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128 शिक्षकों की मेहनत हुई सराही, 2 टीचर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए नामांकित

रांची शिक्षक दिवस के अवसर पर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने रांची स्थित अपने सभागार में आज राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षा क्षेत्र में समर्पित 128 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। राज्य के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा संचालित 50 घंटे के अनिवार्य कार्यक्रम‘कम्प्रेहेंसिव-निरंतर व्यावसायिक विकास'के अंतर्गत ये शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक पूरा किये हैं। शिक्षकों ने मॉड्यूल लेखन, डिजिटल प्रारूप विकास तथा आवासीय एवं गैर-आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सम्मानित शिक्षकों को शॉल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था और उन्हें विशेष सम्मान दिया गया। रामगढ़ के पीएम श्री हाई स्कूल, मनुवा के सहायक शिक्षक सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता और चतरा के अपग्रेडेड 2 हाई स्कूल, दावरी के सहायक शिक्षक मनोज कुमार चोबे को 25,000 रुपये की नकद राशि, शॉल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। टाटा कॉलेज कॉलोनी मिडिल स्कूल की शिक्षिका अनुपमा ने कहा, 'हम व्यस्त जीवन में अक्सर अपनी मेहनत को याद रखना भूल जाते हैं। ऐसे दिवस हमें खुशी के साथ-साथ नई ऊर्जा और प्रेरणा देता है और इससे हम समर्पित भाव से कार्य करते हैं।'

भयानक हादसा धनबाद में, मजदूरों से भरी वैन खाई में गिरी, राहत-बचाव जारी

धनबाद झारखंड के धनबाद जिले के कतरास में आज यानी शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हो गया है। दरअसल यहां जमीन स्लाइड होने के कारण एक आउटसोर्सिंग कंपनी की सर्विस वैन गहरी खाई में गिर गई है। सर्विस वैन में पांच से छः मजदूर सवार थे। मिली जानकारी के अनुसार, हादसा धनबाद के बीसीसीएल एरिया 04 के कांटा पहाड़ी इलाके में हुआ में है। मां अंबे आउटसोर्सिंग कंपनी की एक सर्विस वैन अचानक जमीन खिसकने के कारण 400 फीट गहरी खाई में गिर गई। वैन में 5 से 6 मजदूर सवार थे। सूचना पाकर बीसीसीएल के अधिकारी, रेस्क्यू टीम मौके पर पहुँचे है। साथ ही कतरास थाना, रामकनाली ओपी, अंगार पथरा ओपी के प्रभारी अपने दल बल के साथ भी पहुंचे है। खाई मे गिरे सर्विस वैन को निकालने के लिए सुरक्षा विभाग के टीम जुट गई है।  

मुजफ्फरपुर में राजनीतिक माहौल गरम, चिराग ने एलजेपी-राजद के MY के अंतर को बताया

मुजफ्फरपुर बिहार में विधानसभा चुनाव जल्द होने वाला है। चुनाव ही हमलोगों का भविष्य निर्धारित करेगा। ऐसे में हमसब की जिम्मेदारी है कि इसे गंभीरता से समझें और विस चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। अगर चूक हुई तो फिर से हमलोग पिछड़ों में धकेले जाएंगे। मुजफ्फरपुर के एमआइटी इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में आयोजित लोजपा (रा) के नव-संकल्प महासभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री सह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आरजेडी के एम वाई समीकरण के काट में अपने MY समीकरण का मतलब समझाया चिराग ने कहा कि मेरा समीकरण एम फॉर महिला और वाई फॉर युवा है। लेकिन, उनका समीकरण सांप्रदायिक व जाति पर आधारित है। एम से मुसलमान और वाई से यादव। लेकिन, मैं सबको साथ लेकर चलता हूं। बिहार फस्ट बिहारी फर्स्ट के विजन से चलता हूं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव युवा, नई पीढ़ी, महिला, बेरोजगार, किसान, मजदूर सभी वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है। अपने संबोधन में चिराग ने राजद और कांग्रेस पर जोरदार प्रहार किया। विकास के मुद्दों पर भी घेरा। कहा कि कांग्रेस ने कई दशक राज किया। राजद भी 90 के दशक में बिहार में शासन किया। दोनों ने बिहार को पिछड़ेपन में धकेलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ (जनता) साथ दें, मैं विकसित बिहार बनाकर दूंगा। इसका मैं वादा करता हूं। संकल्प लेता हूं। मेरी मां व बहन पर भी की थी टिप्पणी पीएम मोदी की मां के अपमान पर चिराग पासवान ने कहा कि मेरा संस्कार महिलाओं का सम्मान करना है। राजद और कांग्रेस की संस्कृति गाली देने की रही है। अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता को अपशब्द कहा है। लोकसभा में राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने मेरी मां और बहन को गाली दी थी। यह उनका संस्कार है। लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने संदेश को हर गांव तक पहुचाने का आह्वान किया। चिराग ने कांग्रेस और राजद से कई तीखे सवाल भी किये। उन्होंने पूछा के दशकों शासन करने के बाद बिहार में बेरोजगारी, शिक्षा और चिकित्सा का स्तर निम्न क्यों है? वह अपने पिताजी के अधूरे सपनों को पूरा करने आए हैं। चिराग मुख्यमंत्री का चेहरा पार्टी के तमाम सांसदों ने चिराग पासवान को मुख्यमंत्री का चेहरा बताया। वैशाली की सांसद वीणा देवी ने कहा कि हमलोग बिहार के 243 सीटों की तैयारी कर रहे हैं। चिराग के नेतृत्व में बिहार में शिक्षा व रोजगार के बेहरत अवसर मिलेंगे। खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि चिराग पासवान को बिहार की कमान देनी चाहिए। वे सक्षम हैं। समस्तीपुर सांसद शांभवी ने कहा कि प्रदेश युवा नेतृत्व चाहती है। चूके तो फिर जंगलराज पार्टी के जिलाध्यक्ष विश्व क्रमेन्दो देव उर्फ चुलबुल शाही ने कहा कि चिराग के नेतृत्व में बिहार प्रगति के पथ पर चलेगा। वहीं गायघाट की पूर्व प्रत्याशी कोमल सिंह ने कहा कि चुनाव जनता लड़ती है। इस बार चूके तो जंगलराज फिर से आएगा। चिराग पासवान को बिहार का नेतृत्व करना चाहिए। वहीं वैशाली के पूर्व सांसद रामा किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह ने कहा कि आने वाला समय चिराग पासवान का है।  

तेजस्वी यादव बोले– बिहार बंद के दौरान भाजपा नेताओं ने करवाई हिंसा, भीड़ को बुलाया गया

  पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मां की गाली देने के विरोध में एनडीए के बिहार बंद को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने विफल बताया। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने बिहार बंद के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपाई पंचायत छोड़ एक वार्ड तक बंद नहीं करा पाए। भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, पीएम मोदी की रैली तरह बिहार बंद में भी भाड़े के लोग बुला लेने चाहिए थे। पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने कल बिहार में दुनिया भर की गुंडागर्दी की। भाजपाई गुंडों ने सरेआम महिलाओं को पीटा, शिक्षिकाओं को पीटा, गर्भवती महिलाओं को रोका, बुजुर्गों को धक्का दिया, छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया, बच्चों को स्कूल जाने से रोका, एम्बुलेंस को रोका, शहीद के परिजनों को पीटा लेकिन फिर भी ये लोग एक वार्ड तक बंद नहीं करा पाए।” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि जैसे उनकी रैली में पुलिस और प्रशासन पर दबाव दिया जाता है, उसी तरह बिहार बंद के लिए भी पुलिस को बोल देना चाहिए था। वे ही ट्रैफिक रुकवा देते। तेजस्वी ने कहा, "गुजरात के रहने वाले मोदी ने वोट की खेती के लिए बिहार बंद में आम बिहारियों को परेशान करने का मस्ती भरा निर्णय ले लिया।"  

महापुरुषों का अपमान: हजारीबाग में प्रतिमा तोड़ने से मचा बवाल

हजारीबाग हजारीबाग में महापुरुषों का अपमान थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर की चौक चौराहा पर स्थापित किए गए महापुरुषों की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दो दिन पहले मंगलवार की रात पीडब्ल्यूडी कार्यालय के सामने स्वतंत्रता सेनानी सिदो कान्हू की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया था। जिससे आदिवासी समाज आंदोलन हो उठा था। सड़क जामकर आंदोलन की चेतावनी दी थी। यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बुधवार की रात बदमाशों ने सदर प्रखंड मुख्यालय के सामने शहीद नीलांबर पीतांबर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया। अराजक तत्वों ने नीलांबर पीतांबर प्रतिमा को गिराने का बहुत प्रयास किया, लेकिन 26 जुलाई की रात पूर्व मुख्यमंत्री केबी सहाय और सिदो कान्हू की प्रतिमा क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद हाल के दिनों में नवनिर्माण मे मजबूती के कारण बदमाश सफल नहीं हो पाए। तब उनके हाथ के तीर धनुष को क्षतिग्रस्त कर चलते बने। जैसे ही सदर पुलिस को इस घटना की जानकारी मिली। पुलिस के होश फाख्ता हो गए। प्रतिमा तोड़ने के रोकने के प्रयास असफल हो गए। सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए तो वह खराब निकले। मामले की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। किसी भी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सदर अंचल अधिकारी और सदर थाना की पुलिस घटनास्थल पर जमी रही। शहर में स्थापित प्रतिमाओ को देखभाल करने वाला कोई नहीं महापुरुषों या देश के शहीदों के प्यार और सम्मान में लोग क्या-क्या नहीं करते हैं। उनके नाम पर संस्थाएं, मेमोरियल सड़क के नाम रखे जाते हैं। चौक चौराहा पर प्रतिमा स्थापित कर दी जाती है। शहर के दर्जनों स्थान में जोश खरोश के साथ बस स्टैंड के पास झारखंड के वीर बिरसा, झील पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंद्रपुरी चौक पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, सर्किट हाउस के पास महाराणा प्रताप, पोस्ट ऑफिस चौक के पास वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। जैसे ही उनके प्रशंसकों का जोश ठंडा हो गया और अब वह स्थापित प्रतिमाएं को कुव्यवस्था की शिकार हो रही है। जिन लोगों ने प्रतिमा स्थापित करने के लिए जोश ओ खरोश दिखाया था। यह प्रतिमाएं उनके लिए वह अतीत बन गया है। वहां साफ सुथरा और देखभाल करने की जिम्मेदारी उठाने वाला कोई नहीं है। इन महापुरुषों के मूर्तियों के ऊपर शेड भी नहीं है। जिसके कारण धूप हो या बरसात, सालों पर प्रतिमाएं प्रकृति की मार झेलती रहती है। शेड नहीं रहने से पक्षियों के बीट इन प्रतिमाओं को खराब कर रहे हैं। उसमें यूरिक एसिड व अन्य रासायनिक यौगिक होते हैं। जो अम्लीय होते हैं जिस प्रतिमा का रंग उड़ रहा है। उसमें दाग लग रहा है। प्रतिमा का क्षरण भी हो रहा है। अब उनके प्रशंसकों प्रशासन और राजनेताओं का ध्यान इस और नहीं जाता है। जब आयोजन होता है। वहां साफ सुथरा कर माला पहना दी जाती है। लेकिन विडंबना है कि इन प्रतिमाओं के उचित प्रबंधन की ओर ध्यान नहीं जाता है। दोषियों को चिह्नित कर कठोर कार्रवाई की जाए : कांग्रेस झारखंड की धरती के महान क्रांतिकारी शहीद निलांबर–पीतांबर भोगता की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का असामाजिक तत्वों का प्रयास अब जिले की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है। गुरुवार को पूर्व सदर विधानसभा प्रत्याशी मुन्ना सिंह ने इस घटना को इतिहास और बलिदान की विरासत पर हमला बताते हुए गहरी नाराज़गी जताई। सूचना मिलते ही मुन्ना मौके पर पहुँचे और प्रतिमा की स्थिति का निरीक्षण किया। प्रतिमा में लगे धनुष को आंशिक रूप से तोड़ने का प्रयास किया गया था। उन्होंने तुरंत ही जिला उपायुक्त और पुलिस कप्तान से फोन पर बातचीत कर विस्तृत जानकारी साझा की और दोषियों को शीघ्र चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की मांग की। महापुरुषों की प्रतिमा की सुरक्षा पुलिस के लिए बनी चुनौती जानकारी मिलते ही हेल्पिंग ट्रस्ट इंडिया हजारीबाग के अध्यक्ष शाहिद हुसैन अपने समर्थकों के साथ नीलांबर पीतांबर चौक पहुंचे। उन्होंने महापुरुषों की प्रतिमा लगातार तोड़े जाने पर चिंता जताते जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन चलाने की बात कही। वही महापुरुषों की प्रतिमा को सुरक्षा प्रदान करना पुलिस के लिए भी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद उन्होंने कोर्रा थाना प्रभारी से इस संबंध में बात की तो उन्होंने वहां पर सीसीटीवी कैमरे खराब रहने की बात कही उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में जहां से पूरे जिले मे कानून-व्यवस्था को नियंत्रित किया जाता है। वहां अव्यवस्था की स्थिति है। सीसीटीवी मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए कई टीवी खराब पड़े हैं। शहर में मात्र 48 सीसीटीवी कैमरे चालू हैं। जबकि दर्जनों खराब पड़े है। इसके कारण शहर में अपराध बढ़ रहे हैं।  

रेणु देवी की नजर बेतिया से छठवीं जीत पर, कांग्रेस झोंक रही पूरी ताकत

बेतिया बिहार के पश्चिम चंपारण जिले का बेतिया विधानसभा क्षेत्र अपने दामन में समृद्ध इतिहास समेटे हुए है। बेतिया ने इतिहास और समय के साथ सियासत को बदलते हुए भी देखा है। बेंत के जंगलों की वजह से इसका नाम बेतिया पड़ा था। मुगल काल में बेतिया राज की जमींदारी मशहूर थी, जिसके अधीन करीब 15000 एकड़ भूमि थी। आजादी के बाद लगातार 11 चुनावों में यह कांग्रेस का गढ़ बना रहा, जिसे 1990 में भाजपा के मदन प्रसाद जायसवाल ने ध्वस्त कर भगवा झंडा लहराया। तब से सिर्फ दो चुनावों को छोड़कर भाजपा ही जीतती रही है। वर्तमान में यहां की विधायक पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी हैं। वह पांच बार यहां का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। रेणु देवी पहली बार वर्ष 2000 के चुनाव में जीती थीं। 2015 में जब जदयू और भाजपा का गठबंधन टूटा तो कांग्रेस के मदनमोहन तिवारी (कांग्रेस) ने रेणु देवी (भाजपा) को 2320 मतों के मामूली अंतर से हराया था। तब राजद एवं कांग्रेस के साथ जदयू भी महागठबंधन में था। लेकिन, 2020 के चुनाव में उन्होंने मदन मोहन तिवारी को पराजित कर फिर से यह सीट अपने नाम कर ली। रेणु देवी 16 नवंबर 2020 से 9 अगस्त 2022 तक राज्य की पहली महिला उपमुख्यमंत्री भी रहीं। बेतिया नगर निगम और मझौलिया प्रखंड को मिलाकर बनाए गए इस विधानसभा क्षेत्र की सियासत भाजपा और कांग्रेस के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। अब तक हुए चुनाव में 12 बार कांग्रेस, एक बार जनता दल एवं पांच बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। 1995 में जनता दल के बीरबल यादव ने यहां से जीत दर्ज की। इस बार चुनाव में भाजपा की रेणु देवी जीत का छक्का लगाने को लेकर सक्रिय हैं। उधर, एक बार फिर कांग्रेस अपनी खोई जमीन वापस पाने की तैयारी में जोरदार तैयारी कर रही है। जन सुराज ने भी क्षेत्र में पूरा जोर लगाया है। प्रशांत किशोर ने पदयात्रा की शुरुआत चंपारण से की थी। वह जिले का कई बार दौरा कर चुके हैं। कई गांवों में जन सुराज का जनसंवाद भी हुआ है। एक बड़े व्यवसायी भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। कभी मिनी चंबल कहलाता था बेतिया बेतिया (पश्चिम चंपारण) जिला कभी मिनी चंबल के नाम से खौफ का पर्याय था। मगर बीते दो दशक में पटना, यूपी एवं दिल्ली से रेल-सड़क संपर्कता बेहतर हुई है। अस्पताल में भी इलाज की सुविधा बढ़ी है। हालांकि शहर की जर्जर सड़कें और जल जमाव की समस्या हल होना बाकी है। बेतिया विधानसभा सीट एक नजर में- इस विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 299915 है। इनमें 158877 पुरुष, 141028 महिला और 10 थर्ड जेंडर वोटर हैं। बेतिया विधानसभा सीट के पूरब में सुगौली (पूर्वी चंपारण), पश्चिम में चनपटिया एवं योगापट्टी, उत्तर में सिकटा एवं चनपटिया और दक्षिण में नौतन पड़ता है। पांच साल में दिखे ये बदलाव- ⦁ पॉलिटेक्निक कॉलेज बना ⦁ गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का भवन बनकर तैयार हुआ ⦁ घरों में बिजली पहुंची, विस क्षेत्र में 35 से अधिक सड़कें बनीं ⦁ गांव में पशु चिकित्सा वैन पहुंच रही, मवेशियों के इलाज में सुविधा ⦁ बरवत में एक लाख लीटर क्षमता वाले दूध शीतक केंद्र की मिली मंजूरी वादे जो पूरे नहीं हुए 1. बरवत-जीएमसीएच फोरलेन व जगदीशपुर-भरपटिया बाइपास सड़क नहीं बनी 2. बेतिया शहर की मुख्य सड़कों का निर्माण नहीं हो सका 3. बेतिया नगर निगम क्षेत्र में नई शामिल पंचायतों में सड़क-नाली नहीं बनी 4. हर घर नल का जल का लाभ बेतिया शहरी क्षेत्र के अधिकतर लोगों को नहीं मिला इस बार के चुनावी मुद्दे ⦁ शहर की जर्जर सड़कों की मरम्मत ⦁ नगर निगम में नए शामिल मोहल्लों में सड़क-नाला निर्माण ⦁ स्ट्रीट लाइट एवं शुद्ध पेयजल की सुविधा नहीं ⦁ बेतिया में सरकारी महिला डिग्री कॉलेज की स्थापना ⦁ चंद्रावत, कोहरा और अन्हरी-चन्हरी नदी का अतिक्रमण एवं उसमें गाद भरना बेतिया से विधायक और पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी का दावा है कि क्षेत्र में 35 से अधिक सड़कें बनी हैं। बरवत-जीएमसीएच सड़क चौड़ीकरण, जगदीशपुर-भरपटिया बाइपास, खीरी के पेड़-कमलनाथनगर से सुप्रिया रोड, चीनी मिल समेत तमाम सड़क एवं पुल के लिए टेंडर हो चुका है। महिला कॉलेज के भवन का शिलान्यास हो चुका है। पूर्व कांग्रेस विधायक मदन मोहन तिवारी का आरोप है कि बेतिया नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव की समस्या खत्म नहीं हुई। चंद्रावत में शहर का पानी गिरता है, उस पर अतिक्रमकण है और बची नदी में गाद भर गई है। शहरी क्षेत्र की सभी सड़कें जर्जर हैं। महना-मझौलिया सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। जमीन माफिया के आतंक से रैयत त्राहिमाम कर रहे हैं। आधा दर्जन से अधिक पुल-पुलिया नहीं बने। बेतिया विधानसभा सीट पर कब कौन जीता 1951 : प्रजापति मिश्र, कांग्रेस 1952 : केतकी देवी, कांग्रेस 1957 : जय नारायण प्रसाद, कांग्रेस 1957 : जगन्नाथ प्रसाद स्वतंत्र, कांग्रेस 1962 : जय नारायण प्रसाद, कांग्रेस 1967 : एचपी सहाय, कांग्रेस 1969 : गौरीशंकर पांडेय, कांग्रेस 1972 : कृष्ण मोहन पांडेय, कांग्रेस 1977 : गौरीशंकर पांडेय, कांग्रेस 1980 : गौरीशंकर पांडेय, कांग्रेस 1985 : गौरीशंकर पांडेय, कांग्रेस 1990 : मदन प्रसाद जायसवाल, भाजपा 1995 : बीरबल यादव, जनता दल 2000 : रेणु देवी, भाजपा 2005 (फरवरी) : रेणु देवी, भाजपा 2005 (अक्टूबर) : रेणु देवी, भाजपा 2010 : रेणु देवी, भाजपा 2015 : मदन मोहन तिवारी, कांग्रेस 2020 : रेणु देवी, भाजपा

तीन चरणों में होंगे बिहार विधानसभा चुनाव, चुनाव शेड्यूल अक्टूबर में जारी होने की उम्मीद

पटना बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है। भारत निर्वाचन आयोग अक्टूबर के महीने में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर सकता है। बिहार चुनाव के लिए वोटिंग नवंबर में संभावित है। विधानसभा चुनाव को तीन चरणों में आयोजित किया जा सकता है। नवंबर 2025 में ही चुनाव के नतीजे घोषित होंगे और नई सरकार का गठन होगा। क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है। इससे पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार में चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि नवंबर 2025 के पहले एवं दूसरे सप्ताह में 3 चरणों में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कराया जा सकता है। दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहारों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीखें तय की जाएंगी। फिलहाल निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारी में जुटा है। करीब 22 साल बाद बिहार में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कराया जा रहा है। इसके तहत घर-घर सर्वे का काम जुलाई महीने में पूरा कर लिया गया। अगस्त महीने में एसआईआर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर इस पर दावा और आपत्तियां मांगी गई थीं। आयोग अब इनके निपटारों में जुटा हुआ है। 30 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। उसी के आधार पर विधानसभा चुनाव होंगे। अक्टूबर में आ सकता है चुनावी शेड्यूल माना जा रहा है कि फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित होने के बाद निर्वाचन आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में हो सकती है। चुनाव शेड्यूल जारी होते ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लग जाएगी। अक्टूबर महीने में ही दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहार हैं, उस दौरान वोटिंग कराए जाने की संभावना नहीं है। 28 अक्टूबर को उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के बाद छठ महापर्व का समापन होगा। इसके बाद ही विधानसभा चुनाव का मतदान संभव है। पिछली बार भी तीन चरणों में हुई थी वोटिंग 2020 में भी 3 चरणों में विधानसभा चुनाव कराए गए थे। पहले चरण में 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को मतदान हुआ था। दूसरे चरण में 94 सीटों पर 3 नवंबर को और 78 सीटों पर 7 नवंबर को वोटिंग हुई थी। 10 नवंबर को मतगणना के बाद चुनाव का रिजल्ट घोषित हुआ था।  

एटीएस खंगाल रही मयंक के कनेक्शन, अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टरों से जुड़ाव का पता चला

रांची अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर झारखंड लाया गया अंतरराष्ट्रीय अपराधी सह कुख्यात अमन साव गिरोह के अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह का पाकिस्तानी आतंकियों से भी संबंध खंगाला जा रहा है। झारखंड पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) छानबीन में जुटा है। अब तक की जांच में किसी आतंकी संगठन से उसकी साठगांठ तो नहीं मिले हैं, लेकिन मयंक ने जिन हथियारों की आपूर्ति पाकिस्तान से करवाई है, वैसे हथियार वहां के आतंकी उपयोग में लाते रहे हैं। इस बिंदु पर एटीएस की छानबीन जारी है। एटीएस के अधिकारी जल्द ही मयंक सिंह की निशानदेही पर पंजाब में उस जगह का भी सत्यापन करेंगे, जहां पाकिस्तानी ड्रोन से हथियार पहुंचाए गए थे। एटीएस को पूछताछ में उसने बताया है कि उसे पाकिस्तान के पेशावन से हथियार की आपूर्ति पंजाब में की जाती थी। इसके बाद पंजाब से सड़क व रेलमार्ग से वे हथियार झारखंड पहुंचाए गए थे। एटीएस भारत में सक्रिय रहे आतंकी संगठन अलकायदा इंडिया सब कंटिनेंट (एक्यूआइएस), लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के सहयोगियों से मयंक के रिश्ते की जानकारी जुटा रही है। आतंक फैलाने की साजिश रचने आदि से संबंधित मामलों में मयंक सिंह पर यूएपी अधिनियम के तहत भी कानूनी कार्रवाई होगी। उसने इंटरनेट काल कर मलेशिया में बैठकर भारत के कारोबारियों से रंगदारी मांगी व धमकी दी थी। इसमें उसे तीन कुख्यात अपराधियों लारेंस विश्नोई, अनमोल विश्नोई व गोल्डी बरार ने सहयोग किया।लारेंस विश्नोई को अमन साव के अन्य गुर्गों ने मोबाइल नंबर व अन्य सूचना उपलब्ध कराया था और उसने ही अमन साव से मयंक को मिलवाया था।  

बिहार बंद का कारण: लालू यादव ने मोदी और गुजराती के बयान पर जताई नाराजगी

पटना राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी को दी गई मां की गाली के खिलाफ एनडीए दलों के बिहार बंद का विरोध किया है और कहा कि बिहारियों को गुजराती लोग हल्के में ना लें। मोदी को गाली प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी समेत एनडीए के सारे दलों ने बिहार बंद किया है। राज्य के सभी जिलों में एनडीए दलों के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं। बंद के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के खिलाफ नारबाजी भी हुई है। लालू ने एक ट्वीट में मोदी के साथ भाजपा पर हमला किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लालू यादव ने लिखा है, "क्या प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपाइयों को आदेश दिया है कि आज पूरे बिहार और बिहारियों की माताओं-बहनों और बेटियों को गाली दो? गुजराती लोग बिहारियों को इतने हल्के में ना लें? यह बिहार है। बीजेपी के गुंडे-मव्वाली सम्मानित शिक्षिकाओं, राह चलती महिलाओं, छात्राओं, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और पत्रकारों को गालियां दे रहे है, उनके साथ हाथापाई कर दुर्व्यवहार कर रहे है? क्या यह उचित है?" राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पीएम मोदी को गाली को उनकी मां का अपमान बताकर सियासत जोरों पर है। गुरुवार को सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक बंद का ऐलान किया गया था। सभी जिलों से बंदी की खबरें आईं हैं। कई जिलों में उग्र प्रदर्शन भी हुए। हालांकि ट्रेन और आवश्क सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया था। बिहारशरीफ में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी जाम में फंस गए। वो राजगीर जा रहे थे कि नालंदा के पतासंग गांव के पास एनएच-20 पर उनका काफिला जाम में फंसा दिखा।  

हाथियों का उत्पात: रांची के कुल्लू में मकान ध्वस्त, परिवार तबाही का शिकार

रांची झारखंड के रांची जिले के चान्हो प्रखंड के ग्राम कुल्लू में आज तड़के हाथियों के एक झुंड ने जगदीश गंझु के घर को ध्वस्त कर दिया। वहीं घर के अंदर रखे चावल, बर्तन और घर में रखी चीजों को भी बर्बाद कर दिया। हाथियों के हमले से जगदीश गंझु को काफी नुकसान हुआ है। जगदीश गंझु एक गरीब परिवार से हैं और उनके परिवार के लिए यह एक बड़ा झटका है। हाथियों के इस हमले से ग्रामीणों में डर का माहौल व्याप्त हो गया और लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं। उन्हें चिंता है कि आगे भी हाथियों का हमला हो सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि हाथियों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं और प्रशासन को इस मामले में तुरंत कारर्वाई करनी चाहिए और पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान करनी चाहिए। साथ ही हाथियों को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।