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पितृपक्ष मेला गया : श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधाएं, प्रशासन ने शुरू की तैयारी

गयाजी

गयाजी में पितृपक्ष मेले के आयोजन को लेकर सरकारी तैयारी शुरू हो गई हैं। पितरों को मोक्ष दिलाने का महापर्व पितृपक्ष मेला- 2025 दस दिनों के बाद शुरू होगा। एक पखवाड़े तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध मेला का उद्घाटन 6 सितंबर को होगा। गयाजी के विष्णु नगरी में मेला के दौरान देश के अलग-अलग राज्यों से पिंडदानियों का आना शुरू हो जाएगा। 6 सितंबर गया जी में गोदावरी तालाब या पटना जिले के पुनपुन नदी से पिंडदान शुरू होगा। विष्णु नगरी में मुख्य रूप से 7 सितंबर को फल्गु नदी में स्नान और तर्पण के साथ त्रिपाक्षिक गया श्राद्ध शुरू होगा। जो 22 सितंबर को गायत्री घाट पर मातामाह श्राद्ध के साथ समाप्त होगा। साथ ही पिंडदान से लेकर तीर्थ यात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा की जानें वाली सुविधाओं के बारे में भी आपको बता रहे हैं।

इन तारीखों में पिंडदान

06 सितंबर            पुनपुन या गोदावरी श्राद्ध।
07 सितंबर            फल्गु श्राद्ध।
08 सितंबर            ब्रह्मकुंड, प्रेतशिला, रामकुंड, रामशिला, कागबलि श्राद्ध।
09 सितंबर            उत्तर मानस, उदिची, कनखल, दक्षिण मानस, जिह्वालोल।
10 सितंबर            बोधगया के मातंगवापी, धर्मारण्य और सरस्वती।  
11 सितंबर            ब्रह्मसत, कागवलि, आम्रसचेन।
12 से 14 सितंबर        विष्णुपद, सोलह वेदी।
15 सितंबर            सीताकुंड और रामगया।
16 सितंबर            गयासिर और गया कूप।
17 सितंबर            मुंडपृष्ठा, आदि गया, धौतपद।
18 सितंबर            भीमगया, गो प्रचार, गदालोल।
19 सितंबर            फल्गु में दूध तर्पण व पितरों की दीपावली।
20 सितंबर            वैतरणी श्राद्ध, गौदान।
21 सितंबर            अक्षयवट, शैय्या दान, सुफल।
22 सितंबर            गायत्री घाट, मातामाह श्राद्ध व आचार्य विदाई।

कुंभ की तर्ज पर होगी मेले की सफाई
पितृपक्ष मेले को यादगार पल बनाने के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ निगम प्रशासन ने भी कमान संभाल लिया है। कुंभ की तर्ज पर विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में साफ सफाई की व्यवस्था होगी। इस दौरान सफाई  के लिए तीन एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है।

निजी आवास और धर्मशाला में ठहरने से पहले होगी जांच
गयाजी के डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि पितृपक्ष मेला के दौरान श्रद्धालुओं को घरों में ठहरने के लिए 134 और निजी धर्मशाला की तरफ से 525 आवेदन मिले हैं। उन्होंने बताया कि लाइसेंस देने से पहले इसका भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। सभी मानकों की जांच के बाद ही लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।

मेले में निगम करेगी 12 करोड़ रुपये खर्च
राजकीय पितृपक्ष मेला की तैयारी पर गया जी नगर निगम 12 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जिसमें पेयजल, रोड, नाली, ढक्कन, रंग रोगन, साफ सफाई समेत विभिन्न बुनियादी जरूरत पर खर्च करेगी।

खुला कंट्रोल रूम मिलेगी सुविधाएं
पितृपक्ष मेला के दौरान देश-विदेश से आने वाले पिंडदानियों की सुविधाओं को लेकर डीएम शशांक शुभंकर द्वारा विष्णुपद मंदिर के समीप स्थित संवाद सदन कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। पितृपक्ष मेला में आने वाले तीर्थ यात्रियों को महत्वपूर्ण जानकारी तथा सुविधाओं से संबंधित भी जानकारी उपलब्ध कराया जाएगा। नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत रखा जाएगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए फोन नंबर 92666 28168, 0631-2222500 और 0631-2222253/59 जारी किया गया है।

टेंट सिटी में तीर्थ यात्रियों को निःशुल्क ठहरने की सुविधा
पितृपक्ष मेला में आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है। जो गया जी के गांधी मैदान में 25 सौ क्षमता वाली टेंट सिटी बनाया जा रहा है। जहां तीर्थ यात्रियों को ठहरने के लिए निशुल्क दिया जाएगा। वहीं उक्त टेंट सिटी में शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्नानगृह और बिजली की व्यवस्था होगी। साथी तीर्थ यात्रियों के मनोरंजन के लिए जगह-जगह एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी।

अधिकारियों ने संभाली मेले की कमान
पितृपक्ष मेला 2025 को यादगार पल बनाने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. सफीना एएन, आईजी छात्रनील सिंह, डीएम शशांक शुभंकर और नगर आयुक्त कुमार अनुराग समेत अन्य आलाधिकारियों ने मेला की कमान संभाल लिया है। प्रतिदिन जिला के अधिकारी मेल क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

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