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नीति पर सवाल: गाड़ियाँ बंद, पर पुराने जहाज़ उड़ रहे! दोहरे मापदंडों पर मचा हंगामा

नई दिल्ली दिल्ली में 10 साल डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को बैन किए जाने को लेकर घमासान मचा हुआ है। राजधानी में प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए रेखा गुप्ता सरकार ने ऐसे वाहनों के लिए पेट्रोल-डीजल बंद कर दिया है। इस फैसले का आम आदमी पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है तो सोशल मीडिया पर कई लोग अपनी अलग-अलग राय जाहिर कर रहे हैं। पूर्व पायलट का सवाल भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि 40 साल पुराने हवाई जहाज अब भी उड़ाए जा रहे हैं और तीन दशक पुराने बस-ट्रेनों को भी चलाया जा रहा है तो निजी गाड़ियों को क्यों प्रतिबंधित किया जा रहा है। रिटायर्ड पायलट संजीव कपूर ने एक्स पर लिखा, 'हम अब भी ऐसे एयरक्राफ्ट उड़ा रहे हैं जो 40 साल पुराने हैं और हमारी कई ट्रेनें, बसें, नावें और व्यावसायिक विमान तीन दशक पुराने हैं, जिनका हर दिन इस्तेमाल हो रहा है। केवल निजी वाहनों पर क्यों प्रतिबंध लगाया जा रहा है? चूंकि अब गैस स्टेशनों पर ईंधन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इससे एक समानांतर इको सिस्टम बनेगा, जो ना तो टिकाऊ है और न ही वांछित। ऐसा मेरा मानना ​​है।' गौरतलब है कि एक जुलाई से दिल्ली में 15 वर्ष से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 वर्ष से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों में ईंधन भरने पर रोक लगा दी गई है। आदेश के मुताबिक तय अवधि पार कर चुके चार पहिया वाहनों पर 10,000 रुपये और दो पहिया वाहनों पर 5,000 रुपये का जुर्माना शामिल है, साथ ही संभावित जब्ती और गाड़ी उठाकर ले जाने का शुल्क भी देना होगा। आप भी कर रही विरोध रेखा गुप्ता सरकार के इस फैसले का विपक्षी पार्टी 'आप'भी विरोध कर रही है। आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को सरकार के हालिया आदेश को ‘मध्यम वर्ग पर एक और हमला’ करार दिया। सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा सरकार ने दिल्ली की सड़कों से 61 लाख वाहनों को हटाने का अत्याचारी आदेश जारी किया है। यह शासन नहीं, यह ‘फुलेरा की पंचायत’ है। जिन परिवारों ने अपने वाहनों का ध्यान रखा है, उन्हें अब दंडित किया जा रहा है। यहां तक ​​कि जो वाहन 10,000 किलोमीटर से भी कम चले हैं, उन्हें भी अयोग्य माना जा रहा है।'  

दिल्ली जल बोर्ड घोटाला! सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार का शिकंजा कसने लगी ED

नई दिल्ली दिल्ली में आप सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन एक बार फिर फंसते दिख रहे हैं। उनपर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की ओर से कुछ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) को बढ़ाने में कथित भ्रष्टाचार का आरोप है। ईडी इस मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग वाले एंगल से आज सत्येंद्र जैन से पूछताछ भी की है। 60 वर्षीय सत्येंद्र जैन सुबह करीब 11:15 बजे संघीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे और उनका बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया जा रहा है। ED ने पिछले साल जुलाई में इस मामले में तलाशी ली थी। मनी लॉन्ड्रिंग की यह जांच दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) की ओर से यूरोटेक एनवायर्नमेंटल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई FIR से जुड़ी है। FIR में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में पप्पनकला, निलोठी, नजफगढ़, केशोपोर, कोरोनेशन पिलर,नरेला, रोहिणी और कोंडली में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के विस्तार और उन्नयन के नाम पर कथित घोटाले का आरोप है। ये चार टेंडर,जिनकी कीमत 1,943 करोड़ रुपये थी,अक्टूबर 2022 में विभिन्न संयुक्त उद्यम (JV) संस्थाओं को दिए गए थे। ED के अनुसार, ACB की FIR में आरोप लगाया गया है कि इन चार टेंडरों में केवल तीन JV कंपनियों ने भाग लिया था। टेंडर दस्तावेजों के सत्यापन से पता चलता है कि चार टेंडरों की प्रारंभिक लागत लगभग 1,546 करोड़ रुपये थी, जिसे बिना उचित प्रक्रिया/परियोजना रिपोर्ट के 1,943 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया था।  

लड़की की आंत में फंसी मॉइस्चराइजर की बोतल, डॉक्टर ने सिग्मॉइडोस्कोपी प्रक्रिया से बोतल निकाल कर बचाई आंत

नई दिल्ली  यौन जिज्ञासा के कारण 27 साल की युवती ने बोतल को निजी अंग में डाला था, जो प्राइवेट पार्ट में फंस गई। जिसके बाद निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना सर्जरी किए सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से युवती की आंत में फंसी मॉइस्चराइजर की बोतल निकाली। इससे पहले युवती पेट में दर्द और दो दिनों से शौच न होने की समस्या से परेशान रही। युवती ने बोतल अपनी प्राइवेट पार्ट में डाली जिसके बाद उसे निजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। पूछताछ करने पर युवती ने बताया कि उसने यौन सुख की चाह में दो दिन पहले एक मॉइस्चराइजर की बोतल अपनी प्राइवेट पार्ट में डाली थी। वहीं इसके बाद डॉक्टरों ने बोतल निकालने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। इसके बाद युवती के पेट का एक्स-रे किया गया, जिसमें बोतल प्राइवेट पार्ट के ऊपरी हिस्से में फंसी हुई दिखाई दी। युवती की गंभीर हालत और आंत फटने की आशंका को देखते हुए उसे तुरंत रात में सर्जरी के लिए ले जाया गया। जल्दी ठीक होने में मिली मदद बता दें कि सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से बोतल को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। इस प्रक्रिया से पेट या आंत को नहीं काटना पड़ा, जिससे मरीज को कम दर्द और जल्दी ठीक होने में मदद मिली। हालांकि पूरी बोतल को सुरक्षित निकाल लिया गया। वहीं मरीज की हालत में सुधार होने पर उसे अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस मामले में डॉक्टर ने बताया कि ऐसे मामलों में समय बर्बाद किए बिना प्रक्रिया करना जरूरी होता है। इससे आंत फटने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपी, सिग्मॉइडोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी जैसी मिनिमल इनवेसिव तकनीकों से इनका इलाज सुरक्षित रूप से किया जा सकता है जबकि अन्य डॉक्टर ने बताया कि अक्सर ऐसे मरीज अकेलापन महसूस करते हैं और इलाज के दौरान इस पहलू का भी ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मरीज यदि मनोरोग से ग्रसित हैं तो उनकी काउंसलिंग की जा सकती है।  सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से बोतल को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। इस प्रक्रिया से पेट या आंत को नहीं काटना पड़ा। पूरी बोतल को सुरक्षित निकाल लिया गया और मरीज की हालत में सुधार होने पर उसे अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सर्जरी टीम में डॉ. तरुण मित्तल, डॉ. आशीष डे, डॉ. अनमोल आहूजा, डॉ. श्रेयष मंगलिक और एनेस्थेटिस्ट डॉ. प्रशांत अग्रवाल शामिल थे। डॉ. अनमोल आहूजा ने कहा कि ऐसे मामलों में समय बर्बाद किए बिना प्रक्रिया करना जरूरी होता है। इससे आंत फटने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपी, सिग्मॉइडोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी जैसी मिनिमल इनवेसिव तकनीकों से इनका इलाज सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। डॉ. तरुण मित्तल ने बताया कि अक्सर ऐसे मरीज अकेलापन महसूस करते हैं, और उपचार के दौरान इस पहलू का भी ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मरीज यदि मनोरोग से ग्रसित हैं तो उनकी काउंसलिंग की जा सकती है। 

दिल्ली-मुरादाबाद हाइवे पर ट्रैफिक अलर्ट! वीकेंड पर रहेगा जीरो मूवमेंट, भारी वाहनों पर रोक

गजरौला  सावन मास की कांवड़ यात्रा की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। एक दिन पहले ही सावन मास की कांवड़ यात्रा की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। इस क्रम में अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर व हापुड़ जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों रूट का जायजा भी लिया है। जिसमें शिव भक्तों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। इसको लेकर रूट डायवर्जन का खाका भी तैयार किया गया। चार चरणों में भारी वाहनों का रूट डायवर्जन रहेगा। शनिवार-रविवार को जीरो ट्रैफिक रहेगा। यूं तो 1 जुलाई से सावन मास का शुभारंभ हो जाएगा। इस माह में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, बरेली, बदायूं, मुरादबाद, रामपुर आदि जिलाें से शिवभक्तों का आगमन गंगा नगरी ब्रजघाट में होता है। हर साल भारी मात्रा में कांवड़िये उमड़ते हैं। ऐसे में शिवभक्तों की सुरक्षा को लेकर जिले की पुलिस पहले से ही तैयारी कर रही है। 14 जुलाई को पहली सोमवार के लिए जल भरने के लिए कांवड़िये 11 जुलाई से ही निकल पड़ेंगे। उनके लिए रूट डायवर्जन का खाका तैयार किया गया। तय किया गया है कि पूरे चार चरणों में भारी वाहनों का रूट डायवर्ट रहेगा। शनिवार-रविवार को कांवड़ियों की भीड़ अनुसार हाइवे पर ट्रैफिक जीरो रहेगा और दिल्ली से मुरादाबाद जाने वाली हाइवे की साइड कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी। बैठक में कांवडियों जाने के मार्गों पर विशेष सर्तकता एवं निगरानी के साथ प्रभावी ड्यूटी लगाए जाने की बात कही। मुख्य स्थानों व चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों व ड्रोन कैमरों से निगरानी कराने के लिए भी निर्देश दिए गए। टीएसआइ अनुज तोमन ने बताया कि चार चरणों में रूट डायवर्जन रहेगा। पहला चरण 11 जुलाई से 14 तक, दूसरा चरण 18 से 23 जुलाई तक, तीसरा 25 से 28 जुलाई और चौथा चरण एक से चार अगस्त तक रहेगा। इसके अलावा प्रत्येक सोमवार के लिए शुक्रवार की शाम से ही जीरो ट्रैफिक रहेगा। बिना आइडी के किसी भी श्रद्धालु को गेस्ट हाउस, धर्मशाला में नहीं रुकने दिया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर समय समय पर चेकिंग की जाएगी। इस प्रकार रहेगा रूट डायवर्जन     मुरादाबाद से दिल्ली की ओर जाने वाले यातायात को मुरादाबाद कांठ, बिजनौर के स्योहारा, धामपुर, बिजनौर बैराज मीरापुर, मवाना, मेरठ, मोदीनगर गाजियाबाद होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     मुरादाबाद से मेरठ- दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को टीएमयू की बगल से अगवानपुर बाईपास, छजलैट, नूरपुर बिजनौर बैराज, मीरापुर, मवाना होते हुए मेरठ दिल्ली भेजा जाएगा।     बरेली से दिल्ली जाने वाले वाहनों को आबला से शाहबाद, बिलारी, चंदौसी, बबराला से नरोरा होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     रामपुर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को शाहबाद से डायवर्ट कर बिलारी, चंदौसी, बबराला, नरोरा, जनपद बुलंदशहर होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     अमरोहा से दिल्ली जाने वाले वाहनों को शिवाला कला, नूरपुर, बिजनौर, मेरठ, मवाना गाजियाबाद होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     दिल्ली और जिला गाजियाबाद की तरफ से आकर मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन मसूरी, धौलाना, गुलावठी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजोई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते होकर मुरादाबाद जाएंगे।     दिल्ली व गाजियाबाद की ओर से आकर मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन छिजारसी, धौलाना, गुलावठी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजौई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते से होकर मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली एनसीआर से आकर उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले सभी भारी वाहन छिजारसी टोल प्लाजा से निजामपुर फ्लाईओवर से, सोना पेट्रोल पंप फ्लाईओवर से ततारपुर चौराहा होते हुए टियाला अंडर पास से किठौर होते हुए परीक्षितगढ़, मवाना, बहसुमा, रामराज बिजनौर होते हुए अपने गंतव्य की ओर जाएंगे।     हापुड़ से मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन सोना पेट्रोल पंप के सामने से गुलावटी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजोई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते होते हुए मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     मेरठ वाया मवाना रोड मीरापुर बैराज, बिजनौर कोतवाली, देहात, नगीना, धामपुर, कांठ, छजलैट होते हुए मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     गजरौला चौपला से वाया मंडी धनौरा, चांदपुर, हलदौर, बिजनौर बैराज, मीरापुर, मवाना, परीक्षित गढ़, किठौर, टियाला अंडरपास, ततारपुर चौराहा, सोना फ्लाईओवर, निजामपुर फ्लाईओवर, छिजारसी टोल प्लाजा से होते हुए दिल्ली गाजियाबाद की ओर जाएंगे।  

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध, पहले ही दिन पुलिस ने जब्त की 80 गाड़ियां

नई दिल्ली दिल्ली में पुरानी गाड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध का नियम 1 जुलाई से प्रभावी हो गया है. इस नए नियम के पहले दिन ही कई वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई. दिल्ली सरकार की नीति के अनुसार, 15 साल से पुराने पेट्रोल और CNG वाहनों, तथा 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को अब किसी भी पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा. पहले ही दिन नए नियम लागू होने के बाद लगभग 80 वाहनों को जब्त किया गया है. इसके साथ ही, ट्रैफिक पुलिस ने कई वाहन मालिकों को नोटिस भी जारी किए हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त किए गए वाहनों में 67 दोपहिया, 12 कारें और 1 ऑटो रिक्शा शामिल हैं. क्या है नई फ्यूल पॉलिसी? दिल्ली सरकार के नए नियमों के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल और CNG वाहनों तथा 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों को “एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) व्हीकल” के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा. ऐसे सभी वाहनों को अब दिल्ली के किसी भी फ्यूल स्टेशन से पेट्रोल, डीजल या CNG भरवाने की अनुमति नहीं होगी. राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों पर पुराने वाहनों की पहचान के लिए ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) सिस्टम स्थापित किया गया है. यह प्रणाली नंबर प्लेट को स्कैन करके वाहन की उम्र का पता लगाएगी. यदि कोई वाहन निर्धारित समय सीमा से अधिक पुराना पाया गया, तो फ्यूल स्टेशन का अटेंडेंट उसे ईंधन देने से मना कर देगा. क्या हैं तैयारियां? सरकार ने इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी पेट्रोल पंप संचालकों को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है. इसके अंतर्गत सभी फ्यूल स्टेशनों पर बड़े-बड़े साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि वाहन मालिकों को इस नियम की स्पष्ट जानकारी मिल सके. इसके साथ ही, कर्मचारियों को पुराने वाहनों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन वाहनों की एक लॉगबुक भी तैयार की जाएगी, जिन्हें ईंधन देने से मना किया गया है. ANPR टेक्नोलॉजी से होगी निगरानी दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों पर ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) तकनीक लागू कर दी है. यह प्रणाली नंबर प्लेट को स्कैन करके वाहन की उम्र की जानकारी प्रदान करेगी और पुराने वाहनों की पहचान कर उन्हें ईंधन देने से रोक देगी. SOP जारी, स्टाफ को मिला प्रशिक्षण सरकार ने इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी फ्यूल स्टेशनों पर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है. इसके तहत, पेट्रोल पंपों पर सूचना बोर्ड स्थापित किए जाएंगे. अटेंडेंट्स को प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे पुराने वाहनों की पहचान कर सकें. इसके अलावा, उन पुराने वाहनों की एक लॉगबुक भी तैयार की जाएगी, जिन्हें फ्यूल भरने से मना किया जाएगा. इस आदेश को बताया AAP नेता आतिशी ने तुगलकी फरमान आतिशी ने कहा कि इस आदेश के पीछे एक स्पष्ट कारण है – भाजपा की कार और बाइक निर्माताओं के साथ साठगांठ हो गई है. यदि 62 लाख गाड़ियों को सड़क से हटाया जाता है, तो उतने ही लोगों को नई गाड़ियां खरीदनी पड़ेंगी, जिससे लाभ केवल वाहन निर्माताओं को होगा. उन्होंने भाजपा को चुनौती दी कि पिछले पांच वर्षों में उन्हें गाड़ी निर्माताओं से कितना चंदा मिला है, यह दिल्ली की जनता को बताएं. भाजपा को दिल्लीवासियों और प्रदूषण की चिंता नहीं है, बल्कि उनकी चिंता केवल उन लोगों की है, जिनसे उन्होंने करोड़ों का चंदा लिया है. गाड़ी की उम्र और प्रदूषण का कोई संबंध नहीं आतिशी ने इस आदेश पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे तुगलकी और निराधार करार दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस आदेश का गाड़ियों की उम्र और प्रदूषण से कोई संबंध नहीं है. यदि गाड़ियों का सही तरीके से रखरखाव किया जाए, तो वे पुरानी होने पर भी प्रदूषण नहीं फैलातीं. इसके अलावा, यह भी जरूरी नहीं है कि कोई गाड़ी पुरानी होने के कारण अधिक उपयोग की गई हो; कई गाड़ियां ऐसी हो सकती हैं जो सात साल में तीन लाख किलोमीटर चल चुकी हैं, जबकि कुछ ऐसी भी हो सकती हैं जो पंद्रह साल में केवल पचास हजार किलोमीटर चली हों. इस संदर्भ में सरकार की नीतियों की गंभीरता पर सवाल उठता है, क्योंकि यह प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित नहीं है. 62 लाख गाड़ियां हो जाएंगी सड़कों से आउट इस तुगलकी आदेश के परिणामस्वरूप लगभग 62 लाख गाड़ियों को सड़क से हटाना पड़ेगा, जिसमें 40 लाख दोपहिया और 20 लाख कारें शामिल हैं. दिल्ली के नागरिक आमतौर पर दोपहिया वाहनों का उपयोग ऑफिस और अन्य कार्यों के लिए करते हैं, ऐसे में उनकी दैनिक गतिविधियों का संचालन कैसे होगा, यह एक बड़ा सवाल है. इसके अलावा, दिल्ली में कई वरिष्ठ नागरिक हैं, जो बाजार जाने के लिए गाड़ियों का सहारा लेते हैं और अक्सर लोकल उपयोग के लिए सेकेंड हैंड गाड़ियाँ खरीदते हैं. अब उनके लिए आवागमन की व्यवस्था कैसे होगी, यह चिंता का विषय है.

45 दिन पहले अवैध रूप से भारत में रहने वाले को बांग्लादेश डिपोर्ट किया था, यह ट्रांसजेंडर ना सिर्फ फिर से दिल्ली लौटी …..

नई दिल्ली दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर उसी ट्रांसजेंडर को गिरफ्तार किया है, जिसे करीब 45 दिन पहले अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में बांग्लादेश डिपोर्ट किया गया था. यह ट्रांसजेंडर ना सिर्फ फिर से दिल्ली लौट आया, बल्कि उसी इलाके में वापस पहुंच गया, जहां से उसे पहले पकड़ा गया था. पुलिस ने उसके साथ 6 और लोगों को भी अवैध निवास के आरोप में हिरासत में लिया है. पुलिस के अनुसार, ट्रांसजेंडर सुहान खान (30) शालीमार बाग में भीख मांग रहा था. पुलिस ने 30 जून इस इलाके में छापा मारा और उसे गिरफ्तार किया है. पहले मई में किया गया था सुहान हैरानी की बात यह है कि सुहान उन 300 बांग्लादेशी नागरिकों में शामिल था, जिसे मई में गिरफ्तार किया गया और जून के पहले हफ्ते में हिंडन एयरबेस से फ्लाइट के जरिए त्रिपुरा के अगरतला ले जाया गया और वहां से बांग्लादेश के बॉर्डर पर डिपोर्ट किया गया था. पुलिस अधिकारी के मुताबिक, 15 मई को उत्तर-पश्चिम दिल्ली में सुहान को पहली बार गिरफ्तार किया गया था और फिर उसे फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (FRRO) को सौंपा गया था. पहले नाटक किया, फिर अंधेरे का फायदा उठाया पुलिस सूत्रों का कहना है कि डिपोर्ट किए जाने के बाद सुहान ने मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का नाटक किया और कुछ दिनों तक त्रिपुरा की सीमा पर घूमता रहा. उसके बाद उसने अंधेरे का फायदा उठाया और दोबारा भारत में प्रवेश कर लिया. वो पहले अगरतला से दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन तक पहुंचा और फिर सीधे उसी शालीमार बाग इलाके में लौट आया, जहां वो पहले रहता था और भीख मांगता था. मोबाइल में मिला प्रतिबंधित मैसेजिंग ऐप उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त (DCP) भीष्म सिंह ने बताया कि सहान समेत सात लोगों को 30 जून को हिरासत में लिया गया है. जांच के दौरान तीन स्मार्टफोन जब्त किए गए, जिनमें एक प्रतिबंधित मैसेजिंग ऐप मिला है. इस ऐप का इस्तेमाल ये लोग बांग्लादेश में अपने परिवारवालों से संपर्क के लिए कर रहे थे. पांच ट्रांसजेंडर भीख मांगते पाए उन्होंने बताया कि सुहान समेत पांच ट्रांसजेंडर शालीमार बाग इलाके में भीख मांगते पाए गए. पूछताछ में उन्होंने खुद को भारतीय नागरिक बताया, लेकिन दस्तावेजों की जांच और वेरिफिकेशन के बाद उनका दावा झूठा निकला. इसी इलाके से एक पुरुष और एक महिला को भी अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में पकड़ा गया है. ये दोनों भी बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे. सातों लोगों से की जा रही है पूछताछ पुलिस का कहना है कि दिल्ली समेत कई मेट्रो शहरों में अवैध तरीके से प्रवेश कर चुके विदेशी नागरिकों पर विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके. फिलहाल सभी सातों को हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए FRRO और अन्य एजेंसियों को सूचना दे दी गई है.  

‘जनता चाहती है नया नाम’ – पुरानी दिल्ली स्टेशन को लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली  दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर कहा है कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम 'महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन' किया जाए। डॉक्टर्स डे के अवसर पर दिल्ली मेडिकल फोरम के डॉक्टर्स ने मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से दिल्ली सचिवालय में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग पर बयान दिया। दिल्ली के सीएम ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "समाज के लोगों ने गुजारिश की थी, जिसके बाद हमने उनकी मांग के मद्देनजर पत्र रेल मंत्री को भेजा है, बाकी ये निर्णय उनका होगा।" साथ ही, रेखा गुप्ता ने डॉक्टर्स डे की बधाई दी। उन्होंने कहा, "मैं डॉक्टर्स डे पर देश और दुनिया भर के सभी डॉक्टरों को तहे दिल से बधाई देती हूं। सभी को मिलकर उत्कृष्ट चिकित्सा बुनियादी ढांचा और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं विकसित करनी चाहिए और दिल्ली को मेडिकल हब बनाना चाहिए।" बता दें कि सीएम रेखा गुप्ता ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग को लेकर ये पत्र बीते महीने जून में लिखा था। उन्होंने रेल मंत्री को लिखे इस पत्र में कहा था, "मैं आपसे विनम्र अनुरोध करती हूं कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन के सम्मान में बदलने पर विचार करें। महाराजा अग्रसेन सामाजिक न्याय, आर्थिक दूरदर्शिता और सामुदायिक कल्याण के प्रतीक हैं। उनके अनुयायी और वंशज दिल्ली के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन करने से उनके अमर योगदानों को सम्मान मिलेगा और यह दिल्ली के लाखों निवासियों की भावनाओं को गहराई से छुएगा। इस प्रस्ताव पर अपने मंत्रालय द्वारा शीघ्र और सकारात्मक विचार के लिए आपका व्यक्तिगत हस्तक्षेप अत्यंत सराहनीय होगा।"