samacharsecretary.com

यूनाइटेड स्पिरिट्स की जमीन पर जांच शुरू, ईओडब्ल्यू ने विजय माल्या से जुड़े मामले को लिया निशाने पर

भोपाल 

 सहारा समूह की बेशकीमती जमीन के गड़बड़झाले के बाद अब आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने विजय माल्या के आधिपत्य वाली यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के जमीन से जुड़े मामले की जांच शुरू की है। रातीबड़ के किसानों ने ईओडब्ल्यू से 20.16 एकड़ जमीन से जुड़े मामले को लेकर शिकायत की थी।

ईओडब्ल्यू (EOW) ने माल्या की कंपनी के बेंगलूरु दफ्तर को नोटिस भेजा है। आरोप है कि जमीन विटारी डिस्लरी की है। माल्या की कंपनी अपना बता बेचने का प्रयास कर रही है।

प्राथमिक पड़ताल में सामने आया है कि हर्ष पैकेजिंग की ओर से भोपाल की इस जमीन पर कब्जा जताया जा रहा है। दावा है कि उन्होंने जमीन बोली के जरिए खरीदी। बेचने वाली यूनाइटेड स्पिरिट्स खुद इस जमीन का कागजों में मालिकाना हक नहीं रखती। जांच के लिए ईओडब्ल्यू ने हर्ष पैकेजिंग को नोटिस जारी कर किया है।

ऐसे समझिए विवाद

– 1999 में विटारी डिस्टलरीज ने 20 एकड़ जमीन खरीदी। चार एकड़ में प्लांट और 16 एकड़ में किसान खेती के लिए थी।

– मई 2001 में विटारी का माल्या की मैगडॉवल स्पिरिट्स लि. में कोर्ट के जरिए विलय हो गया, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में जमीन विटारी के नाम रही।

– 2019 में नामांतरण की फाइल बढ़ाई तो जिला डिप्टी रजिस्ट्रार ने स्टाम्प शुल्क पेनल्टी सहित 3.50 करोड़ तय किए।

– 26 मार्च 2023 को कंपनी ने 1.59 स्टाम्प शुल्क जमा किया तो तहसीलदार ने 20 जून 2023 को यूनाइटेड स्पिरिट्स के रिकॉर्ड में दर्ज किया।

– 2023 में शुल्क बदलकर 1.59 करोड़ कर दिया। इस पर काफी विवाद हुआ।

– किसानों ने कब्जे को लेकर विवाद किया तो 12 जुलाई 2023 को यूनाइटेड स्पिरिट्स का नामांतरण निरस्त कर दिया गया।

– 21 अक्टूबर 2024 को तहसीलदार ने फिर से यूनाइटेड स्पिरिट्स का नामांतरण दर्ज कर दिया।

बिना रजिस्ट्री के बेचने नियुक्त किए दो प्रतिनिधि

जमीन 1999 में विटारी डिस्लरी प्रालि. ने खरीदी। बाद में विलय मेसर्स मैगडॉवल स्पिरिट्स लि. में हो गया। 2006 में केंद्र ने मैगडॉवल से यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमि. कर दिया। रिकॉर्ड में जमीन विटारी के नाम रही। माल्या के प्रतिनिधि गुलाम, राकेश सिन्हा ने कलेक्टर न्यायालय ऑफ स्टाम्प में आवेदन कर नामांतरण का प्रयास किया।

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here