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बदायूं में अब महिला पर इस्लाम कबूलने का दबाव, अतीक-अशरफ गैंग का नया कारनामा

बदायूं.  बदायूं में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक प्रसिद्ध दरगाह के पीर पर आरोप है कि वह अतीक अरशद गैंग का सदस्य है और उसने पीड़िता के सास-ससुर और पति का धर्म परिवर्तन करवा दिया है. अब वह पीड़िता और उसकी 5 साल की बेटी पर भी धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है. पीड़िता का कहना है कि उसका पति पिछले डेढ़ साल से उससे मिलने नहीं आया है. जब वह पीर के घर गई तो उसे धमकियां दी गईं. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि एक भाजपा विधायक आरोपी पीर की पैरवी कर रहा है. दरअसल, बदायूं में अतीक और अशरफ गैंग के नाम पर एक विश्व प्रसिद्ध दरगाह के पीर पप्पन पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उसका आरोप है कि पीर के संबंध अशरफ के साले सद्दाम से है. सद्दाम की मदद से अशरफ की जेल में मुलाकात और उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. इसमें सद्दाम को भी नामजद किया गया था और वह बदायूं जेल में भी कई बार बंद रहा था. पप्पन पीर के सद्दाम से संबंध होने के चलते एक हिंदू महिला पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया. इस चौंकाने वाले मामले के सामने आने के बाद पीड़िता ने राष्ट्रपति, भारत सरकार, यूपी के मुख्यमंत्री और एसएसपी तक को शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. महिला के मोबाइल फोन पर अतीक अशरफ के कथित लेटर डालकर भी धमकियां दी गई है। महिला का कहना है कि दरगाह का पप्पन पीर अपने आपको अशरफ के साले सद्दाम से संबंध होने की बात कहकर हड़का रहा है। वह धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है। आरोपी पीर ने महिला से ये भी कहा कि हिंदू धर्म में बहुत भगवान हैं। मुसलमान केवल एक को ही पूजते हैं। मुसलमानों में कई बच्चे पैदा करने में कोई दिक्कत नहीं है। पीर पर लगाया आरोप महिला का दावा है कि पीर अतीक अशरफ गैंग का भी सदस्य है। उसके सास-ससुर समेत पति का भी वो कथित रूप से धर्म परिवर्तन करा चुका है। इतने पर भी पीर का दिल नहीं भरा तो वो पीर पीड़िता और उसकी 5 साल की बिटिया का भी धर्म परिवर्तन कराने की जिद्द पर अड़ कर उसे डरा-धमका रहा है। उसका राह चलते निकलना दुश्वार कर दिया है, जबकि पीड़िता का पति पिछले लगभग डेढ़ साल से उससे मिलने नहीं आया है। बताया ये खौफनाक मामला दरअसल, ये हैरतअंगेज मामला बदायूं शहर की एक प्रसिद्ध दरगाह का बताया जाता है। वहां आरोपी पीर रहता है। पीड़ित महिला का आरोप है कि वो पीर अतीक अरशद गैंग का भी सदस्य है। उस पीर ने उसके सास-ससुर समेत उसके पति का भी धर्म परिवर्तन करवा दिया है। इतने पर भी जब दिल नही भरा तो वो पीर अब खुद पीड़िता और उसकी 5 साल की बेटी का भी धर्म परिवर्तन का दबाब बना रहा है। साथ ही, पीड़िता का आरोप है कि उसका पति लगभग पिछले डेढ़ बर्ष से उससे मिलने नही आया है। जब उसकी खोज में पीड़िता उस पीर के घर गई तो उसे धमकी दी जाने लगी। पीड़िता ने आरोपी पीर की पैरवी एक भाजपा विधायक पर किए जाने का भी आरोप लगाया है। महिला का बड़ा दावा महिला का दावा है कि अतीक और अशरफ गैंग के नाम पर एक विश्व प्रसिद्ध दरगाह के पीर पप्पन का संबंध अशरफ के साले सद्दाम से हो गया था। सद्दाम की मदद से अशरफ की जेल में मिलाई और उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इसमें सद्दाम को भी नामजद किया गया था। सद्दाम बदायूं जेल में भी बंद रहा था। पप्पन पीर के सद्दाम के संबंध होने के चलते इस हिन्दू महिला पर धर्म-परिवर्तन करने का दबाब बनाया गया। यह चौंकाने वाला मामला सामने आने के बाद पीड़ित महिला ने देश के राष्ट्रपति, भारत सरकार, यूपी के मुख्यमंत्री और एसएसपी तक को शिकायत की है। बदायूं के मंदिर में युवक ने पढ़ी नमाज, वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने किया गिरफ्तार पूरे मामले पर पीड़िता ने कहा कि मेरे परिवार में पप्पन पीर जी का काफी सालों से आना जाना है। मेरे पति भी उनके मुरीद हैं। हमारे बीच की पर्सनल बातें भी उन्हें बताते हैं। मेरे सास-ससुर, मेरे पति और पीर जी चाहते हैं कि मैं भी मुसलमान बन जाऊं। उनके लिए हिंदू धर्म कोई मायने नहीं रखता है। पिछले डेढ़ साल से ये पीर मुझे अपने सास-ससुर और पति से मिलने भी नहीं दे रहा है। इनका दबाव है कि मैं भी मुसलमान बन जाऊं। महिला ने आरोप लगाया कि पीर और उनके लोगों की ओर से लगातार धमकी दी जाती है। मेरी 5 साल की एक बेटी है। मुझे इन लोगों से डर लगता है। मामले की शिकायत के बाद भी एक्शन नहीं हुआ। अब जल्द कार्रवाई हो। पुलिस ने मामला दर्ज कर अब इसकी जांच शुरू कर दी है।

उत्तर प्रदेश में नेपियर घास किसानों की बदलेगी किस्मत, लाभार्थी किसानाें को मुफ्त मिलेंगी घास की जड़ें

लखनऊ  घास लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को हजारों रुपये दे रही है. केवल रुपये ही नहीं, बल्कि घास लगाने के लिए घास की जड़ें भी उपलब्ध कराई जा रही है. घास भी कोई सामान्य घास नहीं है, बल्कि अफ़्रीकन प्रजाति की है. अगर आपके पास भी घास लगाने के लिए जमीन है तो सरकार आपको आर्थिक मदद करेगी. दरअसल, योगी सरकार द्वारा नेपियर घास की खेती को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की जा रही है. इस घास से बिजली उत्पादन होगा. अगर आप घास को लगाते हैं तो सरकारी मदद मिलने के साथ-साथ मोटी कमाई भी कर सकते हैं. नेपियर घास अफ्रीकन प्रजाति की घास है. नेपियर घास का वैज्ञानिक नाम Pennisetum purpureum है. नेपियर घास पशुओं के चारे के तौर पर इस्तेमाल की जाती है. विशेषकर दूध देने वाले पशुओं के लिए यह घास बेहद लाभदायक होती है. इस घास में प्रोटीन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. यदि पशू नेपियर घास का सेवन करते हैं तो पशुओं का दुग्ध उत्पादन बढ़ता है. साथ ही तेज़ी के साथ शारीरिक विकास होता है. मार्केट में नेपियर घास की काफी डिमांड बतायी जाती है. उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एक और खास योजना लाने की तैयारी है। इस योजना के लागू होने से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। यूपी सरकार की इस योजना के तहत हाइब्रिड नेपियर घास (इसे हाथी घास भी कहा जाता है) की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार की ओर से इसके लिए अनुदान भी मिलेगा। इस योजना का मकसद है कि प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़े और जानवरों को साल भर हरा चारा मिलता रहे। यूपी सरकार किसानों के साथ चारा बनाने वाली संस्थाओं को भी हाइब्रिड नेपियर घास उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। अभी इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सिर्फ प्रयागराज में शुरू किया गया है। यह एक 'Buy Back' योजना है, जिसमें किसानों को 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ग्रांट मिलेगी। इस योजना के तहत सरकार की ओर से हाइब्रिड नेपियर घास की जड़ किसानों को मुहैया कराई जाएगी और उसके बाद सरकार ही दोगुने दाम पर किसानों से घास खरीदेगी। अभी इतने लोगों को मिलेगा लाभ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.एन. यादव ने बताया कि सरकार ने पहली बार प्रयागराज में यह योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को नेपियर घास उगाने के लिए 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की ग्रांट दी जाएगी। जिले में 10 लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। ये लाभार्थी किसान, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह या गौशाला चलाने वाले लोग हो सकते हैं। चारे की कमी नहीं होगी नेपियर घास को किसान इसे अपने जानवरों को हरे चारे के रूप में खिला सकते हैं। यह घास दूध देने वाले जानवरों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह प्रोटीन सेभरपूर हरा चारा है। इससे जानवरों का दूध बढ़ता है। डेयरी मालिक आमतौर पर 12 रुपये प्रति किलो की दर से सूखा भूसा खरीदते हैं। जबकि इस हरे चारे को उगाने का खर्च सिर्फ 50 पैसे प्रति किलो है। इन योजनाओं से किसान हर महीने हजारों रुपये कमा सकते हैं। वे यह घास डेयरी फार्म मालिकों को बेच सकते हैं। नेपियर चारा बैंक योजना: बता दें कि पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों के दुधारू पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए नेपियर चारा बैंक की योजना चलायी गई है. किसान, स्वयं सहायता समूह, पंजीकृत गौशाला, गो आश्रयस्थल, FPO और स्वयंसेवी संस्था इसका लाभ ले सकते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के पास 0.2 हेक्टेयर सिंचित भूमि होना आवश्यक है. गाजियाबाद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ एस पी पांडे के मुताबिक, इस योजना के तहत गाजियाबाद में 10 लाभार्थियों का चयन किया जाएगा. भारतीय चयनित लाभार्थी को खेत की तैयारी के लिए 4 हज़ार रुपए भुगतान किए जाएंगे. लाभार्थी को नैपी और घास की जड़ें उपलब्ध कराई जाएंगी. एक साल के बाद लाभार्थी से दोगुनी जड़ें ली जाएंगी, जो अगले साल चयनित लाभार्थियों को वितरित की जाएगी. यदि योजना के लिए 10 से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं तो मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा. इसके बाद पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 10 योग्य लाभार्थियों का चयन होगा. नेपियर घास केवल पशुओं के चारे के तौर पर ही नहीं बल्कि बिजली उत्पादन के लिए भी इसका प्रयोग किया. नेपियर घास की खासियत: एक बार नेपियर घास लगाने पर कई सालों तक उपज देती है. नेपियर घास काफी तेजी के साथ बढ़ती है. जिससे साल में 5-7 बार कटाई की जा सकती है. नेपियर घास को लगाने के बाद खाद या फिर बार-बार पानी देने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है. एक एकड़ भूमि में नेपियर घास लगाने से सालाना 300 टन से अधिक की पैदावार होती है. क्या है नेपियर घास नेपियर घास गन्ने की तरह दिखती है। मूल रूप से थाईलैंड में पाई जाने वाली इस घास की खास बात है कि इसे बंजर जमीन और खेतों की सीमाओं पर भी उगाया जा सकता है। इसकी खासियत यह है कि यह सिर्फ 20-25 दिनों में पानी की मदद से तैयार हो जाती है। एक एकड़ में लगभग 300-400 क्विंटल घास का उत्पादन होता है। कटाई के बाद इसकी शाखाएं अपने आप फिर से बढ़ने लगती हैं। इस तरह, एक बार लगाने के बाद इसे दस साल तक उगाया जा सकता है। यही मुख्य कारण है कि इसे कम लागत में अधिक आय वाली फसल कहा जाता है। यह किसानों और पशुपालकों दोनों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है।

31 जुलाई तक करें आवेदन! धान और मक्का पर अब ₹98,400 तक मिलेगा बीमा लाभ

कन्नौज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2025 की फसलों के लिए बीमा प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इस योजना के तहत धान, मक्का, बाजरा, तिल फसलों का बीमा किया जाएगा। फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा याेजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा शुरू हो गया है। कृषि विभाग ने जनपद के सभी किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों से कहा कि अपने संबंधित बैंक शाखा से संपर्क कर नियत प्रीमियम की राशि कटवा लें। रसीद प्राप्त करें। यदि कोई किसान फसल बीमा का लाभ नहीं लेना चाहता है, तो उसे 24 जुलाई तक अपनी बैंक शाखा को लिखित सूचना देनी होगी। गैर-ऋणी (नान-केसीसी) किसान भी करा सकते हैं। ऐसे किसान जो किसान क्रेडिट कार्ड धारक नहीं हैं, वे कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से बीमा योजना से जुड़ सकते हैं। बटाईदार किसान यानी जो किराये या बटाई पर खेती कर रहे हैं, वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।   बशर्ते उनके पास भूमि स्वामी द्वारा जारी प्रमाणपत्र हो जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि उस भूमि का खेती का लाभ बटाईदार को दिया गया है। एचडीएफसी एरगो कंपनी के जिला प्रतिनिधि मयंक ने बताया कि 31 जुलाई तक किसान बीमा करा सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी संत लाल गुप्ता ने बताया कि किसान फसल बीमा योजना का लाभ लें। इन फसलों का इतना प्रीमियम धान की प्रीमियम राशि 1968, बीमित राशि 98400, मक्का 1404 प्रीमियम, 67600 बीमित राशि, बाजरा 874 प्रीमियम, 43700 बीमित, तिल 544 प्रीमियम और 27200 प्रति हेक्टेयर बीमित राशि निर्धारित की गई है। इस बार मिर्च की फसल पर भी मिलेगा बीमा धान की प्रीमियम राशि 1968, बीमित राशि 98400, मक्का 1404 प्रीमियम, 67600 बीमित राशि, बाजरा 874 प्रीमियम, 43700 बीमित, तिल 544 प्रीमियम और 27200 प्रति हेक्टेयर बीमित राशि निर्धारित की गई है। इस बार मिर्च की फसल पर भी मिलेगा बीमा पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत मिर्च फसल पर बीमा दिया जाएगा। विभाग के अनुसार 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रीमियम राशि पड़ेगी। 50 हजार रुपये बीमित राशि प्रति हेक्टेयर होगी। तीन ब्लाक के किसानों को ही इसका लाभ मिलेगा। इसमें उमर्दा, सदर और हसेरन ब्लाक को लिया गया है।

जिले के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के दौरान कई मकान ढह गये, मलबे में दबकर एक की मौत

मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में भारी बारिश के कारण ढहे मकान के मलबे में दबकर एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उपजिलाधिकारी (सदर) निकिता शर्मा ने बताया कि जिले के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के दौरान कई मकान ढह गये। उन्होंने बताया कि सदर तहसील के छपरा गांव में भारी बारिश के बीच एक मकान अचानक ढह गया, जिसके मलबे में दबने से भरतो (80) नाम की बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी। अधिकारी ने बताया कि मृतक के परिवार को समुचित आर्थिक सहायता दी जाएगी और जिले में बारिश के कारण संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व अधिकारियों को भेजा गया है। इस बीच, भारी बारिश के कारण बढ़े गंगा नदी के जलस्तर को देखते हुए बाढ़ चौकियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अधिकारी ने बताया कि नदी के किनारे बसे करीब एक दर्जन गांवों के निवासियों को एहतियात के तौर पर किनारों की ओर न जाने की सलाह दी गई है। जानसठ के उपजिलाधिकारी जयेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा और सोलानी नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण जीवनपुरा, रामपुर, उल्लूवाला, हंसावाला, अहमदवाला, लालपुर और फरीदपुर गांवों के लोगों को सतर्क कर दिया गया है।   

लोकार्पण: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का काफिला जनता के उत्साह ने रोका, पैदल चलकर स्वीकार किया अभिवादन

गोरखपुर आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण कार्यक्रम से लौटते समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का काफिला उस समय रुक गया। जब असुरन चौक पर भारी संख्या में लोग उनका स्वागत करने के लिए जुट गए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जब वापस लौट रही थीं, तभी लोगों का उत्साह देख वह खुद को रोक नहीं पाईं। उन्होंने गाड़ी से उतरकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे। राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को अचानक अपने बीच देखकर लोग और ज्यादा उत्साहित हो गए। राष्ट्रपति ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया और कुछ कदम पैदल भी चलीं। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे, लेकिन लोगों का जोश देखते ही बन रहा था। दरअसल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को यूपी को पहले आयुष विश्वविद्यालय की सौगात दी। गोरखपुर में 52 एकड़ में स्थापित गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करने के बाद उन्होंने कहा कि आयुष विश्व में भारत का डंका बजा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य को संपदा बताते हुए इसे ठीक रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक विकसित हो, इसके लिए हमें भी आज से ही प्रयास करना होगा। शैक्षणिक, चिकित्सा समेत यह संस्था भी इसका माध्यम बनेगी। राष्ट्रपति ने महायोगी गुरु गोरखनाथ की पवित्र धरती को नमन करते हुए अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा कि गुरु गोरखनाथ के बारे में कहा गया है कि आदि गुरु शंकराचार्य के बाद इतना प्रभावशाली महापुरुष भारत में दोबारा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय समृद्ध, प्राचीन परंपराओं का नवनिर्मित व प्रभावशाली आधुनिक केंद्र है। यह उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मेडिकल एजुकेशन व चिकित्सा सेवा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इस विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग 100 आयुष कॉलेज उत्कृष्टता से लाभान्वित हो रहे हैं। आयुष पद्धतियों में स्नातक से लेकर उच्चतम उपाधियों के स्तर पर भी शिक्षण एवं शोध कार्य किया जाएगा। यहां आयुष पद्धति से जुड़े रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शिक्षा दी जाएगी। पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विश्वस्तरीय व स्वीकार्य बनाने के लिए शोध कार्य पर विशेष बल दिया जाएगा। राष्ट्रपति ने की योगी के परिश्रम को सराहा राष्ट्रपति ने यूपी के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय की उत्कृष्ट परिकल्पना व निर्माण को दिशा-गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने अथक शब्द की चर्चा की, उन्होंने बताया कि अथक मतलब थकना मना है। दिन रात परिश्रम करना पड़ेगा। निद्राजीत बनना है। डॉक्टर कहते हैं कि छह से आठ घंटे सोना पड़ेगा, वरना शरीर साथ नहीं देगा, लेकिन सीएम आदित्यनाथ जैसे योगी कहते हैं कि निद्रा पर जय करने और खुद को शारीरिक व मानसिक सशक्त बनाने के लिए योग करना होगा। योग करने से आठ घंटे की नींद तीन घंटे में पूरी होगी। सीएम योगी का अथक परिश्रम और जनता के प्रति समर्पण भाव है। इस एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाएं जनता को समर्पित हैं।  

हर गांव में उगेगा औषधीय पौधा! आनंदी बेन पटेल ने दी किसानों को नई दिशा

गोरखपुर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को किसानों से 'एक गांव-एक औषधीय पौधा' अभियान की शुरुआत करने की अपील की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में अपने संबोधन में राज्यपाल पटेल ने किसानों से अपील की कि वे 'एक गांव-एक औषधीय पौधा' अभियान की शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के रूप में पूर्वांचल में आयुर्वेद का एक बड़ा केंद्र शुरू हो रहा है और इसके माध्यम से औषधीय खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिवादन करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के आस-पास के गांवों के किसान औषधीय पौधों की खेती कर अधिक धनराशि कमा सकते हैं। इससे बिना हानि वाली दवाएं बनेंगी और जनता का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि एक गांव में एक तरह के औषधीय पौधे लगाए जाएं तो दूसरे गांव में दूसरे तरह के पौधे लगाए जाने चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सा की सारी पद्धतियों के होते हुए भी यह विचार करना आवश्यक है कि क्या हम (सेवाभाव से) हर जगह पहुंच पाए हैं। उन्होंने अपील की कि आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये होम्योपैथ और आयुर्वेद की हानिरहित दवाएं लोगों तक पहुंचाई जाए। इसमें चिकित्सकों, समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों को भी बड़ी भूमिका निभानी होगी। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन आरोग्यता के लिए सदैव चिंता करते हैं। आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह को आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु ने भी संबोधित किया। स्वागत संबोधन आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के. रामचंद्र रेड्डी ने किया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल सहित कई जनप्रतिनिधि, गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।  

अमेठी में पिकअप वाहन के नहर में गिरने से 18 श्रद्धालु घायल

अमेठी उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक गांव के पास पिकअप वाहन के नहर में गिरने से 12 महिलाओं समेत 18 श्रद्धालु घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, मोहनगंज थानाक्षेत्र के बारकोट गांव से 18 श्रद्धालु एक पिकअप वाहन में सवार होकर अहोरवन भवानी दर्शन के लिए जा रहे थे कि तभी पन्हौना गांव के पास एक मोड़ पर पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर नहर में गिर गया। पुलिस ने बताया कि वाहन में सवार 18 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें 12 महिलाएं भी शामिल हैं। शिवरतनगंज थाना प्रभारी विवेक सिंह ने बताया, "श्रद्धालुओं को मामूली चोटें आई हैं और वे खतरे से बाहर हैं।" उन्होंने बताया कि घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए शिवरतनगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।   

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- सीएम योगी बिना थके, बिना रुके कार्य कर रहे हैं, डॉक्टर व नर्स को भी ऐसा ही बनना होगा

गोरखपुर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। यह आयुष विश्वविद्यालय भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण में 267.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राष्ट्रपति सोमवार से उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण के अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि तपस्या साधना की धरती गोरखपुर राष्ट्रप्रेम की भी भूमि है। गोरखपुर धरती से जुड़ी महानविभूतियों को नमन करते हुए राष्ट्रपति ने गीता प्रेस का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा-अर्चना करने के मौके पर कल गीता प्रेस की ओडिया भाषा में मुझे शिव पुराण और भगवद्गीता पुस्तक भेंट की गयी। गीता प्रेस का योगदान बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करके हमें प्रसन्नता हो रही है। मुझे खुशी हो रही है कि यहां उच्चस्तरीय सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है। यहां आयुष पद्धतियों में स्नातक से लेकर उच्च स्तर का शिक्षण किया जाएगा। आयुष पद्धतियों से जुड़ी शिक्षा, पारम्परिक पद्धतियों के शोध कार्य पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने अथक और निद्राजीत का उल्लेख करते हुए कहा कि योगी बिना थके, बिना रुके कार्य कर रहे हैं। डाक्टर और नर्स को भी अथक और निद्राजीत बनना होगा। आप सब जीवनदायिनी हैं। आपको आत्मावलोकन करना चाहिए कि क्या हम बेहतर कर पा रहे हैं। भारत योगी और ऋषियों की भूमि है। राष्ट्रपति ने कहा कि जल, थल, आकाश, वायु और अग्नि से मिलकर बना यह शरीर है। हमारे पास आज सारी सुविधाएं हैं। क्या यह सारी सुविधाओं का हमे उपयोग करना ठीक है। हम आभारी हैं प्रधानमंत्री मोदी के, उन्होंने योग का बढ़ावा दिया। आज भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। हम कहते हैं कि स्वास्थ्य ही संपदा है। भारत को विश्व गुरु बनने के लिए हमें आज से ही प्रयास करना होगा। राष्ट्रपति ने आहार, विहार पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमे स्वथ रहना है तो इलाज के साथ इसे भी अपनाना होगा। आयुर्वेद दवाओं की एक्सपायरी नहीं है। देश-विदेश की उपयोगी चिकित्सा पद्धतियों को 2014 के बाद देश और 2017 के बाद उप्र ने आयुष विभाग स्थापित कर अपनाया है। आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता बढ़ रही है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि इसमें बहुत ही उपयोगी साबित होगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि आयुष विवि खुलने से इलाज बेहतर होगा। साथ ही किसानों को भी फायदा होने वाला है। आयुर्वेद की दवाएं बनाने के लिए कई विशेष प्लांट चाहिए। वह खेत में ही होगा। इन दवाओं में केमिकल नहीं उपयोग किया जाएगा। हमारे पास एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी भी है। हमें अपनी पद्धति का प्रचार करना होगा। हमारे डाक्टरों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों की कमी की वजह से प्रचार नहीं हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का यह दिन अत्यंत गौरवशाली क्षण है। राष्ट्रपति के कर कमलों से आयुष विवि का लोकार्पण हो रहा है। हम सब जानते हैं कि 2014 के पहले हमारी पारम्परिक चिकित्सा को स्थान मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाया था। केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से योग, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद, युनानी जैसी अन्य परम्परागत पद्धतियों को नई पहचान मिल रही है। अब इस विवि में पढ़ाई के लिए प्रवेश शुरू हो जाएगा।इस माैके पर उप्र के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद, दयाशंकर मिश्र दयालु, सांसद रविकिशन शुक्ल समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।  

राष्ट्रपति ने किया आयुष विश्वविद्यालय का शुभारंभ, योगी बोले– नई पीढ़ी को देगा दिशा

गोरखपुर राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया जिसे 268 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिपरी भटहट में बने इस विश्वविद्यालय का लोकार्पण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की उपस्थिति में किया। मुख्‍यमंत्री ने इस समारोह में हिस्सा लेने और इसका वीडियो साझा करते हुए ‘एक्‍स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘चिकित्‍सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के नवयुग का शुभारंभ।’’  पैदल चल बच्चों से मिली राष्ट्रपति  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पैडलेगंज चौराहे के पास रुकीं और वहां से 50 मीटर तक पैदल चलीं। उनके साथ योगी आदित्यनाथ भी थे। उन्होंने बच्चों से पूछा, "आप कैसे हैं?" और उनके नाम पूछकर उन्हें चॉकलेट दी। बच्चों ने तिरंगा लहराकर राष्ट्रपति का स्वागत किया। स्कूल की शिक्षिकाएं भी बच्चों के साथ मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके लिए अविश्वसनीय था। राष्ट्रपति स्वयं गाड़ी से उतरकर बच्चों से मिलीं और उन्हें चॉकलेट दी। यह पल बहुत भावुक करने वाला था। महामहिम मुर्मू के स्वागत के लिए पंडाल और मंच को भव्य रूप से सजाया गया है, जो तिरंगे के रंगों से सुशोभित है और समारोह में दिव्य आभा बिखेर रहा है। राष्ट्रपति सड़क मार्ग से सर्किट हाउस से विभिन्न रास्तों से होते हुए आयुष विश्वविद्यालय पहुंची। रास्ते में जगह-जगह स्कूली बच्चे और लोग कड़ी धूप में भी उनके स्वागत के लिए उत्साहित हैं। इसके पहले योगी ने सुबह अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘गोरखपुर में स्वास्थ्य-संस्कृति के नवयुग का शुभारंभ हो रहा है। शिवावतारी महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ जी की तपोभूमि में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी की गरिमामयी उपस्थिति में उत्तर प्रदेश के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण से स्वास्थ्य सेवाओं के नए युग का सूत्रपात होगा।’’  मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में यह विश्वविद्यालय चिकित्सा-शिक्षा के केंद्र के साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा, योग, आयुर्वेद और समग्र स्वास्थ्य-दर्शन का प्रकाश-स्तंभ बनेगा।’’   

प्रयागराज में बड़ा बवाल: भीम आर्मी के नेताओं पर केस, अब तक 75 गिरफ्तारी

प्रयागराज यूपी के प्रयागराज में करछना क्षेत्र के भड़ेवरा बाजार में रविवार को किए गए बवाल, तोड़फोड़ और आगजनी मामले में पुलिस ने भीम आर्मी के तहसील अध्यक्ष व उपाध्यक्ष समेत 54 नामजद और 550 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, 75 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें आठ नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस, एसओजी व सर्विलांस टीम अन्य आरोपियों की पहचान कर लगातार दबिश दे रही है। पुलिस के अनुसार, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भीम आर्मी के सह संस्थापक नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद को रविवार को कौशाम्बी और करछना के इसौटा में जाने से रोका गया था। इस पर भीम आर्मी के करछना तहसील अध्यक्ष अभय सिंह उर्फ सोनू और उपाध्यक्ष प्रतीक देव वर्मन ने लगभग छह सौ लोगों के साथ भड़ेवरा बाजार में जमकर उत्पात मचाया था। पथराव व आगजनी में एसीपी करछना अरुण कुमार त्रिपाठी, भुंडा चौकी प्रभारी कैलाश और हेड कांस्टेबल जयशंकर पांडेय गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वहीं कई राहगीर, महिलाएं व बच्चे उपद्रव के दौरान घायल हुए। उपद्रवियों ने लाठी डंडे, ईंट-पत्थर के अलावा पेट्रोल बोतल का भी इस्तेमाल कर अराजकता फैलाने का काम किया। पुलिस के चार वाहन समेत दर्जनों चारपहिया व दोपहिया गाड़ियों को क्षतिग्रस्त व आग के हवाले कर दिया गया। करछना थाना प्रभारी अनूप सरोज की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब तक 75 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें 48 आरोपियों को सोमवार को जेल भेज गया था, जबकि आठ नाबालिग आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। उपद्रवियों के तीन दर्जन दोपहिया वाहन जब्त भड़ेवरा बाजार में पुलिस बल के मोर्चा संभालने के बाद कई उपद्रवी भागते समय अपनी गाड़ियां छोड़ गए थे। पुलिस ने उपद्रवियों के तीन दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन जब्त किए हैं। इन वाहनों के नंबरों के आधार पर भी पहचान की जा रही है। पुलिस ने सभी वाहनों को ट्रैक्टर पर लदवाकर करछना और आसपास की पुलिस चौकियों में रखवाया है। पुलिस क्षेत्र के ककरम, तेली का पूरा, इसौटा, भुंडा, मछहर का पूरा, घोरघट, अरई, भीरपुर, करछना, करबालपुर, बरसवल, लखरावा, लहबरा, अकोढ़ा, कौंधियारा, भमोखर सहित दर्जनों गांव में आरोपितों की तलाश में दबिश दी। बाजार में खुली दुकानें, पुलिस रही तैनात भड़ेवरा बाजार में सोमवार को दूसरे दिन स्थिति पूरी तरह सामान्य दिखी। पटरी पर जनजीवन लौटने से बाजार की अधिकांश दुकानें खुलीं। वहीं बैंक व अन्य संस्थानों में स्थिति पूरी तरह सामान्य रही। हालांकि बाजार व आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती रही। डीसीपी यमुनानगर विवेकचंद्र यादव ने स्वयं पुलिस बल के साथ पैदल भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने लाउड हेडर से लोगों से शांति कायम रखने और उपद्रवियों को किसी तरह का साथ नहीं देने की अपील की। डीसीपी यमुनानगर विवेकचंद्र यादव ने बताया कि अब तक 75 उपद्रवियों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जा चुका है। वीडियो फुटेज व पूछताछ के आधार पर अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है। आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर व रासुका समेत अन्य धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। आरोपितों से सरकारी संपत्ति के नुकसान की भी वसूली की जाएगी।