samacharsecretary.com

H-1B वीज़ा विवाद तेज़: कानूनी अड़चन के बाद संसद में भी तनाव

वॉशिंगटन 
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा H-1B वीजा आवेदनों पर शुल्क बढ़ाकर 1 लाख डॉलर करने का अब सत्ता पक्ष और विपक्ष यानी रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने विरोध किया है और राष्ट्रपति से इस फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से नए H-1B वीजा आवेदनों पर लगाए गए नए 1,00,000 डॉलर के शुल्क पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी है कि यह नीति अमेरिकी नवाचार और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचा सकती है।

21 अक्टूबर को वाइट हाउस और वाणिज्य विभाग को भेजी गई चिट्ठी में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों दलों समेत अमेरिसी संसद कांग्रेस के सात सांसदों ने नाराजगी और चिंता जताई है। पत्र में कहा गया है कि वीजा पर लगाया गया भारी भरकम शुल्क शुरुआती स्तर के नियोक्ताओं और छोटी कंपनियों, खासकर उन कंपनियों पर विपरीत प्रभाव डालेगा जो अभी तक लाभ कमाने वाली कंपनियों के दायरे में नहीं आ सकी हैं। चिट्ठी में कहा गया है कि नया वीजा शुल्क स्टार्टअप्स और छोटी कंपनियों को तबाह कर सकता है क्योंकि ये कंपनियां बड़ी कंपनियों की तरह भारी वीजा शुल्क का बोझ वहन नहीं कर सकती हैं। सांसदों ने ये चिट्ठी तब लिखी है, जब ट्रंप प्रशासन का यह कदम पहले ही कानूनी अड़चनें झेल रहा है। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने वीजा आवेदनों पर लगाए गए शुल्क के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिस पर अभी सुनवाई जारी है।

किस-किस ने किए चिट्ठी पर दस्तखत
दरअसल, यह भारी भरकम शुल्क वीज़ा कार्यक्रम की निगरानी को कड़ा करने और उसमें सुधार लाने की रिपब्लिकन की योजना के तहत लाया गया था लेकिन यह विवादों में घिर गई है।न्यूजवीक की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप को भेजे गए पत्र पर कैलिफोर्निया के सांसद सैम लिकार्डो, कैलिफोर्निया के सांसद जे ओबरनोल्टे, फ्लोरिडा की सांसद मारिया एल्विरा सलाजार, नेब्रास्का के सांसद डॉन बेकन, वर्जीनिया के सुहास सुब्रमण्यम और एरिजोना के ग्रेग स्टैंटन ने हस्ताक्षर किए हैं।

प्रतिस्पर्धा कमजोर होगी
दोनों दलों के सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप को लिखी चिट्ठी में कहा, “हम इस बात से सहमत हैं कि एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम में सुधार किया जा सकता है और इस प्रणाली को अमेरिका के मूल्यों और कार्यबल की ज़रूरतों के साथ बेहतर ढंग से संरेखित करने के लिए उसमें सुधार जरूरी है। साथ ही, हम इस बात से भी चिंतित हैं कि एच-1बी वीज़ा आवेदनों से संबंधित हालिया घोषणा अमेरिकी नियोक्ताओं के लिए गंभीर चुनौतियाँ पैदा करेगी और कुल मिलाकर हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता को कमजोर करेगी।”

द्विदलीय समाधान योजना पर जोर
सांसदों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर अमेरिकी कंपनियों को आवश्यक प्रतिभाएँ नहीं मिल पातीं हैं, तो कई उच्च कुशल कर्मचारी भारत, चीन, इजरायल या यूरोप जैसे देशों में वापस लौटकर ऐसी कंपनियाँ शुरू कर सकते हैं जो सीधे अमेरिकी कंपनियों से मुकाबला करेंगी। सांसदों ने चिट्ठी में ट्रंप प्रशासन को आव्रजन सुधार के लिए द्विदलीय समाधान पर जोर देने के लिए आमंत्रित किया है।

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here