ने अपने ऊपर ले लिया है और घर व परिवार के सदस्यों की रक्षा की है। खासकर यदि यह किसी खिड़की या दरवाजे का कांच अचानक बिना किसी वजह से टूट जाए, तो इसे अच्छा माना जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह धन लाभ या किसी शुभ समाचार का भी संकेत हो सकता है। संभव है कि जल्द ही आपको अचानक किसी काम से धन लाभ हो सकता है। टूटे हुए कांच को घर से हटा दें हालांकि, टूटे हुए कांच को घर में रखना अशुभ माना जाता है। क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर में नकारात्मकता फैलाता है। कहते हैं कि घर में रखा टूटा कांच अपने साथ कई परेशानियां लेकर आता है। इसलिए घर में कांच के टूटने के बाद इसे तुरंत हटा देना चाहिए। इन बातों का रखें ध्यान अगर किसी शुभ अवसर पर कांच या शीशा टूट जाते, तो इसे अपशकुन माना जाता है। टूटे हुए कांच को हटाते समय सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि किसी को चोट न लगे। लिहाजा, इसे कूड़ेदान में फेंकने से पहले किसी मोटे कपड़े या कागज में लपेट लें। वास्तु के अनुसार, घर में गोल आकार का आईना या धार वाले शीशे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यदि आप चौकोर आकार का आईना नहीं लगाना चाहते हैं, तो अष्टकोणीय डिजाइन को चुन सकते हैं। इसके अलावा आईने को कभी भी बेडरूम में नहीं लगाना चाहिए। यदि आपने बेडरू में इसे लगाया भी है, तो इस तरह से लगाना चाहिए कि सोते समय आपका प्रतिविंब इसमें न दिखे। यदि आप किसी ऐसी जगह पर हैं, जहां ये बदलाव करना मुमकिन नहीं है, तो उस शीशे पर कपड़ा डाल दें।  

ब्लड मून का दुर्लभ नजारा: भारत के इन शहरों में दिखेगा सबसे साफ, कब देखें चांद?

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण सात सितंबर यानी आज लगने वाला है। ये चंद्र ग्रहण भारत में भी नजर आएगा। ऐसे में सूतक काल भी मान्य होगा। इस समय सूतक काल चल रहा है। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण शनि की राशि कुंभ में लगेगा। इसके साथ ही चंद्रमा पूर्वाभाद्रपद और शतभिषा नक्षत्र में विराजमान होंगे। ऐसे में इसका असर देश-दुनिया में देखने को मिलने वाला है। चंद्र ग्रहण का स्पर्श रात 9 बजकर 57 बजे, मध्य रात 11 बजकर 41 मिनट पर और समापन रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा।  चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस लिए सात सितंबर को दिन में 12 बजकर 58 मिनट पर सूतक लग जाएंगे। 7 सिंतबर को दिखने वाला चंद्र ग्रहण लाल रंग का होगा। इसे ब्लड मून के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रहण 3 घंटे 29 मिनट तक रहने वाला है। यह चंद्र ग्रहण भारत, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के अलग-अलग हिस्सों में दिखाई देगा। धर्म शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस दिन पूजा-अर्चना और किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान नहीं करने चाहिए‌, कहा जाता है कि इस दिन गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को खास सावधानी बरतनी चाहिए‌। उन्हें इस दौरान घर से बाहर जाने से बचना चाहिए, इस दिन गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह के औजारों का प्रयोग करने से बचना चाहिए। भारत के इन शहरों में दिखाई देगा ब्लड मून उत्तर भारत: दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ पश्चिम भारत: मुंबई, अहमदाबाद, पुणे दक्षिण भारत: चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि पूर्वी भारत: कोलकाता, भुवनेश्वर, गुवाहाटी क्या होता है ब्लड मून आज लगने वाला ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण है। पूर्ण चंद्र ग्रहण को ही ब्लड मून कहा जाता है। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में आ जाएगा। जब चंद्रमा पूरी तरह से धरती की छाया में होता है, तो उसका रंग हल्का लाल या नारंगी हो जाता है। जिस वजह से इसे ब्लड मून कहते हैं।