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तिहाड़ से छूटते ही फरार हुआ खूंखार सोहराब, जेल सुरक्षा पर उठे सवाल

नई दिल्ली 
एतिहाड़ जेल में सजा काट रहा सीरियल किलर सोहराब फरार हो गया है। सोहराब तीन दिनों की पैरोल पर जेल से बाहर आया था, लेकिन वापस जेल नहीं लौटा। जेल प्रशासन लखनऊ पुलिस के साथ मिलकर सोहराब को ढूंढ रही है।मिली जानकारी के अनुसार, सोहराब को तीन दिन के लिए पैरोल पर तिहाड़ से बाहर निकाला गया था। लखनऊ में पत्नी से मुलाकात के बाद सोहराब को दिल्ली की तिहाड़ जेल पहुंचना था, लेकिन वो नहीं पहुंचा। इससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और उसकी तलाश शुरू कर दी गई। जेल प्रशासन ने लखनऊ पुलिस से संपर्क किया और सोहराब को बरामद करने का प्रयास तेज कर दिया है।

सोहराब एक खतरनाक अपराधी और सीरियल किलर है। उसने कई हत्याओं को अंजाम दिया है। सोहराब ने समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान लखनऊ के सआदतगंज में पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के नाती की भी हत्या करवा दी थी। इस दौरान वो जेल में बंद था, लेकिन हत्या के लिए पूरा प्लान करने के बाद अंजाम दे दिया था। इसके अलावा सोहराब पूर्व पार्षद की हत्या की साजिश में भी शामिल रहा है। सोहराब ने लखनऊ के अमीनाबाद में बीजेपी के पार्षद पप्पू पांडे की शूटर को सुपारी देकर हत्या करवा दी थी। मामला साल 2005 का है। सोहराब के छोटे भाई शहजादे की लखनऊ के हुसैनगंज में हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद से ही सोहराब के साथ उसके दो भाइयों के सिर पर खून सवार था। रमजान में हुई भाई की हत्या का बदला तीनों ने एक साल बाद लिया। भाई की हत्या के एक साल बाद ईद वाले दिन तीनों भाइयों, सोहराब, सलीम और रुस्तम ने अपने भाई के हत्यारों की हत्या कर दी थी। हत्या करने से पहले सोहराब ने लखनऊ के तत्कालीन एसएसपी को फोन करके कहा था कि अपने भाई की मौत का बदला लेने जा रहा हूं, रोक सको तो रोक लो। इसके बाद तीनों ने अपने भाई के हत्यारों को ईद के दिन मौत के घाट उतार दिया था।

अब सोहराब पैरोल पर बाहर तो निकला, लेकिन पैरोल का समय खत्म होने के बाद भी तिहाड़ नहीं पहुंचा। इस मामले की सूचना जब जेल प्रशासन को हुई तो उनके हाथ-पांव फूलने लगे। तिहाड़ जेल प्रशासन ने तुरंत लखनऊ पुलिस को संपर्क किया और सोहराब को ढूंढने का काम शुरू कर दिया।

 

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