samacharsecretary.com

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जीवन में आया स्वर्णिम बदलाव

सफलता की कहानी

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जीवन में आया स्वर्णिम बदलाव

खंडवा 

खंडवा जिले की श्रीमती पप्पी सुदामा चौधरी ने अपनी मेहनत, हौसले और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। पप्पी ने स्व-सहायता समूह की सहायता से 2 लाख रुपये का ऋण लेकर एक जनरल स्टोर शुरू किया, जिससे उनकी मासिक आय 20 से 22 हजार रुपये हो गई है। यह कहानी न केवल उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता की है, बल्कि सामाजिक बदलाव और महिला सशक्तिकरण की भी जीवंत तस्वीर है।

पप्पी सुदामा बताती हैं कि पहले उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। ग्रामीण परिवेश में महिलाओं के लिए बाहर जाकर काम करना मुश्किल था, और सामाजिक पाबंदियों ने उनके सपनों को सीमित कर रखा था।स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया। समूह की अन्य महिलाओं ने उन्हें प्रोत्साहित किया और व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित किया। 2 लाख रुपये के ऋण से शुरू किए गए जनरल स्टोर में रोजमर्रा के सामान की बिक्री ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि उनके परिवार के विचारों में भी सकारात्मक बदलाव लाया। अब उनका परिवार उनका पूरा समर्थन करता है।

पप्पी की मेहनत और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें शिव शक्ति स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष बनाया। वे अब अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करती हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती हैं। पप्पी कहती हैं, “यदि महिलाएं ठान लें, तो कुछ भी असंभव नहीं है।थोड़े से हौसले और मेहनत की जरूरत है।” उनकी दुकान से होने वाली आय ने उनके बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाया है और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने में मदद की है।

पप्पी सुदामा चौधरी ने शासन का धन्यवाद देते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने मुझे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया और मेरे परिवार के जीवन को बेहतर बनाया। वे इस योजना को ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान मानती हैं, जिसने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक बंधनों से हटकर नई पहचान बनाने का अवसर भी दिया।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने पप्पी जैसी लाखों ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह योजना स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ऋण, प्रशिक्षण और बाजार तक पहुंच प्रदान करती है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। पप्पी की कहानी इस मिशन की सफलता का जीवंत प्रमाण है।

पप्पी का यह छोटा-सा प्रयास न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा बन रहा है।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here