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घर में मिली बुजुर्ग दंपति की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस

रायपुर राजधानी रायपुर से सटे अभनपुर थाना क्षेत्र के बिरोदा गांव में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली डबल मर्डर की घटना सामने आई है। गांव के एक घर में बुजुर्ग दंपति भूखन ध्रुव (उम्र 62 साल) और उनकी पत्नी रूखमणी ध्रुव (उम्र 60 साल) की लाशें खून से लथपथ हालत में मिलीं। आशंका जताई जा रही है कि दोनों की घर के अंदर गला रेतकर हत्या की गई है। घटना की सूचना फैलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। घटना की सूचना मिलते ही अभनपुर पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह भी अपनी टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मौके पर ACCU टीम, एफएसएल यूनिट, फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया, जिन्होंने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किए। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि हत्या धारदार हथियार से की गई है और यह मामला पूर्व नियोजित हत्या का हो सकता है। पुलिस ने घर को पूरी तरह सील कर दिया है और सभी संभावित पहलुओं से जांच की जा रही है। मर्ग पंचनामा की कार्रवाई पूरी कर ली गई है, और अभनपुर थाना पुलिस द्वारा आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है। समाचार लिखे जाने तक हत्या के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था, न ही किसी आरोपी की पहचान हुई है। हालांकि, पुलिस ने गांव के आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है और जल्द ही किसी बड़े खुलासे की उम्मीद जताई जा रही है।

मुख्यमंत्री साय ने ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान पर आधारित पुस्तिका का किया विमोचन

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर स्थित अपने कक्ष में ‘मोर गांव मोर पानी’ महाअभियान पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रारंभ किए गए इस विशेष अभियान ने जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में अभूतपूर्व चेतना उत्पन्न की है। विमोचन कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, प्रमुख सचिव पंचायत  निहारिका बारीक, आयुक्त मनरेगा और संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना तारण प्रकाश सिन्हा सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ग्राम पंचायतों की सक्रियता और जनता की स्वप्रेरित भागीदारी के चलते यह अभियान अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है। लोग स्वेच्छा से जल संरक्षण जैसे पुनीत कार्यों से जुड़ रहे हैं, जो सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने कहा कि पुस्तिका में राज्य की विभिन्न पंचायतों द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों और नवाचारों को संकलित किया गया है, जो अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अभियान के अंतर्गत सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों के माध्यम से जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रदेश की 11,000 से अधिक ग्राम पंचायत भवनों की दीवारों पर भूजल स्तर अंकित किया गया है, जिससे लोगों में जल के महत्व को लेकर व्यावहारिक चेतना जागृत हुई है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की भूमिका जल संरक्षण को जन-भागीदारी से जोड़ने में महत्वपूर्ण रही है, और यह चेतना आने वाले समय में और भी व्यापक स्वरूप लेगी। उल्लेखनीय है कि ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान के तहत रैली, दीवार लेखन जैसे माध्यमों से व्यापक स्तर पर जनसामान्य को जल संरक्षण के प्रति संवेदनशील और जागरूक किया गया है। 626 क्लस्टर्स में आयोजित प्रशिक्षणों के माध्यम से 56,000 से अधिक प्रतिभागियों को जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए तैयार किया गया है। अभियान में GIS तकनीक का उपयोग कर जल संरक्षण कार्यों की प्रभावी योजना बनाई जा रही है, जबकि जलदूत ऐप के माध्यम से खुले कुओं का जल स्तर मापा जा रहा है। इसके अतिरिक्त, परकोलेशन टैंक, अर्दन डैम, डिफंक्ट बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर जैसे संरचनात्मक उपायों के माध्यम से जल पुनर्भरण और संरक्षण के स्थायी प्रयास किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों के यह प्रयास छत्तीसगढ़ को जल संरक्षण के राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित करेंगे।

ठेकेदार की मनमानी: 8 इंच की जगह 4 इंच में ढलाई, कलेक्टर बोले – जांच के बाद नहीं बख्शा जाएगा

बालोद आदिवासी विकासखंड डौण्डी के ग्राम पंचायत बम्हनी के आश्रित गांव कटरेल में सीसी रोड निर्माण में ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि इस काम में निर्माण एजेंसी मनमानी कर रहा. बिना झिल्ली बिछाए एस्टीमेट में 8 इंच सड़क को महज 4 इंच में ढाला जा रहा है. इस मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने जिला स्तरीय जांच टीम गठित कर जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है. ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन ने 266 मीटर सीसी रोड के लिए 10 लाख रुपए स्वीकृत किए थे, जिसका निर्माण RES विभाग की देखरेख में हो रहा है. यह सड़क डीएमएफ की राशि से बनाई जा रही है. ग्रामीणों ने दबी जुबान से बताया कि घटिया सड़क का निर्माण एजेंसी द्वारा किया जा रहा है. इस पर जांच कर जितना काम हुआ है उतना ही मूल्यांकन किया जाना चाहिए और जहां बिना झिल्ली के निर्माण किया गया है उसे पुनः तोड़ कर निर्माण किया जाना चाहिए. इस पूरे मामले में आरईएस के एसडीओ जयप्रकाश चंद्राकर ने बताया कि आपके द्वारा जानकारी मिलने के बाद मौके पर गया था. इंजीनियर को निर्देशित किया गया है कि जांच कर कोर कटिंग जितना निकलेगा उतने का ही मूल्यांकन करें. अब देखना होगा कि डौंडी विकासखण्ड में के घोर जंगल में बसे गांवों में हो रहे इस तरीके के कार्यों पर कार्यवाही हो पाती है या लीपापोती कर अधिकारी ऐसे लोगों को संरक्षण देकर ऐसे ही गुणवत्ताहीन कार्य कराकर भ्रष्टाचार को अंजाम देंगे.

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पूर्व सरपंच पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, जांच के लिए टीम पहुंची गांव

कवर्धा विवादों में घिरा ग्राम पंचायत दशरंगपुर एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। यहां के पूर्व सरपंच राजू खान पर 50 लाख से अधिक रुपए का गंभीर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है। ग्रामीणों और उपसरपंच दुर्गेश साहू का आरोप है कि पंचायत में आए विकास कार्यों के फंड का दुरुपयोग कर पूर्व सरपंच राजू ने अपनी जेब भरी। ग्रामीणों ने मामले की शिकायत कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और जनपद सीईओ से की है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में 40 साल पुराने बोर खनन के नाम पर राशि निकाल ली गई, जबकि ऐसा कोई काम नहीं हुआ। सड़क, पानी टंकी और अन्य मूलभूत सुविधाओं के नाम पर भी फर्जीवाड़ा कर पैसे की बंदरबांट की गई। इस संबंध में उपसरपंच दुर्गेश साहू ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत पंचायत में जानकारी मांगी थी, जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। ग्रामीणों ने आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर भ्रष्टाचार की शिकायत कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और जनपद सीईओ से की है। शिकायत के बाद जनपद पंचायत के पांच सदस्यीय जांच दल ने ग्राम पंचायत दशरंगपुर पहुंचकर यहां हुए कार्यों की भौतिक जांच शुरू कर दी है। जांच दल जिओ टैगिंग के माध्यम से पूर्व में किए गए तथाकथित विकास कार्यों की पड़ताल कर रहा है। सारे आरोप बेबुनियाद : पूर्व सरपंच इस मामले में पूर्व सरपंच राजू खान ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और राजनीतिक साजिश करार दिया। फिलहाल मामले की जांच जारी है और सबकी नजरें इस पर टिकी है कि जांच के बाद सच्चाई किसके पक्ष में सामने आती है।

असामाजिक तत्वों ने आधी रात में कार में लगाई आग, पीड़ित की तत्परता से टला बड़ा हादसा, दर्ज कराई शिकायत

अभनपुर  राजधानी से लगे अभनपुर क्षेत्र में मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात ग्राम जौंदी में एक ग्रामीण की नई इको गाड़ी को अज्ञात असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया, जिससे वाहन बुरी तरह जल गया। पीड़ित ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ थाना गोबरा नवापारा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पीड़ित ग्रामीण अजय बैरागी ने बताया कि उन्होंने महज 4 महीने पहले नई इको गाड़ी (क्रमांक CG 04 QD 7630) खरीदी थी। वह उसे घर के बाहर ही खड़े करते थे। मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात करीब 12:30 बजे किसी ने उनकी गाड़ी में आग लगा दी। अजय को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर पड़ोसियों की मदद से आग बुझाने का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक वाहन का सामने का हिस्सा और चारों टायर जल चुके थे। अजय ने बताया कि उन्हें शक है कि यह कृत्य दुश्मनी के चलते उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया है। उन्होंने मामले की रिपोर्ट थाना गोबरा नवापारा में दर्ज कराई है। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

ट्रक ने छीना परिवार का सुख: मां-बेटे की मौत, पिता और बच्चा जिंदगी की जंग में

जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में तेज रफ्तार और यातायात नियमों की अनदेखी ने एक पूरे परिवार को मौत के मुंह में ढकेल दिया. मुलमुला थाना क्षेत्र के पामगढ़ रोड पर एक ही बाईक पर पति-पत्नी अपने 3 बच्चों को लेकर सफर कर रहे थे. इसी दौरान एक तेज रफ्तार बोलेरो वाहन ने बाइक को ठोकर मार दी, जिससे बाइक सवार परिवार ट्रक की चपेट में आ गए. महिला और एक मासूम की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं मृतिका के पति और एक बच्चे की हालत गंभीर है. तीसरा बच्चे को मामूलि चोट आई है. घटना के बाद आरोपी बोलेरो वाहन लेकर फरार हो गया. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर मृत महिला और मासूम के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. वहीं गंभीर रूप से घायल बाइक चालक (मृतिका के पति) और एक बच्चे को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है. वहीं तीसरे बच्चे को अकलतरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है. आरोपी बोलेरो वाहन चालक की पहचान कर उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है.

घुमने आई युवती गजपल्ला वाटरफॉल की गहराई में समाई, 20 फीट नीचे पत्थरों के बीच फंसा शव, पर्यटकों की आवाजाही पर रोक

गरियाबंद दोस्तों के साथ घुमने आई रायपुर की युवती गजपल्ला वाटरफॉल की गहराई में समा गई है. 24 घंटे बाद भी उनका शव नहीं निकाला जा सका है. युवती का शव 20 फीट गहराई में पत्थरों के सुरंग के बीच फंसा हुआ है. वन विभाग, नगर सेना, पुलिस और स्थानीय गोताखोर के 60 से ज्यादा जवान रेस्क्यू में जुटे हैं. वहीं इस हादसे के बाद चिंगरापगार, गजपल्ला वाटरफॉल में पर्यटकों के आने पर प्रशासन ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. सोमवार को लगभग 4 बजे गजपल्ला वाटर फॉल के गहराई में रायपुर की 19 वर्षीय मेहवीस खान गिरी थी. एसडीआरएफ की टीम ने उनके शव का पता लगा लिया है. वाटर प्रूफ कैमरे लेकर गहरे पानी के नीचे तलाश की गई. 19वें घंटे बाद गहराई में मौजूद चट्टान में बने सुरंग नुमा स्थल पर मृतका के फंसी होने की संभावना जताई गई है, लेकिन कैमरा 10 फीट के बाद काम नहीं कर रहा. एसडीआरएफ के लांस नायक उमेश सिन्हा ने बताया कि ज्यादा गहराई में कैमरे की विज्वल्टी का अनुमान नहीं लगाया जा पा रहा. 20 फीट नीचे पत्थरों में सुरंग है. संभावना है कि वही युवती का शव फंसा होगा. रेस्क्यू में रायपुर के एसडीआरएफ की टीम समेत गरियाबंद प्रशासन के 60 से ज्यादा जवान जुटे हुए हैं. मधुमक्खियों ने रेस्क्यू टीम पर किया हमला गजपल्ला में मौजूद वृक्ष में दर्जनभर से ज्यादा मधुमक्खियों के छत्ते मौजूद हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के दरम्यान मधुमक्खियों ने रेस्क्यू टीम पर हमला भी कर दिया. स्थानीय तीन मददगारों पर मधुमक्खी ने हमला कर दिया था, जिससे एक घंटे तक आपरेशन बाधित हुआ. मौके पर पाण्डुका थाना प्रभारी, गरियाबंद रेंजर भी मौजूद हैं. परिजनों ने किया रतजगा, रो-रो कर बुरा हाल हादसे की सूचना के बाद रायपुर राजापारा में रहने वाले परिजन और सगे संबंधी बड़ी संख्या में घटना स्थल पर पहुंच गए हैं. मृत्तिका के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. चिंगरापगार, गजपल्ला वाटरफॉल पर पूरी तरह प्रतिबंध : डीएफओ इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने चिंगरापगार, गजपल्ला वाटरफॉल पर पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने प्रतिबंध का बोर्ड लगाकर आवाजाही रोक दिया है. प्रवेश स्थानों पर वन विभाग ने जवान तैनात कर दिया है.

मेकाहारा जांच मशीनों पर उठे सवाल, स्वास्थ्य मंत्री का तीखा जवाब विपक्ष पर भारी

रायपुर सदन की कार्यवाही के तीसरे दिन डॉ. भीम राव अम्बेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) की बंद पड़ी जांच मशीनों और मशीनों की खरीदी प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को घेरा. स्वास्थ्य मंत्री ने कांग्रेस विधायक के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में पांच साल आपकी भी सरकार थी. कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने प्रश्नकाल में मेकाहारा में बंद पड़ी जांच की मशीनों की मरम्मत का मामला उठाया हुए कहा कि मशीनों में से कई मशीन एक संख्या में थे जो वर्षों से ऐसी ही पड़ी है. मशीनों की खरीदी क्यों नहीं हो रही और खरीदी की प्रक्रिया क्या है? स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने बताया कि 161 मशीन स्थापित है 50 मशीन बंद है. अभी 70 करोड़ की खरीदी कर रहे हैं. 11 मशीनों का सुधार कार्य चल रहा है. इस पर कांग्रेस विधायक ने सवाल किया कि कैंसर की जांच करने वाले मशीन क्यों नहीं है? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वो जांच मशीन की श्रेणी में नहीं इलाज की श्रेणी में आता है, और यह मशीन विदेश से आता है. लेकिन हम उस मशीन को चालू भी करेंगे. विधायक शेषराज ने सवाल जारी रखते हुए कहा कि यह मशीन पिछले 9 साल पहले आपके ही कार्यकाल में खरीदी गई थी. 9 साल पहले खरीदी गई मशीन अभी तक चालू क्यों नहीं कर पाए है? इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में एक अच्छे सोच के साथ मशीन की खरीदी की गई थी, लेकिन कुछ कारणवश अगर चालू नहीं कर पाए, तो अभी करवा रहे है. लेकिन 5 साल आपकी भी सरकार थी. इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मैने पिछले 5 साल में भी यह कहा है बार बार की वह मशीन अगर चालू होगी तो उससे कई लोगों का इलाज किया जा सकता है कोई अनियमितता होगी तो उसकी भी जांच करा सकते हैं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष ने जताई संतुष्टि, बिजली बढ़ोतरी पर सरकार का जवाब प्रभावी

रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष में इतिहास बन गया. बिजली दर में वृद्धि पर विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव आसंदी ने अस्वीकार्य कर दिया. लेकिन प्रस्ताव अस्वीकार्य होने के बाद भी विपक्ष ने हंगामा नहीं किया. वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के द्वारा विषय को गंभीरता से लेने पर आभार जताया. इस पर सत्तापक्ष ने मेजें थपथपाई. शून्यकाल में नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने बिजली दर में वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिजली दर में वृद्धि से पूरा छत्तीसगढ़ परेशान है. गरीबों को बिजली दर में वृद्धि आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है. विपक्ष ने जो स्थगन दिया है, उस पर चर्चा होनी चाहिए. इस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सदन में वक्तव्य देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 हेतु घोषित बिजली टैरिफ में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है. यह निर्णय जनसुनवाई की प्रक्रिया के बाद पारदर्शी ढंग से लिया गया है और इसे घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर स्टील और रोलिंग मिल उद्योगों तक ने सराहा है. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे तक की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है — जिसका सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ के कृषक वर्ग पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े. सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा कर रही है. उद्योगों को बढ़ावा — स्टील इंडस्ट्री की दरों में कटौती मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने हेतु मिनी स्टील, रोलिंग मिल और फेरो एलॉय जैसे ऊर्जा-गहन उद्योगों की दरों में कटौती की है. यह निर्णय उद्योगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.55 घंटे/दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे/दिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. विशेष रूप से कृषि फीडरों में 18 घंटे प्रतिदिन की आपूर्ति दी जा रही है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक आंकड़ों में शामिल है. तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (AT&C Loss) को 2020-21 में 23.14% से घटाकर 2024-25 में 13.79% किया गया है. यह उपलब्धि दक्ष संचालन, पारदर्शी व्यवस्था और तकनीकी सुधारों का प्रमाण है. कोरबा में 1320 मेगावॉट का नया प्लांट वर्तमान टैरिफ में केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान का भी समावेश है जिसके अंतर्गत ट्रांसमिशन कंपनी के लिए ₹2433 करोड़, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए ₹3977 करोड़ और जनरेशन कंपनी के लिए ₹2992 करोड़ का प्रावधान है. कोरबा में 1320 मेगावॉट के प्लांट की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, जिसकी लागत ₹15,800 करोड़ है. इससे छत्तीसगढ़ भविष्य में ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनेगा और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी. घरेलू उपभोक्ताओं के लिए डबल अनुदान योजना मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹78,000 तक केंद्र सरकार से अतिरिक्त 2 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹30,000 तक राज्य शासन से अनुदान दिया जाएगा. यह योजना छत्तीसगढ़ के घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है. ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपए के करार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि पॉवर कंपनी/शासन द्वारा 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के करार किए गए हैं, जिससे आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन और रोजगार दोनों के क्षेत्र में क्रांति आएगी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हमारी प्राथमिकता है कि बिजली उपभोक्ताओं को न केवल निर्बाध आपूर्ति मिले, बल्कि वह गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और टिकाऊ हो. वर्तमान और भावी योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानक स्थापित करेगा. नेता प्रतिपक्ष ने सीएम को दिया धन्यवाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने काम करने की बात कही है. उन बातों से हमें लगा कि वह ध्यान दे रहे हैं. हमें लगा कि उन्होंने इसको सीरियस माना है. इसलिए हमने उनका धन्यवाद दिया.

मुख्यमंत्री साय ने बच्चों से आत्मीय संवाद करते हुए उनका हालचाल जाना और राजधानी रायपुर में उनका आत्मीय स्वागत किया

रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय से  छत्तीसगढ़ विधानसभा में नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत राजधानी रायपुर के शैक्षणिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले की सुदूरवर्ती पाँच ग्राम पंचायतों के बच्चों ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों से आत्मीय संवाद करते हुए उनका हालचाल जाना और राजधानी रायपुर में उनका आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बस्तर के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी सहित सभी मूलभूत सुविधाएँ बस्तर के कोने-कोने तक पहुँचाने हेतु कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों से सौहार्दपूर्ण बातचीत करते हुए कहा कि इस शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से आपको राजधानी रायपुर को निकट से देखने-समझने का अवसर मिला है। इसी तरह राज्य सरकार बस्तर क्षेत्र में भी तीव्र गति से विकास कर रही है। उन्होंने बताया कि सुदूर अंचलों में अब सुरक्षाबलों के कैंप स्थापित हो रहे हैं, और जहां-जहां ये कैंप पहुँचते हैं, वहाँ चौतरफा विकास के द्वार खुलते हैं। अब अधिकांश स्थानों पर शासकीय राशन दुकानों की स्थापना हो चुकी है और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक पहुँच रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि निकट भविष्य में बस्तर पूरी तरह से नक्सलमुक्त क्षेत्र होगा। मुख्यमंत्री ने बच्चों से मुस्कराते हुए पूछा — "बस्तर के शेर बच्चों ने रायपुर के जंगल सफारी में शेर देखा या नहीं?" इस मजाकिया अंदाज़ पर बच्चों सहित उपस्थित सभी लोग ठहाके लगाकर हँस पड़े। श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार आत्मनिर्भर बस्तर की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उन्हें दुग्ध उत्पादन से भी जोड़ा जा रहा है। सरकार शिक्षा के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सुनिश्चित कर रही है, ताकि क्षेत्र के बच्चों का भविष्य सुरक्षित और समृद्ध हो सके। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायकगण श्री ईश्वर साहू एवं श्री सुशांत शुक्ला भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत सुकमा जिले की पाँच सुदूर ग्राम पंचायतों—पालाचलमा, पोटकपल्ली, एलमागुंडा, ताड़मेटला एवं गोलापल्ली—के 100 स्कूली बच्चे राजधानी रायपुर के दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर आए हैं। भ्रमण के दौरान इन बच्चों को मंत्रालय, जंगल सफारी, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थलों का अवलोकन कराया गया। विदित हो कि नियद नेल्लानार योजना के तहत बस्तर के नक्सल प्रभावित पाँच जिलों के बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।