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पीजी में आए अंक के आधार पर मेरिट का निर्धारण किया जा रहा , ऐसा करके राज्य शासन ने शिक्षा के स्तर से समझौता किया : हाईकोर्ट

ग्वालियर पहले से काम कर रहे अतिथि विद्वानों को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उच्च न्यायालय ने अतिथि विद्वानों के चयन के लिए अक्टूबर 2023 को जारी सर्कुलर को लेकर बड़ा फैसला दिया है. इसमें स्पष्ट किया गया कि अतिथि विद्वानों की मेरिट का निर्धारण 17 दिसंबर 2019 को जारी सर्कुलर के प्रावधान के अनुसार किया जाएगा. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने 2023 के सर्कुलर में कैटेगरी व्यवस्था को शामिल करने का आदेश दिया. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला? 2019 के सर्कुलर में क्या था? 2019 के सर्कुलर में अतिथि विद्वानों की योग्यता को चार कैटेगरी में विभाजित किया गया हैं, जिसमें सी-1 वाला अतिथि विद्वान सबसे ज्यादा योग्य (पीएचडी विद नेट सिलेक्ट) माना जाता है. सी-4 वाला अतिथि विद्वान (पीजी, किसी भी विषय में) अंतिम पायदान पर होता है. 2023 के सर्कुलर में फाल आउट संबंधी प्रावधान को यथावत रखा गया है. इसके अनुसार, नियमित नियुक्ति होने की स्थिति में कम शैक्षणिक योग्यता वाला अतिथि शिक्षक (सी-4) ही हटाया जाएगा. याचिकाकर्ता ने क्या कहा? याचिकाकर्ता डॉ दिनेश कुमार चतुर्वेदी व अन्य की ओर से बताया गया कि 2023 के सर्कुलर में कैटेगरी व्यवस्था समाप्त कर दी गई है. अब केवल पीजी में आए अंक के आधार पर मेरिट का निर्धारण किया जा रहा है. ऐसा करके राज्य शासन ने शिक्षा के स्तर से समझौता किया है. कोर्ट ने क्या कहा? दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने शासन को 2023 में जारी सर्कुलर के प्रावधानों को संशोधित कर प्रतिभागी के फॉल आउट का निर्धारण कैटेगरी के माध्यम से करने का निर्देश दिया है कि जब तक ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक दिसंबर 2019 के सर्कुलर में प्रस्तावित कैटेगरी का पालन करने का निर्देश दिया गया है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि उक्त आदेश आदेश 5 अक्टूबर 2023 के पूर्व में नियुक्त या कार्यरत अतिथि विद्वानों पर ही बंधनकारी होगा.

अब आम जन सीधे तौर पर पुलिस से संवाद स्थापित कर सकेगी, प्रदेश के सभी थानों में लगेंगे QR कोड, स्कैन कर दे सकेंगे प्रतिक्रिया

भोपाल  प्रदेशभर के थानों में आम जनता अब पुलिसकर्मियों के व्यवहार और थाने के अनुभव पर सीधे ऑनलाइन फीडबैक दे सकेगी। इसके लिए थानों में QR कोड लगाए जाएंगे, जिन्हें स्कैन कर नागरिक अपने अनुभव साझा कर सकेंगे। पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश के मुताबिक, थानों में किसी खुले स्थान पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा। शिकायतकर्ता या कोई भी आम नागरिक इसे स्कैन कर यह बता सकेगा कि थाने में उसके साथ कैसा व्यवहार हुआ। पुलिस अधिकारी या कर्मियों ने समस्या ठीक से सुनी या नहीं, इसका भी जिक्र फीडबैक में किया जा सकेगा। नर्मदापुरम में तैयारियां शुरू नर्मदापुरम एसपी डॉ. गुरकरण सिंह ने बताया कि जिले के सभी 19 थानों और पुलिस चौकियों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। प्रत्येक स्थान पर फीडबैक स्कैन बारकोड लगाया जाएगा। गूगल या एनआईसी से लिंक होगा फॉर्म QR कोड स्कैन करने के बाद फीडबैक फॉर्म खुल जाएगा, जिसे गूगल या एनआईसी पोर्टल के माध्यम से तैयार किया जाएगा। यह फॉर्म वरिष्ठ अधिकारियों की ई-मेल आईडी से लिंक रहेगा ताकि तत्काल निगरानी हो सके। बेहतर कार्य, 2 थानों को सर्टिफिकेट बेहतर पुलिसिंग, संसाधनों का अच्छे से उपयोग करने पर तेजाजी नगर और राजेंद्र नगर थाने को आइएसओ सर्टिफिकेट मिला है। यह सर्टिफिकेट डीजीपी ने संबंधित थानों के अधिकारियों को देकर बधाई दी। वहीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारी, कर्मचारी को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। उक्त फीडबैक क्यूआर कोड के संबंध में जानकारी देते हुए डीजीपी महोदय ने बताया कि, ये क्यू आर कोड शहर के प्रत्येक थानो पर लगाएं जाएगें, जहां पर जनता का पुलिस से सीधा संवाद होता है। आम नागरिक अपनी समस्याओं व शिकायत लेकर थाने पर आता है तो पुलिस का उसके साथ कैसा व्यवहार है तथा उसकी समस्या पर पुलिस ने क्या कार्यवाही करी और आवेदक पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट है या असंतुष्ट है आदि के संबंध में अपनी राय को उक्त क्यूआर कोड को स्कैन कर अपना फीडबैक दे सकता है। आमजन द्वारा दिए गये फीडबैक वरिष्ठ अधिकारियों व कार्यालय में स्थित मॉनिटरिंग सेल में जाएगा, जिस पर उक्त फीडबैक के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। आम नागरिकगण अपना फीडबैक देकर पुलिस की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। इसी प्रकार आमजन के हितों व उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, बेहतर पुलिसिंग व संसाधनों का अच्छे से उपयोग कर, कार्यप्रणाली को और अच्छा करने के फलस्वरूप इदौर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस थाना तेजाजी नगर व राजेन्द्र नगर को ISO 9001:2015 का सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। जिस पर डीजीपी श्री कैलाश मकवाना जी द्वारा उक्त सर्टिफिकेट संबंधित थानों व अधिकारियों को समर्पित करते हुए, सभी को बधाई दी और इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान कर, ऐसे ही पूर्ण लगन व मेहनत से बेहतर पुलिसिंग करने के लिये सदैव प्रयासरत् रहने के लिये प्रेरित किया। इस पहल से पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और आम जनता की प्रतिक्रिया सीधे अधिकारियों तक पहुंचेगी।

मध्य प्रदेश में स्कूली छात्रों को खुशखबरी, मिलेगी फ्री साइकिलें, इन स्टूडेंटों को मिलेगा लाभ, 10 जुलाई को सीएम यादव देंगे सौगात

भोपाल  मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने विद्यार्थियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से उन्‍हें बड़ी संख्‍या में निशुल्क साइकिल दी जा रही है। इसके दिशा-निर्देश जारी करने के बाद अब इसके कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी गई है। इसमें कक्षा छठवीं और नवीं के विद्यार्थियों को साइकिल दी जाएगी। सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी अब इसे लेकर मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्‍स के माध्‍यम से जानकारी साझा की है। उन्‍होंने एक पोस्‍टर शेयर करते हुए कहा कि “10 जुलाई को प्रदेश में 15 लाख से अधिक स्कूली विद्यार्थियों को साइकिलें वितरित की जाएंगी।” वहीं, पोस्‍टर के अंदर लिखा हुआ है, शिक्षा की राह होगी साइकिल के संग आसान, कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश करने वाले विद्यार्थ‍ियों को दी जाएगी नि:शुल्‍क साइकिल। 15 लाख से अधिक विद्यार्थ‍ियों को मिलेगी नई ऊर्जा, नई रफ्तार, समानता और सुविधा की ओर बढ़ता मध्‍यप्रदेश। 6वीं और 9वीं के छात्रों को मिलेगा लाभ  बताया जा रहा है कि साइकिल वितरण को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 में उन स्कूली छात्रों को साइकिल दी जाएगी जो अपने गांव से किसी दूसरे गांव या फिर शहर में पढ़ाई के लिए आते हैं. उन सभी को शासन की तरफ से साइकिलें दी जाएगी. हालांकि जो इन क्लासों में फिर से एंट्री ले रहे हैं उन छात्रों को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा. बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में कई स्कूलों की दूरी 2 किलोमीटर से ज्यादा की होती है, ऐसे में इन छात्रों को साइकिलों की सुविधा दी जाती है. एमपी सरकार में पहले भी यह योजना थी.  खास बात यह है कि 6वीं के छात्रों को 18 इंच और 9वीं के छात्रों को 20 इंच की साइकिलें दी जाएगी. फ्री में साइकिल दिए जाने की योजना की पूरी जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग के 3.0 पोर्टल पर भी जारी की गई है, जहां कोई भी छात्र या उनके परिजन इसकी जानकारी ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि फ्री में साइकिल दिए जाने की योजना की पूरी जानकारी सभी जिलों में कलेक्टरों, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक को भेजी गई है, जबकि इनकी तरफ से यह जानकारी स्कूलों में भेज दी गई है.  आने जाने की समस्या होगी दूर  स्कूली छात्रों को साइकिल का लाभ मिलने से उन्हें स्कूल तक आने जाने में फायदा होगा, यानि छात्र आसानी से स्कूल के लिए समय से निकल सकेंगे और समय से आ भी सकेंगे. ऐसे में मध्य प्रदेश में स्कूली छात्रों को फ्री साइकिल योजना का लाभ मिलना अहम माना जा रहा है. 

संजीवनी मोबाइल यूनिट महीने में 2 से 3 बार आदिवासी इलाकों में जाती, गंभीर बीमारियों में मिल रही मदद

छिंदवाड़ा  गांवों में मेडिकल सुविधाएं एक ऐसी परेशानी है, जिससे लोगों की जान को भी खतरा होता है। अब PVGT (पर्टिकुलरली वल्नरेबल ट्राइबल ग्रुप) के लोगों को छोटी बीमारियों के इलाज के साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के बारे में भी समय पर जानकारी मिल रही है। मोबाइल यूनिट से मिल रहा बैगा, भारिया, सहरिया को जीवनदान मध्य प्रदेश की तीन प्रमुख जनजातियों, जिनमें बैगा, भारिया और सहरिया शामिल हैं, को मेडिकल सुविधाएं देने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट उनके घर तक पहुंच रही है। आदिवासी इलाकों, जहां से अस्पताल दूर है या लोग जानकारी के अभाव में इलाज कराने नहीं जाते, ऐसे लोगों तक ये यूनिटें पहुंचकर जानकारी देने के साथ उन्हें प्राथमिक उपचार भी देती हैं। थ्रोट और ब्रेस्ट कैंसर समेत कई बीमारियों की स्क्रीनिंग मध्य प्रदेश के जिलों में सिर्फ आदिवासी इलाकों के लिए 4-5 यूनिट लगाई गई है। इन यूनिटों में थोट और ब्रेस्ट कैसर की स्क्रीनिंग होती है। ऐसे में अगर किसी में इस प्रकार के लक्षण दिखते हैं, तो उन्हें समय पर जानकारी देकर बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इन यूनिटों में डॉक्टर, नर्स और लैब टेक्नीशियन समेत 6 लोग होते हैं। इनमें टीबी, शुगर और बीपी की भी जांच की जा रही है। महीने में 2 से 3 बार आदिवासी इलाकों में जाती है यूनिट विदिशा के डिप्टी कलेक्टर संतोष बिलोलिया ने बताया कि यह यूनिट महीने में 2-3 बार आदिवासी इलाको में जाकर लोगों की जांच करती है और उन्हें दवाएं भी दी जाती है। गंभीर बीमारियों में मिल रही मदद छिंदवाड़ा के आदिवासी कल्याण विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर एस.एस. मरकाम ने बताया कि नगरी ढुंगरा गांव में जांच के दौरान 10 लोगों में हाई शुगर होने का पता चला था, जबकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। उन्होंने बताया कि कई बार आदिवासी इलाकों में लोग छोटी-मोटी दिक्कतों के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। इन यूनिटों के जरिए मेडिकल सुविधाएं अब उन तक पहुंच रही है।

हमीदिया अस्पताल में अतिक्रमण को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मोर्चा खोला, मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा

भोपाल  राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल की बाउंड्री बाल में कुछ लोगों ने हरे रंग का पेंट करके वहां धार्मिक झंडा लगा दिया था। जिसके बाद से जूनियर डॉक्टर ने विरोध शुरू कर दिया और थाने में शिकायत की। अब यह शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंच गई है। जूनियर डॉक्टरों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को बताया है कि किस तरह से हमीदिया अस्पताल के परिसर में लगातार अतिक्रमण बढ़ रहा है। अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग  अस्पताल परिसर में हो रहे अतिक्रमण को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मोर्चा खोला दिया है। संगठन के अध्यक्ष डॉ कुलदीप गुप्ता का कहना है कि अस्पताल परिसर में लगातार हो रहे धार्मिक अतिक्रमण से बाहरी लोगों का लगातार आना जाना लगा रहता है जिससे अस्पताल परिसर की सिक्योरिटी एवं सेफ्टी पर समस्याएं खड़ी हो रही है। लगातार डॉक्टरों के साथ कर्मचारीयो के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने आ रहे है। हमारा यही मानना है अस्पताल परिसरों को सुरक्षित किया जाए, जिससे डॉक्टर अपने रोगियों की सेवा पूरी तन्मयता निर्भयता के साथ और पूरी लगन के साथ कर सके । निरंतर धार्मिक अतिक्रमण की समस्या सीएम से शिकायत में कहा गया है कि गांधी चिकित्सा महाविद्यालय एवं हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल जो कि राज्य का एक प्रमुख चिकित्सा एवं शैक्षणिक संस्थान है, वर्तमान में निरंतर धार्मिक अतिक्रमण की समस्या से ग्रसित हो रहा है। यह अतिक्रमण बाहरी व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा है। जिसमे परिसर के अंदर के लोग भी इन गतिविधियों को संचालित करने के लिए सहयोग कर रहे है। जो न केवल संस्थान की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि चिकित्सा सेवाओं एवं शैक्षणिक वातावरण में भी बाधा उत्पन्न कर रहा है। लगातार बाहरी लोगों के द्वारा अनुचित और अनैतिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं जिससे महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा के साथ बड़ी लापरवाही भी सामने आई है । सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित शिकायत में कहा गया है कि यह अत्यंत खेदजनक है कि यह परिसर, जो केवल चिकित्सा शिक्षा एवं मरीजों की सेवा के लिए समर्पित है, वहां धार्मिक गतिविधियां एवं असंवैधानिक अतिक्रमण बढ़ते जा रहे हैं। इससे न केवल सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि रोगियों, चिकित्सकों, और विद्यार्थियों को मानसिक तनाव एवं असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यह है प्रमुख मांगे 1. परिसर में हो रहे अवैध धार्मिक अतिक्रमणों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। 2. बाहरी व्यक्तियों की अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगाई जाए एवं सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। 3. चिकित्सा शिक्षा और रोगी देखभाल के माहौल को शुद्ध एवं सुरक्षित बनाए रखने हेतु उचित प्रशासनिक कार्रवाई की जाए। पहले भी हो चुका है अतिक्रमण यह कोई पहला मामला नहीं है जब हमीदिया अस्पताल परिसर में धार्मिक अतिक्रमण हुआ हो। पिछले साल भी लाइब्रेरी के पास बनी एक मजार को बढ़ाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। उस समय सिटी एसडीएम ने अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर अतिक्रमण को चिह्नित किया था। इसके बाद जिला प्रशासन, गांधी मेडिकल कॉलेज, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और अन्य विभागों की संयुक्त बैठक कर कार्रवाई करने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।  

युक्तियुक्तकरण नीति : शिक्षकों की पदस्थापना से बदला विद्यालय का परिदृश्य

रायपुर, राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश के विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखंड अंतर्गत शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल, घुंचापाली इसका एक सशक्त उदाहरण है। जहाँ पूर्व में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही थीं, वहीं अब अंग्रेजी एवं भौतिकी विषय के शिक्षकों की पदस्थापना से न केवल पठन-पाठन में गुणवत्ता आई है, बल्कि विद्यार्थियों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। विद्यालय में अंग्रेजी विषय के व्याख्याता संजय गिरी गोस्वामी एवं भौतिकी विषय के लिए व्याख्याता तिर्की मैडम की पदस्थापना से शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ है। इन विषयों के शिक्षक लंबे समय से विद्यालय में नहीं थे, जिसके चलते विद्यार्थियों के प्रवेश में गिरावट आ रही थी और कई छात्र जाने लगे थे। युक्तियुक्तकरण की बदौलत विद्यालय में नया शैक्षणिक वातावरण निर्मित किया है। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने बताया कि शिक्षक उपलब्ध न होने के कारण पूर्व में कक्षा 9 में बच्चों का प्रवेश न के बराबर था। स्थिति इतनी गंभीर थी कि पूर्व में दर्ज छात्र भी स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) लेकर विद्यालय छोड़ रहे थे। परंतु वर्तमान शैक्षणिक सत्र में दिनांक 05 जुलाई 2025 तक कक्षा 9 में 48 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जिससे विद्यालय की कुल दर्ज संख्या बढ़कर 87 हो गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने विधालय के निरीक्षण के दौरान शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि विद्यालय में आवश्यक भौतिक संसाधनों की पूर्ति हेतु विभागीय स्तर पर हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

हाई कोर्ट के बाद स्पेशल कोर्ट ने भी झटका दिया, अब्बास अंसारी को नहीं मिली राहत

मऊ  भडकाऊ भाषण मामले में निवर्तमान सदर विधायक अब्बास अंसारी को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए राजीव कुमार वत्स ने कोई राहत नहीं दी। उसके सजा के विरुद्ध दाखिल किए गए स्थगन आदेश के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अपील निस्तारण पर सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तिथि निर्धारित की है। कोर्ट ने इसके साथ ही सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक रहे अब्बास अंसारी को अपील के निस्तारण तक जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए राजीव कुमार वत्स के फैसले के बाद अब मऊ सदर सीट पर विधानसभा का उप चुनाव होने की संभावना बढ़ गई है। राजेश कुमार पांडेय व अनिल कुमार पांडेय ने इस मामले अभियोजन की तरफ से अपना पक्ष रखा। इस मामले में अब्बास अंसारी की तरफ से उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह व विपक्षी संख्या एक वादी गंगाराम बिंद की तरफ से सदानंद राय ने बहस की। गौरतलब है कि तीन मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने जनसभा के दौरान मंच से अधिकारियों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। इस मामले में शहर कोतवाली में दर्ज एफआइआर के बाद न्यायालय में बीते 31 मई को दो साल का कारावास व 11 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी। इसके बाद से उसकी विधायकी चली गई थी। भड़काऊ भाषण मामले में दो वर्ष की सजा के खिलाफ अब्बास अंसारी की अपील पर शनिवार शाम को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट राजीव कुमार वत्स ने फैसला सुनाया। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई और पिछली सुनवाई में अदालत ने फैसला सुनाने के लिए पांच जुलाई की तारीख तय की थी। अदालत ने बीती 31 मई को अब्बास को दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। विधानसभा चुनाव के दौरान तीन मार्च 2022 को एक जनसभा के दौरान मंच से अब्बास ने जीतने के बाद अधिकारियों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। मामले में शहर कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। अब्बास ने सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर से चुनाव जीता था।  

7 जुलाई को कांग्रेस की सभा, बैज ने बोले – किसान, जवान और संविधान पर केंद्र और राज्य की सरकार लगातार कर रही प्रहार

रायपुर कांग्रेस की 7 जुलाई को होने वाली किसान, जवान, संविधान सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के के साथ महासचिव केसी वेणुगोपाल भी शामिल होंगे. आयोजन में 25 हजार से अधिक कार्यकर्ता, किसान और जवान की भागीदारी होगी. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सभा के जरिए बिगुल फूंकने की बात कहते हुए कहा कि “किसान, जवान और संविधान” पर केंद्र और राज्य की सरकार लगातार प्रहार कर रही है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज सभा की जानकारी देने राजीव भवन में कांग्रेस के प्रदेश सह-प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मीडिया से रू-ब-रू हुए. इस दौरान उन्होंने सभा को देश के लिए एक मील का पत्थर बताया है. उन्होंने कहा कि सभा का उद्देश्य प्रदेश की कानून व्यवस्था, महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराध, किसानों के लिए DAP और खाद की कमी, नक्सलवाद उन्मूलन के ख़िलाफ़ लड़ाई के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को मारने के साथ लचर बिजली व्यवस्था, छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को बेचने, 10 हजार स्कूलों को बंद करने, अवैध शराब बिक्री और नई शराब दुकान खोलने के खिलाफ आवाज उठाना है. दीपक बैज ने कहा कि आयोजन की तैयारी में प्रदेश प्रभारी के साथ तमाम वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी जुटे हुए हैं. इस ऐतिहासिक जनसभा के बाद छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं, किसानों और जवानों को एक नई ताकत और ऊर्जा मिलेगी. इस सभा के जरिए कांग्रेस पार्टी एक बिगुल फूंकने जा रही है.

डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी पहल

रायपुर, राज्य में खरीफ सीजन 2025 के दौरान विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने समय रहते न सिर्फ इसकी ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की बल्कि रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति भंडारण एवं वितरण व्यवस्था पर भी लगातार निगरानी रख रही है, जिसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों के भण्डरण एवं उठाव की स्थिति बेहतर बनी हुई है। डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एन.पी.के., सुपर फास्फेट और नेनो डी.ए.पी. जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर किसानों के हितों का ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में अब तक विभिन्न प्रकार के 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण कर लिया गया है, जिससे खरीफ सीजन में किसानों को समय पर पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध हो सकें।  छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ 2025 में पूर्व में कुल 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें यूरिया 7.12 लाख, डी.ए.पी. 3.10 लाख, एन.पी.के. 1.80 लाख, पोटाश 60 हजार तथा सुपर फास्फेट 2 लाख मीट्रिक टन शामिल हैं। वर्तमान में कुल 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। डीएपी की आपूर्ति में कमी के चलते उर्वरक वितरण के लक्ष्य को संशोधित कर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों जैसे- एनपीके, एसएसपी के लक्ष्य में 4.62 लाख मीट्रिक टन की उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके चलते खरीफ सीजन 2025 में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की वितरण का लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है। राज्य में अब तक 5.63 लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण एवं 3.76 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया है। किसानों को अभी 1.86 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरण हेतु उपलब्ध है। यहां यह उल्लेखनीय है कि यूरिया का उपयोग धान फसल में तीन बार किया जाता है। पहली बार बुवाई अथवा रोपाई के समय कुल अनुशंसित मात्रा का 30 प्रतिशत, दूसरी बार 3 से 4 सप्ताह बाद कन्से निकलने के समय एवं तीसरी बार 7 से 8 सप्ताह बाद गभौट अवस्था में किया जाता है। इस प्रकार यूरिया का उपयोग बुवाई से लेकर सितंबर तक विभिन्न अवस्थाओं में किया जाना है, जिसके अनुरूप राज्य में यूरिया की चरणबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। डी.ए.पी. के आयात में राष्ट्रीय स्तर पर कमी को देखते हुए राज्य शासन ने समय रहते वैकल्पिक उर्वरकों की दिशा में ठोस पहल की है, जिसके चलते एन.पी.के. को लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख तथा सुपर फास्फेट का 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया। वर्तमान में एन.पी.के. 11 हजार एवं सुपर फास्फेट 54 हजार मीट्रिक टन, लक्ष्य से अधिक भंडारित है, जिससे 23 हजार 600 मीट्रिक टन डी.ए.पी. में उपलब्ध फॉस्फेट तत्व की पूर्ति होगी। छत्तीसगढ़ राज्य को चालू माह जुलाई में आपूर्ति प्लान के अनुसार कुल 2.33 लाख मी. टन उर्वरक मिलेगी। जिसमें यूरिया 1.25 लाख, डी.ए.पी. 48,850, एन.पी.के. 34,380, पोटाश 10 हजार एवं सुपर फास्फेट 76 हजार मी. टन शामिल हैं। जुलाई के अंत तक डी.ए.पी. का कुल भंडारण 1.95 लाख मी. टन तक होने की उम्मीद है। राज्य में डी.ए.पी. की कमी से बचाव हेतु 25 हजार मी. टन सुपर फास्फेट एवं 40 हजार मी. टन एन.पी.के. के अतिरिक्त भंडारण का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही, नैनो डी.ए.पी. उर्वरक को बढ़ावा देने हेतु सहकारी क्षेत्र में एक लाख बाटल का भंडारण किया जा रहा है, जिससे 25 हजार मीट्रिक टन पारंपरिक डी.ए.पी. की आवश्यकता की पूर्ति होगी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अप्रैल माह से ही वैकल्पिक उर्वरकों के प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर पैम्फलेट तैयार कर समस्त सहकारी समितियों एवं उपार्जन केन्द्रों में प्रदर्शित किए गए डीएपी, उर्वरक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। इसी कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान एन.पी.के, सुपर फास्फेट एवं नेनो डी.ए.पी. के वैज्ञानिक उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन कर खरीफ 2025 में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है।

एक देश एक विधान राष्ट्रीय कार्यक्रम रवीन्द्र भवन में आज, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव होंगे शामिल

भोपाल राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक अखण्डता के प्रणेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 125वें जन्म-दिवस पर 6 जुलाई को शाम 6 बजे अंजनी सभागार रवीन्द्र भवन में एक देश एक विधान राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। “एक देश दो विधान, एक देश दो प्रधान नहीं चलेगा‘’ अपने इस युगांतरकारी विचार से भारत की एकता की बुनियाद को अटल मजबूती देने वाले डॉ. मुखर्जी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में वैचारिक सत्र होगा। साथ ही लघु फिल्म का प्रदर्शन और एक प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी।