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प्रधानमंत्री मोदी को मिला घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान विश्व पटल पर भारत के बढ़ते वर्चस्व का प्रतीक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना (Officer of the Order of the Star of Ghana)" से सम्मानित किए जाने पर उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्व पटल पर फिर से मां भारती की जय-जयकार गूंज रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी को मिला यह सम्मान देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। यह सम्मान विश्व पटल पर भारत के बढ़ते वर्चस्व का प्रतीक है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत और घाना के संबंध पहले से अधिक मजबूत हुए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पवित्र अमरनाथ यात्रा के शुभारंभ पर की प्रदेश के मंगल की कामना

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सनातन संस्कृति की अमूल्य धरोहर श्री अमरनाथ यात्रा के शुभारंभ पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दिव्य दर्शन के लिए हर वर्ष बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं। ईश्वर से प्रार्थना है‍कि यात्रा सभी के लिए मंगलमयी और सभी मनोरथ पूर्ण करने वाली हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देवाधिदेव महादेव से प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए भी प्रार्थना की है।  

यूपी में विकास को मिलेगी रफ्तार, नया एक्सप्रेसवे पूर्वांचल को जोड़ेगा दिल्ली से

लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को अनुमोदन प्रदान किया है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी' ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी प्रदान की गयी है। लगभग 49.96 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा। इसका निर्माण ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) मॉडल पर किया जाएगा।  लखनऊ में खत्म होगा जाम का झंझट  परियोजना पर अनुमानित 4775.84 करोड़ रुपये का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर जैसे प्रमुख शहरों के बीच आवागमन और अधिक सुगम, त्वरित और बाधारहित हो सकेगा। उन्होने बताया कि खासकर राजधानी लखनऊ के भीतर होने वाले भारी यातायात दबाव को कम करने और यात्रा समय को घटाने में यह परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।  'एक्सप्रेसवे ग्रिड तैयार कर रहे हैं लिंक एक्सप्रेसवे' औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक विकसित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे आपस में मिलकर एक एक्सप्रेसवे ग्रिड तैयार कर रहे हैं। यह ग्रिड प्रदेश के किसी भी कोने तक यात्रा को तेज, सुरक्षित और निर्बाध बनाएगा। 

संभल में शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर विवाद में कोर्ट का फैसला, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

संभल उत्तर प्रदेश के संभल जनपद के चंदौसी क्षेत्र में स्थित शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर के बीच लंबे समय से चला आ रहा भूमि विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस मामले में कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वे आदेश को वैध ठहराया है। शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिससे अब क्षेत्र का पुनः सर्वे कराने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को निर्धारित की है।   22 लोगों को बनाया गया है नामजद आरोपी इसके साथ ही 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के लिए गठित एसआईटी ने इस मामले में 1,100 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। इस चार्जशीट में कुल 22 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है, जबकि सुहैल इकबाल को चार्जशीट से बाहर रखा गया है। विवाद की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस लगातार सतर्कता बनाए हुए है। वहीं शाही जामा मस्जिद को लेकर कोर्ट के आगामी आदेश के तहत सर्वे की तैयारियां चल रही हैं, ताकि पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से पूरी की जा सके। यह मामला धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील है, इसलिए जिला प्रशासन मामले को लेकर कोई कोताही बरतने के मूड में नहीं है। वहीं इस मामले को लेकर आगे होने वाली कोर्ट की सुनवाई और सर्वे की प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

पुरस्कृत होंगे वन विभाग के कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी-कर्मचारी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश वन विभाग के वन्य जीव संरक्षण प्रयासों और उसमें प्राप्त हो रही सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन विभाग में रहकर उत्कृष्ट कार्य और बहुआयामी प्रयास करने वाले अधिकारियों और अन्य अमले को पुरस्कृत किया जाएगा। हाल ही में स्टेट टाइगर फोर्स के कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों-कर्मचारियों के संयुक्त प्रयासों में सफलता का एक महत्वपूर्ण आयाम जुड़ा है। स्टेट टाइगर फोर्स ने न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर के विरूद्ध की गई सटीक विवेचना की बल्कि न्यायालय के स्तर पर भी ठोस पक्ष रखने का कार्य किया, जिसके फलस्वरूप आरोपित व्यक्ति ताशी शेरपा को 5 वर्ष की सजा सुनाई गई है। मध्यप्रदेश की पहचान बनाए रखने के लिए गंभीर प्रयास मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की पहचान सघन और पर्यावरण हितैषी वन क्षेत्र और भारत की समृद्ध जैव विविधता के प्रतीक विभिन्न वन्य प्राणी हैं। मध्यप्रदेश वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी गंभीरता और परिश्रमपूर्वक प्रदेश की वन और वन्यप्राणी सम्पदा के संरक्षण का कार्य कर रहे हैं। स्टेट टाइगर फोर्स जहां भारत सरकार के निर्देश पर वन्य जीवों की तस्करी की रोकथाम के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, वहीं आरोपित व्यक्तियों को सजा दिलवाने का लक्ष्य भी पूरा कर रही है। इंटरपोल मुख्यालय ने दी बधाई मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंटरपोल मुख्यालय ल्योन, फ्रांस से जारी पत्र में मध्यप्रदेश वन विभाग की स्टेट टाइगर फोर्स को अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर ताशी शेरपा के सफलतापूर्वक अभियोजन को पूरा करते हुए सजा दिलवाने के लिए बधाई दी है। स्टेट टाइगर फोर्स की कार्यवाही से अंतर्राज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय गिरोह बेनकाब हुए हैं। जिन गिरोहों के अपराधी भारत सहित नेपाल, भूटान और चीन तक वन्य जीवों की तस्करी में लिप्त रहते हैं, उन पर नजर रखते हुए टाइगर फोर्स ने वैज्ञानिक ढंग से विवेचना का कार्य किया है। ब्रेन-मेपिंग और पॉलीग्राफी टेस्ट से प्राप्त महत्वपूर्ण साक्ष्यों एवं सायबर डेटा एकत्र कर न्यायालय में उनके प्रस्तुत किए जाने से वन्य प्राणियों की तस्करी करने वालों को दोषी सिद्ध ठहराया जा सका। इस पूरे प्रकरण में यह भी महत्वपूर्ण है कि यह अपने तरह का ऐसा पहला मामला है, जिसमें बाघ के शिकारियों, बिचौलियों और तस्करों सहित 28 अपराधियों के गिरोह को गिरफ्तार किया गया। गिरोह के एक फरार तस्कर जेई तमांग उर्फ पसांग लिमी के विरूद्ध इंटरपोल ने रेड कार्नर नोटिस जारी किया है।  

उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में फेरबदल, मुथा अशोक की गोरखपुर में बड़ी नियुक्ति

लखनऊ  योगी आदित्यनाथ सरकार आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर जारी रखे है। गृह विभाग ने गुरुवार को तीन आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है। इनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर के एडीजी जोन भी हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के एडीजी मुथा अशोक जैन को एडीजी गोरखपुर जोन के पद पर स्थानांतरित किया गया है। डीजी पद पर प्रोन्नत गोरखपुर जोन डॉ केएस प्रताप कुमार को पुलिस महानिदेशक एवं सीएमडी उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम का पद स‍ंभालने के लिए भेजा गया है। पुलिस महानिदेशक एवं सीएमडी उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम पीसी मीणा को पुलिस महानिदेशक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवायें के पद पर ट्रांसफर किया गया है।

कोयला घोटाले मामले में ED की कार्रवाई को सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया ने दी चुनौती

बिलासपुर प्रदेश के बहुचर्चित कोयला घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया सहित परिवार के लोगों की संपत्ति अटैच किए जाने को हाइकोर्ट में चुनौती दी है। वहीं केजेएसएल कोल पावर और इंद्रमणि मिनरल्स ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका लगाई है। जिस पर लगातार सुनवाई के बाद सभी 10 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की डबल बेंच में सभी पहलुओं पर लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है। दरअसल, ईडी रायपुर ने अवैध कोयला लेवी घोटाले से संबंधित मामले में सूर्यकांत तिवारी और अन्य से संबंधित पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 30/01/2025 को कुल मिलाकर 49.73 करोड़ रुपये मूल्य की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है, जिसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नकदी, आभूषण और जमीन शामिल हैं। इसके साथ ही सूर्यकांत तिवारी के भाई रजनीकांत तिवारी, कैलाशा तिवारी, दिव्या तिवारी की भी संपति अटैच की गई है। वहीं सौम्या चौरसिया उनके भाई अनुराग चौरसिया, मां शांति देवी, समीर विश्नोई और अन्य ने अस्थायी नियंत्रण के खिलाफ याचिकाएं लगाई। कोर्ट में संबंधित अपीलकर्ताओं के वकील हर्षवर्धन परगनिहा, निखिल वार्ष्णेय, शशांक मिश्रा, अभ्युदय त्रिपाठी और अन्य को सुना। जिसके बाद प्रतिवादी के वकील डॉ. सौरभ कुमार पांडे को भी सुना गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि सौम्या चौरसिया को बीते दिनों हाइकोर्ट से जमानत मिल चुकी है और कोर्ट ने उन्हें राज्य से बाहर रहने का आदेश दिया है। वहीं सूर्यकांत तिवारी अभी भी जेल में बंद हैं। क्या है कोयला लेवी मामला ED की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से अवैध वसूली की। जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के हर टन पर 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली गई। 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई ने आदेश जारी किया था। यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों को दिया जाता है। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। इसमें जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था, यह रकम 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपये की वसूली की गई। कहां खर्च की अवैध कमाई जांच में सामने आया है कि इस घोटाले की राशि को सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने में खर्च किया गया। साथ ही चुनावी खर्चों के लिए भी इस अवैध राशि का इस्‍तेमाल किया गया। आरोपियों ने इससे कई चल-अचल संपतियों को खरीदा।

नगरीय क्षेत्रों में उद्यानों और नगर वनों के विकास को प्रोत्साहित किया जाए: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

नगरीय क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों के विस्तार को नियंत्रित करने कार्य-योजना बनाई जाए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों के दृष्टिगत किफायती और सुविधाजनक आवास सुविधा विकसित हो नगरीय क्षेत्रों में उद्यानों और नगर वनों के विकास को प्रोत्साहित किया जाए सभी आवासीय परियोजनाओं में पौध-रोपण को दें विशेष महत्व भोपाल के बड़े तालाब के आसपास अवैध निर्माण का करवाएं सर्वेक्षण दीनदयाल रसोई योजना के प्रबंधन में सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को जोड़ा जाए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की नगरीय विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के नगरों में झुग्गी बस्तियों के विस्तार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से, लोगों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए किफायती और सुविधाजनक आवास सुविधा विकसित करने कार्य-योजना बनाई जाए। नगरीय क्षेत्र में पर्यावरण की बेहतरी के लिए उद्यानों को विकसित करना और विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड सहित सभी आवासीय परियोजनाओं में पौध-रोपण को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बड़े तालाब के आसपास अवैध निर्माण का सर्वेक्षण करवा कर उन पर कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नगरीय विकास एवं आवास विभाग की मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में कॉलोनियों के विकास में देश के प्रतिष्ठित बिल्डर्स एंड कॉलोनाईजस को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाली आकस्मिक घटनाओं पर नियंत्रण के लिए अग्निशमन सेवा का आधुनिकीकरण तत्काल किया जाए। अंतर्शहरी क्षेत्र में रेल सेवा के विस्तार के लिए नमो ट्रेन की योजना तैयार की जाए। जल्द ही इस पर केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा कर मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली बहनों को प्राथमिकता के आधार पर आवास सुविधा उपलब्ध कराई जाए। प्रदेश में मीट-मछली के दुकानदारों को व्यवस्थित करने और उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने के लिए नगरीय निकायों को शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धार्मिक क्षेत्रों में दीनदयाल रसोई योजना के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सरकारी मदद के साथ स्वंयसेवी संस्थाओं और निजी दानदाताओं की मदद ली जाए। शहरी क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय के स्व-सहायता समूह तैयार कर उन्हें आधुनिक लॉण्ड्री शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं अन्य योजनाओं में तैयार किए गए आवासों के आधिपत्य बनने के साथ ही सौंपे जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसके लिए जरूरी है कि शहरी क्षेत्रों में आरक्षित भूमि चयनित कर 'नगर वन' अधिक से अधिक विकसित किए जाएं और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी तय की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय बैठक में प्रमोशन प्रक्रिया की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों को तय समय-सीमा में प्रमोशन दिया जाए। इससे रिक्त होने वाले पदों पर अभी से भर्ती की प्रक्रिया की कार्य-योजना तैयार कर ली जाए। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि धार्मिक एवं पर्यटन शहरों के विकास में एकीकृत विकास की योजना तैयार की जा रही है। चित्रकूट नगर में 2800 करोड़ रूपए की कार्य-योजना तैयार की गई है, जिसमें नगरीय विकास विभाग द्वारा 800 करोड़ रूपए का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में रीडेंसिफिकेशन परियोजनाओं की संभावना को देखते हुए हाऊसिंग बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं। बैठक में राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की एक करोड़ 30 लाख लाड़ली बहनों को आर्थिक सहायता के साथ आवास दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 1.0 में 8 लाख 55 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं। इस योजना के दूसरे चरण में अब तक 4 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो गए हैं। बैठक में संकल्प-पत्र के बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि संकल्प बिन्दु के अनुसार वर्ष 2027 तक भोपाल और इंदौर मेट्रो लाईन का पूर्ण संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना में 1070 करोड़ रूपए की 1062 परियोजनाएं मंजूर हैं। बताया गया कि 183 नगरीय निकायों में महिलाओं के लिए 218 पिंक शौचालय संचालित हो रहे हैं। बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के मुद्दे पर चर्चा की गई। नगरीय क्षेत्रों में जल आपूर्ति और सीवरेज की 333 परियोजनाएं स्वीकृत हैं। इन पर करीब 11 हजार करोड़ रूपए की राशि मंजूर हुई है। ई-गवर्नेंस-ऑनलाइन नागरिक सेवाओं पर चर्चा करते हुए इसके विस्तार के संबंध में निर्देश दिए गए। बैठक में नगर तथा ग्राम निवेश की गतिविधियों पर भी चर्चा की गई। जल गंगा संवर्धन अभियान बैठक में शहरी क्षेत्रों में जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति की जानकारी दी गई। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 36 जल संरचनाओं के पुनर्जीवन का कार्य पूर्ण किया गया है और 38 हरित क्षेत्र विकसित किए गए हैं। विभिन्न नगरीय निकायों में 3963 रैनवॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं निर्मित की गई है। इसी के साथ शहरी क्षेत्रों में एक्विफायर मैनेजमेंट और गंदे पानी के शोधन के लिए 30 नालों की कार्ययोजना तैयार की गई।  

राजीव शर्मा होंगे राजस्थान के नए डीजीपी

जयपुर राज्य सरकार ने 1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव शर्मा प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक का पदभार सौंपा है। शाम 5 बजे वे पुलिस मुख्यालय में पदभार ग्रहण करेंगे और कार्यवाहक डीजीपी संजय अग्रवाल से चार्ज लेंगे। राजीव शर्मा को बुधवार को केंद्र सरकार से रिलीव किया गया था। वे अभी तक नई दिल्ली में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के डायरेक्टर जनरल पद पर कार्यरत थे। सोमवार को राज्य सरकार ने उन्हें रिलीव करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था। नए डीजीपी राजीव शर्मा को पुलिस सेवा में 30 वर्षों से भी अधिक का अनुभव है। वे राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो, एसडीआरएफ और राजस्थान पुलिस अकादमी जैसे अहम पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा जोधपुर, झालावाड़, दौसा, राजसमंद, भरतपुर और जयपुर नॉर्थ में एसपी रहे हैं। शर्मा सीबीआई जयपुर और सीबीआई दिल्ली में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। राज्य सरकार ने डीजी रैंक के 7 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के नाम संघ लोकसेवा आयोग को भेजे थे, जिनमें राजीव शर्मा, संजय अग्रवाल, अनिल पालीवाल, राजेश आर्य, राजेश निर्वाण, गोविंद गुप्ता और आनंद श्रीवास्तव शामिल थे। यूपीएससी ने वरिष्ठता के आधार पर तीन नामों की सिफारिश की, जिनमें से राज्य सरकार ने राजीव शर्मा के नाम पर अंतिम निर्णय लिया। राजीव शर्मा उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले के निवासी हैं। उन्होंने एमए और एमफिल की पढ़ाई की है। उनकी पहली पोस्टिंग 1992 में डीएसपी जोधपुर सिटी के तौर पर हुई थी। 2006 में वे एसपी से डीआईजी बने और इसके बाद पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच में अपनी सेवाएं दीं। राज्य के पूर्व डीजीपी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा के सेवानिवृत्त होने के बाद संजय अग्रवाल को कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब नए डीजीपी की औपचारिक नियुक्ति के बाद राजीव शर्मा प्रदेश की कानून-व्यवस्था की कमान संभालेंगे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं, डीएपी की कमी पूरा करने पुख्ता वैकल्पिक व्यवस्था

रायपुर, देश में डीएपी खाद के आयात में कमी के चलते चालू खरीफ सीजन में राज्य में डीएपी की आपूर्ति प्रभावित होने का वैकल्पिक मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल लिया है। किसानों को डीएपी खाद की किल्लत के चलते परेशान होने की जरूरत नहीं है। डीएपी के बदले किसानों को भरपूर मात्रा में इसके विकल्प के रूप में एनपीके और एसएसपी खाद की उपलब्धता सोसायटियों के माध्यम सुनिश्चित की जा रही है। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके (20ः20ः013) और एनपीके (12ः32ः13) के वितरण लक्ष्य में 3.10 लाख मेट्रिक टन तथा एसएसपी के वितरण लक्ष्य में 1.80 लाख मेट्रिक टन की वृद्धि करने के साथ ही इसके भण्डारण एवं वितरण की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की है। एनपीके और एसएसपी के लक्ष्य में वृद्धि होने के कारण चालू खरीफ सीजन में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण लक्ष्य 14.62 लाख मेट्रिक टन से 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे-एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि चालू खरीफ सीजन में 14.62 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया था, जिसमें यूरिया 7.12 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.10 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.80 लाख मेट्रिक टन, एमओपी 60 हजार मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन शामिल था। डीएपी के कमी को देखते हुए कृषि विभाग ने इस लक्ष्य को संशोधित किया है। डीएपी की आपूर्ति की कमी चलते इसके लक्ष्य को 3.10 लाख मेट्रिक टन से कमकर 1.03 लाख मेट्रिक टन किया गया है, जबकि एनपीके के 1.80 लाख मेट्रिक टन के लक्ष्य को बढ़ाकर 4.90 लाख मेट्रिक टन और एसएसपी के 2 लाख मेट्रिक टन को बढ़ाकर 3.53 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है। यूरिया और एमओपी के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को यथावत् रखा गया है। इस संशोधित लक्ष्य के चलते रासायनिक उर्वरकों के वितरण की मात्रा 14.62 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर अब 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गई है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि डीएपी की कमी को अन्य उर्वरकों के निर्धारित मात्रा का उपयोग कर पूरी की जा सकती है और फसल उत्पादन बेहतर किया जा सकता है। फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश सहित मात्रा में मिले तो उपज में कोई कमी नहीं आती है। डीएपी की कमी को देखते हुए किसानों को अन्य फॉस्फेट खादों के उपयोग की सलाह दी है। डीएपी के प्रत्येक बोरी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन होता है। इसके विकल्प के रूप में तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया का उपयोग करने से पौधों को पर्याप्त मात्रा में फॉस्फोरस, कैल्सियम, नाइट्रोजन और सल्फर मिल जाता है। एसएसपी उर्वरक पौधों की वृद्धि के साथ-साथ जड़ों के विकास में भी सहायक है, इसके उपयोग से फसल की क्वालिटी और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। डीएपी की कमी को दूर करने के लिए किसान जैव उर्वरकों का भी उपयोग कर सकते हैं। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ-2025 में किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 12.13 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का भण्डारण कराया गया है, जिसमें से 7.29 लाख मेट्रिक टन का वितरण किसानों को किया जा चुका है। राज्य में वर्तमान में सहकारी और निजी क्षेत्र में 4.84 लाख मेट्रिक टन खाद वितरण हेतु उपलब्ध है।