samacharsecretary.com

इशरा का दर्द खत्म, हमीदिया के डॉक्टरों ने बिना ऑपरेशन किया इलाज

भोपाल
राजधानी के हमीदिया अस्पताल ने एक बार फिर उम्मीद की नई किरण जगाई है। 15 साल की इशरा खान टीबी और मवाद के कारण अपनी रीढ़ की हड्डी की भयानक बीमारी से जूझ रही थीं, उन्हें अब नई जिंदगी मिली है। इशरा की रीढ़ की हड्डी इतनी खराब हो चुकी थी कि वे चल-फिर नहीं पाती थीं। उनका इलाज लगभग 15 साल से चल रहा था, लेकिन कोई खास फायदा नहीं हो रहा था। इशरा को भोपाल के कई निजी अस्पतालों में दिखाया गया, लेकिन सब जगह उन्हें निराशा ही मिली। हर जगह ऑपरेशन की सलाह दी गई, जिसमें जान का भी खतरा था। इशरा के पिता रईस खान ने हार नहीं मानी और हमीदिया अस्पताल लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने इशरा की गंभीर हालत को देखते हुए बिना किसी बड़े ऑपरेशन के इलाज करने का फैसला किया। यह ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत निश्शुल्क किया गया।
 
बिना चीर-फाड़ के निकाला एक लीटर मवाद
हमीदिया अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने 23 जून 2025 को इशरा का ऑपरेशन किया। इस दौरान उन्होंने बिना किसी बड़ी चीर-फाड़ के इशरा की रीढ़ की हड्डी से एक लीटर से भी ज़्यादा मवाद बाहर निकाला। इसके साथ ही हड्डी को जोड़ने वाली एक खास ''स्क्रू तकनीक'' का भी इस्तेमाल किया गया। यह आपरेशन बहुत मुश्किल था, क्योंकि रीढ़ की हड्डी के पास से नसें गुजरती हैं और ज़रा सी भी गलती से मरीज को लकवा हो सकता था।

खास मशीन से किया उपचार
डॉक्टरों ने बताया कि इशरा के ऑपरेशन के दौरान एक खास मशीन ''न्यूरो मानिटर'' और ''इंट्रा आपरेटिव एक्स-रे मानिटर'' का इस्तेमाल किया गया, जिससे नसें सुरक्षित रहीं। इस टीम में अस्तिरोग विभाग के डॉ. वैभव जैन, डॉ. सुनीत टंडन, डॉ. आशीष गोहिया, डॉ. राहुल वर्मा, डॉ. अभिषेक निगम, डॉ. ट्विंकल केवल, डॉ. उर्मिला केसरी और डॉ. आरपी कौशल शामिल थे।

मेरी बेटी को नया जन्म मिला: पिता रईस खान
ऑपरेशन के बाद इशरा के पिता रईस खान ने अस्पताल प्रशासन औरडॉक्टरों का दिल से शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी को नया जन्म मिला है। इस अस्पताल में मेरी बेटी को नई जिंदगी दी है। यह सफल सर्जरी न केवल इशरा के लिए, बल्कि उन सभी मरीजों के लिए एक उम्मीद है जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। हमीदिया अस्पताल की अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने कहा कि 'हमीदिया अस्पताल में भी अब अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता के साथ जटिल सर्जरी संभव हैं। यह सर्जरी न केवल इशरा को नया जीवन देगी, बल्कि सीमित संसाधनों वाले मरीजों के लिए भी आशा की किरण बनेगी।' 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here