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झारखंड में SIR लागू करने की तैयारी, बिहार के मॉडल पर काम तेज

रांची  झारखंड में जल्द ही मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) होने वाला है. राज्य में एसआइआर की तैयारियां शुरू कर दी गयी है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी(सीइओ) के रविकुमार ने कहा कि चुनाव आयोग पूरे देश में मतदाता सूची का एसआइआर कर रहा है. इसी क्रम में झारखंड में भी एसआइआर होगा. 17 सितंबर तक जमा करें रेशनलाइजेशन रिपोर्ट के रविकुमार ने कहा कि सभी जिले 17 सितंबर तक सभी विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों का रेशनलाइजेशन पूरा करते हुए रिपोर्ट जमा करें. 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची के मिलान का कार्य भी जल्द पूरा करें. कंप्यूटर ऑपरेटर व बीएलओ का प्रशिक्षण भी संपन्न करें. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी जिलों के चुनाव से जुड़े पदाधिकारियों को पीपीटी के माध्यम से मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दौरान ध्यान में रखे जानेवाले बिंदुओं की जानकारी दी. स्वीप के माध्यम से लोगों को करें जागरूक सभी जिलों के इआरओ, एइआरओ व उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक में के रविकुमार ने कहा कि पदाधिकारी एसआइआर के दौरान लोगों को पूरी जानकारी मिलना सुनिश्चित करते हुए स्वीप के माध्यम से उनको जागरूक भी करें. इस मौके पर उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी देवदास दत्ता, उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज ठाकुर, अवर निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार सहित सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी उपस्थित थे.

राज्य के हर जिले में FSL कार्यालय, मोबाइल यूनिट से अपराधियों पर कड़ी नजर

पटना बिहार के सभी जिलों में जल्द ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) कार्यालय की स्थापना की जाएगी। सभी जिलों में कम से कम एक कार्यालय स्थापित करने की योजना है। वर्तमान में पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, राजगीर और पूर्णिया में एफएसएल कार्यालय या चलंत विधि विज्ञान इकाई कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त बचे हुए सभी जिलों में इसकी स्थापना करने के लिए पुलिस विभाग के सीआईडी विंग की तरफ से कवायद तेज कर दी गई है। इसके साथ ही सभी कार्यालयों में कम से कम एक-एक एफएसएल मोबाइल वाहन की भी तैनाती की जाएगी। वर्तमान में ऐसे मोबाइल वाहनों की संख्या 17 है, जिनकी तैनाती पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर समेत 13 अलग-अलग जिलों में है। सीआईडी के स्तर पर एफएसएल वैन की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे आने वाले समय में सभी जिलों में कम से कम एक मोबाइल वैन की प्रतिनियुक्ति कर दी जाए। फिलहाल 34 ऐसे वैन की खरीद की प्रक्रिया जारी है, जिसके इस वर्ष अक्टूबर तक पूरी हो जाने की संभावना है। अक्टूबर के बाद इन वैन की संख्या 51 हो जाएगी। इससे बड़े शहरों या जिन जिलों में अधिक एफआईआर होती है, वहां इनकी संख्या एक से अधिक बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा 50 ऐसे विशेष वाहनों की मांग गृह विभाग से की जाएगी। आगामी एक सप्ताह में इसकी मांग से संबंधित प्रस्ताव गृह विभाग के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।  

राजनीतिक सियासत: लालू ने तेजस्वी की ताकत बढ़ाने के लिए किया सक्रिय प्रयास, कांग्रेस देरी में

पटना राजद की चुनावी रणनीति का निर्धारण और तेजस्वी यादव को संवाद की सीख देकर एक समय निश्चिंत हो चुके लालू प्रसाद की सक्रियता दोबारा बढ़ गई है। स्वास्थ्य इसकी अनुमति नहीं देता, फिर भी वे दौड़-धूप कर रहे। एकमात्र उद्देश्य तेजस्वी को सत्तासीन करना है। लालू मान चुके हैं कि उनके हस्तक्षेप के बिना न सीटों पर समझौता संभव है और ना ही मुख्यमंत्री के चेहरे का निर्धारण। कांग्रेस आज आनाकानी कर रही, तो कल को कन्नी भी काट सकती है। चिंता महागठबंधन में पीछे धकियाने जाने की भी है। सामाजिक समीकरण का विस्तार किए बिना राजद को सत्ता मिलने से रही, जबकि परंपरागत जनाधार (मुसलमान-यादव) पर ही हिस्सेदार खड़े हो गए हैं, इसलिए लालू ने अपनी रणनीति का रुख दोतरफा कर दिया है। आक्रामक बयानों से वे कोर वोटरों को साधने का उपक्रम कर रहे, तो फील्ड में सक्रियता से विरोधियों के साथ महागठबंधन के घटक दलों को हर दांव-पेच से निपटने की चुनौती दे रहे। एनडीए, विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पर उनके बोल बेहद तीखे होते जा रहे। नीतीश सरकार के 20 वर्षों के शासन को वे "दो पीढ़ियों को बर्बाद करने वाला" करार चुके हैं। एक्स पर लिख चुके हैं, "ऐ मोदी जी, विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में! यह गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा!" क्षेत्रीय अस्मिता को उभारने वाला यह बयान वस्तुत: जनाधार के विस्तार की आकांक्षा है। लालू सपरिवार गयाजी पहुंच थे। अपने हाथों कोई षट्कर्म नहीं किया, क्योंकि गयाजी में वे पहले ही पिंडदान कर चुके हैं, फिर भी विष्णुपद मंदिर पहुंचे। उनकी यह पहल सीतामढ़ी में जानकी मंदिर पहुंचे राहुल गांधी से उत्प्रेरित मानी जा रही, जो धुव्रीकरण की आशंका को निर्मूल करने के उद्देश्य से रही। मुसलमानों के हिमायती राजद के लिए ध्रुवीकरण की स्थिति कभी लाभप्रद नहीं रहती, इसलिए लालू ने तेजस्वी को इससे बचते हुए ''खैनी में चूना रगड़ देने'' वाले बयान को बारंबार दोहराने की सीख दी। यह बयान वस्तुत: अगड़ों पर आक्षेप और कोर वोटरों को साधने का उपक्रम रहा। बहरहाल, लालू की रणनीति युवा-महिला वोटरों को लुभाने और एनडीए के वोट-बैंक में सेंधमारी के साथ तेजस्वी की छवि को एक प्रगतिशील नेता के रूप में स्थापित करने की है। माई-बहिन मान योजना और शत प्रतिशत डोमिसाइल के वादे के साथ महागठबंधन में नए सहयोगियों (झामुमो और रालोजपा) को जोड़ने से इसका आभास होता है। सारे निर्णय लालू के रहे। हालांकि, परिवार के भीतर मतभेद, महागठबंधन में अंतर्द्वंद्व और कानूनी चुनौतियां उनकी इच्छाओं पर तुषारापात कर रहीं। इसके बावजूद वे तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा बता रहे, क्योंकि इसके लिए अभी कोई दूसरा दमदार आवाज नहीं। पांच फरवरी को नालंदा में लालू ने तेजस्वी को ही महागठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा बताया था। उसके बाद मोतिहारी में कहा कि "तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने से कोई माई का लाल नहीं रोक सकता।" इस उद्घाेष के बावजूद कांग्रेस पेच फंसाए है। ऐसे में लालू इत्मीनान से नहीं बैठ सकते। मोतिहारी में वे पूर्व विधायक यमुना यादव के निधन पर शोक जताने गए। पुराने नेताओं के स्वजनों का दु:ख साझा करने के लिए ऐसे ही वैशाली और आरा भी जा चुके हैं। इस स्तर पर लालू की सक्रियता पिछले वर्षों में नहीं रही। हालांकि, उनकी अति-सक्रियता राजद की संभावना के प्रतिकूल भी पड़ जाती है। तब जंगलराज की पुनर्वापसी की आशंका जताते विरोधी कुछ अधिक आक्रामक हो जाते हैं।  

सेना के जवान की हिमस्खलन में शहादत, राज्यपाल और CM हेमंत ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की

देवघर लद्दाख के सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आए सेना के जवान नीरज चौधरी का पार्थिव शरीर बीते बुधवार को उनके गृह राज्य झारखंड लाया गया। अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर अग्निवीर नीरज चौधरी को श्रद्धांजलि दी। चौधरी और दो अन्य सैनिकों के शव मंगलवार को मिले थे। लद्दाख में 12 हजार फुट की ऊंचाई पर सियाचिन बेस कैंप में हिमस्खलन के बाद ये लोग वहां फंस गए थे। गंगवार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने सियाचिन में झारखंड के एक जवान को खो दिया। मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।'' सोरेन ने कहा, ‘‘अग्निवीर नीरज चौधरी ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनके परिजन को इस दुख को सहन करने की शक्ति मिले।''   मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने लगभग एक वर्ष पहले निर्णय लिया था कि शहीद होने वाले अग्निवीरों के निकटतम परिजनों को नौकरी दी जाएगी। नीरज के चाचा संतोष चौधरी ने कहा कि जवान का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को देवघर स्थित उनके पैतृक गांव कजरा में किया जाएगा। संतोष चौधरी ने कहा, ‘‘नीरज 2022 में सियाचिन में तैनात हुआ था और वह बचपन से ही देश की सेवा करना चाहता था।''  

झारखंड पुलिस की कार्रवाई से डकैती का प्रयास नाकाम, 4 आरोपी गिरफ्तार

मेदिनीनगर  झारखंड के पलामू जिले में डकैती के प्रयास में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान छतरपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के निवासी रंजन ओरांव (19), मंजीत कुमार (22), विकेश कुमार (19) और छोटू कुमार (22) के रूप में की गई। मेदिनीनगर पुलिस अधीक्षक (एसपी) आर. रमेशन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘पुलिस ने उनके पास से एक पिस्टल, एक रिवाल्वर, दो कारतूस, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, एक वाहन और चार वॉकी-टॉकी बरामद किए हैं।'' पुलिस ने बताया, ‘‘वे कथित तौर पर छतरपुर थाना क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान पर डकैती की साजिश रच रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और उन्हें पकड़ लिया।''  

हिमस्खलन में शहीद हुए जवान को राज्यपाल और CM हेमंत ने दी श्रद्धांजलि

देवघर लद्दाख के सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आए सेना के जवान नीरज चौधरी का पार्थिव शरीर बीते बुधवार को उनके गृह राज्य झारखंड लाया गया। अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर अग्निवीर नीरज चौधरी को श्रद्धांजलि दी। चौधरी और दो अन्य सैनिकों के शव मंगलवार को मिले थे। लद्दाख में 12 हजार फुट की ऊंचाई पर सियाचिन बेस कैंप में हिमस्खलन के बाद ये लोग वहां फंस गए थे। गंगवार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने सियाचिन में झारखंड के एक जवान को खो दिया। मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।'' सोरेन ने कहा, ‘‘अग्निवीर नीरज चौधरी ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनके परिजन को इस दुख को सहन करने की शक्ति मिले।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने लगभग एक वर्ष पहले निर्णय लिया था कि शहीद होने वाले अग्निवीरों के निकटतम परिजनों को नौकरी दी जाएगी। नीरज के चाचा संतोष चौधरी ने कहा कि जवान का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को देवघर स्थित उनके पैतृक गांव कजरा में किया जाएगा। संतोष चौधरी ने कहा, ‘‘नीरज 2022 में सियाचिन में तैनात हुआ था और वह बचपन से ही देश की सेवा करना चाहता था।''  

भारत-नेपाल सीमा पर बड़ा सुरक्षा ऑपरेशन, गौर जेल के 5 फरार कैदी धर दबोचे गए

मोतिहारी नेपाल में जारी हिंसा और तनाव के बीच रौतहट जिले के गौर जेल से फरार हुए पांच कैदियों को भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी ने धर दबोचा। पकड़े गए सभी कैदी नेपाल के ही निवासी बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, मोतिहारी के कुंडवा चैनपुर बॉर्डर पर तैनात एसएसबी की टीम ने बुधवार दोपहर महुलिया बॉर्डर के पास जांच के दौरान इन कैदियों को पकड़ा। बताया जाता है कि नेपाल में जारी विद्रोह का फायदा उठाकर सभी आरोपी जेल तोड़कर भाग निकले थे। एसएसबी की 20वीं बटालियन, सीतामढ़ी के कमांडेंट गिरीशचंद्र पांडेय ने पुष्टि की कि कुंडवा चैनपुर बटालियन ने ही इन कैदियों को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए कैदियों की पहचान रौतहट जिले के गौर गढ़वा वार्ड नंबर-5 निवासी विश्वनाथ यादव, रवि यादव, राहुल राय यादव, चंद्रानिकाहपुर के सूरज राय और गरुवा निवासी राम विनोद प्रसाद के रूप में हुई है। पूछताछ के बाद सभी को कुंडवा चैनपुर थाना पुलिस को सौंप दिया गया। थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि आगे की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सभी कैदियों को नेपाल की महुलिया पुलिस के हवाले कर दिया गया है।  

दरभंगा राजघराने में चिंता, महारानी कामसुंदरी देवी अस्पताल में

 दरभंगा दरभंगा महाराजधीरज सर कामेश्वर सिंह की पत्नी और राजघराने की महारानी कामसुंदरी देवी (95) की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, वह बाथरूम में गिर गई थीं, जिसके चलते उन्हें ब्रेन हेमरेज और ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हुई है। फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। महारानी के बीमार होने की खबर मिलते ही उनके पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह दिल्ली से दरभंगा पहुंचे और सीधे अस्पताल जाकर दादी से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से भी उनकी स्थिति की जानकारी ली। मीडिया से बातचीत में कुमार कपिलेश्वर सिंह ने दादी की देखरेख में लापरवाही पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इतनी उम्र में भी महारानी के स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता नहीं बरती गई, जबकि पैसों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब वे खुद अपनी दादी की देखभाल करेंगे और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्हें अपने घर ले जाकर सेवा करेंगे। बताया जा रहा है कि राजघराने के अंदरूनी पारिवारिक विवादों के चलते महारानी लंबे समय से अलग रह रही हैं। इसी वजह से कई बार परिवार के सदस्यों तक अहम जानकारियां समय पर नहीं पहुंच पातीं। वर्तमान हालात में भी पारिवारिक विवाद के बीच बीमारी की सूचना देर से मिलने पर कुमार कपिलेश्वर सिंह ने असंतोष जताया है।  

नए रोजगार के दरवाजे खुलेंगे: 23.36 करोड़ के निवेश से गारमेंट्स सेक्टर को प्रोत्साहन

मुजफ्फरपुर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुजफ्फरपुर जिले के बेला औद्योगिक क्षेत्र, फेज-2 में M/s Gogreen Apparel Limited द्वारा 55 लाख पीस प्रति वर्ष क्षमता वाली रेडिमेड गारमेंट्स इकाई स्थापित करने के लिए 2,336.22 लाख रुपये (23.36 करोड़ रुपये) निजी पूंजी निवेश पर वित्तीय प्रोत्साहन मंजूरी देने की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कंपनी को इकाई की स्थापना से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे भूमि संबंधी कागजात, परियोजना प्रतिवेदन, बैंक एप्रेज़ल रिपोर्ट और बैंक ऋण स्वीकृति पत्र प्रस्तुत करने की शर्त रखी गई थी। इन सभी शर्तों को पूरा करने के बाद ही यह मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रोत्साहन वितरण के समय वास्तविक परियोजना व्यय के आधार पर अनुदान की गणना की जाएगी। सम्राट चौधरी ने बताया कि यह इकाई टेक्सटाइल और लेदर क्षेत्र के अंतर्गत आती है और राज्य सरकार की उच्च प्राथमिकता सूची में शामिल है। उन्होंने कहा कि यह कदम बिहार में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में अहम साबित होगा। उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा करने और राज्य की आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि बिहार में हाल ही में नई औद्योगिक नीति 2025 को मंजूरी दी गई है, और रेडिमेड गारमेंट्स इकाई के लिए वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस इसकी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सम्राट चौधरी ने आश्वस्त किया कि इस तरह के निवेश से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और बिहार औद्योगिक विकास की नई दिशा की ओर बढ़ेगा।

चुनाव से पहले राजद में उठा घमासान: तेजस्वी के PA ने कॉल नहीं उठाया, पार्टी ने छोड़ा साथ

वैशाली वैशाली जिले के मलिकपुर पंचायत निवासी राजकुमार राय उर्फ आला राय की बुधवार देर रात पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान मलिकपुर पंचायत के रामपुर श्याम चक निवासी के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, राजकुमार राय 2000 से 2020 तक लगातार पंचायत चुनावों में सक्रिय रहे। उन्होंने मुखिया का चुनाव तीन बार लड़ा, जिसमें दूसरे स्थान पर रहे। 2020 में उन्होंने जिला परिषद का चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे। उस चुनाव में उन्हें लगभग 4,200 वोट प्राप्त हुए। स्थानीय लोगों ने बताया कि शुरुआती दौर में राजकुमार राय जीप चलाते थे। इसके बाद उन्होंने जमीन के कारोबार में कदम रखा। पैसा कमाने के बाद उन्होंने पटना के राजेंद्र नगर में घर बनाया और पूरा परिवार पटना में शिफ्ट हो गया, लेकिन राघोपुर के लोगों से उनकी लगातार कनेक्टिविटी बनी रही। राघोपुर के लोग किसी भी समस्या के लिए फोन करते या मिलते, तो वह जाकर उनका काम कराया करते थे। 2020 में वह जिला परिषद का चुनाव लड़ा, जिसमें वह तीसरे स्थान पर रहे। जिला परिषद के चुनाव में उन्हें लगभग 4,200 वोट प्राप्त हुए। इसके बाद लगभग 1 साल पहले उन्होंने राजद पार्टी ज्वाइन की और रजत के द्वारा उन्हें पंचायती राज प्रकोष्ठ, वैशाली जिला का अध्यक्ष बनाया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यही बात तेजस्वी यादव के पीए और वैशाली जिले के राजद जिला अध्यक्ष के साथ विवाद का कारण बना। उस समय राजकुमार राय ने कहा था कि यह लोग केवल लोगों को राजद में जोड़ने में ही लगे हैं, जबकि हम लोगों की सेवा करना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने राजद पार्टी छोड़ दी। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर इस बार वे विधायक का निर्दलीय चुनाव लड़ते, तो उन्हें लगभग 10–15 हजार वोट मिल सकते थे।