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क्या राहुल गांधी जल्द कर सकते हैं शादी? बयान से अटकलें तेज

पटना बिहार में वोटर अधिकार यात्रा कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी शादी को लेकर एक ऐसी बात कही है, जिसके बाद यह चर्चा फिर से शुरू हो गई है कि क्या वो विवाह को लेकर गंभीरता से विचार कर रहे हैं या फिर हल्के मूड में उन्होंने खुद के अब तक अविवाहित रहने का मजा लिया है। चुनाव आयोग के विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण को वोट चोरी की एक कवायद बता रहे 55 साल के राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान महागठबंधन के नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन में अपनी शादी की बात छेड़ी। असल में लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (एलजेपी-आर) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के इस आरोप पर मीडिया ने सवाल पूछा था तेजस्वी यादव अब कांग्रेस के पिछलग्गू बनकर घूम रहे हैं। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि चिराग पासवान किनके हनुमान हैं, ये पता ही है, हमलोग तो जनता के हनुमान हैं, वो व्यक्ति विशेष के हनुमान हैं। तेजस्वी ने कहा कि बात मुद्दे पर हो, जनता उनको नहीं पूछ रही है, आज लोकतंत्र की हत्या की जा रही है, संविधान को मिटाया जा रहा है। शादी करिए, दाढ़ी मत बढ़ाइए, हम लोग बारात चलेंगे: राहुल गांधी से बोले लालू यादव इसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा- “चिराग पासवान के सवाल पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन उनको सलाह जरूर देंगे, हमारे बड़े भाई हैं, जल्द से जल्द शादी कर लें।” तेजस्वी की इस सलाह पर बगल में बैठे राहुल गांधी ने तेजस्वी से माइक ली और कहते हैं- “मेरे लिए भी एप्लिकेबल (लागू) है।” फिर तेजस्वी यादव कहते हैं- “पापा कब से कह रहे हैं”। राहुल गांधी इस पर जवाब देते हैं- “चल रही है (बात) इनके फादर के साथ”।

सिर्फ 8 दिन का मौका: 13 लाख वोटरों को करना होगा दस्तावेज़ जमा, वरना छूट जाएगा नाम

पटना बिहार में जारी गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) के तहत 24 जून से 24 अगस्त 2025 यानी 60 दिनों में 98.2% लोगों ने अपने दस्तावेज़ जमा कर दिए हैं। इसका औसत लगभग 1.64% प्रतिदिन बैठता है। अब भी 1 सितंबर तक 8 दिन शेष हैं और केवल 1.8% (12 लाख 85 हजार 200) निर्वाचकों के दस्तावेज़ जमा होने बाकी हैं। बी.एल.ओ और स्वयंसेवकों की मदद से इन दस्तावेज़ों का संग्रहण कार्य जारी है। जिस तरह गणना प्रपत्र समय से पहले एकत्र किए गए थे, उसी प्रकार दस्तावेज़ों का संग्रहण कार्य भी समय से पहले पूरा हो जाने की संभावना है। दावे और आपत्तियों की अवधि से निर्वाचकों को ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली में किसी भी त्रुटि को सुधारने का अवसर मिलता है, साथ ही वो आवश्यक दस्तावेज़ भी जमा कर सकते हैं, जो उन्होंने गणना प्रपत्र भरते समय नहीं दिए थे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 98.2% निर्वाचकों के दस्तावेज़ प्राप्त हो चुके हैं। चुनाव आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि ड्राफ्ट नामावली में कुल 7.24 करोड़ निर्वाचकों में से अब तक 0.16% दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इनमें से 10 आपत्तियां बिहार के 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बी.एल.ए द्वारा, कुछ उन व्यक्तियों द्वारा जो उस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक नहीं हैं, और 1,21,143 दावे/आपत्तियाँ संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचकों द्वारा दी गई हैं। 3,28,847 नए निर्वाचकों, जिन्होंने 1 जुलाई तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है या 1 अक्टूबर तक 18 वर्ष की आयु पूरी करेंगे, उन्होने ने भी प्रपत्र 6 और घोषणा पत्र जमा किए हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO), सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों (DEO), 243 निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (ERO), 2,976 सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (AERO), 90,712 बीएलओ (BLOs), लाखों स्वयंसेवकों और 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं एवं जिला अध्यक्षों सहित उनके द्वारा नियुक्त लगभग 1.60 लाख बीएलए (BLAs) के प्रयासों की सराहना की है। आपको बता दें बिहार का विशेष गहन पुनरीक्षण निर्धारित समयानुसार चल रहा है। प्राप्त सभी दावे और आपत्तियों पर निर्णय तथा पात्रता दस्तावेज़ों का सत्यापन संबंधित ईआरओ/एईआरओ द्वारा 25 सितंबर 2025 तक पूरा किया जाना है और अंतिम जांच के बाद 30 सितंबर 2025 को अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी।  

मौसम विभाग का अलर्ट: झारखंड के कई जिलों में अगले 72 घंटे तक मूसलाधार बारिश

रांची झारखंड में जारी भारी बारिश के बीच मौसम विभाग ने बीते मंगलवार सुबह तक कई जिलों में और बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, बोकारो, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद और गिरिडीह जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया। रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी बाबूराज पी.पी. ने कहा, ‘‘सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 15 जिलों के लिए और मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 12 जिलों के लिए भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है।'' अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिन से राज्य के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं, कई घरों और पुलों को नुकसान पहुंचा है, तथा कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि खेतों में फसलों और पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्वर्णरेखा, खरकई, बराकर और दामोदर सहित प्रमुख नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अधिकारी ने कहा,  बारिश की तीव्रता कम होने की संभावना है, लेकिन सोमवार को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों के पास, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जिसके कारण बारिश का सिलसिला 29 अगस्त तक जारी रह सकता है।'' अधिकारी ने बताया कि झारखंड में एक जून से 23 अगस्त के बीच 927.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 738.3 मिलीमीटर की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है।  

बाढ़ कम हुई, लेकिन बोधगया के लोग अब भी मुश्किल हालात में जी रहे

बोधगया बोधगया के बाढ़ प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे अब बाढ़ का पानी कम होने लगा है, लेकिन लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। जैसे-जैसे पानी घट रहा है, तबाही का मंजर सामने आ रहा है। पानी के कारण फसल सड़ने, बाढ़ के गंदे पानी गांव में प्रवेश करने के बाद अब गांव में अलग ही दुर्गंध आ रही है। बाढ़ क्षेत्र के ग्रामीण अब किसी भयावह बीमारी के प्रकोप को लेकर चिंतित हैं, उन्हें डर सता रहा है कि गांव में किसी प्रकार की बीमारी उत्पन्न न हो जाए, हालांकि अभी तक ऐसा हुआ नहीं है। बाढ़ के पानी ने किसानों के खेतों में लगी फसल को बर्बाद कर दिया है, इसके अलावा बिजली के पोल और तार भी क्षतिग्रस्त हैं।   बाढ़ के पानी के दबाव के कारण पूर्वी क्षेत्र की अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक नुकसान बतसपुर, छाछ, गंगा बीघा, मोराटाल, बसाढ़ी, सीलौंजा, अजा टोला घुंघरिया की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। सड़क पर बड़ी-बड़ी गड्ढे हो गए हैं, ग्रामीणों ने बांस और कपड़े के माध्यम से क्षतिग्रस्त सड़कों को बैरिकेडिंग कर दिया है, ताकि कोई अज्ञात व्यक्ति उस गड्ढे में न गिर पाए। बतसपुर की मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण लगभग दो दर्जन गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ है। अब उक्त गांव के ग्रामीण 20 किलोमीटर की अधिक दूरी तय कर गया शहर में पहुंचेंगे। लेकिन गंगा बीघा गांव के लोगों का कोई अन्य मार्ग नहीं है। क्या-क्या हुआ नुकसान बाढ़ के पानी के कारण बतसपुर, छाछ और घुंघरिया के लगभग 20 मकान गिर चुके हैं। इन सभी गांववालों के घरों में रखे राशन, कपड़े, कागजात बर्बाद हो गए हैं। कुछ लोगों के मवेशी और बकरियां की मौत हो गई है। बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां अभी खत्म नहीं हुई हैं, बाढ़ पीड़ित बेबस और लाचार हैं। छाछ गांव के लोग दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी खरीदने शहर नहीं जा पा रहे हैं।   किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। जल्द ही कराई जाएगी सभी सड़कों की मरम्मत बोधगया प्रखंड के अंचलाधिकारी महेश कुमार ने बताया कि रविवार को मैं बाढ़ क्षेत्रों का जायजा लिया हूं, पहले की तुलना में सब नॉर्मल हो गया है। बाढ़ का पानी भी कम हो गया है। घुंघरिया के जो लोग स्कूल में ठहरे थे, वे सब अपने-अपने घर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि जितनी जगह सड़क टूटी है, उसका आरसीडी विभाग के द्वारा सर्वे किया जा रहा है। बहुत जल्द ही सभी सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। महेश कुमार, अंचलाधिकारी, बोधगया प्रखंड। बाढ़ क्षेत्रों में कराया जा रहा सर्वे बाढ़ के प्रशासन के द्वारा सामूहिक रसोई चलाया जा रहा था, हालांकि, रसोई में अब न के बराबर लोग आ रहे हैं, सब अपने-अपने घर चले गए हैं। पानी पूरी तरह कम हो गया है। बाढ़ क्षेत्रों में सर्वे कराया जा रहा है, जितने भी किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। इसके अलावा बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत के लिए आरसीडी विभाग सर्वे कर रहा है। उन्होंने कहा कि नए डैम निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो गई है। बरसात के बाद बहुत जल्द नए डैम में काम शुरू किया जाएगा। किसलय श्रीवास्तव, सदर एसडीओ। 

‘मुठभेड़’ में मौत का मामला गरमाया, आदिवासी संगठनों का राजभवन घेराव

रांची झारखंड में आदिवासी संगठनों ने कई आपराधिक मामलों में वांछित सूर्य नारायण हंसदा की सुरक्षाकर्मियों के साथ कथित मुठभेड़ में हुई मौत के विरोध में बीते शनिवार को राजभवन तक मार्च निकाला। यह जुलूस रांची के जिला स्कूल मैदान से निकाला गया और राजभवन पर समाप्त हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने कथित मुठभेड़ की सीबीआई जांच, हांसदा के परिवार के लिए सुरक्षा और मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हांसदा को 10 अगस्त को देवघर के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था और कथित मुठभेड़ उस समय हुई, जब उसे छिपे हुए हथियार बरामद करने के लिए राहदबदिया हिल्स ले जाया जा रहा था। गोड्डा पुलिस का कहना है कि उसने कथित तौर पर पुलिस से हथियार छीन लिया और मौके से भागने की कोशिश में पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें उसकी मौत हो गई। मार्च के मुख्य संयोजक जगलाल पाहन ने आरोप लगाया कि हंसदा की ‘साजिश रचकर हत्या' की गई। पाहन ने दावा किया, ‘‘हंसदा ने हमेशा आदिवासी समुदाय की आवाज उठाई तथा सरकारी मशीनरी एवं माफिया द्वारा की जा रही अवैध गतिविधियों, अन्याय, शोषण और उत्पीड़न का लगातार विरोध किया। उन्होंने आदिवासी अधिकारों, शिक्षा, भूमि सुरक्षा और युवाओं के भविष्य के लिए लगातार संघर्ष किया। उन्हें एक ईमानदार नेता के रूप में देखा जाता था, लेकिन प्रशासन ने कुछ प्रभावशाली तत्वों के साथ मिलकर उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारने की साजिश रची।'' केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने आरोप लगाया कि हंसदा की ‘फर्जी मुठभेड़ में हत्या' की गयी। मुंडा ने कहा, ‘‘हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। यह सिर्फ एक व्यक्ति या परिवार का मामला नहीं है, बल्कि आदिवासी समुदाय के अधिकारों और न्याय का मामला है। अगर किसी निर्दोष व्यक्ति की हत्या को प्रशासनिक संरक्षण दिया गया, तो लोकतंत्र और न्यायपालिका पर समाज का भरोसा खत्म हो जाएगा।''  

पुलिस की बड़ी सफलता, नकली नोटों का जखीरा पकड़ा गया

रांची झारखंड में रांची के सुखदेव नगर थाने की पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किये हैं। डीआईजी सह रांची के एसएसपी चन्दन कुमार सिन्हा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने सुखदेवनगर इलाके में छापेमारी कर नकली नोट बरामद किए। कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय ने संवाददाताओं को बताया कि बिहार से एक बस में जाली नोटों के रांची लाने की सूचना डीआईजी सह एसएसपी रांची को मिली थी। जानकारी मिलने पर रातू रोड बस स्टैंड के पास बिहार से आने वाली चंद्रलोक बस की रेकी शुरू की गई। इसी दौरान कार्टून में रखे लगभग दो करोड़ से अधिक के जाली नोट बस से उतार कर कुछ लोग कार में रखने लगे, जिन्हें मौके से रंगे हाथ पकड़ा गया। कार्टून खोलने पर उसमें से 500 रुपये के 42 बंडल बरामद किए गए। सभी 500 रुपये के नोट जाली थे। कोतवाली डीएसपी ने बताया कि मौके से मोहम्मद साबिर और साहिल कुमार को गिरफ्तार किया गया है। दोनों राजधानी रांची में जाली नोटों का कारोबार करते हैं। कोतवाली डीएसपी ने बताया कि पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि दिल्ली के एक संगठित आपराधिक गिरोह के जरिये जाली नोट के गिरोह का संचालन किया जाता है। जिसका मुखिया नीरज कुमार चौधरी है जो दिल्ली में रहता है। उसके द्वारा ही फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद साबिर और साहिल कुमार के जरिए नकली नोट ग्राहकों को भेजा जाता है। डीएसपी ने बताया कि गिरोह के जरिये नकली नोटों के बंडल के ऊपर और नीचे एक-एक असली नोट डालकर शेष नकली नोट रखे जाते थे और इसके बदले ग्राहकों से 40000 से लेकर 50000 लेते थे। जाली नोट के कारोबार में 20 से 30 प्रतिशत कमीशन गिरफ्तार आरोपितों को मिलता था।  

पांच दिवसीय दौरे पर झारखंड आएंगे कांग्रेस प्रभारी के. राजू, कार्यकर्ताओं से करेंगे मुलाकात

रांची  झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू का राज्य में पांच दिवसीय दौरा आगामी 26 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक होगा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने यह जानकारी दी। कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने बताया कि राजू एवं झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश 26 अगस्त को रांची के चटवल लोहरदगा के कुडू प्रखंड के ककरगढ, सुंदरू पंचायत कांग्रेस कमेटी की बैठक में भाग लेंगे। 27 अगस्त को पुराने विधानसभा भवन में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के चयन के लिए नियुक्त पीसीसी पर्यवेक्षको, जिला अध्यक्षों की बैठक में भाग लेंगे। 28 अगस्त को गुमला जिला के सिसई प्रखंड के भदौली, भरनो प्रखंड के तुरीअम्बा और उटारी, 29 अगस्त को रांची के नामकुम प्रखंड के रामपुर खूंटी प्रखंड के मुरही पंचायत कांग्रेस कमेटी की बैठक में भाग लेंगे। इसके अलावा दिवंगत मंत्री स्वर्गीय रामदास सोरेन के घोड़ाबांधा स्थित आवास पर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। 30 अगस्त को जमशेदपुर के बनकटी पंचायत शंकरदह पंचायत केरूया डूंगरी पंचायत कांग्रेस कमेटी की बैठक में भाग लेंगे।  

विकास की नई सौगात: मंत्री सुदिव्य कुमार ने रखी 2 करोड़ की योजनाओं की नींव

गिरिडीह झारखंड के गिरिडीह नगर निगम क्षेत्र में 2 करोड़ की 14 विकास योजनाओं का नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार ने बीते शनिवार को विधिवत शिलान्यास किया तथा शहर के स्टेशन रोड स्थित बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस अवसर पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि शहरी परिवहन और नागरिक सुविधा मद की राशि से जरूरत के आधार पर 14 योजनाओं का निर्माण कराया जा रहा है जिससे आने वाले दुर्गा पूजा में लोगों को परेशानी नहीं हो। मंत्री ने पुराने शहरी पेयजल आपूर्ति योजनाओं को बढ़ती जनसंख्या के लिए नाकाफी बताते हुए कहा कि अब एक नई योजना की जरूरत महसूस होने लगी है। ऐसे में जल्द ही गिरिडीह शहरी क्षेत्र को नए पेयजलापूर्ति योजना का सौगात देने के उद्देश्य से डीपीआर तैयार करने पर विचार चल रहा है।  

200 एकड़ में बने इसे रेल कारखाने में तैयार हो रहे मेक इन इंडिया वाले शक्तिशाली रेल इंजन

गिनी भेजे जाने वाले नीले रंग के इन इंजनों का नाम रखा गया है कोमो, 140 का होगा निर्यात  पटना राज्य के मढ़ौरा में मौजूद रेल इंजन कारखाना ने नई इबारत लिख दी है। यहां तैयार हो रहा इंजन अफ्रीकी देश गिनी की पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार है। चार इंजन की पहली खेप वहां के लिए रवाना हो गई है। मेक इन इंडिया की अवधारणा को सार्थक बनाते हुए निर्यात किए जाने वाले इन इंजनों का नाम ‘कोमो’ रखा गया है। गिनी देश का एक प्रतिनिधि मंडल इस वर्ष मई-जून में यहां आया हुआ था। इस दौरान 140 लोकोमोटिव इंजन के निर्यात का 3 हजार करोड़ रुपये एकरारनामा इस कंपनी के साथ हुआ था। इसके तहत दो महीने बाद ही पहली खेप रवाना हो रही है। जल्द ही ‘कोमो’ की अन्य खेपें रवाना की जाएगी। 4500 हार्स पॉवर है इन इंजनों की क्षमता गिनी देश के लिए निर्यात होने वाले इन रेल इंजनों की क्षमता 4500 हार्स पॉवर है। 200 एकड़ में फैला मढ़ौरा रेल कारखाने के निर्माण की प्रक्रिया अक्टूबर 2015 से शुरू हुई थी। यहां से निर्माण का कार्य 2018 से शुरू हुआ था और अब यहां जून 2025 से निर्यात की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां औसतन दो दिन में एक लोको इंजन तैयार किया जाता है। इस फैक्ट्री में दो हजार से अधिक पिलर हैं। इसकी चहारदिवारी 4.6 किमी है और इसकी आधारभूत संरचना को तैयार करने में 4500 मीट्रिक टन स्टील लगा है। फैक्ट्री के अंदर 4.8 किमी सड़क और 1.8 किमी रेल पटरी का निर्माण किया गया है। 10 हजार से अधिक मजदूर यहां काम करते हैं। निर्यात होने वाले इंजन का रंग रखा गया नीला इस रेल इंजन कारखाने से अभी 4500 हार्स पॉवर की क्षमता वाले इंजन का निर्माण हो रहा है। आने वाले समय में 6 हजार हार्स पॉवर तक की क्षमता वाले रेल इंजन का निर्माण करने की योजना है। भारत में सप्लाई होने वाले रेल इंजन का रंग लाल और पीला होता है। वहीं, गिनी निर्यात होने वाले रेल इंजन का रंग नीला रखा गया है। सभी इंजन का कैब पूरी तरह से एयरकंडीशन है। विदेश भेजे जाने वाले इन इंजनों में इवेंट रिकॉर्डर, लोको कंट्रोल, खास तरह का ब्रेक सिस्टम एएआर समेत अन्य कई खास तरह के उपकरण लगाए गए हैं, जिनकी उपयोगिता अलग-अलग तरह से है। इस कारखाने में 1528 कर्मचारी काम करते हैं, जिसमें 99 फीसकी कर्मी बिहार के रहने वाले हैं। साथ ही महिला कर्मियों की संख्या भी काफी है और वे कई बेहद महत्वपूर्ण कार्य मसलन वेल्डिंग, क्रेन संचारन, एसेंबली, टेस्टिंग में लगी हुई हैं। कर्मियों की औसतन उम्र 24 वर्ष है। बिहार के 17 अलग-अलग तकनीकी संस्थानों से यहां कर्मियों की नियुक्ति की जाती है। 700 इंजन का हो चुका निर्माण मढ़ौरा रेल इंजन कारखाना से 2018 से अब तक 700 इंजन का निर्माण हो चुका है। औसतन 100 रेल इंजनों का निर्माण प्रतिवर्ष किया जाता है। इसके अलावा पिछले नौ वर्षों में यहां 250 से अधिक रेल इंजन का मेंटेनेंस किया जा चुका है, जो गांधीधाम (गुजरात) स्थित रेल इंजन कारखाना से कहीं अधिक है। यहां पिछले 4 वर्षों में 500 रेल इंजनों को मेंटेन किया गया है। यह रेल कारखाना बिहार में निजी निवेश का सबसे बड़ा उदाहरण है। रेल मंत्रालय का इस कारखाना में सिर्फ 24 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि, 76 फीसदी की हिस्सेदारी इस कारखाना को संचालित करने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी वेबटेक की है। इस प्लांट में 800 करोड़ का निवेश है, जिसके आने वाले कुछ वर्षों में बढ़कर 3 हजार करोड़ रुपये होने की संभावना है।  बिहार को मिलती 900 करोड़ की जीएसटी इस रेल इंजन कारखाने से प्रति वर्ष बिहार को 900 करोड़ रुपये की जीएसटी प्राप्त होती है। इतनी ही जीएसटी केंद्र सरकार के खाते में भी जाती है। ऊर्जा का सालाना बिल सिर्फ 50 करोड़ रुपये से अधिक की आदायती यह कंपनी करती है। इस कंपनी के खुलने से आसपास के इलाके में आर्थिक गतिविधि कई तरह से बढ़ी है। 3 होटल, 7 रेस्टुरेंट, 6 स्कूल, 3 बैंक, 6 एटीएम समेत अन्य सुविधाएं यहां विकसित हुई हैं। वाराणसी रेल इंजन कारखाना से पिछले 50 वर्षों में 15 से 20 इंजन का निर्यात किया गया है। जबकि, मढ़ौरा के इस कंपनी से अकेले गिनी को 140इंजन निर्यात किए जा रहे हैं।

मनीष वर्मा का विपक्ष पर वार जो परिवार नहीं संभाल सके, बिहार क्या संभालेगा?”

दरभंगा जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने दरभंगा के बेनीपुर में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो अपने परिवार को एकजुट नहीं रख पाए, वो बिहार को एक कैसे रख पाएंगे?”। मनीष वर्मा ने तेजस्वी यादव को "केवल मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखने वाला युवराज" बताया और कहा कि उन्हें बिहार से कोई लेना-देना नहीं है। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए बोले कि वे देश को समझ ही नहीं पाए और विदेश यात्राओं में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में हुए विकास की चर्चा करते हुए कहा कि सड़क, बिजली, शिक्षा और कानून व्यवस्था में सुधार के बाद अब राज्य औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है। आने वाले 5 वर्षों में बिहार बड़े बदलाव का गवाह बनेगा।