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डायल-112 बनी जनता की जीवनरेखा: 43 लाख लोगों को मिली आपातकालीन मदद

– वर्तमान में डायल-112 पर फोन आने के बाद 14 मिनट लग रहे घटना स्थल तक पहुंचने में

– एडीजी एनके आजाद ने प्रेस वार्ता कर दी पूरे मामले की जानकारी, 1833 वाहन हैं अभी इसमें

पटना,

बिहार पुलिस का डायल-112 आपातकालीन नंबर सामान्य विधि-व्यवस्था संभालने के साथ ही आम लोगों को हर तरह से मदद करने में भी जुटा हुआ है। 2022 में डायल-112 सेवा की शुरुआत की गई थी। अब तक इसके जरिए 43 लाख से अधिक नागरिकों को आपातकालीन सहायता पहुंचाई जा चुकी है। इस वर्ष अब तक 8 लाख से अधिक लोगों को आपात समय में सहायता मुहैया कराई जा चुकी है। यह जानकारी एडीजी (संचार एवं तकनीकी सेवा) एनके आजाद ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
      एडीजी ने कहा कि वर्तमान में इस आपातकालीन हेल्पलाइन सेवा पर कॉल करने के बाद पुलिस को संबंधित घटना स्थल तक पहुंचने में औसतन 14 मिनट का समय लगता है। आने वाले समय में इस समय को और कम करने की योजना है। इसके एक वाहन औसतन ड्रायवर छोड़कर 3 से 4 लोग होते हैं। इनकी संख्या बढ़ाने की योजना पर भी काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए चयनित कर्मियों को डेढ़ साल की ट्रेनिंग लेनी होती है। इस कारण कर्मियों की संख्या बढ़ाने में थोड़ा समय लगता है। इसके अलावा लोकेशन आधारित सिस्टम को अधिक सटीक बनाने के लिए मोबाइल फोन सेवा प्रदान करने वाले सेवा प्रोवाइडर को पूरे मामले की जानकारी दी गई है। जल्द ही उनके स्तर से तकनीकी तौर पर इस व्यवस्था को सशक्त किया जाएगा।

       उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत 1833 वाहन जुड़े हुए हैं, जिसमें 1283 चार पहिया और 550 दो पहिया शामिल हैं। इनके माध्यम से चौबीस घंटे आपातकालीन सहायता मुहैया कराई जाती है। इस वर्ष जिन 8 लाख लोगों को सेवा मुहैया कराई गई है, उसमें 6 लाख कॉल सामान्य विधि-व्यवस्था से जुड़े आए थे। 1 लाख कॉल घरेलू एवं लैंगिक हिंसा, 43 कॉल एंबुलेंस की सहायता और 33 हजार कॉल अगलगी से संबंधित सहायता के लिए आ चुके हैं।

       एडीजी ने बताया कि जिन लोगों को सुविधा मुहैया कराई जाती है, उनमें 10 से 15 फीसदी का ही फीडबैक मिल पाता है। इसमें 90 फीसदी लोग सेवा से संतुष्ट हैं। आने वाले समय में सौ फीसदी लोगों से फीडबैक लेने की ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है।
     उन्होंने कहा कि 5 सितंबर 2024 से महिलाओं को यातायात के दौरान खासतौर से सुरक्षा प्रदान करने के लिए डायल-112 के जरिए एक विशेष पहल शुरू की गई थी। इसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। अब तक 200 से अधिक महिलाओं को उनकी मांग के अनुरूप सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इस एक हेल्पलाइन से अग्निशमन, महिला एवं बच्चों से जुड़ी समस्या, एंबुलेंस समेत अन्य सभी तरह की आपात नंबर समाहित कर दी गई हैं। इस नंबर पर फोन करके किसी तरह की सेवा प्राप्त की जा सकती है।

 

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