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रेल नेटवर्क का मेगा प्रोजेक्ट: इटारसी से नागपुर के बीच 37 स्टेशन और 415 पुल के साथ नई लाइन

इटारसी

रेल मंत्रालय ने देश के सबसे व्यस्त रेल गलियारों में से एक इटारसी से नागपुर के बीच चौथी रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दी है। यह परियोजना 297 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 5,451 करोड़ बताई गई है।

यह रेल मार्ग दिल्लीचेन्नई हाई डेंसिटी नेटवर्क का हिस्सा होगा और नागपुर में मुंबई-हावड़ा हाई डेंसिटी नेटवर्क से भी जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य रेलवे की क्षमता बढ़ाना, यात्री और मालगाड़ियों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना तथा देश की लॉजिस्टिक संरचना को और मजबूत बनाना है।

किन क्षेत्रों को होगा लाभ

इस परियोजना से मुख्य रूप से 2 राज्यों को सीधा लाभ मिलेगा। इनमें महाराष्ट्र का नागपुर जिला, मध्य प्रदेश का नर्मदापुरम (होशंगाबाद), बैतूल और पांढुरना शामिल है। उल्लेखनीय है कि ये सभी इलाके औद्योगिक और कृषि दोनों दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। रेल लाइन का विस्तार इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास को रफ्तार देगा।

वर्तमान रेल परिचालन चुनौतियों का समाधान

इटारसी-नागपुर चौथी रेल लाइन परियोजना न केवल रेलवे की वर्तमान चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करती है बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर एक मजबूत और टिकाऊ आधार भी तैयार करती है। इससे यात्री सुविधा, औद्योगिक विकास, धार्मिक पर्यटन और आर्थिक समृद्धि को एक साथ बढ़ावा मिलेगा।

परियोजना की ये हैं मुख्य विशेषताएं

-कुल 297 किमी की दूरी और 339 किमी ट्रैक लंबाई।

-37 स्टेशन, 36 बड़े और 415 छोटे पुल, 2 रोड ओवरब्रिज (आरओबी), 74 रोड अंडरब्रिज (आरयूबी), 4 सुरंगें और 2 रेल ओवरब्रिज।

-इस मार्ग से हर साल 1 करोड़ टन अतिरिक्त माल ढुलाई की सुविधा मिलेगी।

-इसके माध्यम से लगभग 1,206 करोड़ रुपए की लॉजिस्टिक लागत की बचत होगी।

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