samacharsecretary.com

बाढ़ से पाकिस्तान में हाहाकार, राहत-बचाव के हालात भी बदतर

इस्लामाबाद 
पाकिस्तान में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। देश के कई हिस्सों में बाढ़ का गंभीर संकट बना हुआ है। अब तक बारिश और इससे जुड़ी घटनाओं में 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं और राहत कार्य लगातार जारी है। पंजाब प्रांत से 20 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि सिंध प्रांत में 1.5 लाख से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। राहत एजेंसियों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है।

नदियां उफान पर, गांवों में तबाही
भारी बारिश के कारण सतलुज, चिनाब और रावी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके अलावा, सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में खेत और घर बर्बाद हो चुके हैं, जिससे लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पाकिस्तान की करीब 40% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीती है। ऐसे में बाढ़ की मार ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं। कई लोग अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए अब भी घरों में रुके हुए हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

रेस्क्यू के दौरान भी हादसे, 9 की मौत
बचाव दल लगातार नावों के जरिए लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं। लेकिन तेज बहाव के चलते कई बार ये नावें पलट भी जाती हैं। मंगलवार को सिंधु नदी में एक नाव पलटने से 9 लोगों की मौत हो गई। कुछ दिन पहले जलालपुर पीरवाला में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें 5 लोगों की जान चली गई थी। पाकिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के मुताबिक, पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत के तौर पर कंबल, टेंट और वॉटर फिल्टर जैसी जरूरी चीजें पहुंचाई गई हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने दी ₹41.5 करोड़ की मदद
पाकिस्तान की बिगड़ती हालत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने इस हफ्ते 5 मिलियन डॉलर (करीब 41.5 करोड़ रुपये) की आपातकालीन सहायता दी है। पाकिस्तान का भौगोलिक ढांचा इसे बाढ़ के लिहाज से बेहद संवेदनशील बनाता है। पिघलते ग्लेशियरों से बनी नई झीलों के फटने का भी खतरा बना हुआ है।

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here