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चयनित अभ्यर्थियों की आंसू भरी पुकार, एसआई भर्ती 2021 में न्याय की गुहार

दौसा एसआई भर्ती 2021 के चयनित अभ्यर्थियों ने शनिवार को अपने परिजनों संग कलेक्ट्रेट पहुंचकर आंसुओं के साथ न्याय की गुहार लगाई। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए निर्दोष चयनित उपनिरीक्षकों को न्याय दिलाने की मांग की। परिजनों का कहना था कि बच्चों ने इस भर्ती की तैयारी में जीवन के पाँच साल समर्पित किए और कड़ी मेहनत से सफलता पाई। चयन के बाद परिवारों की समाज में प्रतिष्ठा बढ़ी, लेकिन न्यायालय के "एकपक्षीय निर्णय" से अभ्यर्थी और उनके परिवार गहरे मानसिक तनाव में हैं। ज्ञापन के जरिए मुख्यमंत्री से अपील की गई कि निर्दोष युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए न्यायसंगत समाधान निकाला जाए। इस दौरान कन्हैयालाल, भरत मीना, रोहित, सचिन गुर्जर सहित कई चयनित अभ्यर्थी और उनके परिजन मौजूद रहे।

मौसम चेतावनी: जयपुर और आसपास अगले 3 दिन भारी बारिश की संभावना

जयपुर राजस्थान में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। प्रदेश में शनिवार को कई जिलों में जोरदार बारिश दर्ज की गई। राजधानी जयपुर में देर रात शुरू हुआ बारिश का दौर रविवार सुबह तक चला। सड़कें तालाब बन गईं। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 3 दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आज रविवार को प्रदेश के 37 जिलों में अलर्ट जारी हुआ है। इनमें सिरोही, जालौर और पाली में अति भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। वहीं तात्कालिक चेतावनी के तौर पर अगले 3 घंटों के लिए अलवर और भरतपुर में भी अति भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी हुआ है। जोधपुर में भारी बारिश पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बरसात 111MM जोधपुर के पास चामू में दर्ज हुई। जोधपुर के ही तिंवरी में 88MM, शेखला में 78MM, बालेसर में 75MM, ओसियां में 45MM, लोहावट में 53MM, देचू में 50MM, बाड़मेर के समदड़ी में 95MM, सिवाना में 50MM, भीलवाड़ा के कच्छौला में 51MM, हनुमानगढ़ के टिब्बी में 70MM, हनुमानगढ़ शहर में 52MM, तलवाड़ा झील में 40MM बरसात हुई। इसके अलावा जालौर के भीनमाल में 58MM, झालावाड़ के मनोहरथाना में 48MM, अकलेरा में 30MM, प्रतापगढ़ की छोटी सादड़ी में 102MM, प्रतापगढ़ शहर में 40MM, बारां में 63MM, सिरोही के माउंट आबू में 75MM, सिरोही शहर में 65MM, श्रीगंगानगर के हिंदूमलकोट में 64MM, श्रीगंगानगर शहर में 88MM और उदयपुर के वल्लभनगर में 45MM बरसात दर्ज हुई। इन जिलों के अलावा पाली, चूरू, जैसलमेर, कोटा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, बीकानेर समेत अन्य कई जिलों में बरसात हुई। अगले कुछ दिन अधिकांश जिलों में बारिश की संभावना मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून ट्रफ वर्तमान में बीकानेर, कोटा, सिवनी (एमपी), दुर्ग (छत्तीसगढ़), भवानीपटना (ओडिशा), गोपालपुर (ओडिशा) होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। राज्य में अगले कुछ दिन अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं तेज बारिश का दौर जारी रहने की संभावना जताई है। इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जयपुर मौमस केंद्र ने आज बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, दौसा, डीग, धौलपुर, डूंगरपुर, झालवाड़, करौली, कोटा, राजसमंद, सलूंबर, सवाई माधोपुर, उदयपुर, डीडवाना-कुचामन, जोधपुर, नागौर और फलौदी में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

दिव्यांग भर्ती घोटाले पर सरकार का बड़ा एक्शन, बनेगा ठोस सिस्टम

जयपुर राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में लगातार उजागर हो रही धांधलियों और गड़बड़ियों के बीच राज्य सरकार अब दिव्यांग कोटे से नियुक्त कर्मचारियों की जांच के लिए एक्टिव मोड में आ गई है। सरकार ने सभी विभागों में कार्यरत दिव्यांग कर्मचारियों के दस्तावेज और मेडिकल सर्टिफिकेट की दोबारा जांच कराने का निर्णय लिया है। यह जांच अधिकृत मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में बने मेडिकल बोर्ड द्वारा की जाएगी। कार्मिक विभाग के शासन सचिव कृष्णकांत पाठक के अनुसार पहले चरण में पिछले पांच वर्षों में दिव्यांग कोटे से चयनित सभी कर्मचारियों की जांच होगी। इसके बाद पूरे प्रदेश में कार्यरत अन्य दिव्यांग कर्मचारियों की भी मेडिकल जांच और दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। अगर जांच में किसी भी कर्मचारी के दिव्यांगता प्रमाण पत्र या दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्मिक विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा। इतना ही नहीं संदिग्ध मामलों में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को भी शिकायत दी जाएगी। इस कदम की पृष्ठभूमि में हाल ही में उजागर हुए पेपर लीक घोटाले और उसके दौरान सामने आए फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र हैं। एसओजी की जांच में सामने आया कि कई अभ्यर्थियों ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी नौकरियां हासिल कीं। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में गठित विशेष मेडिकल बोर्ड ने जांच में पाया कि 29 कर्मचारियों में से 24 ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। इनमें टीचर, एएनएम, स्टेनोग्राफर समेत विभिन्न पदों पर कार्यरत कर्मचारी शामिल थे। सरकार के इस फैसले से साफ है कि अब फर्जीवाड़े के जरिए नौकरी करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है, जिससे भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों पर रोक लगाई जा सके।

झटका बनाम हलाल विवाद पर बड़ा कदम, अब दुकान के बाहर लगेगा स्पष्ट बोर्ड

  जयपुर राजधानी जयपुर में अवैध मीट की दुकानों को बंद किया जाएगा। साथ ही जिन दुकानों पर कमर्शियल पट्टे हैं उन्हें अनिवार्य रूप से दुकान के बाहर यह स्पष्ट लिखने के निर्देश दिए गए हैं कि दुकान में झटके का मीट है या हलाल का। जयपुर की महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा है कि  अब से केवल उन्हीं दुकानों को मीट बिक्री का लाइसेंस मिलेगा जो कमर्शियल पट्टे पर होंगी व  प्रत्येक दुकान को अपने बाहर बोर्ड लगाकर स्पष्ट करना होगा कि वो 'झटका मीट शॉप' है या 'हलाल मीट शॉप'। उन्होंने कहा कि  शहर में आवासीय कॉलोनियों में अनियंत्रित रूप से मीट की दुकानें खुल संचालय हो रही हैं, जिससे क्षेत्रवासियों को असुविधा होती है। गंदगी और बदबू भी फैलती है, साथ ही झटका और हलाल मीट की दुकान की स्पष्ट जानकारी नहीं होने से जन भावनाएं भी आहत होती हैं। महापौर ने कहा कि लोग चाहते हैं कि किसी की धार्मिक भावना आहत न हो इस वजह से मीट की दुकानों पर झटका और हलाल लिखा हुआ होना चाहिए, ताकि जो जिस तरह का मीट इस्तेमाल करते हैं, उन्हें वही मीट मिले।  उन्होंने बताया कि पूर्व में दिए निर्देशों के बाद कुछ दुकानों पर झटका और हलाल अंकित किया भी गया है, लेकिन जिन पर नहीं लिखा गया है।  सौम्या गुर्जर ने बताया कि पिछले काफी असरे से स्थानीय रिहायशी कॉलोनियों में संचालित मीट की दुकानों का विरोध हो रहा है।  ऐसे स्थान पर दुर्गंध आती है और महिलाओं का निकलना मुश्किल हो जाता है। स्कूल, मंदिर से 100 मीटर दूरी का प्रस्ताव सरकार को भेजा उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां स्कूल या मंदिर है, वहां इस तरह की गतिविधियों को नहीं देखा जा सकता। ऐसे में राज्य सरकार को लिखा गया है कि ऐसी तमाम दुकानें मंदिर और स्कूल से तकरीबन 100 मीटर दूर हो। इस पर राज्य सरकार जनता के हित में ही फैसला लेगी। गौरतलब है कि निगम प्रशासन ने करीब एक साल पहले भी ऐसा ही निर्णय लिया था, लेकिन इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है। इसे लेकर समय-समय पर सियासी बयानबाजी जरूर सामने आती है। अब निगम ने इस मामले में सख्ती बरतने के संकेत दिए हैं।

जनवरी में मिली थी जमानत, आसाराम ने अब जोधपुर जेल में किया सरेंडर

 जोधपुर नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने शनिवार, 30 अगस्त को जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया है। राजस्थान हाई कोर्ट ने 27 अगस्त को उसकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसे यह कदम उठाना पड़ा। आसाराम को जनवरी 2025 में पहली बार 12 साल बाद अंतरिम जमानत मिली थी। उसने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम की तबीयत स्थिर है और उसे अस्पताल में भर्ती होने या लगातार चिकित्सा देखभाल की जरूरत नहीं है। अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि आसाराम ने पिछले कुछ महीनों में इलाज के लिए कई यात्राएं की हैं और विभिन्न शहरों के अस्पतालों में सलाह ली है, लेकिन किसी भी अस्पताल में नियमित फॉलोअप नहीं कराया है। कोर्ट ने आसाराम के वकील की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने एम्स जोधपुर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए स्वास्थ्य में गिरावट की बात कही थी। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने फैसले में कहा था कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार आसाराम की तबीयत स्थिर है। उसे हॉस्पिटल में भर्ती होने या लगातार चिकित्सा देखभाल की जरूरत नहीं है। आसाराम जनवरी 2025 में 12 साल के बाद पहली बार जमानत मिली थी। सबसे पहले जानिए- अंतरिम जमानत कैंसिल करते हुए कोर्ट ने क्या कहा था… अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में मेडिकल बोर्ड की ओर से दी गई रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया कि आसाराम ने पिछले 3-4 महीनों में इलाज के लिए कई यात्राएं की हैं। उसने कई शहरों में अलग-अलग हॉस्पिटल में इलाज भी कराया है, लेकिन किसी भी हॉस्पिटल में नियमित फॉलोअप नहीं कराया है। वकील के दलील को किया खारिज 27 अगस्त की सुनवाई में आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने कहा था कि- 21 अगस्त को आसाराम को एम्स जोधपुर ले जाया गया था। वहां के डॉक्टरों ने उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट दी है। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया। बेटे से भी हुई थी मुलाकात अपनी करीब साढ़े सात महीने की जमानत के दौरान आसाराम ने 11 साल बाद अपने बेटे नारायण साईं से भी मुलाकात की थी। नारायण साईं 25 जून को सूरत जेल से जोधपुर स्थित आसाराम के आश्रम पहुंचे थे।

बारिश बनी आफत: खेतों में डूबीं फसलें, सड़कें-जिंदगी प्रभावित

जयपुर राजस्थान में मानसून का दौर लगातार सक्रिय बना हुआ है और मौसम विभाग ने 10 सितंबर तक राज्य में यलो अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटों में कई जिलों में भारी वर्षा दर्ज की गई, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बांसवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा 5 इंच तक बारिश दर्ज की गई, वहीं झालावाड़, बूंदी, कोटा और जयपुर समेत अन्य जिलों में भी झमाझम बरसात हुई। भारी वर्षा के चलते कुछ जिलों में दुखद घटनाएं भी सामने आईं। सलूंबर के झल्लारा क्षेत्र में एक शिक्षक बाइक समेत नदी में बह गए, वहीं भीलवाड़ा जिले के बड़लियास थाना क्षेत्र में नदी में नहाने गई दो युवतियां पानी का स्तर अचानक बढ़ने से डूब गईं। नदियों और नालों में तेज बहाव ने ग्रामीण क्षेत्रों में खतरा बढ़ा दिया है। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में मानसून टर्फ लाइन गंगानगर, शिवपुरी और दमोह होते हुए लो-प्रेशर सिस्टम तक गुजर रही है, जिसके चलते बारिश का दौर जारी है। इसके अलावा एक अन्य टर्फ मध्यप्रदेश से दक्षिणी पंजाब की ओर सक्रिय है, जो राजस्थान में बारिश बढ़ाने का कारण बन रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के इस सक्रिय चरण में राज्यभर में हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी। इसके चलते सड़कों पर जलभराव, फसल नुकसान और जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है। प्रशासन ने प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्यों के लिए निगरानी बढ़ा दी है। नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बारिश का असर और अधिक गंभीर हो सकता है, इसलिए सभी को सतर्क और सावधान रहना जरूरी है।

जीएसटी चोरी में बड़ी कार्यवाही: भीलवाड़ा में डीजीजीआई की छापेमारी

  भीलवाड़ा, महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस जयपुर जोनल यूनिट ने गुरुवार को भीलवाड़ा में जीएसटी चोरी और फर्जी बिलिंग के नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी की। जयपुर से आई विशेष टीमों ने शहर के 10 से अधिक प्रोसेस हाउस और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड्स बरामद किए गए, जिनकी जांच शुरू हो गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई मुख्य रूप से निखिल डाड के ठिकानों पर केंद्रित थी, जो पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण डाड के पुत्र हैं। इसके अलावा, माहेश्वरी केमिकल से जुड़े अनुज सोमानी के प्रतिष्ठानों पर भी डीजीजीआई ने तलाशी ली। प्रारंभिक जांच में 10 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि यह राशि और बढ़ सकती है, क्योंकि बरामद दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड्स का विश्लेषण अभी जारी है। डीजीजीआई की यह कार्रवाई राजस्थान में जीएसटी चोरी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी जीएसटी नियमों के उल्लंघन और फर्जी बिलिंग के जरिए बड़े पैमाने पर कर चोरी के नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बरामद दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स की गहन जांच के बाद कर चोरी की पूरी तस्वीर सामने आएगी। इस कार्रवाई से भीलवाड़ा के व्यावसायिक समुदाय में हड़कंप मच गया है। डीजीजीआई ने स्पष्ट किया कि जीएसटी चोरी के खिलाफ ऐसी कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी, ताकि कर चोरी पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य में जीएसटी अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत संदेश देती है। जांच पूरी होने तक और जानकारी की प्रतीक्षा है।  

कोटा में बाढ़ का पानी घटा, गांवों में हालात होने लगे सामान्य

कोटा राजस्थान के बूंदी जिले के नैनवां, कापरेन और केशोरायपाटन इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी जैसे-जैसे कम हो रहा है, ग्रामीण जीवन की टूटी हुई कड़ियों को फिर से जोड़कर उसे पटरी पर लाने में जुट गए हैं। वे अपने भीगे हुए घरेलू सामान, गीले कपड़ों और अनाज को सुखा रहे हैं तथा अपने अपने घरों और दुकानों में बाढ़ के कारण जमा गाद को बाहर निकाल रहे हैं। इस क्षेत्र के किसानों को बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है, सोयाबीन, मूंग, उड़द और मक्के की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। नैनवां ब्लॉक में पैबलापुरा बांध के नीचे की ओर स्थित 1,500 से अधिक आबादी वाला डोकुन गांव और पड़ोसी देवरिया गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। शुक्रवार और शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश के दौरान बांध का पानी उफनकर अचानक घरों और दुकानों में घुस गया था। डोकुन गांव के निवासी रमेश नागर ने बताया कि बाढ़ का पानी इतनी तेजी से घरों में घुस आया कि लोगों को अपने घरेलू सामान या फसलों को बचाने का भी समय नहीं मिला। उन्होंने बताया कि उनके घरों में रखे गेहूं, सोयाबीन, चना और मूंग से भरे सैकड़ों बोरे पूरी तरह भीगकर खराब हो गए। इस बीच, प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए अब तक कोई सरकारी सहायता नहीं पहुंची है। कांग्रेस की बूंदी जिला इकाई के अध्यक्ष और केशोरायपाटन से विधायक सीएल प्रेमी ने मीडिया को बताया, ‘‘बाढ़ के बाद के हालात केशोरायपाटन, कापरेन और नैनवां क्षेत्रों में सबसे खराब हैं। इन इलाकों के गांवों के लगभग हर घर और दुकान को भारी नुकसान हुआ है। संपत्ति और फसलें नष्ट हो गई हैं, अधिकतर कच्चे मकान ढह गए हैं, मवेशी मर गए हैं। राज्य सरकार को शिकायतों पर ध्यान देना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों तक तुरंत राहत पहुंचानी चाहिए।’’ बूंदी के विधायक हरिमोहन शर्मा ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार ने अब तक बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए कोई मुआवज़ा घोषित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन और बाढ़ राहत मानदंडों के तहत निर्धारित सहायता राशि अपर्याप्त है और गांवों में हुए नुकसान को देखते हुए ‘‘यह सागर में एक बूंद के समान है और सहायता के नाम पर एक मजाक है’’। इस बीच, केशोरायपाटन के उप-मंडल अधिकारी (एसडीएम) ऋतुराज शर्मा ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य और नुकसान का सर्वेक्षण जारी है। एसडीएम ने कहा, ‘‘हम जल्द ग्राम पंचायतों में शिविर लगाने जा रहे हैं, ताकि मौके पर ही दस्तावेजों और राहत संबंधी औपचारिकताएं पूरी की जा सकें।’’ उन्होंने बताया कि लोग राहत शिविरों से अपने अपने घर लौट चुके हैं।  

सियासी घमासान के बीच अदालत का हस्तक्षेप, राजस्थान पुलिस भर्ती पर लगा ब्रेक

जयपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को बहुचर्चित पुलिस उप-निरीक्षक (SI) भर्ती परीक्षा 2021 रद्द कर देने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस भर्ती को लेकर लंबे समय से चल रही पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच के बाद हाईकोर्ट ने इस निर्णय तक पहुंचा। एसआई भर्ती 2021 मामले की लंबी सुनवाई के बाद फैसला न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने 14 अगस्त 2025 को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। अदालत ने सुनवाई के दौरान बहुत गंभीर रुख अपनाया और कहा कि यह 'साधारण मामला नहीं' है। पेपर लीक और मिलीभगत के खुलासों के बाद अब मिला न्याय! सरकार ने बॉडी के सामने माना कि भर्ती में कुल 68 उम्मीदवारों की मिलीभगत सामने आई थी, जिसमें 54 ट्रेनी SI, 6 चयनित उम्मीदवार तथा 8 फरार उम्मीदवार शामिल थे। आरोपों की गुत्थी सुलझाने के लिए SIT जांच कर रही थी। सरकार और विपक्ष के बीच सियासत, हनुमान बेनीवाल भी सड़कों पर उतरे राज्य सरकार ने अदालत में स्पष्ट किया कि इस स्तर पर भर्ती को रद्द करना उपयुक्त नहीं है। इसके पीछे कारण था कि केवल कुछ ही उम्मीदवार आरोपों की गिरफ्त में हैं, और शेष अधिकांश उम्मीदवार निष्कलंक हैं। कैबिनेट उप-समिति ने भी भर्ती जारी रखने की सिफारिश की थी, जिसे मुख्यमंत्री की ओर से अनुमोदित किया गया। नागौर से RLP सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भर्ती रद्द नहीं की गई क्योंकि 'सरकार को इसका श्रेय नहीं मिलेगा।' उन्होंने दिल्ली कूच करने वाली युवाओं के आंदोलन का समर्थन किया। अदालत में अंतिम दलीलों की सुनवाई 2 अगस्त 2025 को हुई थी, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने भर्ती प्रक्रिया में सुरक्षा की विफलता और प्रक्रिया की ईमानदारी पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा कि गलत तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को बरकरार रखना कानून-व्यवस्था की दृष्टि से खतरनाक हो सकता है।

पैलेस ऑन व्हील्स का नया अध्याय: निजी कंपनी करेगी संचालन, स्वर्णनगरी में 21 सितंबर को होगा आगमन

जयपुर देश की विभिन्न शाही रेलों में सबसे चर्चित और लोकप्रिय लग्जरी ट्रेन पैलेस ऑन व्हील इस सीजन की पहली यात्रा पर 21 सितंबर को जैसलमेर पहुंचेगी। यह ट्रेन 17 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होकर जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर होते हुए रविवार सुबह जैसलमेर पहुंचेगी। 26 जनवरी 1982 को शुरू हुई पैलेस ऑन व्हील का 41 साल बाद दो साल पहले निजीकरण कर दिया गया है। पहले रेलवे इसके संचालन और नवीनीकरण का जिम्मा संभालता था, लेकिन यात्रियों की घटती संख्या और लगातार घाटे के बाद अब इसकी कमान निजी कंपनी को सौंप दी गई है। ट्रेन को इस सीजन के लिए नया कलेवर दिया गया है। 41 बाथरूमों का रेनोवेशन किया गया है, बायो-टॉयलेट्स लगाए गए हैं, फर्नीचर और लाइटिंग बदली गई है तथा स्थानीय व्यंजनों को खाने के मेन्यू में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य सैलानियों को एक बार फिर से शाही रेल का शाही अनुभव देना है। पैलेस ऑन व्हील की यात्रा हमेशा से विदेशी सैलानियों की पहली पसंद रही है लेकिन महंगे किराए और कोविड के प्रभाव से यात्रियों की संख्या लगातार गिरती गई। पांच साल पहले पूरे सीजन में केवल 3500 यात्री ही इसमें सवार हुए। कोविड से ठीक पहले यह संख्या 2500 से भी नीचे चली गई थी। स्थिति और बिगड़ने पर इसे दो साल तक बंद करना पड़ा। 2022 में इसे फिर से शुरू किया गया, लेकिन पूरे सीजन में केवल 11 फेरे ही हो पाए। इस बार निजी कंपनी के हाथों में संचालन सौंपने के बाद ट्रेन 33 फेरे करेगी। उम्मीद है कि बदलाव और नए शाही लुक के साथ पैलेस ऑन व्हील का पुराना आकर्षण एक बार फिर लौटेगा।