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बेगुनाही साबित होने पर रिहा हुआ नेत्रहीन दिव्यांग, गांव में हुआ जोरदार स्वागत

चुरू बिना किसी अपराध के दो महीने से जेल में बंद नेत्रहीन दिव्यांग अमीचंद जब रिहा होकर अपने गांव भीमसाना लौटे, तो गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। न्यायालय से रिहाई का आदेश जैसे ही शाम 4 बजे तारानगर जेल पहुंचा, परिवारजन और ग्रामीणों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। जेल से बाहर आते ही अमीचंद का फूलमालाओं और डीजे साउंड के साथ जोरदार स्वागत किया गया। गांव तक पूरे रास्ते डीजे बजता रहा और लोग नाचते-गाते अमीचंद को घर लेकर पहुंचे। इस मौके पर क्षेत्रवासियों ने भी इस अन्याय के विरुद्ध अपनी एकजुटता का परिचय दिया। इस मामले में एडवोकेट हरदीप सुंदरिया ने अमीचंद की ओर से नि:शुल्क पैरवी कर इंसानियत की मिसाल कायम की। कोर्ट ट्रायल शुरू होने से पहले ही उन्होंने यह साबित कर दिया कि अमीचंद निर्दोष हैं। 14 मार्च को तारानगर थाना क्षेत्र के झोथड़ा गांव में मारपीट और अपहरण की एक घटना हुई थी। इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज किया था, जिसमें कुल पांच आरोपी शामिल थे। वीडियो साक्ष्यों के आधार पर घटना में शामिल एक आरोपी भीमसाना निवासी पवन स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था लेकिन आरोप है कि आरोपी पवन ने जांच अधिकारी धर्मेंद्र मीणा से मिलीभगत कर षड्यंत्रपूर्वक अपने ही गांव के नेत्रहीन दिव्यांग अमीचंद को फर्जी रूप से आरोपी बनाकर पेश करवा दिया। बिना उचित जांच के चार्जशीट अमीचंद के खिलाफ दाखिल कर दी गई और उन्हें जेल भेज दिया गया, जबकि असली आरोपी खुलेआम घूमता रहा। इतना ही नहीं पवन अमीचंद के परिजनों को यह कहकर गुमराह करता रहा कि अमीचंद जम्मू ट्रांसपोर्ट ऑफिस के किसी कार्य से गया हुआ है। परिजनों को इस साजिश की भनक तक नहीं लगी। अब दिव्यांग अमीचंद की रिहाई से जहां एक ओर परिवार को राहत मिली है, वहीं यह मामला न्यायिक व्यवस्था और पुलिस जांच की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अब क्षेत्र में मांग उठ रही है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और असली दोषियों को दंडित किया जाए।

स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग: जयपुर की डबल कामयाबी, ग्रेटर और हैरिटेज दोनों आगे

जयपुर स्वच्छ रैंकिंग में जयपुर ग्रेटर नगर निगम और हैरिटेज निगम ने बड़ी छलांग लगाई है। स्वच्छ सर्वेक्षण में जयपुर ग्रेटर को 16वीं तथा हेरिटेज को 20वीं रैंकिंग मिली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय आवासन और शहरी मंत्रालय की ओर से आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार दिए। गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023-24 में जयपुर हैरिटेज नगर निगम 171वें स्थान पर था, जबकि ग्रेटर नगर निगम 173वें पायदान पर था। इस लिहाज से दोनों निगमों ने सर्वेक्षण में बड़ी छलांग लगाई है। वहीं 20 से 50 हजार की जनसंख्या में राजस्थान के डूंगरपुर ने देशभर में टॉप किया है। जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर ने सोशल मीडिया पर इस अवॉर्ड की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आज ग्रेटर जयपुर को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार के तहत राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह सम्मान नगर निगम ग्रेटर की समर्पित टीम, स्वच्छता योद्धाओं और हर उस जागरूक नागरिक को समर्पित है, जिनके सहयोग से जयपुर ने देशभर पहली बार में 16वां स्थान प्राप्त किया। मैं समस्त जयपुरवासियों को बधाई देती हूं और आग्रह करती हूं कि स्वच्छता को केवल जिम्मेदारी नहीं संस्कार बनाएं ताकि अगली बार हम सब मिलकर जयपुर को शीर्ष स्थान पर लाएं। रैंकिंग सुधारने के लिए हाल ही में नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, कंस्ट्रक्शन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट की शुरुआत की थी। निगम के अंकों में बढ़ोतरी के लिए अहम रहा। दोनों निगमों की टीमों ने इस बार काफी मेहनत की और सर्वेक्षण की तैयारियों और सर्वे का काम पूरा करवाया गया। इस कारण जयपुर ग्रेटर नगर निगम और जयपुर हैरिटेज नगर निगम ने रैंकिंग में एक लंबी छलांग लगाई।

विपरीत मौसम में भी पहुंचा प्रशासन: गृह मंत्री ने दादिया में 12 करोड़ के लोन किए वितरित

जयपुर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज गुरुवार को जयपुर दौरे पर पहुंचे। उनका दादिया में आयोजित सहकार एवं रोजगार उत्सव में शामिल होने का कार्यक्रम था। शाह दोपहर करीब 12:15 बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से उन्हें हेलिकॉप्टर द्वारा सभास्थल दादिया जाना था लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका, जिस कारण वे सड़क मार्ग से करीब 22 किलोमीटर दूर स्थित दादिया पहुंचे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शाह ने राजस्थान पुलिस के 100 नए वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद उन्होंने सहकारी उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और सरकारी नौकरी प्राप्त करने वाले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इसके साथ ही गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1400 गोपालकों को 12 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए। इसके साथ ही शाह ने वर्चुअली 500 मीट्रिक टन क्षमता के 24 अनाज गोदामों और 64 मिलेट्स (मोटा अनाज) केंद्रों का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान मंच की साज-सज्जा और बैठने की व्यवस्था ने भी राजनीतिक संकेत दिए। मंच पर अमित शाह के बाएं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और दाएं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्थान दिया गया। इसके अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक, पशुपालन व डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत और मुख्य सचिव सुधांश पंत भी मंच पर मौजूद रहे।

धारा 163 के तहत सख्ती: जैसलमेर के बासनपीर जूनी में पुलिस-प्रशासन अलर्ट पर

जैसलमेर जैसलमेर के बासनपीर जूनी क्षेत्र में संभावित अशांति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन धारा 163 लागू की है। सभी तरह के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। पोस्टर-बैनर चिपकाने या नारेबाजी पर भी प्रतिबंध है। इस संबंध में बुधवार को जैसलमेर के उपखंड मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी किया। बासनपीर जूनी क्षेत्र में 10 जुलाई को दो समुदायों के बीच विवाद हुआ था। बासनपीर में एक स्कूल के पास छतरी निर्माण के दौरान कथित तौर पर कुछ लोगों ने पथराव किया था। आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने महिलाओं को आगे करते हुए पथराव किया था। इस घटना से वहां तनाव पैदा हुआ। फिलहाल तनापूर्ण हालातों के बीच आगे कोई विवाद न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जिला प्रशासन ने आशंका जताई है कि बासनपीर जूनी गांव में उत्पन्न तनाव की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उक्त क्षेत्र में असामाजिक तत्वों की ओर से कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश की जा सकती है, जिससे जन साधारण की सुरक्षा और शांति को खतरा पैदा हो सकता है। जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, “बासनपीर जूनी की सीमा के भीतर कोई व्यक्ति किसी भी तरह का हथियार लेकर सार्वजनिक स्थलों पर लेकर नहीं घूमेगा। न ही बासनपीर जूनी की सीमा में किसी भी प्रकार की सभा, रैली, जुलूस और प्रदर्शन बिना पूर्व सक्षम अनुमति के निकाले जाएंगे। सिख समुदाय के व्यक्तियों को उनकी धार्मिक परंपरा के अनुसार नियमान्तर्गत निर्धारित कृपाण रखने की छूट रहेगी। आदेश में कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगाएगा और न ही इस प्रकार का भाषण देगा। कोई भी व्यक्ति बिना पूर्व अनुमति के लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करेगा। किसी भी स्थान पर एक समय में 5 या 5 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं रहेंगे।” जिला प्रशासन की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करेगा तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के प्रावधानों के अंतर्गत अभियोग चलाए जा सकते हैं।  

राहत कार्यों में तेजी लाएं: लोकसभा अध्यक्ष ने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में किया स्थलीय निरीक्षण

कोटा कोटा दौरे पर आए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को शहर के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जलभराव, नालों की क्षतिग्रस्त बाउंड्री और वर्षा जनित समस्याओं से जूझ रहे नागरिकों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। बिरला ने रानपुर बंधा, धर्मपुरा, बड़ा बस्ती, अनंतपुरा, रायपुरा और देवली अरब समेत कई क्षेत्रों का दौरा किया। उनके साथ ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, ओएसडी राजीव दत्ता, जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जलभराव की समस्या किन कारणों से उत्पन्न हुई, साथ ही नालों की सीमित क्षमता और जल निकासी के अभाव को भी प्रमुख वजह बताया। रानपुर इलाके में हाल ही में एक युवती की जलभराव में डूबने से मौत हो गई थी। बिरला ने इस मामले में कॉलेज और जिला प्रशासन से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नालों की क्षमता बढ़ाई जाए और वैकल्पिक जलनिकासी मार्गों की तलाश की जाए, जिससे हर साल आने वाली समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जा सके। उन्होंने सभी प्रभावित क्षेत्रों का जल्द से जल्द सर्वे करने और आवश्यक प्रस्ताव तैयार करने को कहा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिरला इसके बाद कोटा ग्रामीण के निमोदा हरीजी गांव पहुंचे, जहां हाल ही में नदी में डूबने से कुछ लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की और उन्हें ढांढस बंधाया। साथ ही अधिकारियों को पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। जिन लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है, उन्हें खोजने के लिए अतिरिक्त रेस्क्यू टीमें लगाने को भी कहा। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन की लापरवाही की शिकायत भी की। ग्रामीणों का कहना था कि यदि समय रहते रेस्क्यू टीमें पहुंच जातीं, तो कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी। बिरला ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।  

‘उदयपुर फाइल्स’ पर सुप्रीम कोर्ट की नजर, कहा- सरकार जल्द तय करे रिलीज पर रुख

उदयपुर राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की जिहादियों द्वारा जघन्य हत्या किए जाने के मामले पर बनी फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ नहीं हो सका है। इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसने फिल्म की रिलीज पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार की ओर से गठित पैनल को इस मामले में तेजी से फैसला लेने को कहा है। अदालत ने कहा कि कमेटी को तेजी से निर्णय लेना चाहिए कि आखिर फिल्म पर उसका क्या फैसला है। बेंच ने कहा कि यह फैसला लेना हमारा अधिकार नहीं है कि कौन सी फिल्म रिलीज होनी चाहिए और कौन सी नहीं। यह अधिकार सरकार के पास है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाला बागची की बेंच ने फिल्म के खिलाफ आपत्तियों पर सुनवाई कर रही केंद्र की समिति से कन्हैया लाल हत्या मामले के आरोपियों का पक्ष भी सुनने को कहा। बेंच ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर पैनल का गठन हुआ है। सरकार पैनल की ओर से फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद आगे बढ़ सकती है। बेंच ने कहा, 'हम इस फैसले को फिलहाल रोकते हैं। हमें देखना होगा कि केंद्र सरकार उच्च न्यायालय में क्या कहती है। यदि सरकार कहती है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है तो फिर देखेंगे। यदि कुछ चीजें काटने की बात कही जाती है तो वह भी देखना होगा। हां, यदि केंद्र सरकार फैसला ही न ले तो अलग मामला है।' अदालत ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि इस मामले में एक कमेटी का गठन हुआ है और हमें एक से दो दिन इंतजार करना होगा। जजों ने कहा कि इस मामले में गठित कमेटी को तुरंत फैसला लेना चाहिए। बेंच ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि इस मामले में बेंच की ओर से जल्दी ही फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही हम अगली सुनवाई के लिए 21 जुलाई की तारीख तय करते हैं।' अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने मूवी के कॉन्टेंट को लेकर कुछ नहीं कहा है। उसने सिर्फ याचियों से इतना कहा है कि वे इस मामले में केंद्र सरकार से संपर्क करें।  

अपहरण कर युवक को बनाया बंधक, वीडियो भेजकर फिरौती मांगी; चार आरोपी पकड़े गए

अलवर अलवर में शेयर मार्केटिंग और ट्रेडिंग से जुड़े एक युवक का अपहरण कर उसे जंगल में ले जाकर बुरी तरह पीटने और उसका वीडियो बनाकर 3.5 लाख रुपये की फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने बदमाशों के दिए अकाउंट में 50 हजार रुपये ट्रांसफर भी कर दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लोकेशन ट्रेस की और बूंदी टोल से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर पीड़ित युवक को छुड़वा लिया। अपहृत युवक हंसराज ने जानकारी देते हुए बताया कि वह बाइक से लौट रहा था, तभी बोलेरो में सवार कुछ लोगों ने उसे जबरन रोक लिया और आंखों पर कपड़ा बांधकर कार में डाल लिया। कार में लगातार उसे पीटा गया। इसके बाद जंगल में ले जाकर आरोपियों ने एक वीडियो शूट किया, जिसमें हंसराज गिड़गिड़ा रहा है- "पेमेंट कर दे भाई, वरना मैं इनके हाथों मर जाऊंगा।" यह वीडियो वॉट्सऐप के जरिए परिवार को भेजा गया। पीड़ित के मुताबिक आरोपी लगातार अलग-अलग आरोप लगाते रहे, कभी छेड़छाड़, कभी साइबर ठगी तो कभी सीधी फिरौती की मांग। आरोपियों ने हंसराज से 50 हजार रुपए एक खाते में ट्रांसफर करवाए, जिसे बाद में अलवर स्थित एटीएम से एक स्थानीय युवक द्वारा निकाला गया। इससे पुलिस को शक है कि वारदात में गैंग का स्थानीय नेटवर्क भी सक्रिय है। थानाधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि पीड़ित के भाई देशराज ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कुछ ही देर में उन्हें मारपीट का वीडियो मिला, जिससे मामला गंभीर हो गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि बदमाशों के पास परिवार की हर गतिविधि की जानकारी थी। इससे संकेत मिले कि कोई जानकार व्यक्ति गैंग से जुड़ा हो सकता है। एएसपी तेजपाल सिंह ने बताया कि परिजनों द्वारा रुपये भेजने के बाद आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की गई और अलग-अलग टीमों को भेजा गया। बूंदी टोल नाके पर पुलिस ने चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया और पीड़ित युवक को सुरक्षित छुड़ा लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि यह एक संगठित गैंग है जो फिरौती, ठगी और अपहरण जैसी वारदातों में संलिप्त है। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुटी है।

लूणी नदी में पानी की आवक तेज़, प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने को कहा

बाड़मेर मानसून की अच्छी बारिश के बाद मारवाड़ की जीवनदायिनी लूणी नदी में पानी की बढ़ती आवक को देखते हुए जिला प्रशासन ने आमजन से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। जिला प्रशासन ने लूणी नदी की रपटों से निश्चित दूरी बनाए रखने और नदी बहाव क्षेत्र में नहाने से परहेज करने की सख्त हिदायत दी है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। दरअसल जिले के समदड़ी क्षेत्र में लूणी नदी में बरसात के पानी की आवक हुई है। इससे स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल नजर आ रहा है। अगले एक-दो दिन में बालोतरा तक लूणी का पानी पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। पानी की आवक के बाद प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क हो गया है। जिला प्रशासन ने आमजन से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। इसके साथ ही लूणी नदी पर बनी सभी रपटों पर वाहनों और पैदल आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। पुलिस और सिविल डिफेंस की टीमें इन स्थानों पर तैनात कर दी गई हैं ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो। जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे पानी के तेज बहाव में प्रवेश न करें और न ही सेल्फी लेने या वीडियो बनाने के लिए नदी के किनारों या रपटों के करीब जाएं। उन्होंने कहा कि पानी का बहाव अप्रत्याशित हो सकता है और ऐसे में कोई भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। ग्रामीणों और विशेषकर बच्चों से नदी किनारे न जाने का आग्रह किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। लूणी नदी में पानी की आवक किसानों और पर्यावरण के लिए एक शुभ संकेत है, लेकिन इसके साथ ही सावधानी बरतना भी अत्यंत आवश्यक है।  

ड्रग्स नेटवर्क का पर्दाफाश: भंवरी की कुबूलनामे से हिली पुलिस, जानें क्या उगला सच

जालौर चितलवाना पुलिस ने बाड़मेर निवासी इंस्टाग्राम इनफ्लुएंसर भंवरी उर्फ भाविका चौधरी को 152 ग्राम एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि उसे यह मादक पदार्थ चंदनी देवी नामक महिला से मिलता था और हर बार सप्लाई के बदले उसे करीब 10 हजार रुपये मिलते थे। भाविका चौधरी का पति गुजरात में काम करता है, इसी कारण उसका गुजरात आना-जाना बना रहता था ताकि किसी को शक न हो। बाड़मेर पुलिस को भंवरी के ड्रग तस्करी नेटवर्क की जानकारी पहले से थी। पुख्ता सूचना मिलने पर पुलिस ने नजर रखनी शुरू की और इस बार भंवरी रोडवेज बस के जरिए ड्रग्स लेकर गुजरात जा रही थी। बस के जालौर सीमा में प्रवेश करने पर चितलवाना पुलिस को सूचना दी गई और नाकाबंदी कर उसे पकड़ा गया। चितलवाना थाने में आरोपी के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया गया है। सरवाना थानाधिकारी सूरजभान सिंह के अनुसार, भंवरी को अदालत में पेश कर 18 जुलाई तक 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। फिलहाल उससे तस्करी के नेटवर्क और अन्य साथियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। पुलिस उसके कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जांच कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि यह उसका पहला प्रयास था या उसने पहले भी ड्रग्स की सप्लाई की है। इनफ्लुएंसर होने के बावजूद भंवरी ने जल्दी पैसा कमाने के लिए तस्करी का रास्ता चुना, जो अब उसे भारी पड़ गया है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में ड्रग तस्करी के इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होगा।  

हनीट्रैप का जाल: कारोबारी से 90 लाख की वसूली, ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज

जयपुर जयपुर के महेश नगर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवती ने प्रेमजाल और शादी का झांसा देकर एक कारोबारी से करीब 90 लाख रुपए ठग लिए और जब कारोबारी ने पैसे देने से मना किया तो युवती ने उसे झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित कारोबारी ने अब युवती के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। 2017 में हुई थी मुलाकात महेश नगर थाने के अनुसार 42 वर्षीय पीड़ित बिजनेसमैन सांगानेर इलाके का रहने वाला है और महेश नगर में स्थित एक कंपनी का डायरेक्टर है। साल 2017 में उसकी कंपनी में एक युवती ने समर इंटर्न के तौर पर काम शुरू किया था। इसी दौरान युवती ने सोशल मीडिया के जरिए कारोबारी से संपर्क साधने की कोशिश की। जब कारोबारी ने युवती की बातचीत में रुचि नहीं दिखाई तो उसने एक चाल चली और उसकी पत्नी से दोस्ती कर ली। इसके बाद युवती का कारोबारी के घर आना-जाना शुरू हो गया और वह धीरे-धीरे उसके करीब आ गई। प्रेमजाल और शादी का झांसा पुलिस रिपोर्ट के अनुसार युवती ने कारोबारी को प्रेमजाल में फंसाकर उससे शादी करने की बात कही। इस भरोसे को बनाकर वह कारोबारी से समय-समय पर अलग-अलग बहानों से पैसे मांगने लगी। कभी पारिवारिक परेशानी, कभी इलाज, तो कभी किसी अन्य जरूरत का हवाला देकर उसने कई बार मोटी रकम ली। कुछ ही साल में युवती ने झूठ बोलकर करीब 90 लाख रुपए कारोबारी से वसूल लिए। कारोबारी को पहले लगा कि वह उसकी मदद कर रहा है, लेकिन जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती गई, उसे शक हुआ। जब कारोबारी ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो युवती ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। उसने कारोबारी को धमकी दी कि अगर उसने और पैसे नहीं दिए तो वह उसके खिलाफ रेप का झूठा मामला दर्ज करवा देगी। पुलिस को दी गई शिकायत में कारोबारी ने बताया कि युवती ने उसे बदनाम करने और जेल भिजवाने की धमकी दी। इसके साथ ही 50 लाख रुपए और मांगे गए। डर और बदनामी के चलते कारोबारी लंबे समय तक चुप रहा लेकिन जब युवती की डिमांड और दबाव लगातार बढ़ते गए, तो आखिरकार उसने पुलिस की शरण ली। हनीट्रैप का शिकार हुआ कारोबारी पुलिस को संदेह है कि यह पूरी योजना पहले से तैयार की गई थी और युवती ने सुनियोजित तरीके से कारोबारी को हनीट्रैप में फंसाया। इस पूरे घटनाक्रम में युवती ने न केवल मानसिक दबाव बनाया बल्कि उसकी निजी जिंदगी को भी प्रभावित किया। महेश नगर थाना पुलिस ने युवती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और अब पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजेक्शन और चैट रिकॉर्ड्स की मदद से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या युवती ने पहले भी किसी और को इसी तरीके से निशाना बनाया है या यह मामला केवल एक बार की ब्लैकमेलिंग का है।