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राजस्थान का लक्ष्य दूध उत्पादन में शीर्ष पर पहुंचना, यूपी को पीछे छोड़ने की तैयारी

जयपुर 

देश में दुग्ध उत्पादन के मामले में राजस्थान सिरमौर बनने में एक कदम पीछे हैं। वर्तमान में पहले नम्बर पर उत्तरप्रदेश है। मध्यप्रदेश व गुजरात तीसरे व चौथे नम्बर पर है। उत्पादन की दौड़ में शीर्ष पर पहुंचने के लिए राजस्थान में ग्राम स्तर पर प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।

वर्ष 2022-23 में राजस्थान बना था सिरमौर

राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडरेशन के अनुसार देश में दूध उत्पादन में राजस्थान वर्ष 2022-23 में पहले स्थान पर आ गया था। तब राज्य ने 900 लाख लीटर उत्पादन में ही उत्तरप्रदेश को पीछे छोड़ दिया। उसके बाद उत्तरप्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ गया। वर्तमान में राजस्थान में दूध का प्रतिदिन औसत उत्पादन उत्तरप्रदेश से 151 लाख लीटर कम है।

राजस्थान में दूध उत्पादन व कारोबार

राज्य में कुल उत्पादन- 912 लाख लीटर
पशुपालकों के घरों में खपत (दूध-दही, छाछ-घी)- 500 लाख लीटर
दूध बिक्री का कुल बाजार- 412 लाख लीटर
दूध की खुले में बिक्री (हलवाई इत्यादि)- 312 लाख लीटर
डेयरियों में बिक्री के लिए जा रहा- 100 लाख लीटर
सरस डेयरी का दूध संकलन- 35 लाख लीटर
अन्य डेयरियां खरीद रही दूध (अमूल, मदर, कोटा फ्रेश, पतजंलि इत्यादि)- 65 लाख लीटर। (प्रतिदिन औसत लाख लीटर)

राज्य में 55 प्रतिशत घरों में हो रही खपत

राज्य में कुल उत्पादन 912 लाख लीटर है, उसका 55 प्रतिशत यानी 500 लाख लीटर दूध पशुपालकों के घरों में ही खप रहा है। घरों में दूध पीने के अलावा दही, छाछ व घी बनाकर भी खपत हो रही है।

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