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धार्मिक पर्यटन को मिली नई उड़ान, कई परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास

महर्षि विश्वामित्र पार्क, मां मुंडेश्वरी धाम परिसर का जीर्णोद्धार, गुप्ताधाम आदि परियोजनाएं शामिल   पटना बिहार की ऐतिहासिक और पौराणिक पहचान को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने सोमवार को बक्सर जिले में “महर्षि विश्वामित्र पार्क” निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। सोन नहर के स्केप चैनल के दोनों ओर विकसित होने वाला यह पार्क बक्सर की सांस्कृतिक विरासत और पौराणिक महत्व को नए अंदाज में प्रस्तुत करेगा।  पार्क में वॉकिंग ट्रैक, ओपन जिम, योगा पार्क, ओपन एयर एम्फीथिएटर, केबल-आधारित हैंगिंग ब्रिज, ग्रामीण हाट, जेन गार्डन, कैफेटेरिया और बच्चों के खेलने का जोन जैसी सुविधाएं होंगी। गंगा तट पर महर्षि विश्वामित्र की आदमकद प्रतिमा और “सिद्धाश्रम म्यूजियम” पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण होंगे। दूषित जल और कचरे के निस्तारण के लिए मिनी एसटीपी और बायो-रेमेडिएशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसी क्रम में मंत्री ने हाल ही में रोहतास जिले के पौराणिक स्थल बाबा गुप्ताधाम में 14.91 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली “गुप्ताधाम ईको-पर्यटन विकास योजना” का शिलान्यास भी किया। इस योजना के तहत दुकानों का उन्नयन, नए प्रवेश द्वार, श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला, खान-पान क्षेत्र, शौचालय और बिजली-पानी की व्यवस्था विकसित की जाएगी। शिवलिंग का लाइव टेलिकास्ट बड़े एलईडी स्क्रीन पर होगा और सभी व्यवस्थाएं सौर ऊर्जा से संचालित होंगी। इसके अलावा, हाल ही में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने  कैमूर जिले के मां मुण्डेश्वरी धाम परिसर के जिर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया। इसके तहत मंदिर तक जाने वाले रास्ते का चौड़ीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही रोहतास के दुर्गावती जलाशय स्थित करमचट डैम में बिहार की पहली बोटहाउस कैंप परियोजना का शुभारंभ भी किया गया। इस बोटहाउस में पर्यटकों के लिए एसी युक्त कमरे के साथ  किचन और 10 लोगों के बैठने की क्षमता है।  पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने कहा कि इसके पीछे हमारा उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है क्योंकि हमारा मानना है कि धार्मिक पर्यटन क्षेत्र लॉंग लास्टिंग होते हैं। लोगों की आस्था को देखते हुए इसमें बहुत काम करने की जरूरत है। हम बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में भी कई योजनाएं शुरू करने वाले हैं ताकि रिजनल इम्बैलेंस ना हो। राजगीर में हमारे विभाग ने बहुत काम किया है जहां का रिजल्ट भी काफी अच्छा देखने को मिल रहा है। इसी से प्रेरित होकर कई अन्य जगहों पर भी विकास करने का प्रयास किया जा रहा है।

पटना और गया से सीधे काठमांडू, सिंगापुर, बैंकॉक… बिहार सरकार का बड़ा ऐलान

बड़ी खबर : बिहार से दुनिया तक सीधी उड़ान का नया दौर शुरू, पूरब, पश्चिम, उत्‍तर और दक्षिण दुनिया से जुड़ेगा बिहार!  बिहार से दुनिया तक सीधी उड़ान! 5 इंटरनेशनल रूट्स पर जल्द उड़ान भरेंगी विमान सेवाएं पटना और गया से सीधे काठमांडू, सिंगापुर, बैंकॉक… बिहार सरकार का बड़ा ऐलान   बिहार में हवाई क्रांति! पहली बार इंटरनेशनल फ्लाइट्स को मिलेगा VGF सपोर्ट  अब बिहार से सीधे विदेश! पर्यटन और व्यापार को मिलेगा नया आयाम  गया–शारजाह और पटना–काठमांडू सहित 5 रूट्स पर उड़ान भरेंगी इंटरनेशनल फ्लाइट्स   पूरब, पश्चिम, उत्‍तर और दक्षिण दुनिया से जुड़ेगा बिहार! पटना राज्‍य सरकार की ओर बिहार को अंतरराष्‍ट्रीय हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने का बड़ा प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत वीजीएफ राशि की घोषणा की गई है। यह VGF इसलिए दी जा रही है ताकि बिहार से उड़ान भरने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट को प्रोत्‍सा‍हन दिया जा सके। अपर मुख्‍य सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय, एस सिद्धार्थ ने बताया कि हमारी कोशिश बिहार को चारों दिशाओं में इंटरनेशनल कनेक्टिविटी से जोड़ने की है।  सभी एयर लाइंस कंपनियों को भेजा पत्र एस. सिद्धार्थ ने आज कैबिनेट की ब्रीफिंग के दौरान इस बात की जानकारी दी कि इंटरनेशलन एयरलाइंस सेवा शुरू करने के लिए सरकार की ओर से कदम उठा दिया गया है। सरकार की ओर से देश के सभी इयरलाइंस कंपनियों के बिड आमंत्रित करने के लिए पत्र भेज दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया निविदा के माध्‍यम से पूरी की जाएगी।  चारों दिशाओं के देश से जुड़ेगा बिहार  उन्‍होंने इस बात पर उत्‍साह जताया कि बिहार सरकार चारों दिशाओं लिए नये अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने की नीति’ को मंजूरी दे दी है। इसके जरिये बिहार उत्‍तर में नेपाल, दक्षिण में कोलंबो, पूर्व सिंगापुर और पश्चिम शारजाह से सीधे कनेक्‍ट हो जाएगा।  छोटा प्‍लेन नहीं ले जा सकते : एस सिद्धार्थ इस नीति के तहत एयरलाइंस कंपनियों को व्यवहार्यता अंतर निधि (VGF) से वित्तीय सहायता दी जाएगी ताकि वे नई अंतर्राष्‍ट्रीय उड़ानें शुरू कर सकें। अपरमुख्‍य सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय ने जानकारी दी कि अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानों के लिए वीजीएफ उन हवाई जहाजों के लिए होगी जिनकी सिटिग कैपेसिटी (यात्रियों के बैठने की क्षमता) कम से कम 150 होगी। उन्‍होंने कहा कि वीजीएफ के जरिए सहायता छोटे प्‍लेन के नहीं है।    एस सिद्धार्थ का कहना है कि जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, पटना और गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की भौगोलिक स्थिति बिहार को अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल और ट्रेड का बड़ा केंद्र बना सकती है। अब हमें इंतजार है कि एयरलाइंस कंपनियां इन आकर्षक रूट्स पर कब से उड़ान भरना शुरू करती हैं। किन रूट पर कितनी मिलेगी वीजीएफ की फंडिंग पटना–काठमांडू : 5 लाख रुपये प्रति राउंड ट्रिप गया–शारजाह : 10 लाख रुपये प्रति राउंड ट्रिप गया–बैंकॉक : 10 लाख रुपये प्रति राउंड ट्रिप गया–कोलंबो : 10 लाख रुपये प्रति राउंड ट्रिप गया–सिंगापुर : 10 लाख रुपये प्रति राउंड ट्रिप इस नीती से ये होगा लाभ  बिहार सरकार का मानना है कि इस कदम से बिहार की राष्ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में हिस्सेदारी बढ़ेगी। इसके अलावा पर्यटन और उद्योग दोनों क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। नई अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई मार्ग तैयार होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और बिहार राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए और सुलभ बनेगा।

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज, 2025 लागू करने पर लगी कैबिनेट की मुहर

बिहार में उद्योगों को नए तरीके से प्रोत्साहित करने में जुटी सरकार  बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज, 2025 लागू करने पर लगी कैबिनेट की मुहर  कैबिनेट में 26 एजेंडे मंजूर, 100 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली कंपनियों को मुफ्त जमीन पटना राज्य में उद्योगों को नए सिरे से गति प्रदान करने के लिए विशेष प्रोत्साहन नीति की घोषणा की गई है। इससे संबंधित बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज (बीआईआईपीपी) 2025 की मंजूरी राज्य कैबिनेट की बैठक में दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 26 एजेंडों पर मुहर लगी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण उद्योग से जुड़े इस खास प्रोत्साहन पैकेज और इंडस्ट्रियल पार्क को मंजूरी दिया जाना है। कैबिनेट की बैठक के बाद इससे संबंधित विस्तृत जानकारी मुख्य सचिव (सीएस) अमृत लाल मीणा ने सूचना भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। गौरतलब है कि 15 अगस्त गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन राज्य में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कई नई रियायतों की घोषणा की थी। इन्हें ही अमलीजामा पहनाते हुए कैबिनेट की मुहर लगाई गई है।         मुख्य सचिव श्री मीणा ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक सूबे में निवेश करने वाले उद्योगों के लिए मुफ्त औद्योगिक क्षेत्र की जमीन, टैक्स में छूट समेत अन्य खास प्रोत्साहन शामिल हैं। राज्य में 100 करोड़ या इससे अधिक का निवेश और 1 हजार रोजगार देने वाली कंपनियों को 10 एकड़ तक जमीन् मुफ्त जमीन मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। साथ ही 1 हजार करोड़ या इससे अधिक रुपये का निवेश करने वाली कंपनियों को 25 एकड़ तथा फॉर्च्युन 500 की श्रेणी में आने वाली कंपनियों को मुफ्त 10 एकड़ जमीन दी जाएगी। इन्हें 1 रुपये के टोकन मनी पर बियाडा के स्तर से चिन्हित औद्योगिक पार्क या क्षेत्र में जमीन दी जाएगी। इससे कम निवेश करने वाली या इस दायरे से बाहर की कंपनियों को बियाडा की जमीन दर पर 50 फीसदी की छूट पर औद्योगिक जमीन मुहैया कराई जाएगी।   तीन तरह की वित्तीय सहायता उद्योग लगाने वालों को श्री मीणा ने बताया कि बिहार में उद्योग स्थापित करने वालों को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तीन तरह के विकल्प दिए गए हैं। इन तीनों में किसी एक विकल्प को कोई भी औद्योगिक इकाई अपना सकती हैं। पहला विकल्प के तौर पर बैंक से लिए लोन पर ब्याज दर में 40 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता एवं स्टेट जीएसटी पर सौ फीसदी तक की छूट देना शामिल है। दूसरा, 14 वर्षों तक कुल एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति, जो अनुमोदित प्रोजेक्ट का 300 फीसदी तक होगा। अनुमोदित परियोजना का 20 से 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। तीसरा है, कैपिटल सब्सिडी प्रदान करना, जो स्वीकृत प्रोजेक्ट की लागत का 30 फीसदी तक हो सकता है। कुछ अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी सूबे में निवेश करने वाली कंपनियों को कुछ अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं। इसमें निर्यात करने वाली कंपनियों को निर्यात प्रोत्साहन के तहत 14 वर्षों तक 40 लाख प्रति वर्ष की छूट देना। टेक्सटाइल इकाईयों के लिए 5 हजार रुपये प्रति महीने प्रति कर्मी देने वाली इकाईयों को ईएसआई एवं ईपीएफ में 300 प्रतिशत तक का लाभ। वहीं, दूसरी श्रेणी की कंपनियों के लिए 2 हजार रुपये मासिक देने वाले कर्मियों के लिए ईएसआई एवं ईपीएफ में 100 प्रतिशत तक का लाभ। इसके अतिरिक्त पर्यावरण संरक्षण अनुदान, रिन्यूअल एनर्जी उपयोग, सीएफसी डेवलपमेंट प्रोत्साहन प्रदान की जाएगी। राज्य में विकसित किए जाएंगे 32 औद्योगिक पार्क सीएस अमृत लाल मीणा ने कहा कि पिछले वर्ष 2024 में सभी जिलों खासकर जहां औद्योगिक पार्क नहीं है या जमीन समाप्त हो गई है, तो वहां नए सिरे से इसे विकसित किया जा रहा है। राज्य में पिछले एक से सवा साल के दौरान 32 औद्योगिक पार्क विकसित करने की रूपरेखा तैयार की गई है। इसके लिए 14 हजार 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण बियाडा के माध्यम से किया गया है। इसमें 2 हजार 700 एकड़ सरकारी जमीन है, जिसमें 700 एकड़ का स्थानांतरण किया जा चुका है। 2 हजार जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। बियाडा की तरफ से 8 हजार एकड़ जमीन अर्जित किया गया है। वहीं, पिछले एक-सवा वर्ष के दौरान 14 हजार 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है।        जहां-जहां औद्योगिक पार्क विकसित किए जा रहे हैं, वहां से रेल और सड़क मार्ग की सुगम कनेक्टिविटी का खासतौर से ध्यान रखा गया है। पूर्णिया एक्सप्रेसवे के पास पूर्णिया के के-नगर अंचल में 66 करोड़ 91 लाख रुपये की लागत से 279.65 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। दरभंगा के बहादुरपुर मौजा में 376 करोड़ रुपये की लागत से 385.45 एकड़, शिवहर के तरियानी अंचल में 105 करोड़ से 270 एकड़, रोहतास के शिवसागर अंचल में 154 करोड़ की लागत से 492.85 एकड़, शेखपुरा के चेवड़ा अंचल में 42 करोड़ 16 लाख रुपये से 250 एकड़ और भोजपुर के तरारी अंचल में 52 करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से 249.48 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। गिफ्ट सिटी की तर्ज पर बनेगा फिनटेक सिटी गुजरात के अहमदाबाद एवं गांधीनगर के बीच मौजूद गिफ्ट सिटी की तर्ज पर पटना जिला के फतुहां अंचल में फिनटेक सिटी को बनाया जाएगा। फतुहां के जैतीया मौजा के पास मल्टी मॉडल हब से सटे 408 करोड़ रुपये की लागत से 242 एकड़ का अधिग्रहण कर इस सिटी का निर्माण कराया जाएगा। इसका उदेश्य नवाचार आधारित उद्यमों, उन्नत तकनीक और निर्यात उन्नुख उद्योगों को एक ही परिसर में समावेशित कर एक प्रतिस्पर्धी पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जाएगा। इससे राज्य में लॉजिस्टिक क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ‎

सरकार का वादा निवेशकों को निवेश करने के लिए भूमि की नहीं होगी कमी

बिहार की औद्योगिक तस्वीर बदलने वाले पैकेज को कैबिनेट की मंजूरी  सरकार का वादा निवेशकों को निवेश करने के लिए भूमि की नहीं होगी कमी  बिहार में औद्योगिक क्रांति की ओर बड़ा कदम: नीतीश सरकार ने लॉन्च किया औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025  पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में उद्योगों को नई ऊँचाई देने और युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर सृजित करने के उद्देश्य से बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) की घोषणा की है। जिसे आज कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है। इस पैकेज को सरकार की महत्वाकांक्षी पहल बताया जा रहा है, जिसके तहत अगले पाँच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार और नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।  पैकेज की प्रमुख विशेषताएँ  # 40 करोड़ रुपए तक ब्याज सब्सिडी (Interest Subvention) # नई इकाइयों को 14 वर्षों तक स्वीकृत परियोजना लागत का 300% तक SGST की प्रतिपूर्ति # 30% तक पूंजीगत सब्सिडी (Capital Subsidy) # निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्षों तक 40 लाख रुपए प्रतिवर्ष # कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति # निजी औद्योगिक पार्कों, पेटेंट पंजीकरण एवं गुणवत्ता प्रमाणन को सहयोग  निवेशकों को भूमि मुफ्त  # सरकार ने निवेशकों के लिए भूमि आवंटन को भी आकर्षक बनाया है। # 100 करोड़ से अधिक का निवेश और 1000 से अधिक रोजगार देने वाली इकाइयों को 10 एकड़ भूमि मुफ्त # 1000 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली कंपनियों को 25 एकड़ भूमि मुफ्त # फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क  आवेदन की अंतिम तिथि  इस पैकेज का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 तक आवेदन करना अनिवार्य होगा।  सीएम नीतीश कुमार का लक्ष्य  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस नई औद्योगिक नीति से बिहार के युवाओं को राज्य के अंदर ही बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। उनका उद्देश्य है कि बिहार आत्मनिर्भर, औद्योगिक रूप से सशक्त और युवाओं का भविष्य सुरक्षित राज्य बने।  बिहार को मिलेगा औद्योगिक बढ़ावा  विशेषज्ञों का मानना है कि BIPPP-2025 से राज्य में न केवल निवेश का माहौल बेहतर होगा, बल्कि बिहार उद्योग और रोजगार का हब बनकर उभरेगा।

BIPPP-2025: बिहार में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए नया निवेश पैकेज लागू

पटना  बिहार में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के बाद अब नया बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) लागू किया है। इसके तहतः- (1) 40 करोड़ रूपए तक की ब्याज सब्सिडी (Interest Subvention) दी जाएगी। (2) नई इकाइयों को स्वीकृत परियोजना लागत का 300 प्रतिशत तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों के लिए की जाएगी। (3) 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी (Capital Subsidy) प्रदान की जाएगी। (4) निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लए 40 लाख रूपए प्रतिवर्ष होगी। इसके अतिरिक्त कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग, पेटेंट पंजीकरण एवं गुणवत्ता प्रमाणन हेतु सहायता दी जाएगी। इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 के तहत निवेश को बढ़ावा देने के लिए निःशुल्क भूमि आवंटित की जाएगी। 100 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली एवं 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। 1000 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 25 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। इस औद्योगिक पैकेज 2025 के अंतर्गत लाभ लेने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 से पूर्व आवेदन करना अनिवार्य होगा। इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 से 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने में सहायता मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य है कि बिहार में उद्योगों को और ज्यादा बढ़ावा मिले, बिहार के युवा दक्ष एवं आत्मनिर्भर हों तथा उन्हें राज्य के अंदर ही अधिक से अधिक रोजगार मिल सके एवं उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। उद्योग विभाग  बिहार औधोिंगक निवेश पोरसाहन पैकेज (BIPp), 2025 की रचीकित के संबंध में। 2. उधोग विभाग  बिहार  में औधोिंगक सेज के िवरतार हेतु भोजपुर (आर)ि जला अ्तगत अंचल-तरारी के मौजा-मिनकप्र थानासंछया-174, रकबा-56.02 एकड मौजा-पटखोली, थानासंया-173, रकबा-15.48 एकड, मौजा-बौरी, थानानं0-175, रकबा-71.53 एकड, मौजा-बेलिउहरी, थानानं0-110, रकबा-9.98; एकड एवं मौजा-र्नी,शाना नं0-172, रकबा-96.47 अथित कुल समिकत रकबा-249.48 एकड भिम का 3आधारभत संरचना िवकास पािधकार, पटना के मायम से िधगहण एवं िधगहण कीपावकिलत रिश 50 52, 62, 22, 910/-(लपये बावन करोडबासठ लाख बाईस हजार नौ सौ दस) माब के यय कीरवीकित के संबंध में। 3. उछोग िवभाग शेखपुरा िजला अलगत अंचल-चेवड़ा, मौजा-हंसापुर थाना नं0-07 एवं मौजा-अरथावाँ, थाना नं0-04 में कुलरकबा-250.06 एकड भिम का आधारभूत संरचना िवकासािधकार, पटना के मायम से िधघहण एवं िधणहण कीपावकिलत रिश 50 42, 16, 30, 233.00 (लपये िबयािलसकरोड सोलह लाख तीस हजार दो सौ तैंतीस) माज केयय की रवीकित के संबंध में। 4. उछोग िवभाग रोहतास िजला अलतगत अंचल-िशवसागर के मौजा-तारडीह, थाना नं -574 में कुल रकबा-492.85 एकड भूमका आधारभूत संरचना ियकास पािधकार, पटना के माะयमसे धगहण एवं िधयहण की पावकिलत रिश कमश:西0 1, 54, 07, 12, 370.00 (सपये एक अरब चौबन करोडसात लाख बारह हजार तीन सौ सतर) माब के यय कीरवीकित के संबंध में। उद्योग विभाग 5. शिवहर जिला अन्तर्गत अंचल तरियानी, मौजा-सलेमपुर थाना नं०-06, रकबा 147.43 एकड़ एवं मौजा बेलाही दुल्लाह, थाना-141 रकबा 122.58 अर्थात समेकित कुल रकबा 270.01 एकड़ भूमि का आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, पटना के माध्यम से अधिग्रहण एवं अधिग्रहण की प्राक्कलित राशि क्रमशः रु० 1,05,27,12,000/- (रूपये एक अरब पांच करोड़ सताईस लाख बारह हजार) मात्र के व्यय की स्वीकृति के संबंध में। उद्योग विभाग दरभंगा जिला अन्तर्गत अंचल बहादुरपुर, मौजा-तारालाही, थाना नं०-251 एवं मौजा-मोतनाजा तारालाही थाना-252 से कुल रकबा 361.38 एकड़ एवं अंचल-हनुमाननगर, मौजा-बिहारी मुकुन्द, थाना नं 221 एवं मौजा-अम्माडीह, थाना नं०-220 से कुल रकबा 24.07 एकड़ अर्थात समेकित कुल रकबा 385.45 एकड़ भूमि का आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, पटना के माध्यम से अधिग्रहण एवं अधिग्रहण की प्राक्कलित राशि क्रमशः रू० 3,76,07,79,329.00 (रूपये तीन अरब छिहत्तर करोड़ सात लाख उनासी हजार तीन सौ उनतीस) मात्र के व्यय की स्वीकृति के संबंध में। उद्योग विभाग थाना पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के समीप पूर्णिया जिला अन्तर्गत अंचल-के० नगर के मौजा-बिठनौली खेमचंद, नं०-24 में रकबा 119.55 एकड़, मौजा-गणेशपुर, थाना नं०-36 में रकबा 152.40 एकड़ एवं मौजा-डरवे चकला, थाना नं०-29 रकबा 7.70 एकड़ अर्थात कुल समेकित रकबा-279.65 एकड़ भूमि का आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, पटना के माध्यम से अधिग्रहण एवं अधिग्रहण की प्राक्कलित राशि रू० 66,91,91,318.00 (रूपये छियासठ करोड़ इकानवें लाख इकानवें हजार तीन सौ अठारह) मात्र के व्यय की स्वीकृति के संबंध में। उद्योग विभाग 8. पटना जिला अन्तर्गत अंचल-फतुहाँ में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (MMLP) परियोजना से सटे भू-भाग में GIFT- सामान औद्योगिक परियोजना के अधीन Fin Tech City विकसित करने हेतु मौजा-जैतीया, थाना नं०-79 में कुल रकबा 242 एकड़ भूमि का आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, पटना के माध्यम से अधिग्रहण एवं अधिग्रहण की प्राक्कलित राशि 4,08,81,30,503.00 (चार सौ आठ करोड़ इक्यासी लाख तीस हजार पाँच सौ तीन) रूपये मात्र के व्यय की स्वीकृति के संबंध में। ऊर्जा विभाग 9. बिहार राज्य जल विद्युत निगम के अंतर्गत 12 निर्माणाधीन परियोजनाओं में से 09 परियोजनाओं (तेजपुरा, डेहरा, सिपहा, वलिदाद, पहरमा, मथौली, राजापुर, अमेठी एवं डेहरी स्केप) के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलित राशि 166.81 करोड़ (एक सौ छियासठ करोड़ इक्यासी लाख) रूपये की स्वीकृति एवं शेष 03 परियोजनाओं (बरबल, रामपुर एवं नटवार) को बन्द करने की स्वीकृति प्रदान करने के संबंध में। 10. जल संसाधन विभाग पटना मुख्य नहर के बायें बांध-सह-सोन सुरक्षा तटबंध पर बैदराबाद में राष्ट्रीय राज्य मार्ग 139 (NH-139) से पालीगंज वितरणी के शीर्ष नियामक तक एवं पालीगंज वितरणी के सेवापथ पर पालीगंज शीर्ष नियामक से कोरियम मोड़ तक कालीकृत सड़क का निर्माण कार्य, प्राक्कलित राशि 10000.00 लाख रूपये (एक सौ करोड़ रूपये) की प्रशासनिक एवं व्यय की स्वीकृति। पथ निर्माण विभाग 11. पथ प्रमंडल बेनीपुर अंतर्गत कुशेश्वर स्थान (एस.एच-56) से फुलतोड़ाघाट पथ के कि०मी० 0.00 से 20.80 तक (कल लंबाई 20.80 कि०मी०) में मिट्टी कार्य, सीमेन्ट कंक्रीट पथ कार्य, आर०सी०सी० उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य, क्रॉस ड्रेन कार्य, ड्रेन निर्माण कार्य, डायवर्सन निर्माण कार्य, बचाव कार्य, रिटेनिंग वाल निर्माण कार्य, कम्पेन्सेटरी एफोरेटेशन कार्य, युटिलिटी शिफ्टिंग कार्य, भू-अर्जन कार्य, विविध कार्य एवं पथ फर्निचर कार्य सहित उन्नयन / निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत्यादेश संख्या 7025 (एस.) डब्लु.ई., दिनांक 11.09. 2018 से प्रदत्त मूल प्रशासनिक स्वीकृत राशि ₹24304.42 लाख का पुनरीक्षित राशि ₹38122.67 लाख (तीन सौ इक्कासी करोड़ बाईस लाख सड़सठ हजार) का प्रथम पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के … Read more

डायल-112 बनी जनता की जीवनरेखा: 43 लाख लोगों को मिली आपातकालीन मदद

– वर्तमान में डायल-112 पर फोन आने के बाद 14 मिनट लग रहे घटना स्थल तक पहुंचने में – एडीजी एनके आजाद ने प्रेस वार्ता कर दी पूरे मामले की जानकारी, 1833 वाहन हैं अभी इसमें पटना, बिहार पुलिस का डायल-112 आपातकालीन नंबर सामान्य विधि-व्यवस्था संभालने के साथ ही आम लोगों को हर तरह से मदद करने में भी जुटा हुआ है। 2022 में डायल-112 सेवा की शुरुआत की गई थी। अब तक इसके जरिए 43 लाख से अधिक नागरिकों को आपातकालीन सहायता पहुंचाई जा चुकी है। इस वर्ष अब तक 8 लाख से अधिक लोगों को आपात समय में सहायता मुहैया कराई जा चुकी है। यह जानकारी एडीजी (संचार एवं तकनीकी सेवा) एनके आजाद ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।       एडीजी ने कहा कि वर्तमान में इस आपातकालीन हेल्पलाइन सेवा पर कॉल करने के बाद पुलिस को संबंधित घटना स्थल तक पहुंचने में औसतन 14 मिनट का समय लगता है। आने वाले समय में इस समय को और कम करने की योजना है। इसके एक वाहन औसतन ड्रायवर छोड़कर 3 से 4 लोग होते हैं। इनकी संख्या बढ़ाने की योजना पर भी काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए चयनित कर्मियों को डेढ़ साल की ट्रेनिंग लेनी होती है। इस कारण कर्मियों की संख्या बढ़ाने में थोड़ा समय लगता है। इसके अलावा लोकेशन आधारित सिस्टम को अधिक सटीक बनाने के लिए मोबाइल फोन सेवा प्रदान करने वाले सेवा प्रोवाइडर को पूरे मामले की जानकारी दी गई है। जल्द ही उनके स्तर से तकनीकी तौर पर इस व्यवस्था को सशक्त किया जाएगा।        उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत 1833 वाहन जुड़े हुए हैं, जिसमें 1283 चार पहिया और 550 दो पहिया शामिल हैं। इनके माध्यम से चौबीस घंटे आपातकालीन सहायता मुहैया कराई जाती है। इस वर्ष जिन 8 लाख लोगों को सेवा मुहैया कराई गई है, उसमें 6 लाख कॉल सामान्य विधि-व्यवस्था से जुड़े आए थे। 1 लाख कॉल घरेलू एवं लैंगिक हिंसा, 43 कॉल एंबुलेंस की सहायता और 33 हजार कॉल अगलगी से संबंधित सहायता के लिए आ चुके हैं।        एडीजी ने बताया कि जिन लोगों को सुविधा मुहैया कराई जाती है, उनमें 10 से 15 फीसदी का ही फीडबैक मिल पाता है। इसमें 90 फीसदी लोग सेवा से संतुष्ट हैं। आने वाले समय में सौ फीसदी लोगों से फीडबैक लेने की ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है।      उन्होंने कहा कि 5 सितंबर 2024 से महिलाओं को यातायात के दौरान खासतौर से सुरक्षा प्रदान करने के लिए डायल-112 के जरिए एक विशेष पहल शुरू की गई थी। इसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। अब तक 200 से अधिक महिलाओं को उनकी मांग के अनुरूप सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इस एक हेल्पलाइन से अग्निशमन, महिला एवं बच्चों से जुड़ी समस्या, एंबुलेंस समेत अन्य सभी तरह की आपात नंबर समाहित कर दी गई हैं। इस नंबर पर फोन करके किसी तरह की सेवा प्राप्त की जा सकती है।  

लखनऊ में गूंजा ‘शुक्स’ का नाम, शुभांशु शुक्ला का हुआ भव्य स्वागत

आई.एस.एस. पर कदम रखने वाले पहले भारतीय का हजारों लोगों ने किया अभिनंदन सी.एम.एस. छात्र की गौरवशाली उपलब्धि का मना अभूतपूर्व जश्न लखनऊ,  लखनऊ के इतिहास में आज का दिन सदैव अविस्मरणीय रहेगा। ऐसा लगा, जैसे शहर थम-सा  गया हो, जब हजारों लोग अपने अन्तरिक्ष नायक.ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के स्वागत में उमड़ पड़े, जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (आई.एस.एस.) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय होने की ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है। राजकीय समारोह जैसी झलकियों के बीच, हजारों की संख्या में सी.एम.एस. छात्र, लखनऊ के प्रबुद्ध नागरिक व अन्य विशिष्ट हस्तियाँ लखनऊ एयरपोर्ट से सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर एक्सटेंशन कैम्पस तक अन्तरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की स्वागत यात्रा में शामिल हुए, जो हाल ही में आई.एस.एस. पर अपने ऐतिहासिक 18-दिवसीय मिशन से लौटे हैं। लहराते झंडों का सागर, पुष्पवर्षा और गगनभेदी नारों से 39 वर्षीय अन्तरिक्ष यात्री का अभूतपूर्व स्वागत देखने लायक था। शुभांशु का यह अन्तरिक्ष मिशन एक ऐसी अभूतपूर्व उपलब्धि है, जिसने जिसने भारत के अन्तरिक्ष कार्यक्रम को एक नया आयाम प्रदान किया है। अभूतपूर्व परेड का दृश्य: समारोह की शुरुआत एयरपोर्ट से हुई, जहाँ सी.एम.एस. प्रबन्ध प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन के नेतृत्व में छात्रों ने बैंड प्रस्तुति दी और अपने गौरवशाली पूर्व छात्र का माल्यार्पण किया। इसके बाद खुले वाहन पर निकलने वाली शोभायात्रा शहर की सड़कों से गुज़री, उनके पीछे हजारों की उल्लसित भीड़ ‘जय हिन्द’ और ‘जय जगत’ के नारे लगाती चल रही थी। जी-20 चौराहे पर तो स्वागत समारोह का दृश्य बेहद रोमांचक हो गया, जब हजारों लोगों की तालियों के बीच शुभांशु विनम्रता से हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे। अपने गृहनगर की भावनात्मक वापसी: भव्य शोभायात्रा का समापन सी.एम.एस. गोमती नगर एक्सटेंशन ऑडिटोरियम में हुआ, जहाँ खचाखच भरी सभा शुभांशु का इंतजार कर रही थी। जहाँ एक ओर, शुभांशु के रूप में मंच पर राष्ट्र का गौरव झलक रहा था तो वहीं दूसरी ओर विशिष्ट अतिथियों के साथ ही सी.एम.एस. छात्र और शुभांशु का परिवार.उनके माता-पिता, बहनें, पत्नी, पुत्र और अन्य परिजन इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने को तत्पर दिखे। इस अवसर पर शुभांशु की माताजी को फलों और फूलों से तौलकर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया तो वहीं दूसरी ओर उनके पिताजी श्री शम्भू दयाल शुक्ल को शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सी.एम.एस. प्रार्थना से हुई, तत्पश्चात ‘वन्दे मातरम्’ की सुमधुर व उत्साहपूर्ण प्रस्तुति से पूरा सभागार रोमांचित हो उठा। ‘जय जगत’ की भावना को किया साकार: अन्तरिक्ष यात्री शुभांशु का स्वागत करते हुए सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा, ‘शुभांशु की उपलब्धि केवल सी.एम.एस. की नहीं बल्कि हर भारतीय की है। उन्होंने सचमुच विद्यालय के आदर्श.वाक्य ‘जय जगत’ की भावना.को साकार किया है। हमें उन पर असीम गर्व है और हम उनके गगनयान मिशन समेत समस्त अन्तरिक्ष कार्यक्रमों की अभूतपूर्व सफलता की कामना करते हैं। सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गांधी ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि शुभांशु ‘राष्ट्र का गौरव’ हैं और उनकी उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। स्वागत समारोह में बोलते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जिस उत्साह से सी.एम.एस. छात्रों ने मेरा स्वागत व सम्मान किया है, उससे मैं अभिभूत हूँ। अपने घर व विद्यालय में आकर मैं बहुत खुश हूँ। इस अवसर पर शुभांशु शुक्ला ने सी.एम.एस. छात्रों से खास बातचीत में छात्रों के प्रश्नों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शान्त किया। समारोह की समाप्ति पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में शुभांशु शुक्ला ने सी.एम.एस. की प्रशंसा करे हुए अपनी ऐतिहासिक अन्तरिक्ष यात्रा के अनुभवों को साझा किया। अन्तरिक्ष अन्वेषण का नया अध्याय: एक्सिओम मिशन के तहत आई.एस.एस. से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने अन्तरिक्ष मिशन के दौरान इसरो के आगामी गगनयान मिशन हेतु महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग सम्पन्न किए। वे आधिकारिक रूप से वर्ष 2027 के गगनयान दल का हिस्सा घोषित हो चुके हैं। यह एक ऐसा अन्तरिक्ष मिशन साबित होगा, जो भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करेगा जिनके पास मानव अन्तरिक्ष उड़ान क्षमता है। कुल मिलाकर, आज का यह स्वागत समारोह मात्र एक अन्तरिक्ष यात्री का ही सम्मान नहीं था अपितु यह वह अविस्मरणीय दिन था जब लखनऊ स्वयं अपनी उपलब्धि पर गौरवान्वित हो रहा था।

राजस्व महा–अभियान : नौ दिनों में हुआ 35.36 फीसदी जमाबंदी पंजी की प्रति का वितरण

शिविर में आए आवेदनों में अररिया, खगड़िया, सुपौल हैं अग्रणी जमाबंदी पंजी के वितरण में वैशाली, अरवल और कैमूर अग्रणी जिलों में शामिल पटना, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से चलाए जा रहे राजस्व महा–अभियान (16 अगस्त से 20 सितम्बर 2025) के तहत राज्य के ग्रामीण परिवारों को जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराने तथा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर आवेदन लेने का कार्य सभी जिले में तीव्र गति से चल रहा है। 19 अगस्त से 24 अगस्त की अवधि में सभी 38 जिलों में 1584 शिविर लगाए गए। शिविर में कुल 50 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें जमाबंदी में सुधार के आवेदनों की संख्या सर्वाधिक 38340 है। ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने के आवेदनों की संख्या 7246, उत्तराधिकार नामांतरण के आवेदनों की संख्या 1465 एवं बंटवारा नामांतरण के आवेदनों की संख्या 1368 है। पिछले छह दिन में सर्वाधिक आवेदन अररिया में आए हैं। यहां आवेदनों की संख्या 5654 है। दूसरे नंबर पर खगड़िया है। यहां आवेदनों की संख्या 3131 है। तीसरे नंबर पर सुपौल है। यहां आवेदनों की संख्या 2754 है। इनके अतिरिक्त अन्य जिलों में भी अच्छी संख्या में आवेदन आए हैं। 16 अगस्त से 24 अगस्त की अवधि में सभी 38 जिलों में टीमों द्वारा 35.36 प्रतिशत जमाबंदी पंजी की प्रति का सफलतापूर्वक वितरण किया गया है। राज्य में कुल जमाबंदी की संख्या 3 करोड़ 60 लाख के करीब है। इसके मुकाबले एक करोड़ 27 लाख 26 हजार से अधिक जमाबंदी की प्रति का वितरण सभी जिलों में किया गया है। इस अवधि में कई जिलों ने वितरण में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। वैशाली (73.54%), अरवल (61.98%) और कैमूर (61.58%) जमाबंदी पंजी के वितरण के मामले में शीर्ष तीन स्थानों पर हैं। इनके अलावा गोपालगंज (61.14%), खगड़िया (60.26%), सीतामढ़ी(59.26%), जहानाबाद (57.12%), अररिया (51.50%), शेखपुरा (51.43%) तथा पूर्णिया (50.69%) ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसी क्रम में मधुबनी (46.45%), बक्सर (45.94%), भोजपुर (43.92%), मुजफ्फरपुर (41.76%), किशनगंज (39.81%), शिवहर (35.69%), सिवान (35.41%), दरभंगा (33.67%), मधेपुरा (32.91%) और नालंदा (32.38%) भी शीर्ष 20 जिलों में शामिल रहे हैं। पटना, बेगूसराय, गया, कटिहार, सहरसा, समस्तीपुर, सारण समेत अन्य जिलों में भी जमाबंदी की प्रति वितरण की स्थिति संतोषजनक है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अभियान का लक्ष्य है कि 15 सितम्बर तक राज्य के सभी पात्र परिवारों को उनसे संबंधित जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध करा दी जाए। इसके लिए अंचल के माइक्रो प्लान के हिसाब से कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों में मौजा स्तर पर निर्धारित टीम पहुंच रही है और जमाबंदी की प्रति, आवेदन प्रपत्र और पंफलेट उपलब्ध करा रही है। रैयत उपलब्ध कराई गई जमाबंदी पंजी की प्रति के हिसाब से आवेदन पंचायत में लगने वाले शिविर में जमा करेंगे। शिविर का आयोजन 20 सितंबर तक होगा। शिविर में आवेदन जमा करते मोबाइल पर ओटीपी आयेगा और आवेदन रजिस्टर्ड हो जाएगा। इसके उपरांत आवेदन पर हो रही कार्रवाई की सूचना मिलती रहेगी। बताते चलें कि राजस्व महा–अभियान के दौरान जमाबंदी की गलतियों में सुधार, छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण का कार्य किया जा रहा है।

भूख के खिलाफ बिहार ने जीती बड़ी जंग! हर महीने दो करोड़ से ज्‍यादा परिवारों को मुफ्त राशन

अब गरीबों की थाली नहीं रहेगी खाली! पारदर्शिता से समय पर पहुंचा अनाज पटना, बिहार ने भूख के खिलाफ जंग लगभग जीत ली है। इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और बिहार सरकार की पहल बड़ा सहारा बनी है।नतीजा ये है कि प्रदेश के 2.06 करोड़ से अधिक परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन मिल रहा है। दरअसल, ऐसा इसलिए संभव हो सका है कि बिहार सरकार ने इसे मिशन की तरह लिया। बताते चलें कि राशन वितरण में प्रणाली में लगातार गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही थी। जिसे सरकार ने सुधार लिया है। करोड़ों परिवारों को हर महीने अनाज अब ई-पीओएस मशीन के जरिए अनाज का वितरण किया जा रहा है। जिसका नतीजा है कि हर परिवार के प्रति सुरक्षा देने का संकल्प पूरा हो रहा है। इस योजना के तहत बिहार में हर महीने औसतन 4.25 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। PHH परिवारों (1.83 करोड़) को प्रति सदस्य 5 किलो अनाज (1 किलो गेहूं और 4 किलो चावल) मिलता है। वहीं, AAY परिवारों (22.81 लाख) को प्रति परिवार 35 किलो अनाज (7 किलो गेहूं और 28 किलो चावल) दिया जा रहा है। गरीबों के लिए यह योजना न सिर्फ राहत है बल्कि जीवन जीने की गारंटी बन गई है। ई-पीओएस मशीन से खत्म हुई धांधली बताते चलें, पहले राशन वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतें आम थीं, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। सभी जनवितरण केंद्रों पर ई-पीओएस मशीन लगाने से पूरा सिस्टम पारदर्शी हो गया है। लाभुक का नाम, पहचान, अनाज की मात्रा और वितरण की तारीख, सब कुछ रियल टाइम में रिकॉर्ड किया जाता है। इससे चोरी-छुपे गड़बड़ी की गुंजाइश ही नहीं रहती है। भूख के खिलाफ सबसे बड़ी जंग "हर घर अन्न–हर थाली में पोषण" यह सिर्फ नारा नहीं बल्कि बिहार सरकार का संकल्‍प है। गरीब परिवारों की जिंदगी में बदलाव लाने का निश्‍चय है। जिसे बिहार सरकार और नीतीश कुमार गंभीरतापूर्वक पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। अब बच्चों की थाली से खाना गायब नहीं होता और बुजुर्गों को भूखा सोने पर मजबूर नहीं होना होता है। बिहार में यह योजना भूख के खिलाफ सबसे बड़ी जंग बन चुकी है और गरीब परिवारों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।

ड्रैगन फ्रूट विकास योजना’ के तहत इस वर्ष मिलेगा 60 फीसदी का अनुदान

वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए कृषि विभाग ने मांगा है आवेदन पटना, बिहार सरकार किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 एवं 2026-27 के लिए 'ड्रैगन फ्रूट विकास योजना' की शुरुआत की है। इस योजना के पहले वर्ष अर्थात 2025-26 में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सरकार ने 60 फीसदी का अनुदान देने की घोषणा की है।       इस योजना के तहत, प्रति हेक्टेयर ड्रैगन फ्रूट की खेती की लागत 6.75 लाख है। जिसपर कुल 40 प्रतिशत अर्थात 2.70 लाख प्रति हेक्टेयर अनुदान मिलेगा। यह अनुदान दो चरणों में दिया जाएगा। 2025-26 में मिलने वाले अनुदान का 60 प्रतिशत, यानी 1.62 लाख और 2026-27 में शेष 40 प्रतिशत अनुदान, यानी 1.08 लाख रुपए दिए जाएंगे। 22 जिलों के लिए है यह योजना राज्य के 22 जिलों के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इन 22 जिलों में अररिया, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, गयाजी, जमुई, कैमूर, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, और सीवान शामिल हैं। उच्च मूल्य वाली फसल है ड्रैगन फ्रूट ड्रैगन फ्रूट एक उच्च मूल्य वाली फसल है, जो कम पानी में भी उगाई जा सकती है। बाजार में इसकी अच्छी मांग भी है। किसान एक बार इस फसल को लगाने के बाद लंबे समय तक लाभ कमा सकते हैं। इस तरह से यह योजना किसानों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ कमाने में मदद करेगी। 'ड्रैगन फ्रूट विकास योजना' बिहार के किसानों के लिए अवसर कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगी, बल्कि राज्य की कृषि विविधता को भी बढ़ावा देगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान कृषि विभाग की वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन दे सकते हैं। विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिले के जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।