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राजस्थान में टूटे 107 साल पुराने मानसून रिकॉर्ड, सितंबर में विदाई की उम्मीद

जयपुर राजस्थान में इस सीजन का मानसून ऐतिहासिक बन गया है। प्रदेश में 107 वर्ष बाद रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई है। वर्ष 1917 में राजस्थान में 844.2 मिमी वर्षा हुई थी, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड था। इस वर्ष 2025 में मानसून सीजन के दौरान अब तक 693.1 मिमी बारिश दर्ज हो चुकी है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार औसत से अधिक वर्षा के कारण प्रदेश के सभी जिलों में जल स्तर में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अब मानसून धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा है। 11 सितंबर के बाद से बारिश में तेज गिरावट देखने को मिलेगी। पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से मानसून की गतिविधियां धीमी हो जाएंगी और 20 सितंबर के बाद प्रदेश से इसकी पूरी तरह विदाई की संभावना है। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार राज्य में भारी बारिश की गतिविधियों से मंगलवार से ही राहत मिलने की पूरी संभावना है. इसके अनुसार पूर्वी राजस्थान के कोटा, भरतपुर, जयपुर, अजमेर, उदयपुर संभाग के अधिकांश भागों में आगामी एक सप्ताह बारिश की गतिविधियों में गिरावट जारी रहने व केवल छुटपुट स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। इसी तरह पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश भागों में भी आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियों में तेजी से गिरावट होने व 11 सितंबर से अधिकांश भागों में आगामी एक सप्ताह मौसम मुख्यतः शुष्क रहने का अनुमान है. इसके अनुसार मंगलवार को बाड़मेर, जैसलमेर व आसपास के जिलों में कहीं-कहीं हल्की व मध्यम बारिश होने की संभावना है। मानसून सीजन में प्रदेश में 23 जिलों में सामान्य से अत्यधिक, 17 जिलों में सामान्य से अधिक तथा 1 जिले में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में सीजन की सर्वाधिक वर्षा सिरोही जिले में हुई। यहां सीजन में कुल  2163 एमएम बारिश दर्ज की गई। वहीं सीजन में एक ही दिन में सर्वाधिक वर्षा बूंदी के नैनवा में 502 एमएम दर्ज की गई। सामान्य से अत्यधिक वर्षा वाले राजस्थान के जिले:     अजमेर     बालोतरा      बारां     ब्यावर     बूंदी     चूरू     दौसा     धौलपुर     डीडवाना-कुचामन     गंगानगर     हनुमानगढ़     जयपुर     जालौर     झुंझुनूं     जोधपुर     करौली     कोटा     नागौर     पाली     फलौदी     सवाई माधोपुर     सीकर     टोंक इन जिलों में हुई सामान्य से अधिक वर्षा     अलवर     जैसलमेर     बांसवाड़ा     बाड़मेर     भरतपुर     भीलवाड़ा     बीकानेर     चित्तौड़गढ़     डीग     डूंगरपुर     झालावाड़     खेड़थल-तिजारा     कोटपूतली-बहरोड़     प्रतापगढ़     राजसमंद     सलूम्बर     उदयपुर वहीं इस सीजन में जैसलमेर में सामान्य वर्षा दर्ज की गई।

लिटरेचर का त्योहार लौट रहा जयपुर: 15 जनवरी से शुरू होगा फेस्टिवल, नए आयोजनों के साथ

जयपुर जयपुर। दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक उत्सव, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF), 15 से 19 जनवरी 2026 तक राजधानी जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित होगा। यह फेस्टिवल अपने 19वें संस्करण में प्रवेश कर रहा है और इस दौरान साहित्य, राजनीति, विज्ञान, कला और विचार जगत के दिग्गज एक मंच पर जुटेंगे। वैश्विक मुद्दों पर सार्थक विमर्श और संवाद की यह परंपरा हर वर्ष की तरह इस बार भी नए दृष्टिकोण और कहानियों को सामने लाएगी। दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक उत्सव, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 15 से 19 जनवरी 2026 तक राजधानी जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित होगा। यह फेस्टिवल अपने 19वें संस्करण में प्रवेश कर रहा है और इस दौरान साहित्य, राजनीति, विज्ञान, कला और विचार जगत के दिग्गज एक मंच पर जुटेंगे। वैश्विक मुद्दों पर सार्थक विमर्श और संवाद की यह परंपरा हर वर्ष की तरह इस बार भी नए दृष्टिकोण और कहानियों को सामने लाएगी। खास बात यह है कि इस बार फेस्टिवल जनवरी के मध्य में आयोजित हो रहा है, जबकि पिछले दो वर्षों से यह फरवरी के शुरुआती हफ्तों में समाप्त होता था। वर्ष 2025 में यह 30 जनवरी से 3 फरवरी तक और 2024 में 1 से 5 फरवरी तक आयोजित हुआ था। आयोजकों ने बताया कि फेस्टिवल को लेकर फ्रेंड्स ऑफ फेस्टिवल (एफओएफ) पैकेज की शुरुआत की गई है। इन पैकेजों की शुरुआती कीमत 14,000 रुपए रखी गई है। पैकेज धारकों को जेएलएफ म्यूजिक स्टेज, गाला डिनर और प्रतिष्ठित राइटर्स बॉल जैसे विशेष आयोजनों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। हालांकि इसमें होटल स्टे शामिल नहीं है और सभी कार्यक्रमों में सीटें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर ही मिलेंगी। पैकेज को और आकर्षक बनाने के लिए डिस्काउंट ऑफर भी रखे गए हैं। पांच दिन बुकिंग कराने पर 20% छूट, चार दिन पर 15% और 2–3 दिन पर 10% की छूट दी जाएगी। साथ ही 31 दिसंबर 2025 तक कैंसलेशन करने पर 75% तक रिफंड मिल सकेगा। फेस्टिवल के दौरान भारत और विदेश के नामी लेखक, कलाकार और वक्ताओं से सीधे संवाद का अवसर मिलेगा। 15 से 17 जनवरी को जेएलएफ म्यूजिक स्टेज पर विश्वभर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 18 जनवरी को गाला डिनर के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी, जबकि 19 जनवरी को प्रतिष्ठित राइटर्स बॉल का आयोजन होगा। इसमें साहित्य, विचार, संगीत और संवाद के साथ सितारों भरी शाम का अविस्मरणीय अनुभव मिलेगा। आयोजकों के अनुसार जेएलएफ केवल साहित्य का उत्सव नहीं है, बल्कि विचारों और संस्कृतियों का वैश्विक संगम है, जो नई सोच और दृष्टिकोणों को जन्म देता है।

सुरक्षा पहले! कलेक्टर टीना डाबी ने आमजन से की अपील, पानी भरे इलाकों में जाने से रहें दूर

बाड़मेर जिले में लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने मंगलवार को समस्त स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में एक दिन का अवकाश घोषित किया। साथ ही उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलने की अपील की। पिछले तीन-चार दिनों से जिले में रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि एहतियात के तौर पर 9 सितंबर को जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश रहेगा, जबकि संबंधित स्टाफ को विद्यालय में उपस्थित होना होगा। उल्लेखनीय है कि सोमवार को भी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर यही निर्णय लिया गया था। जिला कलेक्टर ने बताया कि बारिश के चलते नदी-नालों में पानी की आवक बढ़ गई है। आमजन से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। जिला प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और आपदा प्रबंधन के लिए समुचित इंतजाम किए गए हैं। एहतियात के तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पटवारियों, ग्राम विकास अधिकारियों और सरपंचों के सहयोग से स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे बच्चों को तालाब और पानी से भरे स्थानों पर जाने से रोकें और सतर्कता के साथ सुरक्षित रहें।

मानसून की कमी ने बढ़ाई परेशानी, राजस्थान के लोग राहत की राह देख रहे

जयपुर राजस्थान में मानसून अब कमजोर पड़ने लगा है। मौसम विभाग का कहना है कि मौजूदा सप्ताह के दौरान बारिश की गतिविधियों में तेजी से कमी आएगी। छिटपुट स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। राजस्थान के उपर बना गहरा अवदाब क्षेत्र अब अवदाब में बदलकर पश्चिमी की ओर शिफ्ट हो रहा है। इससे प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में कमी आई है। मौमस विभाग की ओर से बाड़मेर और जैसलमेर को छोड़कर प्रदेश के किसी भी जिले में बारिश की चेतावनी नहीं दी गई है। इसके साथ ही अगले 4 दिनों के पूर्वानुमान में भी बारिश की चेतावनी नहीं है। अगस्त-सितंबर में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से भारी नुकसान उठाना पड़ा। सरकार ने विधानसभा में आंकड़े पेश किए कि प्रदेश में वर्षा जनित हादसों में 193 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गईं। खास तौर पर दौसा, सवाई माधोपुर, धौलपुर, अजमेर, सिरोही, जालौर, भरतपुर सहित करीब 20 जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि अतिवृष्टि के कारण अधिकांश क्षेत्रों में फसल 75% से लेकर 90% तक खराब हो चुकी है| बुवाई का समय भी समाप्त हो चुका है|    मुआवजे की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा किसानों को मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेस लगातार विधानसभा में प्रदर्शन कर रही है। 5 सितंबर को कांग्रेस विधायक मुआवजे की मांग को लेकर ट्रैक्टर पर बैठकर विधानसभा पहुंचे थे। कांग्रेस विधायकों के हाथों में फसलें भी थीं। इस दौरान काफी हो-हंगामा भी हुआ। सोमवार को भी कांग्रेस ने मुआवजे और कानून व्यवस्था को लेकर जमकर प्रदर्शन किया था।  सीएम के निर्देश 3  दिन में मरम्मत प्रस्ताव स्वीकृत हों सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने, अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों, नहरों, एनिकट तथा भवनों के मरम्मत के प्रस्तावों को तीन दिन में स्वीकृत करने के विशेष रूप से निर्देश दिए। साथ ही, इन स्वीकृत प्रस्तावों का कार्य 23 सितंबर तक प्रारंभ करने और क्षतिग्रस्त पक्के और कच्चे मकान की रिपोर्ट 2 दिन में प्राप्त कर तत्काल स्वीकृति जारी करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों से क्षतिग्रस्त सड़कों और भवनों के प्रस्ताव शीघ्र प्रेषित भी करवाए जाएं।

किरोड़ी और गोठवाल के बीच बैठक में संघर्ष, CM की तुरंत हस्तक्षेप से टला बवाल

जयपुर  भाजपा के अंदरूनी मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ रहे हैं। राजस्थान विधानसभा में आज मंगलवार को सीएम भजनलाल की ओर से बुलाई गई विधायक दल की बैठक में सरकार के कैबिनेट मंत्री और सीएम के करीबी विधायक जितेंद्र गोठवाल में जोरदार भिडंत हो गई। मामला तू- तड़ाक तक पहुंच गया। इसके बाद सीएम को दखल देकर दोनों को शांत करवाना पड़ा। जानकारी के अनुसार सुबह 10 बजे विधानसभा परिसर में सीएम भजनलाल शर्मा ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इसमें जितेंद्र गोठवाल ने सवाई माधोपुर में पीएचईडी से जुड़े एक अफसर की शिकायत करते हुए कहा कि वह मेरा काम नहीं कर रहा है। इस पर किरोड़ी ने कहा कि तुम फालतू बकवास करते हो। इसके बाद जितेंद्र गोठवाल ने भी किरोड़ी से आक्रामक अंदाज में बोलना शुरू किया। दोनों के बीच मामला तू तड़ाक तक पहुंच गया। इसके बाद सीएम भजनलाल शर्मा को बीच में दखल देकर मामला शांत करवाना पड़ा। वसुंधरा नहीं पहुंची विधायक दल की बैठक में विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे का शामिल नहीं होना भी चर्चाओं में रहा। हालांकि वसुंधरा राजे सोमवार को विधानसभा पहुंची थीं, जहां उन्होंने हां पक्ष में बीजेपी विधायकों से मुलाकात भी की थी। इसके बाद वे स्पीकर वासुदेव देवनानी से भी मिलीं थीं। लेकिन आज सीएम भजनलाल शर्मा ने विधायक दल की बैठक बुलाई उसमें वे मौजूद नहीं थीं। सीएम आज पेश करेंगे विधेयक विधानसभा में सीएम भजनलाल शर्मा आज धर्म स्वातंत्रा विधेयक पेश करेंगे। इसे लेकर ही यह विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। बीजेपी के लिए यह विधेयक बहुत अहम है।  पिछले सत्र में भी यह विधेयक लाया गया था लेकिन सरकार अब इसमें नए प्रावधान जोड़कर फिर से लाई है। 

नई राशन दुकानों के लिए जयपुर में खुला आवेदन, 70 स्टॉल की तैयारी, नियम और शर्तें देखें

जयपुर जयपुर जिले में नवसृजित 70 उचित मूल्य की राशन दुकानों के लिए आवेदन प्रक्रिया आज सोमवार से आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है। जिला रसद अधिकारी कार्यालयों द्वारा इच्छुक आवेदकों से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इन दुकानों में से 11 दुकानें "जयपुर प्रथम" और 59 दुकानें "जयपुर द्वितीय" क्षेत्र में खोली जाएंगी। यह पहल सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है। आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है, जबकि आवेदन जमा कराने की अवधि 15 सितंबर से 10 अक्टूबर 2025 तक है। आवेदन पत्र केवल कार्यदिवसों में सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक संबंधित कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं। आवेदन पत्र जिला रसद अधिकारी कार्यालय से निर्धारित शुल्क 100 रुपये में उपलब्ध होंगे और भुगतान डिमांड ड्राफ्ट या भारतीय पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से किया जाएगा। ई-मित्र, नोटरी बुक स्टोर या किसी अन्य माध्यम से प्राप्त फॉर्म स्वीकार नहीं किए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में आवेदन करने वाले आवेदक को उसी वार्ड का निवासी होना आवश्यक है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में आवेदक को उसी ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए। शैक्षणिक योग्यता के रूप में स्नातक होना अनिवार्य है, यदि स्नातक उपलब्ध न हो तो 12वीं उत्तीर्ण आवेदकों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। आवेदक को कंप्यूटर प्रशिक्षण आर.के.सी.एल. या समकक्ष सरकारी संस्थान से तीन माह का प्रशिक्षण आवश्यक है। यदि यह प्रशिक्षण पहले नहीं किया गया है तो चयन के बाद 6 माह के भीतर इसे पूरा करना होगा और शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन के साथ पहचान या निवास प्रमाण का प्रस्तुत होना अनिवार्य है, जिसमें वोटर आईडी, आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मतदाता सूची की सत्यापित प्रति शामिल हैं। आवेदन के लिए आयु सीमा 21 से 45 वर्ष के बीच रखी गई है, जिसे उपरोक्त प्रमाण पत्रों से सिद्ध किया जाएगा। यदि कोई समूह या स्वयंसेवी संस्था आवेदन करती है तो उसके अध्यक्ष, सचिव या प्रबंधक को भी उपरोक्त सभी योग्यताओं को पूरा करना होगा।

अलवर में बम धमकी का अलर्ट, मिनी सचिवालय को उड़ाने की दी गई चेतावनी

अलवर अलवर शहर के मिनी सचिवालय को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है। यह धमकी भरा मेल इस बार तमिलनाडु से भेजा गया है। मेल में साफ लिखा गया है कि दोपहर तक मिनी सचिवालय को खाली कर दिया जाए, वरना गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। धमकी मिलते ही प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह अलर्ट हो गए और सुरक्षा व्यवस्था को तत्काल कड़ा कर दिया गया।   सचिवालय परिसर में मचा हड़कंप धमकी की सूचना मिलते ही सचिवालय परिसर में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। परिसर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की गहन जांच की जा रही है। साथ ही आसपास के इलाके को भी सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है।   बम निरोधक दस्ते और पुलिस ने संभाला मोर्चा धमकी को गंभीरता से लेते हुए बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया। पुलिस की टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं और हर कोने की बारीकी से जांच कर रही हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं बरती जाएगी।   पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां गौरतलब है कि यह तीसरी बार है जब अलवर मिनी सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इससे पहले भी दो बार इसी तरह के मेल आ चुके हैं, जिनके चलते सचिवालय को खाली कराना पड़ा था। लगातार मिल रही धमकियों ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है। साइबर सेल कर रही जांच पुलिस की साइबर सेल इस मेल की जांच में जुट गई है। मेल भेजने वाले का लोकेशन तमिलनाडु से जुड़ा पाया गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि धमकी वास्तविक है या फिर अफवाह फैलाने की साजिश। अधिकारी मान रहे हैं कि इस तरह की बार-बार की धमकियां किसी बड़ी योजना का हिस्सा भी हो सकती हैं।   दहशत में शहरवासी, प्रशासन की अपील लगातार धमकियों ने शहरवासियों में दहशत का माहौल बना दिया है। लोग सचिवालय और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करें। एडीएम सिटी बीना महावर ने बताया कि जैसे ही धमकी भरे मेल की सूचना मिली, तुरंत सुरक्षा बलों को सक्रिय किया गया और सचिवालय को खाली कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

कांग्रेस विधायकों का प्रदर्शन: वसुंधरा विधानसभा में वेल में विरोध जारी

जयपुर राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी पहुंची। वसुंधरा राजे ने जिस अंदाज में अपनी सियासी सक्रियता बढ़ाई है उसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं। राजे दोपहर को शून्य काल के दौरान विधानसभा पहुंची। हालांकि वे सदन के अंदर नहीं गईं लेकिन हां पक्ष में बीजेपी विधायकों से मिलीं। इसके बाद उन्होंने स्पीकर वासुदेव देवनानी से भी मुलाकात की। इसी दौरान राजे ने विधानसभा देखने पहुंचे स्कूल के बच्चों से भी बातचीत की। इधर कांग्रेस विधायकों का विरोध प्रदर्शन सदन के भीतर भी जारी रहा। कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था को लेकर पहले सदन के बाहर नारेबाजी की। इसके बाद सदन में प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। चौमू से कांग्रेस विधायक शिखा बराला और नीमकाथाना से सुरेश मोदी ने स्थगन प्रस्ताव पर 2 मिनट बोलते हुए सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर विफल होने के अरोप लगाए। शिखा बराला ने कहा कि अपराधाें के मामले में जयपुर ने देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ दिया है। यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं है। दिन दहाड़े चैन स्नैचिंग हो रही है।  बीजेपी विधायकों ने विरोध किया तो कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। वहीं प्रश्नकाल दौरान खाद संकट और कालाबाजारी के मुद्दे पर भी जोरदार बहस देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक सवाल करते हुए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा से पूछा कि उन्होंने फैक्ट्रियों पर छापे तो मारे, लेकिन कितने मिलावटखोरों को जेल भेजा गया? उन्होंने मुख्यमंत्री की भरतपुर बैठक का हवाला देते हुए पूछा, "सीएम ने बैठक की, लेकिन उसका क्या नतीजा निकला?" इसके जवाब में कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि दो कंपनियों के गोदाम, जो टैगिंग से भरे थे, उन्हें सील कर दिया गया है। उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा, "हमें विपक्ष का भी साथ चाहिए ताकि कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई हो सके।" मीणा ने बताया कि भरतपुर में भी चूरू की तरह ही खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। "प्रदेश में किसी भी जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। केवल डीएपी की थोड़ी बहुत कमी है। लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आगे किसी भी प्रकार की खाद की कमी ना हो।" उन्होंने कहा कि डीएपी की कमी वैश्विक कारणों, विशेषकर यूक्रेन युद्ध और जियोपॉलिटिकल परिस्थितियों की वजह से आई है। "यूरिया की प्रदेश में कोई कमी नहीं है, और हम हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करेंगे।"  

सब इंस्पेक्टर भर्ती विवाद: हाईकोर्ट ने रद्दीकरण पर लगाई रोक, अगली सुनवाई डिवीजन बेंच में

जयपुर राजस्थान में बहुप्रतीक्षित सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 की परीक्षा रद्द करने में एक बड़ा मोड़ आ गया है। सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल पीठ द्वारा भर्ती रद्द करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। अब यह मामला जस्टिस एसपी शर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के लिए तय किया गया है। अमर सिंह व अन्य चयनित सब इंस्पेक्टरों ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की है। अपील में कहा गया है कि पेपर लीक का मामला व्यापक स्तर पर नहीं हुआ था, बल्कि यह कुछ व्यक्तियों तक ही सीमित था। आरपीएससी सदस्यों द्वारा लीक पेपर भी केवल उनके बच्चों और रिश्तेदारों तक पहुंचा था। ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द करना कानून सम्मत नहीं है। अपीलकर्ताओं ने यह भी दलील दी कि भर्ती की सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उन्हें नियुक्ति दी गई है। इस प्रकार उनके अधिकार सृजित हो चुके हैं और अब उन्हें नियुक्ति से वंचित करना न्यायसंगत नहीं होगा। कई चयनित उम्मीदवारों ने इस भर्ती के लिए अन्य सरकारी नौकरियां छोड़ी थीं। ऐसे में संपूर्ण भर्ती को निरस्त करना उनके साथ गंभीर अन्याय होगा। ट्रेनी एसआई की ओर से वरिष्ठ वकील आरएन माथुर, कमलाकर शर्मा, अलंकृता शर्मा और तनवीर अहमद पैरवी करेंगे। वहीं दूसरी ओर जिन याचिकाकर्ताओं के पक्ष में सिंगल बेंच का फैसला आया था, उन्होंने हाईकोर्ट में कैविएट दायर कर रखी है। उनके वकील हरेन्द्र नील ने कहा कि हम डिवीजन बेंच में भी मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट भी यह स्पष्ट कर चुका है कि यदि सही और गलत में छंटनी संभव न हो, तो भर्ती रद्द करना ही न्यायोचित कदम है। ऐसे में डिवीजन बेंच का फैसला हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य को प्रभावित करेगा।

महिला सुरक्षा संकट: राजस्थान में आधे साल में 2966 दुष्कर्म मामले दर्ज

जयपुर राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध  के आंकड़ें चिंता बढ़ाने वाले हैं। प्रदेश में साल 2025 में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 2966 मामले थानों में दर्ज हुए हैं। इनमें 12 प्रकरणों में दुष्कर्म के बाद हत्या किया जाना भी शामिल है। विधानसभा में पूछे गए गए सवाल के जवाब में सरकार की ओर से यह आंकड़े पेश किए गए हैं। कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने विधानसभा में सरकार से सवाल पूछा है कि प्रदेश में 1 जनवरी, 2025 से 30 जून, 2025 तक महिलाओं के साथ बलात्कार, बलात्कार के बाद हत्या, दहेज हत्या, आत्महत्या का दुष्प्रेरणा एवं महिला उत्पीड़न (दहेज) के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? इनमें से कितने प्रकरणों में चालान पेश कर दिया गया है एवं कितने प्रकरणों में अब तक अनुसंधान लम्बित हैं? इसके जवाब में गृह विभाग की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में एक जनवरी से 30 जून तक दुष्कर्म के कुल 2966 प्रकरण दर्ज हुए। वहीं 12 प्रकरणों में दुष्कर्म के बाद पीड़िताओं की हत्या भी कर दी गई। पुलिस की तरफ से इनमें 1387 प्रकरणों में चालान पेश कर दिए गए हैं जबकि 1187 में एफआर लगा दी गई। इनके अलावा 392 प्रकरण अभी लंबित बताए गए हैं। इसी अवधि में दहेज हत्या के 187 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 92 में चालान पेश किए गए जबकि 31 में एफआर लगा दी गई, तथा 64 प्रकरणों में अभी जांच चल रही है। महिला उत्पीड़न के कुल 6192 प्रकरण सामने आए जिनमें 3004 में चालान पेश किए गए तथा 1863 में एफआर लगा दी गई। जयपुर- अलवर में दुष्कर्म के मामले सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामलों में राजधानी जयपुर के हालात सबसे ज्यादा खबरा है। यहां कुल 293 दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज हुई हैं। इनमें से 128 मामलों में कोर्ट में चालान पेश हुए हैं। इनमें 2 मामले दुष्कर्म के साथ हत्या के भी हैं। जयपुर के बाद दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले अलवर जिले में रिपोर्ट हुए हैं। यहां दुष्कर्म की 143 एफआआईआर दर्ज हुई है। इनमें से 50 में चालान पेश किए गए हैं तथा 74 में एफआर लगा दी गई। गंगानगर में कुल 128 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से  45 मामलों में चालान पेश किए गए। 187 महिलाओं की दहेज हत्या दहेज के मालले भी चौंकाने वाले हैं। प्रदेश में दहेज के मामलों में 187 महिलाओं की हत्या हुई है। इनमें से 92 मामलों में कोर्ट में चालान पेश किए गए हैं। इनके अलावा महिला उत्पीड़न के 6 हजार से ज्यादा प्रकरण थानों में दर्ज हुए हैं। घरेलू हिंसा के मामलों में भावनात्मक और मानसिक प्रताड़ना, मारपीट, घर से बाहर निकालने की धमकी जैसी शिकायतें शामिल हैं। पिछले पांच साल में जयपुर जिले में 18 हजार से अधिक महिलाएं मदद मांगने आईं।