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विभिन्न पदों के लिए आरपीएससी साक्षात्कार की नई तिथियां जारी

अजमेर राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने सहायक कृषि अधिकारी भर्ती-2018 और सहायक आचार्य (चिकित्सा शिक्षा विभाग) भर्ती-2021 के तहत होने वाले साक्षात्कार की तिथियां जारी कर दी हैं। आपको सिलसिलेवार तरीके से बता रहे हैं कि कब कौन सा साक्षात्कार आयोजित होगा। नीचे तिथियां बताई गईं हैं। महत्वपूर्ण निर्देश अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के समय नवीनतम पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो, मूल पहचान पत्र, सभी मूल प्रमाण-पत्र और उनकी फोटोकॉपी साथ लाना अनिवार्य है।दस्तावेज़ पूरे न होने पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार से वंचित कर दिया जाएगा। साक्षात्कार पत्र आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही अपलोड कर दिए जाएंगे। वेबसाइट से डाउनलोड करके भरना होगा सहायक कृषि अधिकारी भर्ती-2018 के वे अभ्यर्थी जिन्होंने अभी तक विस्तृत आवेदन-पत्र प्रस्तुत नहीं किया है, उन्हें यह आवेदन-पत्र आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड करके भरना होगा। आवेदन-पत्र के साथ सभी दस्तावेजों की दो प्रतियां भी साक्षात्कार के समय अनिवार्य रूप से जमा करनी होंगी। 1. सहायक कृषि अधिकारी (कृषि विभाग) भर्ती-2018 पहले चरण के साक्षात्कार 6 से 16 अक्टूबर, 2025 तक होंगे। 2. सहायक आचार्य (सुपर स्पेशलिटी) भर्ती-2021 नेफ्रोलॉजी : 24 सितम्बर, 2025 3. क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एवं रूमेटोलॉजी : 24 सितम्बर, 2025 सर्जिकल ऑन्कोलॉजी : 25 सितम्बर, 2025

इस बार दशहरे पर रिकॉर्ड बनेगा: कोटा में खड़ा होगा दुनिया का सबसे ऊंचा रावण, रिमोट से होगा दहन

कोटा कोटा में इस बार दशहरे पर 215 फीट ऊंचा रावण तैयार किया जा रहा है. इसे बनाने वालों का दावा है कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रावण होगा. रावण का पुतला 12 टन यानी 12 हजार किलो वजनी है. खास बात यह है कि इसे खड़ा करने में केवल 3 घंटे का समय लगेगा और दहन पहली बार रिमोट से किया जाएगा. रावण के पतले में 9500 किलो लोहे का इस्तेमाल हुआ है. पुतले का सिर 25 फीट का है जबकि बाकी 9 सिर 3×6 फीट के बनाए गए हैं. रावण का चेहरा फाइबर से तैयार किया गया है जिसका वजन करीब 300 किलो है. पुतले का मुकुट 60 फीट ऊंचा होगा और इसमें मल्टीकलर LED लाइट्स लगाई जाएंगी. तलवार 50 फीट लंबी और जूतियां 40 फीट की बनाई गई हैं. कुंभकर्ण और मेघनाद भी खास रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाद के 60-60 फीट ऊंचे पुतले भी बनाए जा रहे हैं. इनका वजन 1-1 हजार किलो है और चेहरे 10-10 फीट के फाइबर से तैयार किए गए हैं. 3 घंटे में होगा खड़ा, पहली बार रिमोट से दहन विशाल पुतले को खड़ा करने के लिए 6 फीट गहरा और 25 फीट चौड़ा पक्का फाउंडेशन बनाया गया है. दो क्रेन, जेसीबी और 100 से ज्यादा लोगों की मदद से रावण को खड़ा किया जाएगा. इस बार दहन रिमोट सेंसर से होगा. पुतले में 20 सेंसर लगाए गए हैं. जैसे ही बटन दबेगा, आतिशबाजी शुरू होगी और मुकुट से लेकर शरीर तक पुतला जलता जाएगा. कलाकार का जुनून और रिकॉर्ड रावण बनाने वाले कलाकार तेजेंद्र चौहान पिछले 39 साल से इस काम में लगे हैं. अब तक उन्होंने 7 रिकॉर्ड बनाए हैं जिनमें 5 लिम्का बुक और 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में दर्ज हैं. बड़े रावण बनाने के शौक में उन्होंने साढ़े 12 एकड़ जमीन भी बेच दी.  

शहरी सहकारी बैंक अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का कार्य करें : राज्यपाल

शहरी सहकारी बैंक अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का कार्य करें : राज्यपाल जयपुर, राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के शहरी बैंक समाज को आर्थिक रूप से सशक्त करने को अपना ध्येय बनाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के व्यवसायी देशभर में आर्थिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। आर्थिक रूप से सुदृढ़ सभी लोग सहकारिता से जुड़े। इसी से राष्ट्र और प्रदेश के विकास में  तेजी आएगी। उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों के जरिए अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभान्वित किए जाने पर भी विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने कहा कि गरीब, जरूरतमंद को मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से सहकारी बैंक कार्य करेंगे तभी सही मायने में सबका साथ सबका विकास को हम साकार कर पायेंगे। राज्यपाल बागडे गुरुवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में सहकार भारती एवं सहकारिता विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के राष्ट्रीय अधिवेशन में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कॉपरेटिव बैंक न केवल हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि यह लाखों लोगों को, उनके परिवारों के लिए आजीविका का एक मजबूत स्रोत भी है। राज्यपाल ने कहा कि सहकार में अपने लिए नहीं सबके विकास की सोच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डेनमार्क में सहकारिता से कृषि और डेयरी का जो विकास हुआ है, वह प्रेरित करने वाला है। राज्यपाल ने कहा कि सहकारिता से सभी का समान आर्थिक विकास, रोजगार जनन और सामूहिक विकास संभव है। उन्होंने राजस्थान में अधिकाधिक सहकारी बैंक स्थापित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने राजस्थान में सरस की सहकारी गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि डेयरी के साथ अन्य उत्पादों का भी सहकारिता की सोच से प्रभावी विपणन किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने सहकारिता में भारत के तेजी से आगे बढ़ने की चर्चा करते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादन में विश्वभर में हमारा देश पहले स्थान पर है। सहकारिता को प्रभावी गति देने से इस क्षेत्र के माध्यम से हम सर्वांगीण विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने  सहकारिता के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे यहाँ सबसे पहले सयाजीराव गायकवाड़ जी ने बड़ोदा में एक अर्ध-सहकारी कारखाना स्थापित किया था। इसके बाद विखे पाटिल और धनंजयराव गाडगिळ ने 1949 में प्रवरा सहकारी चीनी कारखाना की स्थापना की।

नए आपराधिक कानूनों की सफल क्रियान्विति में राजस्थान बने देशभर में रोल मॉडल : मुख्य सचिव

जयपुर, मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि नए आपराधिक कानून देश की न्यायिक प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने के साथ आमजन को त्वरित एवं प्रभावी न्याय उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा की मंशानुरूप राज्य में इन कानूनों के सफल क्रियान्वयन के लिए गंभीरता से कार्य किया जाए और प्रदेश को देशभर में एक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए। पंत गुरुवार को शासन सचिवालय में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि अनुसंधान अधिकारियों को नए कानूनों के सभी प्रावधानों की स्पष्ट जानकारी हो इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ। साथ ही आमजन को भी नए कानूनों के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाये जाएँ। मुख्य सचिव ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में गवाहों के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से साक्ष्य लेने, एफआईआर दर्ज करने और सम्मन जारी करने जैसे प्रावधान किए गए हैं, जिनसे न्यायिक प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी तथा अनावश्यक समय और संसाधनों की बचत होगी। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम की स्थापना, फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण, पुलिस स्टेशनों पर हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा, पर्याप्त मानव संसाधनों की नियुक्ति तथा आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि नए कानूनों के तहत अनुसंधान एवं प्रक्रिया की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इसके लिए जिलास्तरीय अधिकारियों को नियमित रूप से समीक्षा बैठकें आयोजित करनी चाहिए और क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों का समय पर समाधान करना चाहिए। उन्होंने विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कानूनों की बेहतर और प्रभावी क्रियान्विति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह भास्कर ए सावंत, शासन सचिव वित्त(व्यय) नवीन जैन, शासन सचिव सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी अर्चना सिंह सहित सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

भूजल संकट पर गरजे रवींद्र भाटी: सरकार और विपक्ष दोनों को लिया आड़े हाथ

बाड़मेर राजस्थान विधानसभा में भू-जल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक पर चर्चा के दौरान शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने प्रदेश की गंभीर जल स्थिति और सरकारी योजनाओं की कमियों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि बीते दशक में राजस्थान में भूजल की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि राज्य अब देश में न्यूनतम भूजल वाले राज्यों में शीर्ष स्थान पर है। उन्होंने चेताया कि आने वाले वर्षों में यह बड़े संकट का संकेत दे रहा है। भाटी ने तथ्य पेश करते हुए कहा कि राजस्थान उन तीन राज्यों में शामिल है, जहां भूजल का दोहन पुनर्भरण से कहीं अधिक है। प्रदेश के 74 प्रतिशत भूजल स्रोत अति-दोहन की श्रेणी में हैं और दोहन दर 151 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। 301 ब्लॉकों में से 295 ब्लॉक डार्क जोन में हैं। सरकारी योजनाओं पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल शक्ति अभियान के तहत बाड़मेर जिले में 2021 से 2024 तक लगभग 1,300 करोड़ रुपये खर्च दिखाए गए, जबकि केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट में इस दौरान भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की गई। भाटी ने भू-राजस्व (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक पर चर्चा करते हुए बेशकीमती भूमि पर राज्य का नियंत्रण खत्म कर रीको को अधिकार देना खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध कब्जे और अतिक्रमण पर जवाबदेही तय होनी चाहिए। पश्चिमी राजस्थान में लैंड अलॉटमेंट की धांधलियों का जिक्र करते हुए भाटी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्रों की जमीन को उद्योगों के लिए अलवण्य कर दिया गया है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक धरोहर दोनों के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि पशुपालन पर निर्भर आबादी के लिए औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार और विकास लाए जाएं, न कि बड़े ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए उनकी जमीन हड़पी जाए। भाटी ने खेजड़ी पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में 25–26 हजार पेड़ काटे गए और आने वाले समय में यह संख्या 50 हजार तक पहुंच सकती है। उन्होंने अन्य प्रदेशों की तरह राजस्थान में ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की। विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए भाटी ने कहा कि गंभीर मुद्दों पर शांति से चर्चा करनी चाहिए लेकिन विपक्ष केवल हंगामा कर रहा है। उन्होंने विपक्ष पर पूर्व छात्रों के मामले में झूठे मुकदमों का हवाला देते हुए जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।  

भर्ती परीक्षा में नकल का शॉकिंग मामला: महिला सुपरवाइजर सलाखों के पीछे

बीकानेर एसओजी ने सरकारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की है। महिला अधिकारिता विभाग में सुपरवाइजर पद पर कार्यरत मंजू कुमारी बिश्नोई (30) को गिरफ्तार किया गया है। मंजू पर आरोप है कि उसने सुपरवाइजर (महिला अधिकारिता) भर्ती परीक्षा 2018 में ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल कर नकल करके चयन हासिल किया था। मंजू कुमारी मुक्ताप्रसाद नगर, सेक्टर-5 की रहने वाली है और वर्तमान में बज्जू स्थित महिला अधिकारिता विभाग में सुपरवाइजर के पद पर तैनात थी। परीक्षा के दौरान नकल गैंग ने ब्लूटूथ डिवाइस से उसे प्रश्नपत्र हल करवाए थे। एसओजी की जांच में मंजू की संलिप्तता सामने आने के बाद उसे अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया। अब तक इस मामले में कुल आठ आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। एसओजी ने बताया कि मंजू से पूछताछ कर नकल गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। एसओजी द्वारा जारी वांटेड आरोपियों की सूची में मंजू का नाम भी शामिल था। बीकानेर एसपी कावेन्द्र सागर के निर्देश पर मुक्ताप्रसाद नगर थानाधिकारी विजेन्द्र कुमार और उनकी टीम ने मंजू को गिरफ्तार कर जयपुर एसओजी के सुपुर्द किया। अदालत में पेशी के बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया। अब एसओजी उससे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि परीक्षा के दौरान वह किन लोगों से जुड़ी थी और नकल गिरोह के अन्य सदस्यों तक कैसे पहुंचा जा सकता है।

मौसम अपडेट: बारिश का दौर थमा, आने वाले दिन होंगे धूप-भरे और गर्म

जयपुर राजस्थान में पिछले दिनों मानसून जमकर मेहरबान रहा। यहां औसत से करीब 300 मिलीमीटर ज्यादा बारिश हुई। हालात कुछ ऐसे हैं कि कई इलाकों में बारिश का दौर थमे 3-4 दिन बीत चुके हैं लेकिन निचले इलाकों में अब भी जलभराव की समस्या जस की तस बनी हुई है। बारिश के बाद अब लोग खेतों में भरे बरसाती पानी को निकालने की जद्दोजहद में लगे हैं। इसी बीच राहत की खबर है कि 11 से 16 सितंबर तक किसी भी जिले में बारिश का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। इन सभी जिलों में मौसम ज्यादातर समय साफ रहने की संभावना जताई गई है। दोपहर के समय मौसम साफ रहने पर धूप में तेजी भी रहेगी। दरअसल राजस्थान में मानसून अब एक्टिव नहीं है, वहीं पूर्वी हवा कमजोर होने के बाद अब राजस्थान में पश्चिमी हवा सक्रिय हो चुकी है। इसके चलते मौसम में यह बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जयपुर मौसम केंद्र ने राजस्थान में अब अगले 4 से 5 दिन मौसम ड्राई रहने का अनुमान जताया है। मौसम केंद्र का कहना है कि तापमान में भी 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। डूंगरपुर, बांसवाड़ा और आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों में बादलों की आवाजाही रह सकती है लेकिन यहां भी बारिश होने की संभावना बेहद कम है। 17 सितंबर से एक बार फिर राजस्थान में बारिश की गतिविधियां शुरू होंगी हालांकि उस दौरान भी पूर्वी राजस्थान में हल्की से सामान्य दर्जे की बारिश हो सकती है। गौरतलब है कि राजस्थान में बारिश का औसत 405.7 एमएम रहता है लेकिन इस बार राजस्थान में 701 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। भारी बारिश के कारण माही और बीसलपुर जैसे बड़े बांध भी पानी से लबालब हैं। बात करें राजस्थान के बड़े शहरों में तापमान की तो अजमेर में 32, भीलवाड़ा में 32.4, जयपुर में 34.2, सीकर में 32.7, उदयपुर में 31.6, जैसलमेर में 33.6, बीकानेर में 33.8, झुंझुनू में 33.3 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है।

राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह: साहित्यकारों को मिलेगा हिन्दी सेवा पुरस्कार

जयपुर प्रदेश में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और उन्नयन के उद्देश्य से भाषा एवं पुस्तकालय विभाग द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाने वाला प्रतिष्ठित ‘हिन्दी सेवा पुरस्कार’ इस बार 14 सितम्बर को राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह में प्रदान किया जाएगा। समारोह का आयोजन सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के मुख्य सभागार में किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुख्य अतिथि होंगे और चयनित लेखकों को सम्मानित करेंगे। स्कूल शिक्षा, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि इस वर्ष यह पुरस्कार आठ विधाओं- हिन्दी साहित्य (कथा), हिन्दी साहित्य (कथेतर), संविधान एवं विधि, विज्ञान, तकनीकी एवं अभियांत्रिकी, चिकित्सा विज्ञान एवं स्वास्थ्य (भारतीय चिकित्सा पद्धति सहित), कला, संस्कृति एवं पर्यटन, दर्शन, योग एवं अध्यात्म तथा जनसंचार, पत्रकारिता एवं सिनेमा में प्रदान किए जाएंगे। इस बार पुरस्कृत होने वाले साहित्यकारों और लेखकों में डॉ. कृष्ण कुमार कुमावत उनके उपन्यास ‘लक्ष्य’ के लिए, डॉ. मूलचन्द बोहरा उनके शैक्षिक निबन्ध संग्रह ‘समझ गए ना’ के लिए, डॉ. अनुपम चतुर्वेदी एवं डॉ. दीप्ति चतुर्वेदी संयुक्त रूप से ‘भारतीय राजनीतिक व्यवस्था’ पुस्तक के लिए सम्मानित होंगे। इसी प्रकार, डॉ. पूर्णेन्दु घोष को ‘वैज्ञानिक विचार द्वीपों के बीच सामाजिक काव्य पुलों का निर्माण’ पर कार्य हेतु, डॉ. हिमांशु भाटिया को ‘सेरेब्रल पाल्सी: व्यथा, कथा एवं कानून’ पुस्तक के लिए, डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी को उनके यात्रा वृत्तान्त ‘ओकुहेपा’ के लिए, डॉ. मनोज कुमार गट्टानी को ‘मन सनातन’ कृति के लिए तथा श्री विजय प्रकाश शर्मा विप्लवी एवं डॉ. कुंजन आचार्य को संयुक्त रूप से लिखी पुस्तक ‘पत्रकार दीनदयाल उपाध्याय’ के लिए सम्मानित किया जाएगा। शासन सचिव ने कहा कि प्रत्येक विधा में चयनित लेखक को पुरस्कार स्वरूप पचास हजार रुपये की नकद राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि हिन्दी दिवस समारोह केवल भाषा के सम्मान का अवसर ही नहीं, बल्कि भाषा और साहित्य से जुड़े रचनाकारों के योगदान को मान्यता देने का मंच है।

धर्मांतरण बिल राजस्थान में लागू, सदन में कांग्रेस का हंगामा और नए प्रावधानों की पूरी जानकारी

जयपुर  राजस्थान में अब लालच, धोखे या डर दिखाकर धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसमें पहली बार बुलडोजर एक्शन को कानूनी रूप दिया जाएगा. नए धर्मांतरण विरोधी बिल में प्रावधान है कि गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कराने वाले संस्थानों की इमारतों को सील करने और तोड़ने की कार्रवाई होगी. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन बिल 2025 को दोबारा पेश किया गया है और इस पर बहस के बाद मंजूरी मिल सकती है. विपक्ष के हंगामे के बीच बिल पारित कर दिया गया.इस बिल में प्रावधान है कि नियम तोड़ने या अवैध कब्जे पर बने भवनों में ही बुलडोजर चलेगा. कार्रवाई से पहले प्रशासन और स्थानीय निकाय जांच करेंगे. बिल में यह भी साफ किया गया है कि अगर किसी जगह पर सामूहिक धर्म परिवर्तन होता है, तो उस संपत्ति को प्रशासन जब्त कर उसे तोड़ सकेगा. बिल में सख्त प्रावधान शामिल ‘राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ में कई सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं, नए बिल में सजा और जुर्माने की राशि को कई गुना बढ़ाया गया है. बिल में जबरन, धोखे या लालच के जरिए धर्मांतरण कराने पर 7 से 14 साल की कैद और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. वहीं नाबालिग, दिव्यांग, महिला, अनुसूचित जाति (SC) या जनजाति (ST) के लोगों का धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. सामूहिक धर्मांतरण के मामलों सजा इसके साथ ही सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और न्यूनतम 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं विदेशी या अवैध संस्थानों से फंड लेकर धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 साल की सजा और 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. बार-बार धर्मांतरण के अपराध में शामिल होने वालों को आजीवन कारावास और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं अगर शादी का मकसद सिर्फ धर्मांतरण है, तो ऐसी शादी को कानूनी रूप से अवैध घोषित किया जाएगा. ऐसी शादी को कोर्ट रद्द कर सकेगा. जब्त होंगी संपत्तियां इसके अलावा धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं के भवनों को सीज करने और नियमों के उल्लंघन या अतिक्रमण के मामले में तोड़ने का प्रावधान है. सामूहिक धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल होने वाली संपत्ति को प्रशासन द्वारा जब्त किया जाएगा. बुलडोजर चलाने से पहले नोटिस दिया जाएगा और 72 घंटे में कार्रवाई होगी. मूल धर्म में लौटना धर्मांतरण की श्रेणी में नहीं आएगा इसके साथ ही इस बिल में स्पष्ट किया गया है कि ‘घर वापसी’, यानी किसी व्यक्ति का अपने मूल धर्म में लौटना, धर्मांतरण की श्रेणी में नहीं आएगा. यह प्रावधान उन लोगों को राहत देता है जो स्वेच्छा से अपने मूल धर्म में वापस लौटना चाहते हैं. मूल धर्म में लौटने को घर वापसी कहा गया है और इसे धर्म परिवर्तन की परिभाषा से बाहर रखा गया है. अगर कोई अपनी मर्जी से धर्म बदलना चाहता है, तो भी प्रशासन की मंजूरी जरूरी होगी. व्यक्ति को कम से कम 90 दिन पहले कलेक्टर या एडीएम को सूचना देनी होगी. धर्मगुरु को भी दो महीने पहले नोटिस देना होगा. सूचना सार्वजनिक की जाएगी और नोटिस बोर्ड पर चिपकाई जाएगी. इसके बाद 2 महीने तक आपत्तियां मंगाई जाएंगी. सुनवाई और आपत्तियों के निपटारे के बाद ही धर्म परिवर्तन मान्य होगा. कांग्रेस ने किया सदन में हंगामा इस बीच सदन में बिल के कई प्रावधानों पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने निरोध जताते हुए हंगामा किया. कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने विधेयक को लेकर कहा कि यह गलत तरीके से और गलत मंशा से लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह बिल न तार्किक रूप से सही है और न ही सामाजिक रूप से सही माना जा सकता. धारीवाल ने कहा कि इससे सांप्रदायिकता बढ़ेगी. यह बिल समाज को जोड़ने की बजाय बांटने का काम करेगा. बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने बहस में हिस्सा नहीं लिया और नारेबाजी करते हुए सदन में हंगामा किया.  

विधायक भाटी का साफ संदेश- पर्यावरण बचाओ, खेजड़ी और ऑक्सीजन के लिए ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लाओ

जयपुर राजस्थान विधानसभा के युवा और तेजतर्रार चेहरे शिव विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी ने अमर उजाला से खास बातचीत में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पेड़ लगाने की जितनी घोषणाएं की गईं, वे सब केवल कागजों तक सीमित हैं, धरातल पर स्थिति बेहद निराशाजनक है। भाटी ने कहा कि खेजड़ी बचाओ आंदोलन लंबे समय से चल रहा है और इसे पूरे प्रदेश के लोगों, व्यापारियों और समाज का व्यापक समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि वर्तमान सरकार वह करे, जो पहले किसी सरकार ने नहीं किया। ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लागू कर खेजड़ी और अन्य पेड़ों को कानूनी सुरक्षा दे। यह सरकार के खाते में बड़ी उपलब्धि होगी। सरकार का दावा है कि पिछले दो साल में 17-18 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं। इस पर सवाल उठाते हुए भाटी ने कहा कि जब इतने करोड़ पेड़ लगाए गए तो धरातल पर क्यों नहीं दिखते? एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत करोड़ों पौधे लगाने का दावा हुआ, लेकिन जमीन पर स्थिति अलग है। वास्तव में ये पेड़ सिर्फ कागजों पर लगे हैं। विधायक ने तंज कसते हुए कहा कि अगर पिछले पांच साल में जितने पेड़ लगाने की बातें हुईं, उतने पेड़ सचमुच लग गए होते तो राजस्थान हरा-भरा होता। करोड़ों रुपये का फंड खर्च हुआ, लेकिन असलियत शून्य है। सरकार पहले लगे पेड़ों को बचाए, नए लगाने की जल्दबाजी न करे। भाटी ने कहा कि उन्होंने विधानसभा में भी इस मुद्दे पर चर्चा की मांग रखी थी, परंतु पक्ष-विपक्ष के हंगामे में विषय दब गया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सदन के अंदर बैठे लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं? ग्लोबल वार्मिंग पर दुनिया चर्चा कर रही है, ऐसे में हमारी विरासत खेजड़ी को बचाना आवश्यक है। केर-सांगरी की सब्जी के बढ़ते फैशन का उदाहरण देते हुए भाटी बोले कि खेजड़ी सबको चाहिए, पर इसे बचाने की बात करने में नेताओं की सांस फूल रही है। मैं बड़े नेताओं से कहना चाहूंगा कि यह केवल जैसलमेर-बाड़मेर का मुद्दा नहीं, पूरे राजस्थान की जरूरत है। जो इस पर बोलेंगे, जनता उन्हें सर माथे पर बिठाएगी। भाटी ने स्पष्ट कहा कि यह कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को ऑक्सीजन देने का संघर्ष है। उन्होंने सरकार को दो-टूक संदेश दिया कि जल्द से जल्द ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।