samacharsecretary.com

दिवाली की असली तारीख पता करें: 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर?

भारत में हर साल धूमधाम से मनाया जाने वाला दिवाली पर्व बस आने ही वाला है. इस खास दिन माता लक्ष्मी और गणपति जी की पूजा और परिवार में खुशहाली व समृद्धि की कामना की जाती है. लेकिन हर साल लोग दिवाली की तिथि को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, क्योंकि कार्तिक अमावस्या की शुरुआत और समापन दोनों ही दिन अलग-अलग होते हैं. आइए, आपके इस कंफ्यूजन को दूर करते हैं और जानते हैं दिवाली 2025 की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और कुछ खास उपायों के बारे में.

दिवाली 2025 की तिथि और समय

द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की शुरुआत 20 अक्टूबर 2025 को सुबह 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर 2025 को सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर होगा. इसलिए, दिवाली 2025 का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा.

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा की सही विधि

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने से पहले पूरे घर की सफाई करें और प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाएं. मुख्य द्वार के दोनों ओर दीपक जलाएं. पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर जी की प्रतिमाएं स्थापित करें. आचमन करके हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प करें. फिर सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. उन्हें स्नान कराकर वस्त्र, चंदन, फूल और दूर्वा अर्पित करें. इसके बाद मां लक्ष्मी का पूजन करें.

उन्हें कमल का फूल, सिंदूर, अक्षत (चावल), रोली, इत्र, मिठाई और फल अर्पित करें. इस दिन नए बही-खातों, तिजोरी और धन-संपत्ति की भी पूजा की जाती है. पूजा के दौरान 11, 21 या 51 दीपक जलाएं. सबसे आखिर में पूरे परिवार के साथ लक्ष्मी-गणेश की आरती गाएं और सभी में प्रसाद वितरित करें.

दिवाली पर किए जाने वाले उपाय!

    दिवाली की शाम को तुलसी के पौधे के पास नौ घी के दीपक जलाएं. मान्यता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
    दिवाली की रात एक पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं और पीछे मुड़कर देखे बिना घर वापस आ जाएं. ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है.
    दिवाली की पूजा के दौरान सफेद या पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
    अगर घर में किसी प्रकार का कर्ज है, तो दिवाली पर नया आर्थिक योजना बनाना शुभ होता है.

दिवाली का महत्व

दिवाली, अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इसे धन की देवी माता लक्ष्मी और बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा के लिए मनाया जाता है. इस दिन का महत्व इस बात में है कि घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे. इस दिन माता लक्ष्मी का स्वागत कर परिवार में सुख-समृद्धि आती है. दीप जलाकर अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जाता है. दिवाली का त्योहार रिश्तों को मजबूत करने का अवसर भी है.

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here