samacharsecretary.com

सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को विभागीय योजनाओं में शामिल करने पर मंत्री सिंह का जोर

लोक निर्माण से लोक कल्याण: पर्यावरण से समन्वय विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला 11 अगस्त को

भोपाल

लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा है कि विभाग अपने ध्येय वाक्य “लोक निर्माण से लोक कल्याण” को केवल सड़कों, पुलों और भवनों के निर्माण तक सीमित न रखते हुए अब पर्यावरण-संरक्षण और सतत विकास को भी विभागीय कार्यों का अभिन्न हिस्सा बना रहा है। इसी सोच को साकार करने और अभियंताओं में पर्यावरणीय जागरूकता को और गहरा करने के उद्देश्य से 11 अगस्त को रवींद्र भवन भोपाल में “पर्यावरण से समन्वय” विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक आयोजन प्रदेश के लगभग 1500 अभियंताओं को एक ही मंच पर एकत्र करेगा, जिसमें वे न केवल पर्यावरण-अनुकूल निर्माण तकनीकों का अध्ययन करेंगे बल्कि टिकाऊ विकास के नए आयाम भी सीखेंगे।

मंत्री श्री सिंह ने बताया कि कार्यशाला में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पर्यावरणविद् श्री गोपाल आर्य, भास्करायचार्य संस्थान के महानिदेशक श्री टी.पी. सिंह शामिल होंगे और अभियंताओं को प्रेरक संदेश देंगे। कार्यक्रम की रूपरेखा में उद्घाटन-सत्र, मुख्य अतिथियों के संबोधन, तकनीकी-सत्र और विशेष प्रशिक्षण-सत्र शामिल हैं। इस अवसर पर पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें निर्माण क्षेत्र में उपयोग होने वाली नवीनतम और टिकाऊ तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा।

मंत्री श्री राकेश सिंह ने बताया कि वास्तविक लोक कल्याण तभी संभव है जब हम आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ पर्यावरण छोड़कर जाएं। उन्होंने कहा कि अभियंताओं की जिम्मेदारी केवल निर्माण कार्य तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके हर प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय दृष्टिकोण को सम्मिलित करना भी आवश्यक है। कार्यशाला में अभियंताओं को आधुनिक हरित निर्माण सामग्री, ऊर्जा दक्षता बढ़ाने वाली तकनीक, अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संतुलन से जुड़ी पद्धतियों के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया जाएगा।

तकनीकी सत्र में भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष उपयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान गांधीनगर, गुजरात के विशेषज्ञ पीएम गतिशक्ति योजना के अंतर्गत डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की विधि पर विशेष प्रस्तुतीकरण देंगे। साथ ही जीआईएस पोर्टल पर सड़कों एवं पुलों की भौगोलिक मैपिंग की प्रक्रिया और उसके लाभों पर भी अभियंताओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग कर विभागीय परियोजनाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बढ़ा सकें।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि यह कार्यशाला न केवल अभियंताओं के तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल में वृद्धि करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को विभागीय योजनाओं के केंद्र में लाने का भी एक ठोस प्रयास है। इससे प्रदेश में हरित, टिकाऊ और जिम्मेदार बुनियादी ढांचे के निर्माण को नई दिशा मिलेगी और “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की परिकल्पना साकार रूप ले सकेगी।

पर्यावरण-संरक्षण के लिये लोक निर्माण विभाग द्वारा उठाये गये कदम

    ट्री शिफ्टिंग – पर्यावरण हितैषी तकनीकों के तहत पेड़ काटने के बजाय उन्हें स्थानांतरित करने की व्यवस्था लागू, पौधरोपण एवं ट्री-शिफ्टिंग के लिए निविदा दस्तावेज में प्रावधान।

    वॉटर रिचार्ज बोर – वर्षा जल को जमीन में समाहित करने के लिये सड़क किनारे प्रत्येक किलोमीटर पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज बोर की स्थापना। वर्तमान में 850 किमी सड़कों पर लगभग 1000 रिचार्ज बोर के लिए प्रावधान। वर्ष 2025-26 में 10 हजार रिचार्ज बोर निर्माण का लक्ष्य।

    लोक कल्याण सरोवर – सड़क निर्माण में मुरम/कोपरा खुदाई को व्यवस्थित कर छोटे-छोटे तालाबों का निर्माण कर इन तालाबों को “लोक कल्याण सरोवर” नाम दिया गया।इस वर्ष 500 लोक कल्याण सरोवर निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

    पौधरोपण अभियान – सड़क किनारे पौधरोपण को एसओआर में शामिल कर मुख्यधारा में लाया गया। जुलाई माह में विशेष अभियान के तहत 2 लाख 50 हजार पौधों का रोपण किया गया। विभागीय इंजीनियर्स और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी। भास्कराचार्य संस्थान के सहयोग से पौधरोपण स्थलों की जियो मैपिंग और सैटेलाइट मॉनिटरिंग की व्यवस्था।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here