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गुफा, ध्यान और डिजिटल कमाई: रूसी महिला ने क्यों चुना भारत को अपना घर?

कर्नाटक 
कर्नाटक के गोकर्ण स्थित एक गुफा में मिली रूसी महिला से पूछताछ का दौर जारी है। फिलहाल, वह गुफा से बाहर निकाले जाने पर दुखी है। खबर है कि साल 2017 में उसका वीजा खत्म हो गया था, लेकिन वह भारत में बनी रही। गुफा में उसके साथ 6 और 8 साल की दो बेटियां भी हैं। वह बताती हैं कि करीबियों को खोने समेत ऐसे कई कारण थे, जिनके दुख के चलते वह रूस वापस नहीं लौटीं।

पीटीआई से बातचीत में 40 वर्षीय नीना कुटीना ने बताया, 'बीते 15 सालों में मैं करीब 20 देशों में गई हूं। मेरे बच्चे अलग-अलग जगहों पर पर पैदा हुए। मैंने बगैर डॉक्टरों या अस्पताल की मदद से खुद ही उनकी डिलीवरी की, क्योंकि मैं ये सब जानती थी। किसी ने मेरी मदद नहीं की। मैंने अकेले ही किया।'
गुफा में क्या करती थीं

नीना ने कहा, 'हम सूर्योदय के साथ जागते थे, नदियों में तैरते थे और प्रकृति में रहते थे। मौसम को देखकर मैं आग या गैस सिलेंडर पर खाना पकाती थी और पास के गांव से सामान खरीद कर लाती थी। हम पेंटिंग करते थे, गाने गाते थे, किताबें पढ़ते थे और शांति से रहते थे।' उन्होंने कहा, 'अब हमें असहज स्थिति में रखा गया है। यह जगह गंदी है। यहां कोई निजता नहीं है और हमें खाने के लिए सिर्फ सादा चावल मिलता है। हमारा कई सामान ले लिया गया है, जिसमें 9 महीने पहले गुजरे बेटे की अस्थियां भी हैं।'

कैसे चलता था खर्च
नीना ने कहा कि वह आर्ट और म्यूजिक वीडियो बनाकर और कभी-कभी पढ़ाकर या बेबीसिटिंग कर पैसा कमाती थी। उन्होंने कहा, 'मैं इन सब कामों के जरिए पैसा कमाती थी और अगर मेरे पास कोई काम नहीं होता था या मुझे कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिलता था जिसे काम की जरूरत नहीं होती थी, तो मेरे भाई, मेरे पिता और मेरा बेटा भी मदद करता था। हमें जो भी जरूरत होती थी, तो उसके हिसाब से हमारे पास पर्याप्त पैसा होता था।'

क्यों वापस नहीं गईं
नीना बताती हैं कि कई करीबियों का गुजर जाना एक वजह थी। उन्होंने कहा, 'लगातार दुख, दस्तावेजों से जुड़े काम और अन्य समस्याओं से घिरे हुए थे।' उन्होंने कहा कि वह 4 और देशों की यात्रा कर भारत वापस आई हैं, 'क्योंकि हमें भारत और इसके पर्यावरण, इसके लोगों और सभी चीजों से बहुत प्यार है।' उन्होंने बताया कि वह अब रूसी दूतावास के संपर्क में हैं।

 

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